जीवन परिचय
जीवन परिचय में किसी व्यक्ति विशेष के जीवन के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं और उनके कार्यों की जानकारी दी जाती है। यह उनके जीवन का सारांश प्रस्तुत करता है, जिससे उस व्यक्ति के बारे में जाना जा सके। जीवन परिचय को अंग्रेजी में “लाइफ इन्ट्रोडक्शन” (Life introduction) कहते हैं।
जीवन परिचय में प्रायः किसी व्यक्ति के जन्म-मृत्यु दिनांक एवं स्थान, परिवार, शैक्षिक योग्यता, प्रमुख अनुभव, पेशेवर जीवन, प्रमुख कार्य एवं रचनाएं, सामाजिक परिचय, साहित्यिक परिचय, और उसके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी होती है। सामान्यतः जीवन-परिचय में सम्पूर्ण जीवन में किए हुए कार्यों का सार रूप में वर्णन होता है।
जीवनी क्या होता है?
किसी व्यक्ति विशेष के जीवन वृतांत को जीवनी कहते हैं। जीवनी का अंग्रेजी पर्याय “बायोग्राफी” है, हिंदी में इसे ‘जीवन चरित्र‘ कहते हैं।
जीवनी में किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के जीवन के अन्तर्वाह्य स्वरूप का घटनाओं के आधार पर कलात्मक चित्रण रहता है। इससे उसके गुण दोषमय व्यक्तित्व की अभिव्यक्ति होती है। सामान्यतः जीवनी में सारे जीवन में किए हुए कार्यों का वर्णन होता है, पर इस नियम का पालन आवश्यक नहीं है।
शिप्ले के अनुसार:-
“जीवनी लेखक को अपने नायक के संपूर्ण जीवन अथवा उसके यथेष्ट भाग की चर्चा करनी चाहिए जीवनी में इतिहास साहित्य और व्यक्ति की त्रिवेणी होती है। परंतु इस में इतिहास की भांति घटनाओं का आंकलन नहीं होता इसमें मनुष्य के जीवन की व्याख्या एवं उसके व्यक्तिगत जीवन का अध्ययन प्रत्यक्ष और वास्तविक रुप से प्राप्त होता है।”
उपन्यास, कहानी आदि में भी जीवन की व्याख्या तो होती है किंतु व परोक्ष और कल्पना मिश्रित होती है। वास्तविक जीवनी वही है जिसमें जीवन प्रमाणिक तथा सम्यक जानकारी पर आधारित हो। जीवनी लेखक को उन सभी तथ्यों की जानकारी होनी चाहिए, जिन्होंने उसके चरित्र नायक के जीवन पर प्रकाश डाला हो, घटनाओं को प्रस्तुत भी उसी क्रम में करना चाहिए जिस क्रम में विघटित हुए हो।
जीवनी लेखक
जीवनी लेखक अपने नायक के चरित्र में स्वाभाविकता लाने के लिए जीवन को क्रमशः अन्वेषित एवं उद्घाटित करना चाहिए अर्थात आरंभ से ही उसके केवल गुणों को ही नहीं वरन दोषों को भी तटस्थ भाव से वर्णन करना चाहिए। हमारे यहां जीवन चरित्र लिखने की विशेष परंपरा नहीं रही है व्यक्ति कालीन वार्ताओं नाभादास का ‘भक्तमाल‘ आदि ग्रंथों में जीवन संबंधी इतिवृत्त मिल जाते हैं।
लेखन
जीवन परिचय के लेखन का आरंभ 19वीं शताब्दी के अंत से होता है कार्तिक प्रसाद खत्री , भारतेंदु , राधाकृष्ण दास , बालमुकुंद गुप्त आदि इस युग के प्रसिद्ध जीवनी लेखक हैं। आज जीवनी साहित्य नायक को जीवन तथ्यों को वैज्ञानिक रूप से प्रस्तुत करता है। आज के प्रमुख जीवनीकारों की कृतियों में –
- रामविलास शर्मा कृत ‘निराला की साहित्य साधना’,
- राहुल सांस्कृत्यायन कृत्य ‘नए भारत के नए लोग’, ‘सूरदास’,
- पृथ्वी सिंह की ‘लेनिन’ तथा ‘कार्ल मार्क्स’,
- विष्णु प्रभाकर कृत ‘आवारा मसीहा’, प्रमुख जीवनियां है।
लेखकों के जीवन परिचय
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- सरदारपूर्णसिंह
- डा. सम्पूर्णानन्द
- राहुल सांकृत्यायन
- रामवृक्ष बेनीपुरी
- वासुदेवशरण अग्रवाल
- कन्हैयालाल मिश्र “प्रभाकर”
- आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
- प्रो. जी. सुन्दर रेड्डी
- हरिशंकर परसाई
- मोहन राकेश
कवियों के कवि परिचय
- कबीरदास
- सूरदास
- तुलसीदास
- बिहारी
- महाकवि भूषण
- जगन्नाथ दास ‘रत्नाकर’
- अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
- मैथिलीशरण गुप्त
- जयशंकर प्रसाद
- सुमित्रानंदन पंत
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
- महादेवी वर्मा
अन्य महत्वपूर्ण जीवन परिचय
- मीराबाई
- सुभद्रा कुमारी चौहान
- रहीमदास
- रसखान
- सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- सोहनलाल द्विवेदी
- हरिवंश राय वच्चन
- नागार्जुन
- केदारनाथ अग्रवाल
- केदारनाथ सिंह
- प्रताप नारायण मिश्र
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
- पादुमलाल पुन्नालाल बख्सी
- डा. राजेन्द्र प्रसाद
- डा. भगवत शरण उपाध्याय
- जयप्रकाश भारती
- प्रेमचंद
- श्रीराम शर्मा
- काका कालेलकर
- धर्मवीर भारती
- डा. रामकुमार वर्मा
- उदयशंकर भट्ट
- सेठ गोविन्ददास
- उपेन्द्रनाथ अश्क
- विष्णु प्रभाकर
- अशोक वाजपेयी
- त्रिलोचन शास्त्री
- माखनलाल चतुर्वेदी
- रामनरेश त्रिपाठी
- सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरा
FAQs
1. जीवन परिचय किसे कहते हैं?
जीवन परिचय एक ऐसा प्रस्तुतिकरण है जिसमें किसी व्यक्ति के जीवन की संपूर्ण जानकारी दी जाती है। यह उनके जीवन का सारांश प्रस्तुत करता है, जिससे व्यक्ति के बारे में अधिक जाना जा सके। जीवन परिचय आमतौर पर किसी व्यक्ति के प्रमुख अनुभव, शैक्षिक योग्यता, पेशेवर जीवन, सामाजिक परिचय, परिवार, और व्यक्तित्व के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
2. जीवन परिचय किसके लिखे जाते हैं?
अधिकतर जीवन परिचय किसी लेखक या रचनाकार के लिखे जाते हैं, जो उनके व्यक्तित्व, उपलब्धियों, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करते हैं। यह लेखन हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में हो सकता है। अंग्रेजी भाषा में लिखे जाने वाले जीवन परिचय को “बायोग्राफी” कहा जाता है। यह शब्द “बायो” (जीवन) और “ग्राफी” (लेखन) के मिश्रण से बना है, जिसका अर्थ होता है “जीवन का लेखन”।
3. जीवन परिचय में क्या-क्या होता है?
आमतौर पर जीवन परिचय के अन्तर्गत व्यक्ति के जन्म स्थान, शिक्षा, पेशेवर उपलब्धियाँ, विभिन्न पदों पर कार्य, सामाजिक संबंध, और परिवार के बारे में जानकारी शामिल होती है। इसके साथ ही, जीवन परिचय में कुछ व्यक्तिगत विशेषताएँ, रूचियाँ, और साहित्यिक योग्यता भी शामिल की जाती हैं।
4. जीवन परिचय क्यूँ लिखा जाता है?
जीवन परिचय को लिखा जाता है ताकि लोग व्यक्तित्व, उपलब्धियां, और जीवन की महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में अधिक जान सकें। जीवन परिचय लिखने से व्यक्ति के अनुभव, और सामाजिक संघर्षों का ज्ञान संभव होता है। जीवन परिचय लिखने से व्यक्ति अपने आत्म-समर्थता और स्वयं के बारे में अधिक समझ सकता है। जीवन परिचय को साझा करने से व्यक्ति अपने संबंधित और समर्थकों को अपने जीवन की कहानी साझा कर सकता है।
5. जीवन परिचय की विशेषताएं बताओ?
जीवन परिचय का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति के प्रोफ़ाइल को समझना और उनके जीवन की महत्वपूर्ण पहलुओं को जानना होता है। यह विभिन्न सामाजिक और पेशेवर संघर्षों, सफलताओं, और विफलताओं का भी एक अच्छा स्रोत होता है। व्यक्ति के जीवन परिचय के माध्यम से, उनके विचार, मूल्य, और धार्मिक मूल्यों को भी समझा जा सकता है। इसके अलावा, जीवन परिचय उनके करियर या अध्ययन की दिशा को समझने में भी मदद करता है।
6. किसी व्यक्ति के जीवन परिचय में उनके प्रमुख कार्य या उनकी रचनाओं का वर्णन क्यूँ किया जाता है?
व्यक्ति के जीवन परिचय में उनके प्रमुख कार्य और रचनाओं का वर्णन किया जाता है ताकि लोग उनके व्यक्तित्व, कार्यक्षमता, और योगदान को समझ सकें। इसके माध्यम से व्यक्ति के जीवन की प्रमुख घटनाओं, संघर्षों, सफलताओं, और अनुभवों का परिचय मिलता है। उनके द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों और रचनाओं का उल्लेख उनकी साहित्यिक, सामाजिक, या राजनीतिक प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
7. परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण लेखक या कवियों के नाम बताओ?
परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण लेखक और कवियों के नाम निम्नलिखित हैं:
- प्रेमचंद– उनकी कहानियाँ, उपन्यास और निबंध भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से हैं।
- महात्मा गांधी: उनकी कविताएं, कहानियाँ और नाटक विश्वसाहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।
- विष्णु प्रभाकर– उनके द्वारा लिखित “आवारा मसीहा” एक प्रसिद्ध जीवनी है।
- सूरदास– उनके द्वारा लिखित “सूरसागर, सूरसारावली, साहित्य लहरी” आदि प्रसिद्ध हैं।
- जयशंकर प्रसाद– उनके उपन्यास “इरावती” एवं “कंकाल” प्रसिद्ध हैं।
हिन्दी के जीवन परिचय, साहित्यिक परिचय, या कवि परिचय विभिन्न हिंदी परीक्षाओं जैसे – यूपी बोर्ड, बिहार बोर्ड की दृष्टि से वहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं। कवी एवं लेखकों के जीवन परिचय एवं रचनाओं में से अक्सर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्न पूछे जाते हैं।
Jivan pariche