तद्धित प्रत्यय (Taddhit Pratyay)
तद्धित प्रत्यय की परिभाषा (Definition of Taddhit Pratyay)
जो प्रत्यय धातुओं को छोड़कर अन्य सभी शब्दों (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि) के अंत में जोड़े जाते है, तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं। इन्हें तद्धितान्त (तद्धितांत प्रत्यय) प्रत्यय भी कहते हैं।
तद्धित प्रत्यय के उदाहरण (Some Examples of Taddhit Pratyay)
- इन्द्र + अण् = ऐन्द्र
- विद्या + अण् = वैद्य
तद्धित प्रत्यय के भेद (Kinds of Taddhit Pratyay)
तद्धित प्रत्यय मुख्य रूप से चौदह(14) प्रकार के होते हैं-
- अपत्यार्थ प्रत्यय (सन्तनार्थ) – इसके अन्तर्गत अण्, अञ् , ढक् , यञ् , फ़क् , घ , यत् , अञ् , ण्य , आदि आते हैं।
- देवतार्थ् प्रत्यय – इसमें अण् और ढक् आते हैं।
- पढ़ना और जानना अर्थ वाले प्रत्यय – इसमें भी अण् और ढक् आते हैं।
- समूहार्थ प्रत्यय – इसमें अण् और तल् आते हैं।
- “इसका है” अर्थ वाले प्रत्यय – इसमें मतुप् , इनि और विनि आते हैं।
- ‘होनेवाले’ भावार्थक प्रत्यय – इसके अन्तर्गत अण्, य , खञ् ,घ , ठञ् और ढक् आदि आते हैं।
- विकारार्थक प्रत्यय – इसमें अण् और यत् आते हैं।
- भाववाचक प्रत्यय – इसमें त्व , तल् , अण् , इमनिच् और ष्यञ् आते हैं।
- तुलनार्थक प्रत्यय – इसमें तरप् और ईयसुन् आते हैं।
- अत्यन्तबोधक् प्रत्यय (वियोगवाचाक) – इसमें तमप् और इष्ठन् आते हैं।
- पञ्चम्यर्थक प्रत्यय – इसमें तसिल और तसि आते हैं।
- सप्तम्यर्थक प्रत्यय (स्थान माल भावार्थक) – इसमें त्रल् , ह , अत् , दा , हिल् , दानीम् और अधुना आते हैं।
- प्रकारवाचक प्रत्यय – इसमें थाल और थमु आते हैं।
- पूरण प्रत्यय – इसमें उट् , मट् , तीय , थुक् , और तमट् आते हैं।
प्रयोग की दृष्टि से तद्धित प्रत्यय के प्रकार
प्रयोग एवं अध्ययन की दृष्टि से प्रमुख तद्धित प्रत्यय इस प्रकार हैं-
- मतुप् प्रत्यय
- वतुप् प्रत्यय
- तरप् प्रत्यय
- तमप् प्रत्यय
- मयट् प्रत्यय
- तल् प्रत्यय
- ताप् प्रत्यय
- डीष् प्रत्यय / डीप् प्रत्यय
मतुप् प्रत्यय (Matup Pratyay)
मतुप् प्रत्यय: इसके प्रयोग के बाद शब्दों के अंत में – पुल्लिंग शब्दों में ‘मान् / वान्’, स्त्रीलिन्ग शब्दो के अन्त में “मती / वती” और नपुन्सक लिङ्ग में “मत् / वत् ” शेष बचता है।
मतुप् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | पुल्लिंग | स्त्रीलिंग | नपुंसकलिंग |
---|---|---|---|---|
रूप | मतुप् | रूपवान् | रूपवती | रूपवत् |
बुद्धि | मतुप् | बुद्धिमान् | बुद्धिमती | बुद्धिमत् |
श्री | मतुप् | श्रीमान् | श्रीमती | श्रीमत् |
रस | मतुप् | रसवान् | रसवती | रसवत् |
यश | मतुप् | यशवान् | यशवती | यशवत् |
वतुप् प्रत्यय (Vatup Pratyay)
वतुप् प्रत्यय: इसका भी प्रयोग मतुप् प्रत्यय की ही भाति होता है। वतुप् प्रत्यय प्रत्यय का प्रयोग अधिकतर अकारांत शब्दों में होता है। वतुप् प्रत्यय के प्रयोग के बाद अंत में सिर्फ “वत्” शेष बचता है।
वतुप् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
धन | वतुप् | धनवत् |
बल | वतुप् | बलवत् |
गुण | वतुप् | गणवत् |
तरप् प्रत्यय (Tarap Pratyay)
तरप् प्रत्यय: इसका प्रयोग विशेषण के अन्त में उसे उत्तरावस्था में बदलने के लिये होता है। इसके जुडने पर शब्द के अंत में “तर:” शेष बचता है।
तरप् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
उच्च | तरप् | उच्चतर: |
श्रेष्ठ | तरप् | श्रेष्ठतर: |
सुंदर | तरप् | सुन्दरतर: |
गुरु | तरप् | गुरुतर: |
तमप् प्रत्यय (Tamap Pratyay)
तमप् प्रत्यय: इसका प्रयोग भी विशेषण के अंत में उसे उत्तमावस्था में बदलने के लिये होता है। इसके जुडने पर अंत में “तम:” शेष बचाता है।
तमप् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
उच्च | तमप् | उच्चतम: |
श्रेष्ठ | तमप् | श्रेष्ठतम: |
तीव्र | तमप् | तीव्रतम: |
मयट् प्रत्यय (Mayat Pratyay)
मयट् प्रत्यय : इसका प्रयोग संज्ञा के अंत में उसे विशेषण बनाने के लिए होता है। इसके जुड़नें पर शब्दों के अंत में “मय:” शेष बचता है।
मयट् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | नया शब्द |
---|---|---|
सुख | मयट् | सुखमय: |
आम्र | मयट् | आम्रमय: |
स्वर्ण | मयट् | स्वर्णमय: |
आनंद | मयट् | आनंदमय: |
तेज | मयट् | तेजोsमय: |
वाच | मयट् | वाsमय: |
तल् प्रत्यय (Tal Pratyay)
तल् प्रत्यय : इसका प्रयोग सामान्यतय: “विशेषण से भाववाचक” संज्ञा बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग होने के बाद अंत में “ता” शेष बचता है।
तल् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | प्रत्यय युक्त शब्द |
---|---|---|
लघु | तल् | लघुता |
मूर्ख | तल् | मूर्खता |
मित्र | तल् | मित्रता |
विचित्र | तल् | पवित्रता |
पशु | तल् | पशुता |
ताप् प्रत्यय (Tap Pratyay)
ताप् प्रत्यय : इसका प्रयोग “अकारांत पुल्लिंग” शब्दों के अंत में उन्हें “आकारांत स्त्रीलिंग” शब्द बनाने के लिए किया जाता है। ताप् प्रत्यय का प्रयोग होने पर अंत में सिर्फ “आ” शेष बचता है।
ताप् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | प्रत्यय युक्त शब्द |
---|---|---|
बाल् | ताप् | बाला |
अश्व | ताप् | अश्वा |
अज् | ताप् | अजा |
“यदि शब्द के अन्त में “क” एवं उससे पूर्व “अ” हो तो अ को ‘इ’ में बदल देते हैं।
शब्द | प्रत्यय | प्रत्यय युक्त शब्द |
---|---|---|
अध्यापक | ताप् | अध्यापिका |
बालक | ताप् | बालिका |
शिक्षक | ताप् | शिक्षिका |
गायक | ताप् | गायिका |
डीष् प्रत्यय / डीप् प्रत्यय (Deesh/Deep Pratyay)
डीष् / डीप् प्रत्यय: इसका प्रयोग “अकारांत पुल्लिंग” शब्दों के अंत में उन्हें “ईकारांत स्त्रीलिंग” शब्द बनाने के लिए किया जाता है। इस प्रत्यय का प्रयोग होने पर अंत में सिर्फ “आ” शेष बचता है।
डीष् प्रत्यय के उदाहरण
शब्द | प्रत्यय | प्रत्यययुक्त शब्द |
---|---|---|
पुत्र | डीष् / डीप् | पुत्री |
नर्तक | डीष् / डीप् | नर्तकी |
गौर | डीष् / डीप् | गौरी |
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