Muhavare (Idioms) (मुहावरे)
मुहावरा: सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अथवा विलक्षण अर्थ का बोध कराने वाले पदबन्ध को ‘मुहावरा‘ कहते हैं। इन्हे ‘वाग्धारा‘ भी कहा जाता हैं।
मुहावरा अरबी भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘अभ्यास होना‘ या ‘आदी होना‘। इस प्रकार मुहावरा शब्द अपने-आप में स्वयं मुहावरा है, क्योंकि यह अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर असामान्य अर्थ प्रकट करता है।
अन्य शब्दों में मुहावरे का अर्थ
मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश है, जो वाक्य रचना में अपना विशेष अर्थ प्रकट करता है। वाक्य रचना में भावगत सौन्दर्य की दृष्टि से मुहावरों का विशेष महत्त्व है। कुछ लोग मुहावरे को ‘रोज़मर्रा’, ‘बोलचाल’, ‘तर्ज़ेकलाम’, या ‘इस्तलाह’ कहते हैं, किन्तु इनमें से कोई भी शब्द ‘मुहावरे’ का पूर्ण पर्यायवाची नहीं बन सका।
संस्कृत में मुहावरा का समानार्थक कोई शब्द नहीं पाया जाता। हिन्दी में यह शब्द रूढ़ हो गया है, जिसका अर्थ है- “लक्षणा या व्यंजना द्वारा सिद्ध वाक्य, जो किसी एक ही बोली या लिखी जानेवाली भाषा में प्रचलित हो और जिसका अर्थ प्रत्यक्ष अर्थ से विलक्षण हो।”
लाभ
मुहावरे के प्रयोग से भाषा सरस, रोचक एवं प्रभावपूर्ण बन जाती है। इनके मूल रूप में कभी परिवर्तन नहीं होता अर्थात् इनमें से किसी भी शब्द का पर्यायवाची शब्द प्रयुक्त नहीं किया जा सकता। हाँ, क्रिया पद में काल, पुरुष, वचन आदि के अनुसार परिवर्तन अवश्य होता है।
मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर
मुहावरा मूलतः एक वाक्यांश है। उसमें स्वतंत्र वाक्य बनने की क्षमता नहीं होती। वह प्रयुक्त वाक्य का ही अंग बन जाता है। लोकोक्ति का प्रयोग अधिकतर स्वतंत्र वाक्य के रूप में ही होता है। मुहावरे में काल, वचन और पुरुष के अनुरूप परिवर्तन हो जाता है। लोकोक्ति का स्वरूप अपरिवर्तित रहता है। (मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर)
प्रमुख मुहावरे व उनका अर्थ:
मुहावरा | मुहावरे का अर्थ |
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अंग-अंग खिल उठना | प्रसन्न हो जाना। |
अंग छूना | कसम खाना। |
अंग-अंग टूटना | सारे बदन में दर्द होना। |
अंग-अंग मुसकाना | बहुत प्रसन्न होना। |
अंग-अंग फूले न समाना | बहुत आनंदित होना। |
अंगड़ाना | अंगड़ाई लेना, जबरन पहन लेना। |
अंकुश रखना | नियंत्रण रखना। |
अंगारा होना | क्रोध में लाल हो जाना। |
अंगारा उगलना | जली-कटी सुनाना। |
अंजर-पंजर ढीला होना | अंग-अंग ढीला होना। |
अंडा फूट जाना | भेद खुल जाना। |
अंधा बनाना | ठगना। |
अँधे की लकड़ी/लाठी | एकमात्र सहारा। |
अंधे को चिराग दिखाना | मूर्ख को उपदेश देना। |
अंधाधुंध | बिना सोचे-विचारे। |
अंधानुकरण करना | बिना विचारे अनुकरण करना। |
अंधेर खाता | अव्यवस्था। |
अंधे के हाथ बटेर लगना | बिना प्रयास भारी चीज पा लेना। |
अंधोँ में काना राजा | अयोग्य व्यक्तियोँ के बीच कम योग्य भी बहुत योग्य होता है। |
अँधेरे में रखना | भेद छिपाना। |
अँधेरे मुँह | पौ फटते। |
अंधेरे-उजाले | समय-कुसमय। |
अकड़ना | घमण्ड करना। |
अक्ल चकराना | कुछ समझ में न आना। |
अक्ल का अंधा होना | बेअक्ल होना। |
अक्ल आना | समझ आना। |
अक्ल का कसूर | बुद्धि दोष। |
अक्ल काम न करना | कुछ समझ न आना। |
अक्ल के तोते उड़ना | होश ठिकाने न रहना। |
अक्ल के बखिए उधेड़ना | बुद्धि नष्ट कर देना। |
अक्ल जाती रहना | घबरा जाना। |
अक्ल ठिकाने होना | होश में आना। |
अक्ल ठिकाने ला देना | समझा देना। |
अक्ल से दूर/बाहर होना | समझ में न आना। |
अक्ल का पूरा | मूर्ख। |
अक्ल का पुतला | बुद्धिमान। |
अक्ल के पीछे लठ लिए फिरना | मूर्खता का काम करना। |
अपनी खिचड़ी खुद पकाना | मिलजुल कर न रहना। |
अपना सा मुँह लेकर रहना | लज्जित होना। |
अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना | अपनी बड़ाई आप करना। |
अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना | जानबूझकर अपना नुकसान करना। |
अपना राग अलापना | अपनी ही बातोँ पर बल देना। |
अगर-मगर करना | बहाना करना। |
अटकलेँ भिड़ाना | उपाय सोचना। |
अपने पैरोँ पर खड़ा होना | स्वावलंबी होना। |
अक्षर से भेँट न होना | अनपढ़ होना। |
अटखेलियाँ करना | किलोल करना। |
अडंगा करना | होते कार्य में बाधा डालना। |
अड़ पकड़ना | जिद करना/पनाह में आना। |
अता होना | मिलना। |
अथाह में पड़ना | मुश्किल में पड़ना। |
अदब करना | सम्मान करना। |
अधर में झूलना | दुविधा में रहना। |
अधूरा जाना | असमय गर्भपात होना। |
अनसूनी करना | जानबूझकर उपेक्षा करना। |
अनी की चोट | सामने की चोट। |
अपनी-अपनी पड़ना | सबको अपनी चिँता होना। |
अपनी नीँद सोना | इच्छानुसार कार्य करना। |
अपना हाथ जगन्नाथ | स्वाधिकार होना। |
अवसर चूकना | सुयोग का लाभ न उठाना। |
अवसर ताकना | मौका ढूँढना। |
आँख का तारा | बहुत प्यारा होना/अति प्रिय। |
आँख उठाना | क्रोध से देखना/देखने का साहस करना। |
आँख बन्द कर काम करना | ध्यान न देना। |
आँख तरसना | देखने के लालायित होना। |
आँख फेर लेना | प्रतिकूल होना। |
आँखें सेंकना | सुंदर वस्तु को देखते रहना। |
आँख खुलना | होश आना। |
आँखों में समाना | दिल में बस जाना। |
आँखे चुराना | अनदेखा करना। |
आँखेँ चार होना | आमने-सामने होना/प्रेम होना। |
आँखेँ पथरा जाना | देखते-देखते थक जाना। |
आँखे बिछाना | प्रेम से स्वागत करना। |
आँखोँ का काँटा होना | बुरा लगना/अप्रिय व्यक्ति। |
आँखोँ पर बिठाना | आदर करना। |
आँखोँ में रात कटना | रात-भर जागते रहना। |
आँच न आने देना | थोड़ी भी हानि न होने देना। |
आँसू पीकर रह जाना | भीतर ही भीतर दुःखी होना। |
आकाश के तारे तोड़ना | असम्भव कार्य करना। |
आग में घी डालना | क्रोध और अधिक बढ़ाना। |
आग से खेलना | जानबूझकर मुसीबत में फँसना। |
आटे-दाल का भाव मालूम होना | कठिनाई में पड़ जाना। |
आसमान से बातेँ करना | ऊँची कल्पना करना। |
आड़े हाथ लेना | खरी-खरी सुनाना। |
आँचल पसारना | भीख माँगना। |
आँधी के आम होना | बहुत सस्ती वस्तु मिलना। |
आँसू पोँछना | धीरज देना। |
आग-पानी का बैर | स्वाभाविक शत्रुता। |
आसमान पर चढ़ना | बहुत अधिक अभिमान करना। |
आग-बबूला होना | बहुत क्रोध करना। |
आकाश का फूल | अप्राप्य वस्तु। |
आसमान पर उड़ना | अभिमानी होना। |
आकाश चूमना | बहुत ऊँचा होना। |
आटे के साथ घुन पिसना | दोषी के साथ निर्दोषी की भी हानि होना। |
आसमान के तारे तोड़ना | असंभव कार्य करना। |
आँचल देना | दूध पिलाना। |
आँचल फैलाना | अति विनम्रता पूर्वक प्रार्थना करना। |
आँधी उठना | हलचल मचना। |
आँसू गिराना | रोना। |
आँसूओँ से मुँह धोना | बहुत रोना। |
आकाश कुसुम | अनहोनी बात। |
आकाश खुलना | बादल हटना। |
आकाश-पाताल का अन्तर होना | बहुत बड़ा अन्तर। |
आग का पुतला | बहुत क्रोधी। |
आग के मोल | बहुत महँगा। |
आग लगाना | झगड़ा कराना। |
आग में कूदना | स्वयं को खतरे में डालना। |
आग पर लोटना | बेचैन होना/ईर्ष्या करना। |
आग बुझा लेना | कसर निकालना। |
आग भी न लगाना | तुच्छ समझना। |
आग में झोँकना | अनिष्ट में डाल देना। |
आग से पानी होना | क्रोधावस्था से एकदम शान्त हो जाना। |
आगे-पीछे की सोचना | भावी परिणाम पर दृष्टि रखना। |
आगे करना | हाजिर करना/अगुआ करना/आड़ लेना। |
आगे-पिछे फिरना | खुशामद करना। |
आगे होकर फिरना | आगे बढ़कर स्वागत करना। |
आज-कल करना | टालमटोल करना। |
इधर-उधर की लगाना | चुगली करना। |
उँगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना | तनिक-सा सहारा पाकर पूरे पर अधिकार जमा लेना/मन की बात ताड़ जाना। |
उल्लू बनाना | मूर्ख बनाना। |
उधेड़बुन में पड़ना | सोच-विचार करना। |
उन्नीस बीस का अंतर होना | बहुत कम अंतर होना। |
उल्टे उस्तरे से मूँडना | धृष्टतापूर्वक ठगना। |
उठा न रखना | कमी न छोड़ना। |
एक और एक ग्यारह होना | मेल में शक्ति होना। |
एड़ी-चोटी का जोर लगाना | पूरी शक्ति लगाकर कार्य करना। |
एक लाठी से हाँकना | अच्छे-बुरे का विचार किए बिना समान व्यवहार करना। |
एक हाथ से ताली न बजना | किसी एक पक्ष का दोष न होना। |
एक ही नौका में सवार होना | एक समान परिस्थिति में होना, किसी भी कार्य के लिए सभी पक्षोँ की सक्रियता अनिवार्य होती है। |
एक आँख न भाना | तनिक भी अच्छा न लगना। |
ओँठ चबाना | क्रोध प्रकट करना। |
कंठ का हार होना | अत्यंत प्रिय होना। |
कंधे से कंधा मिलाना | पूरा सहयोग करना। |
कलेजा टूक टूक होना | शोक में दुखी होना। |
कटी पतंग होना | निराश्रित होना। |
कठपुतली होना | दूसरे के इशारे पर चलना। |
कलेजा थामना | दुःख सहने के लिए कलेजा कड़ा करना। |
कमर टूटना | कमजोर पड़ जाना/हतोत्साहित होना। |
कब्र में पैर लटकना | मृत्यु के समीप होना। |
कड़वे घूँट पीना | कष्टदायक बात सहन कर जाना। |
कलेजा छलनी होना | बहुत दुःखी होना। |
कलेजा निकालकर रख देना | सब कुछ समर्पित कर देना। |
कलेजा फटना | असहनीय दुःख होना। |
कटे पर नमक छिड़कना | दुःखी को और दुःखी करना। |
काँटे बिछाना | मार्ग में बाधा उत्पन्न करना। |
काठ का उल्लू | अत्यंत मूर्ख। |
कान पर जूँ न रेँगना | असर न होना। |
कान में फूँक मारना | प्रभावित करना। |
कान लगाकर सुनना | ध्यान से सुनना। |
कानोँ में तेल/रुई डालना | ध्यान न देना। |
काया पलट होना | बिल्कुल बदल जाना। |
कागज की नाव | अस्थायी/क्षण भंगुर। |
कानोँ में उँगली देना | कोई आश्चर्यकारी बात सुनकर दंग रहना। |
काल के गाल में जाना | मृत्यु-पथ पर बढ़ना। |
कुएँ में बाँस डालना | बहुत दूर तक खोज करना। |
कुएँ में भांग पड़ना | सब की बुद्धि मारी जाना। |
कौड़ी के मोल बिकना | अत्यधिक सस्ता होना। |
खटाई में पड़ना | टल जाना/काम में रुकावट आना। |
खाक में मिलाना | नष्ट कर देना। |
ख्याली पुलाव बनाना | कपोल कल्पनाएँ करना। |
खून का प्यासा | भयंकर दुश्मनी/शत्रु। |
खून का घूँट पीना | क्रोध को अंदर ही अंदर सहना। |
खून सूखना | डर जाना। |
गंगा नहाना | बड़ा कार्य कर देना। |
गर्दन उठाना | विरोध करना। |
गले का हार | अत्यंत प्रिय। |
गर्दन पर सवार होना | पीछे पड़े रहना। |
गज भर की छाती होना | साहसी होना। |
गाजर मूली समझना | तुच्छ समझना। |
गीदड़ धमकी | दिखावटी धमकी। |
गुड़-गोबर करना | बना बनाया कार्य बिगाड़ देना। |
गुल खिलाना | कोई बखेड़ा खड़ा करना/ऐसा कार्य करना जो दूसरोँ को उचित न लगे। |
गुदड़ी में लाल होना | गरीबी में भी गुणवान होना। |
गूलर का फूल | दुर्लभ का व्यक्ति या वस्तु। |
गेहूँ के साथ घुन पिसना | दोषी के साथ निर्दोष पर भी संकट आना। |
घर फूँककर तमाशा देखना | अपनी हानि करके मौज उड़ाना। |
घड़ी में तोला घड़ी में माशा | अस्थिर चित्त वाला व्यक्ति। |
घर में गंगा बहाना | बिना कठिनाई के कोई अच्छी वस्तु पास में ही मिल जाना। |
घास खोदना | व्यर्थ समय गँवाना। |
घी के दिये जलाना | बहुत खुशियाँ मनाना। |
घुटने टेक देना | हार मान लेना। |
चलती चक्की में रोड़ा अटकाना | कार्य में बाधा डालना। |
चंडाल चौकड़ी | निकम्मे बदमाश लोग। |
चप्पा-चप्पा छान मारना | हर जगह ढूँढ लेना। |
चाँदी का जूता | घूस का धन। |
चाँदी होना | लाभ ही लाभ होना। |
चादर से बाहर पैर पसारना | आमदनी से अधिक खर्च करना। |
चादर तानकर सोना | निश्चिँत होना। |
चार चाँद लगाना | शोभा बढ़ाना। |
चिकना घड़ा | बेशर्म। |
चिकना घड़ा होना | कोई प्रभाव न पड़ना। |
चिकनी-चुपड़ी बातेँ करना | मीठी-मीठी बातेँ करके धोखा देना/चापलूसी करना। |
चुटिया हाथ में होना | वश में होना। |
चेहरे पर हवाईयाँ उड़ना | घबरा जाना। |
चोटी का पसीना एड़ी तक आना | कड़ा परिश्रम करना। |
चौदहवीँ का चाँद | बहुत सुन्दर। |
छठी का दूध याद आना | घोर संकट में पड़ना/संकट में पिछले सुख की याद आना। |
छाती पर पत्थर रखना | चुपचाप दुःख सहन करना। |
छाती पर साँप लोटना | बहुत ईर्ष्या करना। |
छोटे मुँह बड़ी बात करना | अपनी हैसियत से ज्यादा बात कहना। |
जंगल में मंगल होना | उजाड़ में चहल-पहल होना। |
जहर का घूँट पीना | असह्य बात सहन कर लेना। |
जलती आग में कूदना | विपत्ति में पड़ना। |
जबान पर चढ़ना | याद आना। |
जमीन आसमान एक करना | सब उपाय कर डालना। |
जमीन आसमान का फर्क | बहुत भारी अंतर। |
जान पर खेलना | मुसीबत में रहकर काम करना। |
जी का जंजाल | व्यर्थ का झंझट। |
जी भर जाना | हृदय द्रवित होना। |
जी पर आ बनना | मुसीबत में आ फँसना। |
जूतियाँ चटकाना/तोड़ना | मारे-मारे फिरना। |
जूतियाँ/जूते चाटना | चापलूसी करना। |
जूतियोँ में दाल बाँटना | लड़ाई झगड़ा हो जाना। |
झक मारना | व्यर्थ परिश्रम करना। |
झाडू फिराना | सब कुछ बर्बाद कर देना। |
झोली भरना | अपेक्षा से अधिक देना। |
टट्टी की ओट में शिकार खेलना | छिपकर षड्यन्त्र रचना। |
टका-सा मुँह लेकर रह जाना | लज्जित हो जाना। |
टाँय-टाँय फिस हो जाना | काम बिगड़ जाना। |
टेढ़ी उँगली से घी निकालना | शक्ति से कार्य सिद्ध करना। |
ठंडा पड़ना | क्रोध शान्त होना। |
ठिकाने आना | ठीक स्थान पर आना। |
ठोकर खाना | हानि उठाना। |
डंका बजाना | ख्याति होना/प्रभाव जमाना/घोषणा करना। |
डंके की चोट कहना | स्पष्ट कहना। |
डकार जाना | किसी की चीज को लेकर न देना/माल पचा जाना। |
डोरी ढीली छोड़ना | नियन्त्रण में ढील देना। |
डोरे डालना | प्रेम में फँसाना। |
ढपोरशंख होना | झूठा या गप्पी आदमी। |
ढोल में पोल होना | थोथा या सारहीन। |
तिल का ताड़ करना | बढ़ा चढ़ाकर बातेँ करना। |
तितर-बितर होना | बिखर कर भाग जाना। |
तीन का तेरह होना | अलग-अलग होना। |
तेली का बैल होना | हर समय काम में लगे रहना। |
तेवर चढ़ाना | गुस्सा होना। |
दबे पाँव चलना | ऐसे चलना जिससे चलने की कोई आहट न हो। |
दम तोड़ देना | मृत्यु को प्राप्त होना। |
दाँत पीसना | क्रोध करना। |
दाँत पीसकर रहना | क्रोध पीकर चुप रहना। |
दाँत काटी रोटी होना | घनिष्ठ मित्रता। |
दाँत उखाड़ना | कड़ा दण्ड देना। |
दाई से पेट छिपाना | परिचित से रहस्य को छिपाये रखना। |
दाने-दाने को तरसना | अत्यंत गरीब होना। |
दाल न गलना | वश नहीँ चलना/सफल न होना। |
दाहिना हाथ होना | अत्यन्त विश्वासपात्र बनना/बहुत बड़ा सहायक। |
दामन पकड़ना | सहारा लेना। |
दाना-पानी उठना | जगह छोड़ना। |
दिन-रात एक करना | कठिन परिश्रम करना |
दो नावों पर पैर रखना | एक साथ दो लक्ष्यों को पाने की चेष्टा करना। |
दो टूक जवाब देना | साफ-साफ उत्तर देना। |
दौड़-धूप करना | कठोर श्रम करना। |
दृष्टि फेरना | अप्रसन्न होना। |
धरती पर पाँव न पड़ना | अभिमान में रहना। |
धूल फाँकना | व्यर्थ में भटकना। |
धूप में बाल सफेद करना | अनुभवहीन होना। |
धूल में मिल जाना | नष्ट हो जाना। |
नमक मिर्च लगाना | बात बढ़ा-चढ़ाकर कहना। |
नाक काटना | अपमानित करना। |
नाक चोटी काटकर हाथ में देना | दुर्दशा करना। |
नाक पर मक्खी न बैठने देना | बहुत साफ रहना/अपने पर आँच न आने देना। |
नाक रखना | मान रखना। |
नाक में दम करना | बहुत तंग करना। |
नाकोँ चने चबाना | बहुत तंग करना। |
नौ दिन चले ढाई कोस | बहुत धीमी गति से कार्य करना। |
पगड़ी उछालना | बेइज्जत करना। |
पसीना-पसीना होना | बहुत थक जाना। |
पाँचोँ उँगलियाँ घी में होना | सब ओर से लाभ होना। |
पाँव उखड़ना | हारकर भाग जाना। |
पानी फेर देना | निराश कर देना। |
पानी भरना | तुच्छ लगना। |
पानी पी-पीकर कोसना | गालियाँ बकते जाना। |
पानी का मोल होना | बहुत सस्ता। |
पेट काटना | अपने ऊपर थोड़ा खर्च करना। |
पेट बाँधकर रहना | भूखे रहना। |
पेट में रखना | बात छिपाकर रखना। |
पैर उखड़ना | भागने पर विवश होना। |
पैर जमीन पर न टिकना | प्रसन्न होना, अभिमानी होना। |
पैरोँ तले से जमीन निकल/खिसक/सरक जाना | होश उड़ जाना। |
पैरोँ में मेंहदी लगाकर बैठना | कहीँ जा न सकना। |
पौ बारह होना | खूब लाभ होना। |
प्राण हथेली पर लिए फिरना | जीवन की परवाह न करना। |
फूँक-फूँककर कदम रखना | सावधानी बरतना। |
फूटी आँख न सुहाना | अच्छा न लगना। |
फूलकर कूप्पा होना | बहुत खुश या बहुत नाराज होना। |
बंदर घुड़की/भभकी | प्रभावहीन धमकी। |
बट्टा लगना | कलंक लगना। |
बल्लियोँ उछलना | बहुत प्रसन्न होना। |
बाँछे खिल जाना | अत्यंत प्रसन्न होना। |
बाल की खाल निकालना | नुकता-चीनी करना/बहुत तर्क-वितर्क करना। |
बासी कढ़ी में उबाल आना | समय बीत जाने पर इच्छा जागना। |
बिल्ली के गल्ले में घंटी बाँधना | अपने को संकट में डालना। |
भंडा फोड़ना | भेद खोल देना। |
भाड़े का टट्टू | पैसे लेकर ही काम करने वाला। |
मक्खन लगाना | चापलूसी करना। |
मक्खियाँ मारना | बेकार रहना। |
मन के लड्डू | मनमोदक/कल्पना करना। |
माथा ठनकना | संदेह होना। |
मिट्टी खराब करना | बुरा हाल करना। |
मिट्टी में मिल जाना | बर्बाद होना। |
मुँहतोड़ जवाब देना | बदले में करारी चोट करना। |
मुँह में पानी भर आना | खाने को जी ललचाना। |
मुँह खून लगना | रिश्वत लेने की आदत पड़ जाना। |
मुँह छिपाना | लज्जित होना। |
मुँह रखना | मान रखना। |
मुँह पर कालिख पोतना | कलंक लगाना। |
मुँह उतरना | उदास होना। |
मुँह ताकना | दूसरे पर आश्रित होना। |
मुँह बंद करना | चुप कर देना। |
मुट्ठी में होना | वश में होना। |
मुट्ठी गर्म करना | रिश्वत देना। |
मौत सिर पर खेलना | मृत्यु समीप होना। |
रंग उड़ना | घबरा जाना। |
रंग में भंग पड़ना | आनन्दपूर्ण कार्य में बाधा पड़ना। |
रंगा सियार होना | धोखा देने वाला। |
रोँगटे खड़े होना | डर से रोमांचित होना। |
रोम-रोम खिल उठना | प्रसन्न होना। |
लकीर पीटना | पुरानी रीति पर चलना। |
लड़ाई मोल लेना | झगड़ा पैदा करना। |
लट्टू होना | मस्त होना/मोहित होना। |
लहू का घूँट पीना | अपमान सहन करना। |
लाख का घर राख | धनी का निर्धन हो जाना। |
लोहा मानना | किसी की शक्ति स्वीकार करना। |
शिकार हाथ लगना | आसामी मिलना। |
शैतान की आँत | लम्बी बात। |
सब्ज बाग दिखाना | कोरा लोभ देकर बहकाना। |
साँप-छछूंदर की गति होना | असंमजस या दुविधा की दशा होना। |
साँप सूँघ जाना | गुप-चुप हो जाना। |
सात घाट का पानी पीना | विस्तृत अनुभव होना। |
सिँदूर चढ़ाना | लड़की का विवाह होना। |
सिट्टी-पिट्टी गुम हो जाना | होश उड़ जाना। |
सितारा चमकना | भाग्यशाली होना। |
सिर पर कफना बाँधना | बलिदान देने के लिए तैयार होना। |
सिर पर सवार होना | पीछे पड़ना। |
सिर पर चढ़ना | मुँह लगना। |
सिर मढ़ना | जिम्मे लगाना। |
सिर से बला टलना | मुसीबत से पीछा छुटना। |
सिर आँखोँ पर रखना | आदर सहित आज्ञा मानना। |
सिर पर मौत खेलना | मृत्यु समीप होना। |
सिर पर खून सवार होना | मरने-मारने को तैयार होना। |
सिर-धड़ की बाजी लगाना | प्राणों की भी परवाह न करना। |
सिर नीचा करना | लजा जाना। |
सिर ओखली में देना | जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना। |
सिर पर चढ़ाना | अत्यधिक मनमानी करने की छूट देना। |
सिर से पानी गुजरना | सहनशीलता समाप्त होना। |
सिर धुनना | पछताना। |
सीँग काटकर बछड़ोँ में मिलना | बूढ़े होकर भी बच्चोँ जैसा काम करना। |
सूखे धान पर पानी पड़ना | दशा सुधरना। |
सूर्य को दीपक दिखाना | अत्यन्त प्रसिद्ध व्यक्ति का परिचय देना। |
सोने की चिड़िया हाथ से निकलना | लाभपूर्ण वस्तु से वंचित रहना। |
सोने पर सुहागा होना | अच्छी वस्तु का और अधिक अच्छा होना। |
हक्का-बक्का रहना | आश्चर्यचकित होना/हैरान रह जाना। |
हथियार डाल देना | हार मान लेना। |
हथेली पर सरसोँ उगना | कम समय में अधिक कार्य करना। |
हजामत बनाना | लूटना/ठगना। |
हथेली पर जान लिए फिरना | मरने की परवाह न करना। |
हवा लगना | असर पड़ना। |
हवा से बातें करना | बहुत तेज दौड़ना। |
हवा हो जाना | गायब हो जाना/भाग जाना। |
हवा पलटना | समय बदल जाना। |
हवा का रुख पहचानना | अवसर की आवश्यकता को पहचानना। |
हाथ कट जाना | परवश होना। |
हाथ में करना | अपने वश में करना। |
हाथ पे हाथ धरकर बैठना | निकम्मा होना/बिना कार्य के बैठे रहना। |
हाथों के तोते उड़ना | दुःख से हैरान होना/अचानक घबरा जाना। |
हाथोंहाथ | बहुत जल्दी/तत्काल। |
हाथ-पाँव मारना | प्रयास करना। |
हाथ-पाँव फूलना | घबरा जाना। |
हाथ फैलाना | माँगना। |
हाथ धोकर पीछे पड़ना | बुरी तरह पीछे पड़ना/पीछा न छोड़ना। |
हिन्दी की चिन्दी निकालना | बात की तह तक पहुँचना। |
हुक्का-पानी बन्द कर देना | जाति से बाहर कर देना। |
हुलिया बिगाड़ना | दुर्गत करना। |
हिन्दी के महत्त्वपूर्ण मुहावरे, उनके अर्थ और प्रयोग
अ से मुहावरे
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अंक में समेटना
अर्थ– गोद में लेना, आलिंगनबद्ध करना
वाक्य प्रयोग– शिशु को रोता हुआ देखकर माँ का हृदय करुणा से भर आया और उसने उसे अंक में समेटकर चुप किया।
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अंकुश लगाना
अर्थ– पाबन्दी या रोक लगाना
वाक्य प्रयोग– राजेश खर्चीला लड़का था। अब उसके पिता ने उसका जेब खर्च बन्द करके उसकी फ़िजूलखर्ची पर अंकुश लगा दिया है।
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अंग बन जाना
अर्थ– सदस्य बनना या हो जाना
वाक्य प्रयोग– घर के नौकर रामू से अनेक बार भेंट होने के पश्चात् एक अतिथि ने कहा, “रामू तुम्हें इस घर में नौकरी करते हुए काफी दिन हो गए हैं, ऐसा लगता है कि जैसे तुम भी इस घर के अंग बन गए हो।”
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अंग-अंग ढीला होना
अर्थ– बहुत थक जाना
वाक्य प्रयोग– सारा दिन काम करते करते, आज अंग-अंग ढीला हो गया है।
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अण्डा सेना
अर्थ– घर में बैठकर अपना समय नष्ट करना
वाक्य प्रयोग– निकम्मे ओमदत्त की पत्नी ने उसे घर में पड़े देखकर एक दिन कह ही दिया, “यहीं लेटे-लेटे अण्डे सेते रहोगे या कुछ कमाओगे भी।”
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अंगूठा दिखाना
अर्थ– इनकार करना/निराश करना या तिरस्कारपूर्वक मना करना।
वाक्य प्रयोग– आज हम हरीश के घर ₹10 माँगने गए, तो उसने अँगूठा दिखा दिया।
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अन्धे की लकड़ी
अर्थ– एक मात्र सहारा
वाक्य प्रयोग– राकेश अपने माँ-बाप के लिए अन्धे की लकड़ी के समान है।
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अंन्धे के हाथ बटेर लगना
अर्थ– अनायास ही मिलना
वाक्य प्रयोग– राजेश हाईस्कूल परीक्षा में प्रथम आया, उसके लिए तो अन्धे के हाथ बटेर लग गई।
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अन्न-जल उठना
अर्थ– प्रस्थान करना, एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाना
वाक्य प्रयोग– रिटायर होने पर प्रोफेसर साहब ने कहा, “लगता है बच्चों, अब तो यहाँ से हमारा अन्न-जल उठ ही गया है। हमें अपने गाँव जाना पड़ेगा।”
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अक्ल के अन्धे
अर्थ– मूर्ख, बुद्धिहीन
वाक्य प्रयोग– “सुधीर साइन्स (साइड) के विषयों में अच्छी पढ़ाई कर रहा था, मगर उस अक्ल के अन्धे ने इतनी अच्छी साइड क्यों बदल दी ?” सुधीर के एक मित्र ने उसके बड़े भाई से पूछा।
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अक्ल पर पत्थर पड़ना
अर्थ– कुछ समझ में न आना/बुद्धि से काम न लेना।
वाक्य प्रयोग– मेरी अक्ल पर पत्थर पड़ गए हैं, कुछ समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ।
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अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना
अर्थ– मूर्खतापूर्ण कार्य करना
वाक्य प्रयोग– तुम हमेशा अक्ल के पीछे लट्ठ लिए क्यों फिरते हो, कुछ समझ-बूझकर काम किया करो।
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अक्ल का अंधा/अक्ल का दुश्मन होना
अर्थ– महामूर्ख होना।
वाक्य प्रयोग– राजू से साथ देने की आशा मत रखना, वह तो अक्ल का अंधा है।
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अपनी खिचड़ी अलग पकाना
अर्थ– अलग-थलग रहना, किसी की न मानना
वाक्य प्रयोग– सुनीता की पड़ोसनों ने उसको अपने पास न बैठता देखकर कहा, “सुनीता तो अपनी खिचड़ी अलग पकाती है, यह चार औरतों में नहीं बैठती।”
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अपना उल्लू सीधा करना/उल्लू सीधा करना
अर्थ– स्वार्थ सिद्ध करना
वाक्य प्रयोग– आजकल के नेता सिर्फ अपना उल्लू सीधा करते हैं।
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अपने मुँह मियाँ मिठू बनना
अर्थ– आत्मप्रशंसा करना
वाक्य प्रयोग– राजू अपने मुँह मिया%
FAQs
मुहावरे क्या है परिभाषा एवं उदाहरण सहित लिखिए?
'मुहावरा' शब्द अरबी भाषा का है जिसका अर्थ है 'अभ्यास होना' या 'आदी होना'। सामान्य अर्थ का बोध न कराकर विशेष अथवा विलक्षण अर्थ का बोध कराने वाले पदबन्ध को मुहावरा कहते हैं। जैसे- आँख का तारा (अर्थ - बहुत प्यारा होना/अति प्रिय)।
हिंदी में मुहावरे का अर्थ क्या है?
मुहावरा मूल रूप से अरबी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है बातचीत करना या उत्तर देना। कुछ लोग मुहावरे को ‘रोज़मर्रा’, ‘बोलचाल’, ‘तर्ज़ेकलाम’, या ‘इस्तलाह’ कहते हैं, किन्तु इनमें से कोई भी शब्द ‘मुहावरे’ का पूर्ण पर्यायवाची नहीं बन सका। संस्कृत वाङ्मय में मुहावरा का समानार्थक कोई शब्द नहीं पाया जाता।
मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग लिखिए। (i) आँख में खटकना (ii) घोड़े बेचकर सोना।
(i) आँख में खटकना (अर्थ- बुरा लगना; वाक्य प्रयोग- स्पष्टवादी व्यक्ति अधिकतर लोगों की आँखों में खटकता है), (ii) घोड़े बेचकर सोना (अर्थ- निश्चिन्त होकर सोना; वाक्य प्रयोग- परीक्षा के बाद सभी छात्र कुछ दिन घोड़े बेचकर सोते हैं।)
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