साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi), Sahitya Akademi Puraskar

Sahitya Akademi

साहित्य अकादमी भारत की राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था है। अकादमी की स्थापना “12 मार्च 1954” में भारतीय साहित्य को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से की गई थी। साहित्य अकादमी द्वारा अकादमी पुरस्कार, अनुवाद पुरस्कार, भाषा सम्मान, बाल साहित्‍य पुरस्कार, युवा पुरस्कार, फैलोशिप, अनुदान, प्रकाशन, साहित्यिक कार्यक्रम, कार्यशाला एवं प्रदर्शनी आदि का स्वयं द्वारा मान्यता प्रदत्त चौबीस भारतीय भाषाओं में साहित्य को संरक्षण एवं प्रोत्साहन देती है। साहित्य अकादमी भारत के बाहर भारतीय साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी करती है।

साहित्य अकादमी का मुख्यालय “दिल्ली का रवीन्द्र भवन” जिसमें संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी एवं साहित्य अकादमी स्थित हैं। साहित्य अकादमी एक स्वायत्त संगठन है जो संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करता है।

साहित्य अकादमी द्वारा मान्य 24 भाषाएं- अंग्रेज़ी, असमिया, उर्दू, ओड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बंगाली, बोड़ो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, राजस्थानी, संथाली, सिन्धीसंस्कृत भाषा और हिन्दी भाषा

साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi)

संस्था का नाम साहित्य अकादमी
स्थापना 12 मार्च, 1954
मुख्यालय रवींद्र भवन, 35 फेरोज़शाह रोड, नई दिल्ली, भारत
क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, बेंगलूरु, चेन्नै, मुंबई, अगरतला
पत्रिकाएँ इंडियन लिटरेचर, समकालीन भारतीय साहित्य, संस्कृत प्रतिभा, आलोक
पुरस्कार साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार, भाषा सम्‍मान, साहित्‍य अकादमी अनुवाद पुरस्‍कार, बाल साहित्‍य पुरस्‍कार, युवा पुरस्‍कार
फैलोशिप साहित्य अकादमी फैलोशिप, प्रेमचंद फ़ेलोशिप,  डॉ. आनंद कुमारस्‍वामी फ़ेलोशिप, मानद फ़ेलोशिप
आधिकारिक वेबसाईट https://sahitya-akademi.gov.in/index_h.jsp

उत्पत्ति और विकास

भारत की स्‍वतंत्रता के भी काफ़ी पहले से देश की ब्रिटिश सरकार के पास भारत में साहित्‍य की राष्‍ट्रीय संस्‍था की स्‍थापना का प्रस्‍ताव विचाराधीन था। 1944 में, भारत सरकार ने रॉयल एशियाटिक सोसायटी ऑफ़ बंगाल का यह प्रस्‍ताव सैद्धांतिक रूप से स्‍वीकार कर लिया था कि सभी क्षेत्रों में सांस्‍कृतिक गतिविधियों को प्रोत्‍साहित करने के लिए राष्‍ट्रीय सांस्‍कृतिक ट्रस्‍ट का गठन किया जाना चाहिए। ट्रस्‍ट के अंतर्गत साहित्‍य अकादमी सहित तीन अकादेमियाँ थीं। स्‍वतंत्रता के पश्‍चात् भारत की स्‍वतंत्र सरकार द्वारा प्रस्‍ताव का अनुसरण करते हुए विस्‍तृत रूपरेखा तैयार करने के लिए श्रृंखलाबद्ध बैठकें बुलाई गईं। सर्वसम्‍मति से तीन राष्‍ट्रीय अकादमियों के गठन का निर्णय हुआ, एक साहित्‍य के लिए दूसरी दृश्‍यकला तथा तीसरी नृत्‍य, नाटक एवं संगीत के लिए।

अकादमी की स्थापना सरकार द्वारा की गई है, फिर भी यह एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में कार्य करती है। संस्था पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत इस संस्था का पंजीकरण 7 जनवरी 1956 को किया गया।

भारत की ‘नेशनल एकेडेमी ऑफ़ लेटर्स‘ साहित्य अकादमी साहित्यिक संवाद, प्रकाशन और उसका देशभर में प्रसार करने वाली केन्द्रीय संस्था है तथा सिर्फ़ यही ऐसी संस्था है, जोकि भारत की चौबीस भाषाओं, जिसमें अंग्रेजी भी सम्मिलित है, में साहित्यिक क्रिया-कलापों का पोषण करती है। अकादमी प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त चौबीस भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के लिए पुरस्कार प्रदान करती है, साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिए भी पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार साल भर चली संवीक्षा, परिचर्चा और चयन के बाद घोषित किए जाते हैं।

साहित्य अकादमी के अध्यक्ष

साहित्य अकादमी के पहले अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। सन् 1963 में वह पुनः अध्यक्ष निर्वाचित हुए। मई 1964 में उनके निधन के बाद सामान्य परिषद् ने डॉ. एस. राधाकृष्णन् को अपना अध्यक्ष निर्वाचित किया। 2018 को संपन्न पुनर्गठित सामान्य परिषद् द्वारा प्रो. चंद्रशेखर कंबार को 2018−2022 के लिए अकादमी का अध्यक्ष चुना गया।

अध्यक्ष कार्यकाल विवरण
पंडित जवाहरलाल नेहरू 1954 – 1964 प्रथम अध्यक्ष, दो वार निर्वाचित हुए, 1964 में मृत्यु हुई
डॉ. एस. राधाकृष्णन् 1964 – 1967
डॉ. ज़ाकिर हुसैन 1968 – 1969 1969 में मृत्यु हो गई
डॉ. सुनीति कुमार चटर्जी 1969 – 1977 दो वार निर्वाचित हुए, 1977 में मृत्यु हुई
प्रो. के.आर. श्रीनिवास आयंगर 1977 – 1977 कार्यवाहक अध्यक्ष
प्रो. उमाशंकर जोशी 1978 – 1982
प्रो. वी. के. गोकाक 1983 – 1987
डॉ. बीरेन्द्र कुमार भट्टाचार्य 1988 – 1992
प्रो. यू. आर. अनंतमूर्ति 1993 – 1997
श्री रमाकांत रथ 1998 – 2002
प्रो. गोपीचंद नारंग 2003 – 2007
श्री सुनील गंगोपाध्याय 2008 – 2012 2012 में निधन
प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 2012 – 2013 प्रभारी अध्यक्ष
प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी 2013 – 2017
प्रो. चंद्रशेखर कंबार 2018 – 2022
 डॉ. माधव कौशिक 2023 – वर्तमान अध्यक्ष

साहित्य अकादमी का पुस्तकालय

साहित्य अकादमी का पुस्तकालय भारत के प्रमुख बहुभाषिक पुस्तकालयों में से एक है, यहाँ पर अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त चौबीस भाषाओं में विविध साहित्यिक और संबद्ध विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हैं। यह पुस्तकालय सर्जनात्‍मक कृतियों, समालोचनात्मक पुस्तकों, अनूदित कृतियों, संदर्भ ग्रंथों तथा शब्दकोशों के समृद्ध संग्रह के लिए जाना जाता है।

साहित्य अकादमी का कार्यालय

साहित्य अकादमी का मुख्यालय “रवींद्र भवन, 35 फेरोज़शाह रोड, नई दिल्ली, भारत” में है। साहित्य अकादमी के क्षेत्रीय कार्यालय “कोलकाता, बेंगलूरु, चेन्नै, मुंबई, अगरतला (मौखिक साहित्य के लिए उत्तर-पूर्व केंद्र)” आदि जगहों पर हैं।

चयन प्रक्रिया

साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:

  1. नामांकन प्रक्रिया: साहित्य अकादमी साहित्यिक संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों से नामांकन आमंत्रित करती है। नामांकित व्यक्ति को काम की एक प्रति के साथ साहित्यिक कार्य और उसके लेखक का संक्षिप्त सारांश प्रदान करना होता है। नामांकित व्यक्ति अपने नामांकन का समर्थन करने के लिए कार्य की आलोचनात्मक समीक्षा और मूल्यांकन भी प्रदान कर सकता है।
  2. मूल्यांकन मानदंड: साहित्यिक कार्य का मूल्यांकन प्रासंगिक भाषा और साहित्यिक क्षेत्र में विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया जाता है। पैनल काम की मौलिकता और साहित्यिक योग्यता, साहित्यिक समुदाय के भीतर इसके प्रभाव और स्वागत और भारतीय साहित्य में लेखक के योगदान जैसे कारकों पर विचार करता है।
  3. साहित्य अकादमी की भूमिका: साहित्य अकादमी प्रशासनिक सहायता प्रदान करके, मूल्यांकन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष सुनिश्चित करके और पुरस्कार पर अंतिम निर्णय प्रदान करके चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य:

  • साहित्यिक कार्य किसी अन्य राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित या पुरस्कृत नहीं होना चाहिए।
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार संपादित कार्यों या पूर्व में प्रकाशित कार्यों के पुनर्मुद्रण के लिए नहीं नहीं दिया जाता है।
  • साहित्य अकादमी ने 1981 से अनुवाद के लिए नया पुरस्कार शुरू किया। पहले अनुवाद के लिए नहीं दिया जाता था।
  • साहित्य अकादमी ने 2096 भाषा सम्मान की स्थापना की।
  • साहित्य अकादमी ने 2010 से बाल साहित्य के लिए नया पुरस्कार शुरू किया।
  • साहित्य अकादमी ने 2011 से युवा लेखकों के लिए नया पुरस्कार शुरू किया।

अकादमी पुरस्कार की प्रस्तुति का प्रबंधन भी करती है, जिसमें नकद पुरस्कार, एक प्रमाण पत्र और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है।

साहित्य अकादमी के पुरस्कार, सूची और धनराशि

वर्तमान समय में साहित्य अकादमी द्वारा प्रत्येक पुरुस्कार में निम्नलिखित धनराशि प्रदान की जाती है-

पुरस्कार का नाम प्रथम पुरस्कार सम्मान राशि (वर्तमान में)
साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार 1955 ई. में  1,00,000
अनुवाद पुरस्‍कार 1989 ई. में  50,000
भाषा सम्‍मान 1996 ई. में  1,00,000
बाल साहित्‍य पुरस्‍कार 2010 ई. में  50,000
युवा पुरस्‍कार 2011 ई. में  50,000

साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार

साहित्य अकादमी पुरस्कार सर्वप्रथम 1955 में साहित्य अकादमी द्वारा दिया गया था। साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) भारत का राष्ट्रीय स्तर का साहित्य पुरस्कार है। प्रारंभिक वर्षों में, यह पुरस्कार केवल कुछ भारतीय भाषाओं के लेखकों को प्रदान किया गया था। परंतु वर्तमान में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भारतीय भाषाओं के अलावा ये राजस्थानी और अंग्रेज़ी भाषा; यानी कि कुल 24 भाषाओं में प्रदान किया जाता हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र के साथ नकद राशि और एक शॉल दी जाती है। साहित्य अकादमी पुरस्कार में सन् 2010 ई. से नकद सम्मान राशि एक लाख (1,00,000) रुपये है।

Sahitya Akademi Award
साहित्य अकादमी पुरस्कार

साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में बढ़ाकर 10,000/- रुपए कर दी गई, फिर सन् 1988 में बढ़ाकर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए की गई तथा सन् 2010 से यह राशि 1,00,000/- रुपए कर दी गई है। पहली बार साहित्‍य अकादमी पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।

प्रत्येक भाषा में प्रथम साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची (First Winners of Sahitya Akademi Award in Each Language):

भाषा लेखक (विजेता) वर्ष पुस्तक (विधा)
असमिया भाषा में पुरस्कार जतीन्द्रनाथ दुवेरा 1955 बनफूल (कविता–संग्रह)
बाङ्ला भाषा में पुरस्कार जीवनानंद दास 1955 श्रेष्ठ कविता (कविता–संग्रह)
गुजराती भाषा में पुरस्कार महादेव देसाई* 1955 महादेव भाईनी डायरी (संस्मरण)
हिन्दी भाषा में पुरस्कार माखनलाल चतुर्वेदी 1955 हिमतरंगिनी (कविता–संग्रह)
कन्नड भाषा में पुरस्कार ‘कुवेंपु’ (के. वी. पुट्टप्पा) 1955 श्रीरामायण दर्शनम् (महाकाव्य)
मलयालम् भाषा में पुरस्कार आर. नारायण पणिक्कर 1955 भाषा साहित्य चरित्रम् (साहित्येतिहास)
मराठी भाषा में पुरस्कार तर्कतीर्थ लक्ष्मणशास्त्री जोशी 1955 वैदिक संस्कृतिचा विकास (सांस्कृतिक इतिहास)
ओड़िया भाषा में पुरस्कार गोपीनाथ मोहांती 1955 अमृतरसंतान (उपन्यास)
पंजाबी भाषा में पुरस्कार भाई वीर सिंह 1955 मेरा साइया जिओ (कविता–संग्रह)
तमिऴ भाषा में पुरस्कार आर.पी.सेतु पिळ्ळै 1955 तमिल इंबम (निबंध–संग्रह)
तेलुगु भाषा में पुरस्कार सुरवरम् प्रताप रेड्डी* 1955 आंध्रलु सांधिक चरित्रमु (सामाजिक इतिहास)
उर्दू भाषा में पुरस्कार ज़फ़र हुसैन ख़ाँ 1955 मआल और मशीअत (दार्शनिक निबंध)
संस्कृत भाषा में पुरस्कार पी.वी. काणे 1956 हिस्ट्री ऑफ़ धर्मशास्त्र, खंड IV (शोध) महामहोपाध्याय
कश्मीरी भाषा में पुरस्कार जिन्दा कौल ‘मास्टरजी’ 1956 सुमरन (कविता–संग्रह)
सिन्धी भाषा में पुरस्कार तीर्थ वसंत 1959 कँवर (जीवनी)
अंग्रेज़ी भाषा में पुरस्कार आर. के. नारायण 1960 द गाइड (उपन्यास)
मैथिली भाषा में पुरस्कार यशोधर झा 1966 मिथिला वैभव (दार्शनिक प्रबंध)
डोगरी भाषा में पुरस्कार नरेन्द्र खजूरिया* 1970 नीला अंबर काले बादल (कहानी–संग्रह)
मणिपुरी भाषा में पुरस्कार पाचा मेहताई 1973 इंफ़ाल अमासुङ मागी नुङशित्की फिबम इशिंग (उपन्यास)
राजस्थानी भाषा में पुरस्कार विजयदान देथा 1974 बातां री फुलवारी, खंड–10 (लोककथाएँ)
कोंकणी भाषा में पुरस्कार रवीन्द्र केळेकार 1977 हिमालयांत (यात्रा–वृत्तांत)
नेपाली भाषा में पुरस्कार इंद्रबहादुर राई 1977 नेपाली उपन्यास का आधारहरू (समालोचना)
बोडो भाषा में पुरस्कार मंगलसिं हाजवारि 2005 जिउनि मोगथां बिसम्बि आरो आर’ज (कविता–संग्रह)
संताली भाषा में पुरस्कार जदुमणि बेसरा 2005 भाबना (कविता–संग्रह)

नोट: -सूची में दिखाए गए लाल रंग वाले व्यक्तियों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार का महत्व

साहित्य अकादमी पुरस्कार कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है:

  • लेखकों के लिए प्रोत्साहन: यह पुरस्कार लेखकों को उनकी साहित्यिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करता है और उन्हें अपने कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।
  • भारतीय भाषाओं का प्रचार: यह पुरस्कार भारतीय सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि को प्रदर्शित करते हुए भारतीय भाषाओं और साहित्य की विविधता को बढ़ावा देता है।
  • साहित्यिक विरासत: यह पुरस्कार भारत की साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में मदद करता है, यह सुनिश्चित करता है कि महान लेखकों का योगदान समय के साथ खो न जाए।
  • राष्ट्रीय एकता: विभिन्न भारतीय भाषाओं में कार्यों को पहचानने और बढ़ावा देने से, पुरस्कार भारत में विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक समुदायों के बीच राष्ट्रीय एकीकरण और समझ को बढ़ावा देने में मदद करता है।

भाषा सम्‍मान

साहित्य अकादमी अपने द्वारा मान्य 24 भाषाओं में उत्कृष्ट पुस्तकों तथा उत्कृष्ट अनुवादों के लिए वार्षिक पुरस्कार प्रदान करती है। फिर भी, अकादमी यह महसूस करती है कि भारत जैसे बहुभाषाई देश में जहाँ कई सौ भाषाएँ और उपभाषाएँ हैं, उसको अपनी गतिविधियों की परिसीमा मान्यता प्राप्त भाषाओं से परे ब़ढानी चाहिए और ग़ैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं में भी सृजनात्मक साहित्य के साथ-साथ शैक्षिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना चाहिए। अकादमी ने इसलिए सन् 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की, ताकि लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, प्रस्तोताओं या उन अनुवादकों को, जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या उसके संवर्धान के लिए यथेष्ट योगदान दिया हो, इस सम्मान से विभूषित किया जा सके।

सम्मान स्वरूप एक फलक के साथ सृजनात्मक साहित्य के लिए दी जानेवाली पुरस्कार राशि 100000/-रु. प्रदान की जाती है (वर्ष 1996 पुरस्‍कार राशि 25000/- रु. थी जो वर्ष 2001 में बढ़ाकर 40,000/-रु. कर दी गई थी, वर्ष 2003 में 40,000/-रु. की राशि को बढ़ाकर 50,000/-रु. तथा वर्ष 2009 में राशि को बढ़ाकर 100000/- रु. कर दिया गया है), जोकि इस उद्देश्य की सिद्धि में प्रथम चरण है। इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति की अनुंशसाओं के आधार पर प्रत्येक वर्ष यह सम्मान 3-4 व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं के लिए दिया जाता है।

प्रथम भाषा सम्मान प्राप्तकर्ताओं या विजेताओं की सूची (First Winners of Bhasha Samman): सन् 1996 में पहली बार चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जिनमें से दो पुरस्कार संयुक्त रूप में दो-दो व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-

क्रम लेखक (विजेता) भाषा विवरण
1. श्री एम. आर. ठाकुर, श्री बंशी राम शर्मा पहाड़ी (हिमाचली) संयुक्त रूप में
2. श्री मंदार केशव भट्ट, श्री के. जतप्पा राय तुलु संयुक्त रूप में
3. श्री धरीक्षण मिश्र भोजपुरी !
4. श्री चंद्रकांत मुरासिंह काकबरोक (उत्तर-पूर्व) !

साहित्‍य अकादमी अनुवाद पुरस्‍कार

सर्जनात्मक लेखन के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों के अतिरिक्त अकादमी सन् 1989 से अनुवादों के लिए पुरस्कार प्रदान कर रही है। यह पुरस्कार अकादमी की मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में विशिष्ट अनुवादकों को दिए जाते हैं। सन् 1989 में इसकी पुरस्कार राशि 10,000/-रु. थी, सन् 2001 में ब़ढाकर इसे 15,000/-रु. कर दिया गया तथा सन् 2003 से यह राशि 20,000/-रु. कर दी गई तथा सन् 2009 में यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है।

बाल साहित्‍य पुरस्‍कार

साहित्‍य अकादमी ने सन् 2010 से अपने द्वारा मान्‍यता प्रदत्‍त 24 भारतीय भाषाओं में बाल साहित्‍य को प्रोत्‍साहित करने हेतु बाल साहित्‍य पुरस्‍कार प्रारंभ किया। बाल साहित्‍य के लिए पुस्‍तकों का चयन संबंधित भाषा चयन समितियों की अनुशंसाओं के आधार पर किया जाता है। पुरस्‍कार में एक ताम्रफलक और 50,000/- रुपए की राशि प्रदान की जाती है।

युवा पुरस्‍कार

साहित्‍य अकादमी ने वर्ष 2011 से अपने द्वारा मान्‍यता प्रदत्‍त 24 भारतीय भाषाओं में युवा लेखन को प्रोत्‍साहित करने हेतु युवा पुरस्‍कार प्रारंभ किया। युवा पुरस्‍कार के लिए पुस्‍तकों का चयन संबंधित भाषा चयन समितियों की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है। यह पुरस्‍कार 35 वर्ष तक की आयु अथवा पुरस्‍कार वर्ष में 1 जनवरी को उससे कम आयु के युवा लेखकों की प्रकाशित पुस्‍तकों को दिया जाता है। पुरस्‍कार में एक ताम्रफलक और 50,000/- रुपए की राशि प्रदान की जाती है।

साहित्य अकादमी फैलोशिप

उपरोक्त के अतिरिक्त साहित्य अकादमी निम्नलिखित फैलोशिप भी प्रदान करती है:-

1. साहित्य अकादमी फैलोशिप

साहित्य अकादमी फ़ैलोशिप भारत की साहित्य अकादमी द्वारा प्रदान किया जानेवाला सर्वोच्च सम्मान है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन फेलोशिप के लिए चुने गए पहले लेखक थे; मुल्क राज आनंद 1989 में शामिल होने वाले पहले भारतीय अंग्रेजी लेखक थे और 1994 में आर के नारायण, दूसरे। इसमें 25000 रुपये/माह दिए जाते हैं।

2. प्रेमचंद फ़ेलोशिप

साहित्य अकादमी ने वर्ष 2005 में प्रेमचंद की 125वीं जन्मशतवार्षिकी के अवसर पर फ़ैलोशिप की स्थापना की, जो सार्क देशों के उन सृजनात्मक लेखकों अथवा विद्वानों को प्रदान की जाती है जो भारतीय साहित्य पर शोध करते हैं। इसमें 25000/-रु. की राशि प्रतिमाह प्रदान की जाती है।

3. डॉ. आनंद कुमारस्‍वामी फ़ेलोशिप

साहित्य अकादमी ने सन् 1996 में महान् विद्वान् और सौन्दर्यवादी डॉ. आनंद कुमारस्वामी के नाम पर फैलोशिप की स्थापना की जो उन एशियाई देशों के विद्वानों को प्रदान की जाती है, जो भारत में अपनी पसंद की किसी साहित्यिक परियोजना पर कार्य करते हैं। इसमें भी 25000/-रु. की राशि प्रतिमाह प्रदान की जाती है।

4. मानद फ़ेलोशिप

इसके अंतर्गत 35000 रुपये/माह विद्वान को दिए जाते हैं।

साहित्य अकादमी की पत्रिकाएँ

1. इंडियन लिटरेचर

साहित्य अकादमी इंडियन लिटरेचर के नाम से अंग्रेज़ी में एक द्वैमासिक पत्रिका का प्रकाशन करती है। सन् 1957 में यह पत्रिका छमाही पत्रिका के रूप में प्रारंभ हुई थी। अंग्रेज़ी में मूल लेखन, पुस्तक समीक्षाओं और साक्षात्कार के अतिरिक्त यह पत्रिका 24 भारतीय भाषाओं में सर्जनात्मक और समालोचनात्मक लेखन के अनुवाद प्रकाशित करती है।

2. समकालीन भारतीय साहित्य

सन् 1980 से नियमित रूप से प्रकाशित हो रही साहित्य अकादमी की द्वैमासिकी ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ एक पत्रिका ही नहीं, राष्ट्र की साहित्यिक अनुगूँज भी है। इसमें मौलिक हिंदी रचनाओं के साथ साहित्य अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 23 अन्य भारतीय भाषाओं की महत्त्वपूर्ण रचनाओं के हिंदी अनुवाद छपते हैं। यह पत्रिका भारतीय भाषाओं में सृजित कविता, कहानी, निबंध, यात्रावृत्तांत, संस्मरण, आत्मकथा, साक्षात्कार, पुस्तक समीक्षा तथा अन्य विधाओं की भी श्रेष्ठ रचनाओं को मंच प्रदान करती है, जो अपने समय से पाठकों का सामना करा देती हैं।

3. संस्कृत प्रतिभा

साहित्य अकादमी त्रैमासिक संस्कृत पत्रिका संस्कृत प्रतिभा का प्रकाशन करती है जोकि संस्कृत भाषा के समकालीन सृजनात्मक लेखन को समर्पित है। इस पत्रिका का शुभारंभ सन् 1959 में वी. राघवन के संपादकत्व में हुआ था। इस पत्रिका का मुख्य उद्देश्य उत्कृष्ट संस्कृत रचनाओं का प्रकाशन कर संस्कृत में सृजनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करना है। यह पत्रिका स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे पुरानी संस्कृत पत्रिका है जो गद्य व पद्य, दोनों में सर्जनात्मक लेखन प्रकाशित करती है।

4. आलोक

यह साहित्‍य अकादमी की राजभाषा गृहपत्रिका है। यह पत्रिका सन् 2002 से प्रकाशित हो रही है, प्रारंभ में यह वार्षिक रूप से प्रकाशित की जाती थी, किंतु सन् 2007 से यह पत्रिका अर्द्धवार्षिक रूप से प्रकाशित की जा रही है। इस पत्रिका में अकादमी स्‍टाफ़ के सदस्‍यों तथा अकादमी के सेवानिवृत्त कर्मियों की मूल हिंदी में लिखित या दूसरी भाषाओं से उनके द्वारा हिंदी में अनूदित रचनाएँ, पेंटिंग/रेखांकन आदि प्रकाशित किए जाते हैं।

पुरस्कार से जुड़े विवाद

साहित्य अकादमी पुरस्कार को पिछले कुछ वर्षों में कई विवादों का सामना करना पड़ा है, जिनमें शामिल हैं:

  • राजनीतिक हस्तक्षेप: कुछ आलोचकों ने पुरस्कार चयन प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप के बारे में चिंताओं को उठाया है, आरोपों के साथ कि राजनीतिक विचार पुरस्कार निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं। साहित्य अकादमी को राजनीतिक प्रभाव से स्वतंत्रता की कथित कमी और साहित्यिक समुदाय की स्वायत्तता की पर्याप्त रूप से रक्षा नहीं करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है।
  • प्रतिनिधित्व की कमी: साहित्य अकादमी को प्रतिनिधित्व की कथित कमी के लिए आलोचना का भी सामना करना पड़ा है, कुछ समूहों और समुदायों ने महसूस किया है कि पुरस्कार निर्णयों में उनकी साहित्यिक परंपराओं और आवाजों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं किया गया है। इसने अधिक विविध और समावेशी पुरस्कार चयन प्रक्रिया के लिए आह्वान किया है जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत को बेहतर ढंग से दर्शाता है।
  • चयन प्रक्रिया पर आलोचना और विवाद: साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया को भी आलोचना और विवाद का सामना करना पड़ा है, कुछ लेखकों और साहित्यिक संगठनों ने मूल्यांकन प्रक्रिया की निष्पक्षता और निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। कुछ ने मूल्यांकन पैनल की संरचना और चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता के बारे में चिंता जताई है।

इन विवादों ने साहित्य अकादमी के भीतर सुधारों और पुरस्कार चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के लिए आह्वान किया है। इन चुनौतियों के बावजूद, साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय लेखन में उत्कृष्टता की एक महत्वपूर्ण मान्यता और भारतीय लेखकों के लिए प्रेरणा और प्रोत्साहन का स्रोत बना हुआ है।

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेताओं की सूची

साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्षों से कई प्रसिद्ध भारतीय लेखकों को प्रदान किया गया है। कुछ सबसे प्रसिद्ध प्राप्तकर्ताओं या विजेताओं के नाम निम्नलिखित हैं:

  • अमृता प्रीतम: एक प्रमुख भारतीय लेखिका और नारीवादी, अमृता प्रीतम को 1980 में उनके उपन्यास अज आखान वारिस शाह नू (टुडे आई इनवोक वारिस शाह) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • महाश्वेता देवी: एक बंगाली लेखिका और सामाजिक कार्यकर्ता, महाश्वेता देवी को उनके उपन्यास अरण्येर अधिकार (जंगल के अधिकार) के लिए 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • रवींद्रनाथ टैगोर: नोबेल पुरस्कार विजेता कवि और नाटककार, रवींद्रनाथ टैगोर को उनके कविता संग्रह गीतांजलि (गाने की पेशकश) के लिए 1955 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • के. सच्चिदानंदन: एक प्रसिद्ध भारतीय कवि और नाटककार, के. सच्चिदानंदन को उनके कविता संग्रह वन डे, आई विल राइट अबाउट दिस प्लेस के लिए 1999 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • यू.आर. अनंतमूर्ति: एक कन्नड़ लेखक और अकादमिक, यू.आर. अनंतमूर्ति को उनके उपन्यास संस्कार (द रीट) के लिए 1994 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

ये उन प्रतिभाशाली लेखकों के कुछ उदाहरण हैं जिन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है। देखें सम्पूर्ण सूची – साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं की सूची

हाल ही के साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं या विजेताओं की सूची (Recent Winners of Sahitya Akademi Award in Each Language):

वर्ष पुस्तक (विधा)/रचना लेखक भाषा
2023 डॉ. प्रणवज्योति डेकर श्रेष्ठ गल्प (कहानी-संग्रह) प्रणवज्योति डेका असमिया
2023 जलेर ऊपर पानी (उपन्यास) स्वपनमय चक्रबर्ती बाङ्ला
2023 जिउ-सफरनि दाखवन (कहानी-संग्रह) नंदेश्वर दैमारि बोडो
2023 दऊं सदियां इक सीर (कविता-ग़ज़ल) विजय वर्मा डोगरी
2023 रेक्युम इन रागा जानकी (उपन्यास) नीलम शरण गौर अंग्रेज़ी
2023 सैरन्ध्री (प्रबंध काव्य) विनोद जोशी गुजराती
2023 मुझे पहचानो (उपन्यास) संजीव हिन्दी
2023 महाभारत अनुसंधानदा भारतयात्रे (निबंध) लक्ष्मीशा तोल्पडि कन्नड
2023 येथ वावेह हेले साँग कौस जेले (कविता) मंशूर बनिहाली कश्मीरी
2023 वर्सल (कहानी-संग्रह) प्रकाश एस. पर्येंकार कोंकणी
2023 बोध संकेतन (निबंध) बासुकीनाथ झा मैथिली
2023 मलयाला नोवेलिंटे देशकालंगळ (आलोचना) ई.वी. रामकृष्णन मलयाळम्
2023 याचंगबा नांग हालो (कविता) सोरोख्खैबम गंभिनी मणिपुरी
2023 रिंगाण (उपन्यास) कृष्णात खोत मराठी
2023 नेपाली लोकसाहित्य र लोकसंस्कृतिको परिचय (निबंध) युद्धवीर राणा नेपाली
2023 अप्रस्तुत मृत्यु (कविता) आशुतोष परिडा ओड़िआ
2023 मन दी चिप (कविता) स्वर्णजीत सवी पंजाबी
2023 पळकती प्रीत (कविता) गजेसिंह राजपुरोहित राजस्थानी
2023 शून्ये मेघगानम् (कविता) अरुण रंजन मिश्र संस्कृत
2023 जाबा बाहा (कहानी-संग्रह) तारासीन बासकी (तुरिया चंद बासकी) संताली
2023 हाथु पाकिदिजैन (कविता-ग़ज़ल) विनोद आसुदानी सिन्धी
2023 नीरवाज़ी पडुवुम (उपन्यास) राजशेखरन (देवीभारती) तमिऴ
2023 रामेश्वरम काकुलु मारिकोन्नि कथलु (कहानी-संग्रह) टी. पतंजलि शास्त्री तेलुगु
2023 राजदेव की अमराई (उपन्यास) सादिक़ा नवाब सहर उर्दू
2022 भूल सत्य (कहानी-संग्रह) मनोज कुमार गोस्वामी असमिया
2022 बीरबल (उपन्यास) तपन बंद्योपाध्याय बाङ्ला
2022 सानस्रिनि मदिरा (कविता-संग्रह) रश्मि चौधुरी बोडो
2022 छे रूपक (नाटक-संग्रह) वीणा गुप्ता डोगरी
2022 ऑल द लाइव्स वी नेवर लिव्ड (उपन्यास) अनुराधा रॉय अंग्रेज़ी
2022 घेर जतां (आत्मकथात्मक निबंध) गुलाम मोहम्मद शेख गुजराती
2022 तुमड़ी के शब्द (कविता-संग्रह) बद्री नारायण हिन्दी
2022 बहुत्वदा भारत मत्तु बौद्ध तातविकेते (लेख-संग्रह) मुडनाकुडु चिन्नास्वामी कन्नड
2022 ज़ायल डब (साहित्यिक समालोचना) फ़ारूक़ फ़याज़ कश्मीरी
2022 अमृतवेळ (उपन्यास) माया अनिल खरंगटे कोंकणी
2022 पेन-ड्राइवमे पृथ्वी (कविता-संग्रह) अजित आजाद मैथिली
2022 शांटे सितायानम (साहित्यिक समालोचना) एम. थॉमस मैथ्यू मलयालम्
2022 लेइरोन्नुंग (कविता-संग्रह) कोइजम शांतिबाला मणिपुरी
2022 उजव्या सोंडेच्या बाहुल्या (उपन्यास) प्रवीण दशरथ बांदेकर मराठी
2022 साइनो (नाटक) के. बी. नेपाली नेपाली
2022 दयानदी (कविता-संग्रह) गायत्रीबाला पांडा ओड़िया
2022 मैं अयंघोष नहीं (कहानी-संग्रह) सुखजीत पंजाबी
2022 अलेखूं अंबा (नाटक) कमल रंगा राजस्थानी
2022 दीपमाणिक्यम्् (कविता-संग्रह) जनार्दन प्रसाद पाण्डेय ‘मणि’ संस्कृत
2022 साबरनका बालिरे सानन’ पंजय (कविता-संग्रह) कजली सोरेन (जगन्नाथ सोरेन) संताली
2022 सिंधी साहित जो मुख़्तसर इतिहास (संक्षिप्त सिंधी साहित्य इतिहास) कन्हैयालाल लेखवाणी सिन्धी
2022 काला पानी (उपन्यास) एम. राजेंद्रन तमिऴ
2022 मनोधर्मपरागम (उपन्यास) मधुरांतकम नरेंद्र तेलुगु
2022 ख़्वाब सराब (उपन्यास) अनीस अशफ़ाक़ उर्दू
2021 इयत ऐखन आरोन्या असिल (उपन्यास) अनुराधा शर्मा पुजारी असमिया
2021 मीरजाफ़र ओ अनन्य नाटक (नाटक) ब्रत्य बासु बाङ्ला
2021 खर’ सायाव आरो हिमालय (कविता-संग्रह) मोदाय गाहाय बोडो
2021 नमें टन्नल (कहानी-संग्रह) राज राही डोगरी
2021 थिंग्स टू लीव बिहाइंड (उपन्यास) नमिता गोखले अंग्रेज़ी
2021 गंधमंजूषा (कविता-संग्रह) यज्ञेश दवे गुजराती
2021 सम्राट अशोक (नाटक) दया प्रकाश सिन्हा हिन्दी
2021 गाँधी कथाना (जीवन-चरित्र) डी.एस. नागभूषण कन्नड
2021 तवाज़ुन (आलोचना) वली मोहम्मद असीर किश्तवारी कश्मीरी
2021 रक्तचंदन (कविता-संग्रह) संजीव वेरेंकार कोंकणी
2021 पंगु (उपन्यास) जगदीश प्रसाद मंडल मैथिली
2021 हृदयारगंगल (आत्मकथा) जॉर्ज ओनाक्कूर मलयालम्
2021 मणिपुरीदा पुशी वारिगी साहित्य (आलोचना) डॉ. थोकचोम इबोहनबी सिंह मणिपुरी
2021 बलूच्या अवस्थांतराची डायरी (कहानी-संग्रह) किरण गुरव मराठी
2021 उषा-अनिरुद्ध (महाकाव्य) छविलाल उपाध्याय नेपाली
2021 सरिजैथिबा अपेरा (कविता-संग्रह) हृषिकेश मल्लिक ओड़िया
2021 सूलाँ दा सालण (कहानी-संग्रह) खालिद हुसैन पंजाबी
2021 मुगती (कविता-संग्रह) मीठेश निर्मोही राजस्थानी
2021 सृजति शङ्खनादं किल, कविता (कविता-संग्रह) विन्ध्येश्वरीप्रसाद मिश्र ‘विनय’ संस्कृत
2021 माने रेना अरहंग (कहानी-संग्रह) निरंजन हांसदा संताली
2021 नेना निंदाखरा (कविता-संग्रह) अर्जुन चावला सिन्धी
2021 सिवप्पुक कजूट्टुतन ओरु पक्केई परवाई (कहानी-संग्रह) अम्बई तमिऴ
2021 वल्लंकीतालम (कविता-संग्रह) गोराति वेंकन्ना तेलुगु
2021 ताज़ा हवा की ताबिशें (कविता-संग्रह) चंद्रभान ख़याल उर्दू
2020 बैंगसता (कहानी) अपूर्व कुमार शइकीया असमिया
2020 एका एका एकाशी (संस्मरण) शंकर (मणिशंकर मुखोपाध्याय) बाङ्ला
2020 गोथेनाय लामायाव गोदान आगान (कहानी) (स्व.) धरणीधर औवारी बोडो
2020 बावा जितमल (नाटक) ज्ञान सिंह डोगरी
2020 व्हेन गाॅड इज़ ए ट्रैवलर (कविता) अरुंधति सुब्रमण्यम अंग्रेज़ी
2020 बनारस डायरी (कविता) हरीश मीनाश्रु गुजराती
2020 टोकरी में दिगन्त: थेरीगाथा: 2014 (कविता) अनामिका हिन्दी
2020 श्री बाहुबली अहिमसादिग्विजयम (महाकाव्य) एम. वीरप्पा मोइली कन्नड
2020 तिलिस्म-ए-खानाबदोश (कहानी) (स्व.) हृदय कौल भारती कश्मीरी
2020 युगपरिवर्तनांचो यात्री (कविता) आर. एस. भास्कर कोंकणी
2020 गाछ रूसल अछि (कहानी) कमलकान्त झा मैथिली
2020 आकस्मिकम् ओरम्मक्कुरिप्पुकल (आत्मकथा) ओमचेरी एन.एन. पिल्लई मलयालम्
2020 मालंगबना करि है (कविता) ईरुंगबम देवेन मणिपुरी
2020 उद्या (उपन्यास) नंदा खरे मराठी
2020 किरायाको कोख (उपन्यास) शंकर देव ढकाल नेपाली
2020 समुद्रकूल घर (कहानी−संग्रह) यशोधारा मिश्र ओड़िया
2020 आम-ख़ास (कहानी) गुरदेव सिंह रूपाणा पंजाबी
2020 संस्कृति री सनातन दीठ (निबंध) भंवरसिंह सामौर राजस्थानी
2020 वैशाली (उपन्यास) महेशचन्द्र शर्मा गौतम संस्कृत
2020 गुर दाक काशा दाक (कविता) रूपचंद हांसदा संताली
2020 जेहाद (नाटक) जेठो लालवानी सिन्धी
2020 सेल्लाथा पानम (उपन्यास) इमाइयम तमिऴ
2020 अग्निस्वास (उपन्यास) निखिलेश्वर तेलुगु
2020 अमावस में ख़्वाब (उपन्यास) हुसैन-उल-हक़ उर्दू
2019 चाणक्य (उपन्यास) जयश्री गोस्वामी महंत असमिया
2019 घुमेर दरजा ठेले (निबंध) चिन्मय गुह बाङ्ला
2019 आखाइ आथुमनिफ्राय (कविता) फुकन चन्द्र बसुमतारी बोडो
2019 बंदरालता दर्पण (निबंध) ओम शर्मा ‘जन्द्रयाड़ी’ डोगरी
2019 एन एरा आॅफ़ डार्कनेस (कथेतर गद्य) शशि थरूर अंग्रेज़ी
2019 मोजमा रे’वुं रे ! (निबंध) रतिलाल बोरीसागर गुजराती
2019 छीलते हुए अपने को (कविता) नन्दकिशोर आचार्य हिन्दी
2019 कुड़ी एसारू (आत्मकथा) विजया कन्नड
2019 अख़ याद अख़ कयामत (कहानी संग्रह) अब्दुल अहद हाज़िनी कश्मीरी
2019 ध वर्डस् (कविता) निलबा आ. खांडेकार कोंकणी
2019 जिनगीक ओरिआओन करैत (कविता) कुमार मनीष अरविन्द मैथिली
2019 अचन पिरन्ना वीदु (कविता) वी. मधुसूदनन नायर मलयालम्
2019 ऐ अमदी अदुङैगी इथत (उपन्यास) बेरील थांगा (एल. बीरमंगल सिंह) मणिपुरी
2019 कदाचित अजूनही (कविता) अनुराधा पाटील मराठी
2019 विस्व एउटा पल्लो गाउँ (यात्रा-वृत्‍तांत) सलोन कार्थक नेपाली
2019 भास्वती (कहानी संग्रह) तरुण कांति मिश्र ओड़िया
2019 अंतहीन (कहानी संग्रह) किरपाल कज़ाक पंजाबी
2019 बारीक बात (कहानी संग्रह) रामस्वरूप किसान राजस्थानी
2019 प्रज्ञाचाक्षुषम् (कविता) पेन्ना-मधुसूदनः संस्कृत
2019 सिसिरजाली (कहानी संग्रह) काली चरण हेम्ब्रम संताली
2019 जीजल (कहानी संग्रह) ईश्वर मूरजाणी सिन्धी
2019 सूल (उपन्यास) चो. धर्मन तमिऴ
2019 सेप्ताभूमि (उपन्यास) बंदि नारायणा स्वामी तेलुगु
2019 सवनेह-ए-सर सैयद: एक बाज़दीद (जीवनी) शाफ़े किदवई उर्दू
2018 कैलोयर डिंटो अमर होबो (कविता-संग्रह) सनंत तांती असमिया
2018 श्रीकृष्णेर शेष कटा दिन (कहानी) संजीब चटोपाध्याय बाङ्ला
2018 दोंसे लामा (कहानी-संग्रह) रितुराज बसुमतारी बोडो
2018 भागीरथ (उपन्यास) इन्दरजीत केसर डोगरी
2018 दी ब्लाइंड लेडी’स डिसेंडेंटस (उपन्यास) अनीस सलीम अंग्रेज़ी
2018 विभाजनी व्यथा (निबंध) शरीफा कासमभाई विजलीवाला गुजराती
2018 पोस्ट बॉक्स नं. 203-नाला सोपारा (उपन्यास) चित्रा मुद्गल हिन्दी
2018 अनुश्रेणी-यजमानिके (साहित्यिक आलोचना) के.जी. नागराजप्प कन्नड
2018 आख (कहानी-संग्रह) मुश्ताक अहमद मुश्ताक कश्मीरी
2018 चित्रलिपी (कविता-संग्रह) परेश नरेंद्र कामत कोंकणी
2018 परिणीता (कहानी-संग्रह) वीणा ठाकुर मैथिली
2018 गुरुपोरनामी (कविता-संग्रह) एस. रमेशन नायर मलयालम्
2018 नगमखइगी वंगमादा (कहानी-संग्रह) बुद्धिचंद्र हैस्नांबा मणिपुरी
2018 सर्जनप्रेरणा आणि कवित्वशोध ( साहित्यिक आलोचना) म.सु. पाटील मराठी
2018 किन रोयौ उपमा (कहानी-संग्रह) लोकनाथ उपाध्याय चापागाईं नेपाली
2018 प्रसंग पुरुन भाबना नुआ (साहित्यिक आलोचना) दाशरथी दास ओड़िया
2018 कोणे दा सूरज (कविता) मोहनजीत पंजाबी
2018 कविता देवै दीठ (कविता-संग्रह) राजेश कुमार व्यास राजस्थानी
2018 मम जननी (कविता-संग्रह) रमाकान्त शुक्ल संस्कृत
2018 मरोम (उपन्यास) श्याम बेसरा ‘जीवी रेरेक’ संताली
2018 जिया में तांदा (कविता-संग्रह) खीमान यू. मूलाणी सिन्धी
2018 संचारम (उपन्यास) एस. रामाकृष्णन तमिऴ
2018 विमर्शिनी (निबंध) कोलकलूरि इनाक् तेलुगु
2018 रोहजिन (उपन्यास) रहमान अब्बास उर्दू

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अंत में, साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय लेखन में उत्कृष्टता का एक महत्वपूर्ण सम्मान है जिसने भारतीय साहित्यिक परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस पुरस्कार का भारतीय साहित्य पर स्थायी प्रभाव पड़ा है और इसने भारतीय लेखकों के लिए एक प्रेरणा और प्रोत्साहन के रूप में कार्य किया है।

  • पुरस्कार का महत्व: इस पुरस्कार ने भारतीय लेखन के प्रोफाइल को ऊंचा उठाने, भारतीय लेखकों के काम पर जनता का ध्यान आकर्षित करने और नए साहित्यिक कार्यों के निर्माण को प्रोत्साहित करने में मदद की है। इसने भारतीय लेखकों के करियर का समर्थन करने में भी मदद की है, पुरस्कार के कई प्राप्तकर्ता भारतीय साहित्यिक हलकों में प्रसिद्ध और सम्मानित व्यक्ति बन गए हैं।
  • विरासत और साहित्य पर प्रभाव: साहित्य अकादमी पुरस्कार भारत में साहित्यिक उत्कृष्टता के लिए एक महत्वपूर्ण बेंचमार्क बन गया है और भारतीय लेखकों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है। इस पुरस्कार ने भारतीय साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित और बढ़ावा देने में भी मदद की है और भारत के साहित्यिक परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • भविष्य की संभावनाएं और संभावित सुधार: जैसा कि साहित्य अकादमी का विकास और विकास जारी है, पारदर्शिता, जवाबदेही और समावेशिता बढ़ाने की दृष्टि से पुरस्कार चयन प्रक्रिया में सुधार और सुधार की संभावना है। आने वाले वर्षों में साहित्य अकादमी संभवतः भारतीय लेखन को बढ़ावा देने और समर्थन देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, और भारतीय लेखन में उत्कृष्टता की एक महत्वपूर्ण पहचान बनी रहेगी।

कुल मिलाकर, साहित्य अकादमी पुरस्कार का भारतीय साहित्य पर स्थायी प्रभाव पड़ा है। यह पुरस्कार भारतीय लेखकों के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत बना हुआ है, और इसने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित करने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Frequently Asked Questions

1.

साहित्य अकादमी कहाँ पर स्थित है?

साहित्य अकादमी का मुख्यालय "रवींद्र भवन, 35 फेरोज़शाह रोड, नई दिल्ली, भारत" में है।

2.

साहित्य अकादमी पुरस्कार की स्थापना कब हुई थी?

साहित्य अकादमी की स्थापना 12 मार्च 1954 में की गई थी, जबकि पहली बार साहित्य अकादमी पुरस्कार सन् 1955 में दिया गया था।

3.

साहित्य अकादमी कितनी भाषाओं में पुरस्कार देती है?

साहित्य अकादमी निम्नलिखित 24 भाषाओं में पुरस्कार देती हैं:- अंग्रेज़ी, असमिया, उर्दू, ओड़िया, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बंगाली, बोड़ो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, राजस्थानी, संथाली, सिन्धी, संस्कृत भाषा और हिन्दी भाषा।

4.

साहित्य अकादमी पुरस्कार क्यों दिया जाता है?

भारतीय साहित्य को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और साहित्यिक परंपराओं को संरक्षित करने के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाता है।

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