भारत की भाषाएं (Languages of India) : भारत में ऐसी भाषाएं लगभग 121 है, जो 10,000 या उससे अधिक लोगों द्वारा बोली जाती हैं। संख्या के मामले में भारत में कुल 600 से भी अधिक भाषाएं हैं। और सभी भारतीय भाषाओं की करीब 19,500 बोलियाँ और उपभाषाएं हैं। जिनमें से 22 भाषाओं को भारतीय संविधान में स्थान दिया गया है।
भारत की संवैधानिक भाषाएं
भारत में 22 संवैधानिक भाषाएं हैं। भारतीय केंद्र सरकार की राज्यभाषा के रूप में ‘हिन्दी‘ और ‘अंग्रेजी‘ को स्वीकार किया गया है। राज्य सरकारों की अपनी-अपनी राज्यभाषाएँ हैं।
भारतीय भाषाओं का उल्लेख भारत के संविधान के ‘भाग 17’ एवं ‘8वीं अनुसूची’ में ‘अनुच्छेद 343 से 351’ में है। 8वीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं की संख्या 22 है – कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मढिपूरी, कोंकणी, बोडो, डोंगरी, मैथिली, संथाली।
इन भाषाओं के अतिरिक्त केन्द्रीय स्तर पर भारत में दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी है, जिसे अतिरिक्त भाषा के रूप में सम्मिलित किया गया है। हिन्दी और अंग्रेजी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। भारत में इन दो भाषाओं को बोलने बालों की संख्या लगभग 32 करोड़ है, जो कि भारत की आबादी का 27% है। हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत के संविधान में किसी भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- संविधान के शुरुआत या निर्माण के समय में भारतीय संविधान में 14 भाषाएं शामिल की गईं थी।
- 1967 में 1 भाषा– सिंधी को भाषाओं की सूची में जोड़ा गया।
- 75वें संवैधानिक संशोधन 1992 की तहत 3 भाषाएं – कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया।
- सन् 2004 में 4 भाषाएं– मैथिली, संथाली, डोंगरी एवं बोडो को जोड़ा गया।
- इस प्रकार, भारतीय संविधान में वर्तमान में 22 भाषाएं हैं। जो संविधान के भाग 17 एवं 8वीं अनुसूची में अनुच्छेद 343 से 351 में उल्लिखित है।
भारत के 28 राज्यों में बोली जाने वाली 22 संवैधानिक भाषाएं:
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की संख्या 22 है: कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलुगू, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मणिपुरी, कोंकणी, बोडो, डोगरी, मैथिली, संथाली।
संवैधानिक भाषा का अर्थ:
संवैधानिक भाषा (Constitutional Language) उन भाषाओं को कहते हैं जो संविधान में पायी जाती हैं। जैसे- भारत के संविधान में 22 भाषाएं हैं, ये सभी संवैधानिक भाषाएं हैं।
आधिकारिक भाषा (Official Languages) उन भाषाओं को कहते हैं जो राजकाज के कार्यों में प्रयुक्त होती हैं। इसे राजभाषा और दरबारी भाषा भी कहते हैं। जैसे: अंग्रेजी और हिन्दी- भारत की केन्द्रीय आधिकारिक भाषाएं।
संवैधानिक भाषा एवं आधिकारिक भाषा में अंतर:
संवैधानिक भाषा एवं आधिकारिक भाषा में मूलभूत अंतर यह है कि- प्रत्येक संवैधानिक भाषा आधिकारिक भाषा हो सकती है, परंतु प्रत्येक आधिकारिक भाषा संवैधानिक भाषा नहीं। जैसे – अंग्रेजी, एक संवैधानिक भाषा नहीं हैं परंतु यह राजकाज की भाषा है।
भारत की सभी संवैधानिक भाषाएं (Constitutional Languages) और उनका विवरण निम्नलिखित है:
1. कश्मीरी (Kashmiri)
कश्मीरी भाषा एक भारतीय-आर्य भाषा है जो मुख्यतः कश्मीर घाटी तथा चेनाब घाटी में बोली जाती है। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार भारत में इसके बोलने वालों की संख्या लगभग 56 लाख है। पाक-अधिकृत कश्मीर में 1998 की जनगणना के अनुसार लगभग 1 लाख कश्मीरी भाषा बोलने वाले हैं।
2. सिन्धी (Sindhi)
सिंधी भारत के पश्चिमी हिस्से और मुख्य रूप से सिन्ध प्रान्त में बोली जाने वाली एक प्रमुख भाषा है। यह सिन्धी हिन्दू समुदाय(समाज) की मातृ-भाषा है। गुजरात के कच्छ जिले में सिन्धी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को ‘कच्छी भाषा’ कहते हैं। इसका सम्बन्ध भाषाई परिवार के स्तर पर आर्य भाषा परिवार से है।
3. पंजाबी (Punjabi)
पंजाबी एक हिंद-आर्यन भाषा है और ऐतिहासिक पंजाब क्षेत्र भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजित है, के निवासियों तथा प्रवासियों द्वारा बोली जाती है। इसके बोलने वालों में सिख, मुसलमान और हिंदू सभी शामिल हैं।
4. हिन्दी (Hindi)
हिन्दी भाषा विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। भारत की जनगणना २०११ में 57.1% भारतीय जनसंख्या हिन्दी जानती है, जिसमें से 43.63% भारतीय लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा या मातृभाषा घोषित किया था।
5. बंगाली (Bengali)
बाङ्ला भाषा अथवा बांग्ला भाषा या बंगाली भाषा, बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है।
6. आसामी (Assamese)
असम की भाषा को असमी या असमिया कहा जाता है। असमीया भारत के असम प्रांत की आधिकारिक भाषा तथा असम में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसको बोलने वालों की संख्या डेढ़ करोड़ से अधिक है। भाषाई परिवार की दृष्टि से इसका संबंध आर्य भाषा परिवार से है और बांग्ला, मैथिली, उड़िया और नेपाली से इसका निकट का संबंध है।
7. उडिया (Oriya)
ओड़िआ भारत के ओड़िशा प्रान्त में बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा यहाँ के राज्य सरकार की राजभाषा भी है। भाषाई परिवार के तौर पर ओड़िआ एक आर्य भाषा है और नेपाली, बांग्ला, असमिया और मैथिली से इसका निकट संबंध है।
8. गुजराती (Gujarati)
गुजराती भारत की एक भाषा है जो गुजरात राज्य, दीव और मुंबई में बोली जाती है। गुजराती साहित्य भारतीय भाषाओं के सबसे अधिक समृद्ध साहित्य में से है। भारत की दूसरी भाषाओं की तरह गुजराती भाषा का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ हैं।
9. मराठी (Marathi)
मराठी भारत के महाराष्ट्र प्रांत की इकलौती अधिकारिक राजभाषा है। महाराष्ट्र के बहुसंख्य लोग मराठी बोलते है। भाषाई परिवार के स्तर पर यह एक आर्य भाषा है। मराठी भारत की प्रमुख भाषाओं में से एक है। यह महाराष्ट्र और गोवा की राजभाषा है तथा पश्चिम भारत की सह-राज्यभाषा हैं।
10. कन्नड़ (Kannada)
कन्नड या कन्नडा भारत के कर्नाटक राज्य में बोली जानेवाली भाषा तथा कर्नाटका की राजभाषा है। यह द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है पर इसमें संस्कृत के भी बहुत से शब्द हैं। कन्नडा भाषी लोग इसको ‘सिरिगन्नड’ कहते हैं।
कन्नड भाषा का अस्तित्व करीब 2500 वर्ष ई. पूर्व से है तथा कन्नडा लिपि का प्रयोग करीब 1900 वर्ष से हो रहा है। 4.5 करोड़ लोग कन्नड भाषा प्रयोग करते हैं। एन्कार्टा के अनुसार, विश्व की सर्वाधिक बोली जाने वाली 30 भाषाओं की सूची में कन्नड 27वें स्थान पर आती है।
11. तेलगु (Telugu)
तेलुगु भाषा भारत के आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्यों की मुख्यभाषा और राजभाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार के अन्तर्गत आती है। विश्वभर में सबसे ज़्यादा वक्ताओं वाली द्रविड़ भाषा का दर्जा तेलुगु को मिलता है और यह भारत की उन चुनिंदा भाषाओं में शामिल है जिन्हें एक से ज़्यादा राज्यों में राजभाषा का दर्जा प्राप्त है।
12. तमिल (Tamil)
तमिल एक भाषा है जो मुख्यतः तमिऴ नाडु तथा श्रीलंका में बोली जाती है। तमिऴ नाडु तथा पुदुचेरी में यह राजभाषा है। यह श्रीलंका तथा सिंगापुर की कई राजभाषाओं में से एक है। तमिऴ द्राविड़ भाषा परिवार की प्राचीनतम भाषा मानी जाती है। इसकी उत्पत्ति के सम्बंध में अभी तक यह निर्णय नहीं हो सका है कि किस समय इस भाषा का प्रारम्भ हुआ।
13. मलयालम (Malayalam)
मलयालम या मलयाळम भारत के केरल प्रान्त में बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। ये द्रविड़ भाषा-परिवार में आती है। केरल के अलावा ये तमिलनाडु के कन्याकुमारी तथा उत्तर में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिला, लक्षद्वीप तथा अन्य कई देशों में बसे मलयालियों द्वारा बोली जाती है।
14. उर्दू (Urdu)
भाषा विज्ञान के आधार पर हिंदी और उर्दू एक ही भाषा है। नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिंदी भाषा को उर्दू कहा जाता है। उर्दू का स्वतन्त्र व्याकरण नहीं है। उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है। ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है।
15. संस्कृत (Sanskrit)
संस्कृत भाषा भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा है जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार की एक शाखा है। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, बांग्ला, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों (अंग्रेज) की रोमानी भाषा भी शामिल है।
16. नेपाली (Nepali)
नेपाली, नेपाल की राष्ट्रभाषा है। इसे ‘खस कुरा’, ‘खस भाषा’ या ‘गोर्खा खस भाषा’ भी कहते हैं तथा कुछ सन्दर्भों में ‘गोर्खाली’ एवं ‘पर्बतिया’ भी। यह नेपाल के अतिरिक्त भारत के सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों- आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय तथा उत्तराखण्ड के अनेक भारतीय लोगों की मातृभाषा है। भूटान, तिब्बत और म्यानमार के भी अनेक लोग यह भाषा बोलते हैं।
17. मणिपुरी (Manipuri)
मणिपुरी या मैतै भाषा भारत के मणिपुर प्रान्त एवं निचले असम के लोगों द्वारा बोली जाने वाली प्रमुख भाषा है। इसकी कई उपभाषाएँ भी हैं। मणिपुरी भाषा, मैतै लोगों की मातृभाषा है। मणिपुरी भाषा, मैतै मायेक लिपि में तथा पूर्वी नागरी लिपि में लिखी जाती है।
18. कोंकणी (Konkani)
कोंकणी गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के कुछ क्षेत्रों में बोली जाती है। भाषायी तौर पर यह ‘आर्य’ भाषा परिवार से संबंधित है और मराठी से इसका काफी निकट का संबंध है।
19. बोडो (Bodo)
बोड़ो या बड़ो एक तिब्बती-बर्मी भाषा है जिसे भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल और बांग्लादेश मे रहने वाले बोडो लोग बोलते हैं। बोडो भाषा भारतीय राज्य असम की आधिकारिक भाषाओं में से एक है।
20. डोंगरी (Dogri)
डोगरी भारत के जम्मू ,हिमाचल के कांगड़ा और उत्तरी पंजाब के कुछ प्रान्त में बोली जाने वाली एक भाषा है। पश्चिमी पहाड़ी बोलियों के परिवार में, मध्यवर्ती पहाड़ी पट्टी की जनभाषाओं में, डोगरी, चंबयाली, मडवाली, मंडयाली, बिलासपुरी, बागडी आदि उल्लेखनीय हैं।
21. मैथिली (Maithili )
मैथिली भारत के बिहार और झारखंड राज्यों और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की सदस्य तथा मागधी परिवार की भाषा है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द “तत्सम” वा “तद्भव” रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगती है। मैथिली भारत में मुख्य रूप से दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, समस्तीपुर, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शिवहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, सुपौल, वैशाली, सहरसा, रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर जिलों में बोली जाती है। यह नेपाल के आठ जिलों धनुषा,सिरहा,सुनसरी, सरलाही, सप्तरी, मोहतरी,मोरंग और रौतहट में भी यह बोली जाती है।
22. संताली (Santhali)
संताली मुंडा परिवार की प्रमुख भाषा है। यह असम, झारखंड, ओड़िशा, छत्तीसगढ, बिहार, त्रिपुरा तथा बंगाल में बोली जाती है। संताली, हो और मुंडारी भाषाएँ ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा-परिवार में मुंडा शाखा में आती हैं। भारत, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान में लगभग 76 लाख लोग यह भाषा बोलते हैं। उसकी अपनी पुरानी लिपि का नाम ‘ओल चिकी‘ है।
भारत में बोली जाने वाली भाषाओं के परिवार
भारत में बोली जाने वाली सभी प्रमुख भाषाओं के भाषा परिवार एवं उनके अंतर्गत आने वाली प्रमुख भाषाएं निम्नलिखित हैं-
हिन्द-आर्य भाषाएँ
- पालि
- प्राकृत
- मारवाड़ी (मेवाड़ी)
- अपभ्रंश
- हिंदी
- उर्दू
- पंजाबी
- राजस्थानी
- सिंधी
- कश्मीरी
- मैथिली
- भोजपुरी
- नेपाली
- मराठी
- डोगरी
- कुरमाली
- नागपुरी
- कोंकणी
- गुजराती
- बंगाली
- ओड़िआ
- असमिया
द्रविड़ भाषाएँ
- तमिल
- तेलुगु
- मलयालम
- कन्नड़
- तुलू
- गोंडी
- कुड़ुख
ऑस्ट्रो-एशियाई भाषाएँ
- संथाली
- हो
- मुंडारी
- खासी
- भूमिज
तिब्बती-बर्मी भाषाएँ
- नेपाली
- मणिपुरी
- खासी
- मिज़ो
- आओ
- म्हार
- नागा
भारत की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं की सूची:
भाषा (Language) | कुल वक्ता | जनसंख्या का प्रतिशत |
---|---|---|
हिंदी | 69.2 करोड़ | 57.10 |
अंग्रेज़ी | 12.9 करोड़ | 10.60 |
बंगाली | 10.7 करोड़ | 8.90 |
मराठी | 9.9 करोड़ | 8.20 |
तेलुगू | 9.5 करोड़ | 7.80 |
तमिल | 7.7 करोड़ | 6.30 |
गुजराती | 6.0 करोड़ | 5.00 |
उर्दू | 6.3 करोड़ | 5.20 |
कन्नड़ | 5.9 करोड़ | 4.94 |
ओड़िया | 4.3 करोड़ | 3.56 |
मलयालम | 3.3 करोड़ | 3.28 |
पंजाबी | 3.6 करोड़ | 3.56 |
संस्कृत | 49 लाख | 0.49 |
भारत की संवैधानिक भाषाओं की सूची:
क्रम | भाषा | बोली क्षेत्र | एकल वक्ता |
---|---|---|---|
1. | असमिया | असम की राजभाषा | 1.3 करोड़ |
2. | बांग्ला | बांग्लादेश, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा | 20 करोड़ |
3. | गुजराती | गुजरात की राजभाषा | 3 करोड़ |
4. | हिन्दी | भारत, मॉरिशस | 33.7 करोड़ |
5. | कन्नड़ | कर्नाटक की राजभाषा | 4.70 करोड़ |
6. | कश्मीरी | कश्मीर की भाषा | 31 लाख |
7. | कोंकणी | गोवा, महाराष्ट्र के दक्षिणी भाग, कर्नाटक के उत्तरी भाग, केरल के उत्तरी भाग | 15 लाख |
8. | मलयालम | केरल और लक्षद्वीप की राजभाषा, कर्नाटक और तमिलनाडु पश्चिमी क्षेत्र | 3.6 करोड़ |
9. | मणिपुरी | मणिपुर, असम, मिज़ोरम, त्रिपुरा, बांग्लादेश, पश्चिमी म्यांमार | 11.8 लाख |
10. | मराठी | महाराष्ट्र की राजभाषा, गोवा, उत्तरी कर्नाटक, दमन और दीव, दादरा तथा नगर हवेली | 9 करोड़ |
11. | नेपाली | नेपाल, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर-पूर्वी राज्यों आसाम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय तथा पूर्वी उत्तराखण्ड | 1.6 करोड़ |
12. | उड़िया | उड़ीसा की राजभाषा | 3.1 करोड़ |
13. | पंजाबी | भारत में पंजाब, पाकिस्तान | 2.5 करोड़ |
14. | संस्कृत | भारतीय उपमहाद्वीप | 49 लाख |
15. | सिंधी | भारत, पाकिस्तान | 22 लाख |
16. | तमिल | तमिलनाडु की राजभाषा | 4 करोड़ |
17. | उर्दू | भारत, पाकिस्तान | 2.8 करोड़ |
18. | तेलुगु | आन्ध्र प्रदेश की भाषा | 7.5 करोड़ |
19. | बोडो | भारत के उत्तरपूर्व, नेपाल, बांग्लादेश | 33 लाख |
20. | डोगरी | जम्मू-कश्मीर | 15 लाख |
21. | मैथिली | उत्तरी बिहार, नेपाल के तराई क्षेत्र | 1.2 करोड़ |
22. | संथाली | झारखण्ड, असम, बिहार, उड़ीसा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल | 63 लाख |
भारत की अन्य प्रसिद्ध भाषाएं:
क्रम | भाषा | बोली क्षेत्र | वक्ता |
---|---|---|---|
23 | खानदेशी (अहिराणी) | महाराष्ट्र | 9.7 लाख |
24 | हो (मुंडा) | ओडिशा, झारखण्ड, बिहार, छत्तीसगढ, पश्चिम बङ्गाल, असम | 9.4 लाख |
25 | खासी | मेघालय, आसाम | 9.1 लाख |
26 | मुंडारी | पूर्व भारत, बांग्लादेश, नेपाल और मुंडा आदिवासी लोगों द्वारा | 8.6 लाख |
27 | कोकबराक भाषा | त्रिपुरा | 6.9 लाख |
28 | गारो | मेघालय, असम, बांग्लादेश | 6.7 लाख |
29 | कुई | ओडिशा | 6.4 लाख |
30 | मीज़ो | पूर्वी भारत, पश्चिमी वर्मा, पूर्वी बांग्लादेश | 5.3 लाख |
31 | हल्बी | छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ओडिशा, एशिया, आंध्र प्रदेश | 5.3 लाख |
32 | कोरकू | मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र | 4.6 लाख |
33 | मुंडा | भारत व बांग्लादेश | 4.1 लाख |
34 | मिशिंग | असम के लखीमपुर, सोनितपुर, धेमाजी, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, गोलाघाट, तिनसुकिया जिले और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्से भी | 3.9 लाख |
35 | कार्बी/मिकिर | असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश | 3.6 लाख |
36 | सावरा | ओडिशा | 2.7 लाख |
37 | कोया भाषा | आंध्र प्रदेश | 2.7 लाख |
38 | खड़िया | झारखंड, ओडिशा, असम, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा | 2.2 लाख |
39 | खोंड | उड़ीसा | 2.2 लाख |
40 | अँग्रेजी | भारत एवं विश्व | 1.7 लाख |
41 | निशी | अरुणाचल प्रदेश, असम | 1.7 लाख |
42 | आओ | नागालैंड | 1.7 लाख |
43 | सेमा | नागालैंड | 1.6 लाख |
44 | किसान | नेपाल, भारत | 1.6 लाख |
45 | आदी | अरुणाचल प्रदेश, एशिया, असम | 1.5 लाख |
46 | राभा | असम, पश्चिम बंगाल | 1.3 लाख |
47 | कोनयाक | नागालैंड | 1.3 लाख |
48 | माल्तो भाषा | झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, एशिया | 1.08 लाख |
49 | थाड़ो | भारत का पूर्वोत्तर भाग | 1.07 लाख |
50 | तांगखुल | मणिपुर, नागालैंड, एशिया, त्रिपुरा | 1.01 लाख |
Frequently Asked Questions (FAQ)
1. भारत की प्रथम भाषा कौन सी है?
भारत की प्रथम एवं सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि दुनिया की तमाम भाषाएँ कहीं-ना-कहीं संस्कृत से ही निकली है। संस्कृत भाषा ईसा से 5000 साल पहले से बोली जाती है। संस्कृत आज भी भारत की राजभाषा है।
2. भारत की सबसे प्राचीन भाषा कौन सी है?
भारत की सबसे प्राचीन जीवित भाषा तमिल है। तमिल भाषा का अस्तित्व करीब 5000 वर्ष ई. पूर्व से है तथा तमिल लिपि का प्रयोग करीब पिछले 2500 वर्ष से हो रहा है। वर्तमान में तमिल भाषा बोलने वालों की संख्या लगभग 7.7 करोड़ है। यह भाषा भारत, श्रीलंका, सिंगापुर तथा मलेशिया में बोली जाती है। अन्य भाषाओं की तुलना में तमिल की छोटी सी वर्णमाला होती है, इसमें 12 स्वर और 18 व्यंजन होते हैं।
3. भारत की चार भाषा कौन सी है?
भारत की भाषाओं में संस्कृत समेत मुख्यत: उत्तर भारत में बोली जानेवाली अन्य भाषायें जैसे: हिन्दी, उर्दू, मराठी, नेपाली, बांग्ला, गुजराती, कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, उड़िया, असमिया, मैथिली, भोजपुरी, मारवाड़ी, गढ़वाली, कोंकणी इत्यादि भाषायें शामिल हैं।
4. भारत के 22 भाषाएं कौन कौन सी है?
भारतीय की 22 भाषाएं है: कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मढिपूडी, कोंकणी, बोडो, डोंगरी, मैथिली, संताली।
5. भारत में कितनी भाषाएं हैं?
भारतीय में आधिकारिक भाषाओं की संख्या 22 है: कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मढिपूडी, कोंकणी, बोडो, डोंगरी, मैथिली, संताली।
6. संविधान में 22 भाषा कौन कौन सी है?
भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भाषाओं की संख्या 22 है: कश्मीरी, सिन्धी, पंजाबी, हिन्दी, बंगाली, आसामी, उडिया, गुजराती, मराठी, कन्नड़, तेलगु, तमिल, मलयालम, उर्दू, संस्कृत, नेपाली, मढिपूडी, कोंकणी, बोडो, डोंगरी, मैथिली, संताली।
7. भारत के संविधान में कितनी भाषाएं हैं?
भारतीय संविधान में वर्तमान में 22 भाषाएं हैं। जो संविधान के भाग 17 एवं 8वीं अनुसूची में अनुच्छेद 343 से 351 में उल्लिखित है।
8. हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति क्या है?
हिंदी भाषा की संवैधानिक स्थिति- संघ की राजभाषा संविधान के भाग-17 के अनुचछेद 343 से 351 तक में राजभाषा संबंधी प्रावधान किये गए हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 के अंतर्गत संघ की राजभाषा के संबंध में प्रावधान किया गया है। अनुच्छेद 343 के खंड (1) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है।
9. भाषा का संवैधानिक प्रावधान क्या है?
संवैधानिक प्रावधान संघ की राजभाषा हिंदी और लिपि देवनागरी है । संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है, संविधान का अनुचछेद 343 से 351 तक। परन्तु हिंदी के अतिरिक्त अंग्रेजी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है।