भाषा सम्मान पुरस्कार (साहित्य अकादमी भाषा सम्मान)
साहित्य अकादमी अपने द्वारा मान्य 24 भाषाओं में उत्कृष्ट पुस्तकों तथा उत्कृष्ट अनुवादों के लिए वार्षिक पुरस्कार प्रदान करती है। फिर भी, अकादमी यह महसूस करती है कि भारत जैसे बहुभाषाई देश में जहाँ कई सौ भाषाएँ और उपभाषाएँ हैं, उसको अपनी गतिविधियों की परिसीमा मान्यता प्राप्त भाषाओं से परे ब़ढानी चाहिए और ग़ैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं में भी सृजनात्मक साहित्य के साथ-साथ शैक्षिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना चाहिए।
अकादमी ने इसलिए सन् 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की, ताकि लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, प्रस्तोताओं या उन अनुवादकों को, जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या उसके संवर्धान के लिए यथेष्ट योगदान दिया हो, इस सम्मान से विभूषित किया जा सके।
सम्मान स्वरूप एक फलक के साथ सृजनात्मक साहित्य के लिए दी जानेवाली पुरस्कार राशि 100000/-रु. प्रदान की जाती है (वर्ष 1996 पुरस्कार राशि 25000/- रु. थी जो वर्ष 2001 में बढ़ाकर 40,000/-रु. कर दी गई थी, वर्ष 2003 में 40,000/-रु. की राशि को बढ़ाकर 50,000/-रु. तथा वर्ष 2009 में राशि को बढ़ाकर 100000/- रु. कर दिया गया है), जोकि इस उद्देश्य की सिद्धि में प्रथम चरण है। इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति की अनुंशसाओं के आधार पर प्रत्येक वर्ष यह सम्मान 3-4 व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं के लिए दिया जाता है। परंतु इसकी कोई निश्चित संख्या नहीं है, प्रति वर्ष इससे कम या ज्यादा भी वितरित किए जाते हैं।
भाषा सम्मान कब दिया जाता है?
भाषा सम्मान पुरस्कार दिल्ली में 14 सितंबर को हिंदी दिवस के आयोजन में वितरित किया जाता है। हिंदी दिवस का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इसे हिंदी पखवाड़ा कहा जाता है। इस दौरान विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे कॉलेज और स्कूलों में इस खास दिन पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। इन प्रतियोगिताओं में काव्य गोष्ठी, भाषण प्रतियोगिता और वाद-विवाद जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
सर्वप्रथम भाषा सम्मान पुरस्कार वर्ष 1996 में प्रदान किया गया, जिनमें श्री धरीक्षण मिश्र (भोजपुरी), श्री बंशी राम शर्मा और श्री एम. आर. ठाकुर (हिमाचली), श्री के. जतप्पा राय और श्री मंदार केशव भट्ट (तुलु) के लिए तथा श्री चंद्रकांत मुरा सिंह (काकबरोक) को अपनी-अपनी भाषाओं के विकास में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
वर्ष 1999 में अकादमी ने महसूस किया कि यह तो ठीक है कि उन भाषाओं के लेखकों और विद्वानों को प्रोत्साहित किया जाए जिन्हें अकादमी से मान्यता प्राप्त नहीं है, साथ ही उन विद्वानों को भी सम्मानित किया जाना चाहिए, जिन्होंने कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया हो। चूँकि उन लेखकों/विद्वानों ने राष्ट्र की धरोहर को जीवंत रखने तथा आने वाली पीढि़यों को इससे परिचित कराने का प्रयास किया है इसलिए वह इस सम्मान के हक़दार हैं। अत: यह निर्णय लिया गया कि चार वार्षिक भाषा सम्मानों में से दो ग़ैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं तथा दो सम्मान उन विद्वानों को दिए जाएँगे, जिन्होंने कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में योगदान दिया हो।
वर्ष 2023 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2023 में पाँच विद्वानों को भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जिसका विवरण निम्न है-
भाषा सम्मान 2022 के विजेता
- डॉ. उदय नाथ झा:
वर्ष 2022 के लिए पूर्वी क्षेत्र से कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में बहुमूल्य योगदान हेतु “डॉ. उदय नाथ झा” को साहित्य अकादमी भाषा सम्मान दिया गया। वे केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, पुरी, ओडिशा के साहित्य विभाग के एवं प्रोफेसर हैं। उन्हें हिंदी, मैथिली, संस्कृत, अंग्रेज़ी, बाङ्ला, असमिया, ओडिआ, भोजपुरी और गुजराती भाषा के ज्ञाता हैं। उन्होंने 26 पुस्तकें मैथिली, हिंदी और संस्कृत मे लिखी हैं। और 27 पुस्तकों का संपादन और अनुवाद किया है। उनके 471 लेख, कहानियाँ, शोध-पत्र और निबंध आदि विभिन्न प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
- अघोषित पुरस्कार – पश्चिमी क्षेत्र से कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में
वर्ष 2021 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2021 में दो विद्वानों को भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जिसका विवरण निम्न है-
वर्ष 2020 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2020 में दो भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. सत्येंद्र नारायण गोस्वामी, डॉ. मोहम्मद आज़म आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2019 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2019 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. दयानंद भार्गव, प्रो. ए. दक्षिणामूर्ति, डॉ. अशोक द्विवेदी, श्री अनिल ओझा ‘नीरद’, श्री होरसिंङ् खोलर आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2018 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2018 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री गगनेंद्र नाथ दाश, डॉ. शैलजा शंकर बापट, श्री हरिकृष्ण द्विवेदी, डॉ.(श्रीमती) शमीम शर्मा आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2017 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2017 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’, श्री जी. वेंकटसूब्बीह, डॉ. हलधर नाग, डॉ. प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी, श्री एच. नेंगसांग आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2016 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2016 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. मधुकर अनंत महेंदले, अघोषित, डॉ. शेष आनंद मधुकर, प्रो. अमृता सोमेश्वर आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2015 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2015 में छः भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. आनंद प्रकाश दीक्षित, श्री नागल्ला गुरुप्रसाद राव, श्री हरिहर वैष्णव, डॉ. निर्मल मिंज, प्रो. लोबजांग जम्सपाल, श्री गिलोंग थुपस्तान पलदान, प्रो. टी. आर. दामोदरन, श्रीमती टी. एस. सरोजा सुंदराराजन आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2014 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2014 में पाँच भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री आचार्य मुनिश्वर झा, प्रो. श्रीकांत बाहुलकर, श्री चारु चंद्र पांडे, श्री मथुरादत्त मठपाल, श्री तगांग टाकी, श्री अरक मेगु, श्री वसंतर निरगुने आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2013 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2013 में छः भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. जसपाल सिंह, (स्व.) डॉ. के. मीनाक्षी सुंदरम, श्री हरिराम द्विवेदी, श्री महादेव सावजी आंधेर (गुरुजी), प्रो. मोतीराज भाज्नु राठौड़, डॉ. रामचंद्र रमेश आर्य, श्री बी. ललथंगलियाना आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2012 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2012 में दो भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. सत्यबती गिरि, प्रो. सुमेरचंद केसरीचंद जैन आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2011 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2011 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी, डॉ. पुतुस्सेरी रामचंद्रन, प्रो. सोंदर सिंह मजाव आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2010 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2010 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री नारायण चंद्र गोस्वामी, श्री हासु याज्ञिक, प्रो. टाबुराम टेड, श्री आद्दंड सी. करियप्प, श्रीमती मंदिरा जया अप्पण्ण आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2009 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2009 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. गुरदेव सिंह, प्रो. के. श्रीराम मूर्ति, श्री निरंजन चकमा, डॉ. गिरिजाशंकर राय आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2008 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2008 में छः भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो (स्व.) सुरेन्द्रनाथ सतपथी, श्री विश्वनाथ आनंदराव खैरे, श्री विश्वनाथ पाठक, डॉ. रामनारायण शर्मा, डॉ. कैलाश बिहारी द्विवेदी, श्री सुदामा प्रसाद ‘प्रेमी’, श्री प्रेमलाल भट्ट, श्री माधव जोशी ‘अश्क’, श्री तेजपाल दर्शी शाह ‘तेज’ आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2007 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2007 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. एस. शेट्टर, डॉ. शशिनाथ झा, डॉ. प्रत्यूष गुलेरी, डॉ. गौतमचंद शर्मा ‘व्यथित’ आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2006 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2006 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. हम्प. नागराजय्य, प्रो. वेटूरि आनंदमूर्ति, श्री किलेनसोवा तलिम्सु आओ, श्री ताडा. सुब्रह्मण्यम, श्री के. आर. सेतुरामन आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2005 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2005 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. एल. बसवराजु, डॉ. नारायण हेमनदास समताणी, डॉ. डी. कोले, श्री बिदरसिं क्रौ आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2004 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2004 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. एच. एच. महामेधानंदनाथ सरस्वती (पं. दुःखीश्याम पट्टनायक), श्री कमलेश दत्त त्रिपाठी, प्रो. हीरालाल शुक्ल, श्री विनोद कुमार नाइक आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2003 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2003 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री केशवानंद देव गोस्वामी, श्री मोहम्मद वारिस किरमानी, श्री मंगत रवीन्द्र, श्री बिहारी लकड़ा आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2002 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2002 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री माणिक धनपलवार, श्री मधु राम बर, डॉ. राम प्रसाद सिंह आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2001 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2001 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री तुम्मापुडी कोटेश्वर राव, श्री टी.वी. वेंकटाचल शास्त्री, श्री मोती बी.ए., श्री मोहम्मद इस्राइल असर आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 2000 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 2000 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. जयकांत मिश्र, श्री चिमनलाल शिवशंकर त्रिवेदी, श्री कृष्ण पाटिल, श्री पासङ् छिरिङ् लेपचा आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 1999 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 1999 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो प्रो. श्याम मनोहर पांडेय, डॉ. एस. वी. सुब्रह्मण्यन्, श्री लेवेलीन आर. मराक, डॉ. एम. एम. मुंडु आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 1998 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 1998 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो डॉ. भगवान दास कुबेरदास पटेल, श्री ताशी रबगियास, श्री दयानिधि मलिक आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 1997 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 1997 में तीन भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री देवी सिंह खोङडुप, श्री जेम्स दोखुमा, डॉ. डोमन साहु ‘समीर’ आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
वर्ष 1996 के भाषा सम्मान पुरस्कार विजेता
वर्ष 1996 में चार भाषा सम्मान पुरस्कार वितरित किये गए, जो श्री एम. आर. ठाकुर, श्री बंशी राम शर्मा, श्री मंदार केशव भट्ट, श्री के. जतप्पा राय, श्री धरीक्षण मिश्र, श्री चंद्रकांत मुरासिंह आदि व्यक्तियों को दिए गए, जिसका संक्षिप्त विवरण निम्न है-
भाषा सम्मान से याद संबंधित रखने योग्य महत्वपूर्ण तथ्य:
- स्थापना: साहित्य अकादमी ने सन् 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की, ताकि लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, प्रस्तोताओं या उन अनुवादकों को, जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या उसके संवर्धान के लिए यथेष्ट योगदान दिया हो, इस सम्मान से विभूषित किया जा सके।
- धनराशि: वर्तमान समय में सम्मान स्वरूप एक फलक के साथ सृजनात्मक साहित्य के लिए दी जानेवाली पुरस्कार राशि 100000/-रु. है (वर्ष 1996 पुरस्कार राशि 25000/- रु. थी जो वर्ष 2001 में बढ़ाकर 40,000/-रु. कर दी गई थी, वर्ष 2003 में 40,000/-रु. की राशि को बढ़ाकर 50,000/-रु. तथा वर्ष 2009 में राशि को बढ़ाकर 100000/- रु. कर दिया गया है।
- पुरस्कार की संख्या: भाषा सम्मान प्रत्येक वर्ष यह सम्मान 3-4 व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं के लिए दिया जाता है। प्रत्येक वर्ष दिए जाने वाले भाषा सम्मान पुरस्कारों की संख्या बदलती रहती है और इसका निर्धारण साहित्य अकादमी द्वारा किया जाता है।
- प्रथम भाषा सम्मान: प्रथम भाषा सम्मान वर्ष 1996 में प्रदान किया गया, जिनमें श्री धरीक्षण मिश्र (भोजपुरी), श्री बंशी राम शर्मा और श्री एम. आर. ठाकुर (हिमाचली), श्री के. जतप्पा राय और श्री मंदार केशव भट्ट (तुलु) के लिए तथा श्री चंद्रकांत मुरा सिंह (काकबरोक) को अपनी-अपनी भाषाओं के विकास में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
वर्ष 1999 से अकादमी ने यह निर्णय लिया गया कि चार वार्षिक भाषा सम्मानों में से दो (2) ग़ैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं तथा दो (2) सम्मान उन विद्वानों को दिए जाएँगे, जिन्होंने कालजयी और मध्यकालीन साहित्य में योगदान दिया हो।
FAQs
भाषा सम्मान पुरस्कार कौन सा राज्य देता है?
भाषा सम्मान पुरस्कार “साहित्य अकादमी” द्वारा दिया जाता है। जिसका मुख्यालय दिल्ली का रवीन्द्र भवन जिसमें संगीत नाटक अकादमी, ललित कला अकादमी एवं साहित्य अकादमी स्थित हैं। साहित्य अकादमी एक स्वायत्त संगठन है जो संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्य करता है।
भाषा सम्मान में कितनी राशि दी जाती है?
भाषा सम्मान पुरस्कार में सम्मान स्वरूप एक फलक के साथ सृजनात्मक साहित्य के लिए दी जानेवाली पुरस्कार राशि 100000/-रु. है।
24 भाषाओं में कौन सा पुरस्कार दिया जाता है?
24 भाषाओं में “साहित्य अकादमी” द्वारा दिया जाता है। यह “साहित्य अकादमी पुरस्कार” , “अनुवाद पुरस्कार”, “बाल साहित्य पुरस्कार” और “युवा पुरस्कार” 24 भाषाओं में वितरित करती है।
भाषा सम्मान पुरस्कार किसे दिया जाता है?
साहित्य अकादमी ने सन् 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की, ताकि लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, प्रस्तोताओं या उन अनुवादकों को, जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या उसके संवर्धान के लिए यथेष्ट योगदान दिया हो, इस सम्मान से विभूषित किया जा सके।
भाषा सम्मान पुरस्कार की क्या प्रक्रिया है?
प्रत्येक वर्ष दो श्रेणियों में 6 भाषा सम्मान प्रदान किए जाएँगे। दो भाषा सम्मान उन लेखकों/विद्वानों को दिए जाएँगे जिन्होंने कालजयी और मध्यकालीन साहित्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया हो तथा चार सम्मान बारी-बारी से उन विद्वानों / लेखकों को दिए जाएँगे जिन्होंने किन्हीं उन चार भाषाओं में उत्कृष्ट योगदान दिया हो जिन्हें साहित्य अकादेमी ने मान्यता प्रदान नहीं की है।
- कालजयी और मध्यकालीन क्षेत्र में दिए जाने वाले भाषा सम्मान हेतु परामर्श मंडल के सदस्यों से भाषा सम्मान के विचारार्थ लेखकों / विद्वानों के नाम सुझाने का अनुरोध किया जाता है।
- अध्यक्ष, भाषा विकास मंडल द्वारा सुझाए गए पैनल के तीन सदस्यों की एक जूरी का गठन करेंगे। जूरी अनुशंसाओं पर विचार करेगी तथा भाषा सम्मान के लिए दो लेखकों / विद्वानों का चयन करेगी।
- जूरी की अनुशंसाओं को कार्यकारी मंडल के समक्ष औपचारिक अनुमोदन एवं घोषणा हेतु रखा जाएगा।
- भाषा सम्मान की घोषणा के साथ ही जूरी सदस्यों के नाम सार्वजनिक किए जाएँगे ।
अकादेमी के परामर्श मंडल के सदस्य तथा जिन लेखकों ने अकादेमी के अनुवाद पुरस्कार के अतिरिक्त यदि साहित्य अकादेमी का कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किया होगा तो वे इस सम्मान के लिए विचारणीय पात्र नहीं होंगे।