विज्ञान (Science)
विज्ञान शब्द का संधि विच्छेद वि + ज्ञान है, जिसका अर्थ है विशेष ज्ञान। विज्ञान को अङ्ग्रेज़ी में Science कहते हैं; Science शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के शब्द scire से हुई है जिसका अर्थ है ‘जानना‘ (to know)। अर्थात प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के क्रमबद्ध अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने और उस ज्ञान के आधार पर वस्तु की प्रकृति और व्यवहार जैसे गुणों का पता लगाने को ही विज्ञान कहते है।
विज्ञान का क्षेत्र अत्यंत विशाल है। Vigyan को कई शाखाओं में बांटा गया है जैसे भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान, खगोलीय विज्ञान, भूगोल विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान इत्यादि। जैसे-जैसे मनुष्य का ज्ञान विकसित हो रहा है, वैसे-वैसे Vigyan के नए क्षेत्र विकसित हो रहे हैं। इस प्रकार व्यक्ति के ज्ञान से मनुष्य का गहरा संबंध है।
विज्ञान की परिभाषा (Definition of Science)
प्रकृति में उपस्थित वस्तुओं के क्रमबद्ध अध्ययन से ज्ञान प्राप्त करने और उस ज्ञान के आधार पर वस्तु की प्रकृति और व्यवहार जैसे गुणों का पता लगाने को ही विज्ञान कहते है।
विज्ञान वह व्यवस्थित ज्ञान या विद्या है जो विचार, अवलोकन, अध्ययन और प्रयोग से मिलती है, जो किसी अध्ययन के विषय की प्रकृति या सिद्धान्तों को जानने के लिये किये जाते हैं।
विज्ञान शब्द का प्रयोग ज्ञान की ऐसी शाखा के लिये भी करते हैं, जो तथ्य, सिद्धान्त और तरीकों को प्रयोग और परिकल्पना से स्थापित और व्यवस्थित करती है।
इस प्रकार कह सकते हैं कि किसी भी विषय के क्रमबद्ध ज्ञान को विज्ञान कहते है। ऐसा कहा जाता है कि विज्ञान के ‘ज्ञान-भण्डार’ के बजाय वैज्ञानिक विधि विज्ञान की असली कसौटी है। विज्ञान एक व्यवस्थित उद्यम है जो ब्रह्मांड के बारे में परीक्षण, स्पष्टीकरण और भविष्यवाणियों के रूप में ज्ञान बनाता है और व्यवस्थित करता है।
प्रारम्भिक विज्ञान (Early Science)
विज्ञान की शुरुआती जड़ें प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया के आसपास 3500 से 3000 ईसा पूर्व में खोजी जा सकती हैं। गणित, खगोल विज्ञान, और दवा में उनके योगदान ने शास्त्रीय पुरातनता के ग्रीक प्राकृतिक दर्शन में प्रवेश किया और आकार दिया, जिससे प्राकृतिक कारणों के आधार पर भौतिक दुनिया की घटनाओं को समझाने के लिए औपचारिक प्रयास किए गए।
पश्चिमी रोमन साम्राज्य के पतन के बाद, मध्य युग की शुरुआती सदियों (400 से 1000 सीई) के दौरान पश्चिमी यूरोप में दुनिया की ग्रीक अवधारणाओं का ज्ञान बिगड़ गया लेकिन इस्लामी स्वर्ण युग में संरक्षित था। 10 वीं से 13 वीं शताब्दी तक पश्चिमी यूरोप में यूनानी कार्यों और इस्लामी पूछताछ की वसूली और आकस्मिकता ने प्राकृतिक दर्शन को पुनर्जीवित किया, जिसे बाद में 16 वीं शताब्दी में शुरू हुई वैज्ञानिक क्रांति से बदल दिया गया क्योंकि नए विचार और खोज पिछले ग्रीक अवधारणाओं और परंपराओं से निकल गईं।
वैज्ञानिक पद्धति ने जल्द ही ज्ञान निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाई और 1 9वीं शताब्दी तक यह नहीं था कि विज्ञान की कई संस्थागत और पेशेवर विशेषताओं ने आकार लेना शुरू कर दिया।
आधुनिक विज्ञान (Modern Science)
आधुनिक विज्ञान आमतौर पर तीन प्रमुख शाखाओं में विभाजित होता है जिसमें प्राकृतिक विज्ञान (उदा० जीवविज्ञान, रसायन शास्त्र, और भौतिकी) शामिल होते हैं, जो व्यापक रूप से प्रकृति का अध्ययन करते हैं; सामाजिक विज्ञान (उदाहरण के लिए, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान और समाजशास्त्र), जो व्यक्तियों और समाजों का अध्ययन करते हैं; और औपचारिक विज्ञान (उदाहरण के लिए, तर्क, गणित और सैद्धांतिक कंप्यूटर विज्ञान), जो अमूर्त अवधारणाओं का अध्ययन करते हैं।
विज्ञान अनुसंधान पर आधारित है, जो आमतौर पर अकादमिक और शोध संस्थानों के साथ-साथ सरकारी एजेंसियों और कंपनियों में भी आयोजित किया जाता है। वैज्ञानिक अनुसंधान के व्यावहारिक प्रभाव से विज्ञान नीतियों का उदय हुआ है जो वाणिज्यिक उत्पादों, हथियार, स्वास्थ्य देखभाल और पर्यावरण संरक्षण के विकास को प्राथमिकता देकर वैज्ञानिक उद्यम को प्रभावित करना चाहते हैं।
प्राकृतिक विज्ञान
प्राकृतिक विज्ञान प्रकृति और भौतिक दुनिया का व्यवस्थित ज्ञान होता है, या फ़िर इसका अध्ययन करने वाली इसकी कोई शाखा। असल में विज्ञान शब्द का उपयोग लगभग हमेशा प्राकृतिक विज्ञानों के लिये ही किया जाता है।
प्राकृतिक विज्ञान की तीन मुख्य शाखाएँ हैं :-
- भौतिकी
- रसायन शास्त्र और
- जीव विज्ञान।
जीव विज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसमे जीवों के बारे में अध्ययन किया जाता है , उस विज्ञान की शाखा को ही जीव विज्ञान कहते है। इसमें सजीवो के शरीर की बनावट , कार्य प्रणाली , प्रत्येक अंग की जानकारी तथा कार्य इत्यादि का कार्य इस जीव विज्ञान शाखा में किया जाता है।
रसायन विज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थो की संरचना , पदार्थो के गुण , अलग अलग पदार्थो की आपस में क्रिया आदि का अध्ययन किया जाता है उस शाखा को रसायन विज्ञान कहते है।
इसमें उन कणों , आयन , अणु , परमाणु आदि का अध्ययन किया जाता है जिससे कोई पदार्थ या यौगिक बना होता है , तथा उन पदार्थो के क्या क्या गुण है , उनकी अगर किसी अन्य पदार्थ से क्रिया करवाई जाती है तो परिणाम में क्या पदार्थ बनेगा और इसके गुण क्या क्या होंगे इसका अध्ययन हम रसायन विज्ञान के अंतर्गत करते है।
भौतिक विज्ञान
विज्ञान की वह शाखा जिसमे पदार्थ के भौतिक गुणों का अध्ययन किया जाता है तथा प्रकृति में उपस्थित विभिन्न प्रकार की ऊर्जाओं का अध्ययन सुव्यवस्थित रूप से किया जाता हो।
भौतिक विज्ञान विभिन्न विषयो पर कार्य करता है जैसे प्रकाश , यान्त्रिकी , ऊष्मा , ध्वनी , बिजली , चुम्बकत्वआदि। इन सभी विषयों पर भौतिक विज्ञान में विस्तार से अध्ययन किया जाता है और इनके गुणों के आधार पर हमारी दैनिक जीवनी में इनको कैसे लाकर जीवन को अधिक सुविधा जनक बनाया जाए इसके बारे में अध्ययन किया जाता है।
सामाजिक विज्ञान
सामाजिक विज्ञान मानव समाज की बनावट और इसके सदस्यों के क्रियाकलापों से सम्बन्धित अध्ययन है। इसमें इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, इत्यादि शामिल हैं।
निगमनात्मक प्रणाली
निगमनात्मक प्रणाली कुछ ऐसी विद्याओं का समूह है जो दर्शन और विज्ञान के विषयों पर तर्क और गणना के सिद्धान्त का अनुप्रयोग करते हैं। इसमें गणित और तर्क शामिल हैं।
प्रायः सामाजिक विज्ञान और निगमनात्मक प्रणालियों को विज्ञान नहीं माना जाता।
Vigyan Ke Janak (विभन्न विज्ञानों के जनक)
Galileo Galilei (गैलीलियो गैलिली) को विज्ञान का जनक कहा जाता है। जिनका जन्म 15 फरवरी 1564 में हुआ था। वो एक इटालियन Astronomer, महान गणितज्ञ और फिलोस्फर थे, उन्होंने विज्ञान के जगत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी मृत्यु 8 जनवरी 1642 में हुई थी।
- रसायन विज्ञान के जनक:एंटोनी लेवोज़ियर
- वनस्पति विज्ञान का जनक: ग्रीक विद्वान थियोफ़्रेस्ट्स
- जीव विज्ञान के जनक: अरस्तू
- फिजिक्स के जनक(पिता): यह शीर्षक किसी व्यक्ति को नहीं दिया गया है. गैलीलियो गैलीली, सर आइजैक न्यूटन और अल्बर्ट आइंस्टीन सभी को भौतिकी का पिता कहा गया है।
- जीवाणु विज्ञान के जनक: डच वैज्ञानिक एण्टनी वॉन ल्यूवोनहूक
- चिकित्सा शास्त्र का जनक: हिप्पोक्रेट्स
विज्ञान की प्रमुख शाखाएँ एवं अध्ययन के विषय
# | विज्ञान की शाखा | विवरण |
---|---|---|
1. | अंतरिक्ष विज्ञान | अंतरिक्ष यात्रा एवं संबंधित विषय |
2. | मत्स्यविज्ञान | मछलियां एवं संबंधित विषय |
3. | अस्थि विज्ञान (आस्टियोलॉजी) | अथियों (हड्डियों) का अध्ययन |
4. | पक्षीविज्ञान (आर्निन्थोलॉजी) | पक्षियों से संबंधित विषय |
5. | प्रकाशिकी (ऑप्टिक्स) | प्रकाश का गुण एवं उसकी संरचना |
6. | परिस्थितिविज्ञान(इकोलॉजी) | परिस्थितिकी का अध्ययन |
7. | इक्क्राइनोलॉजी | गुप्त सूचनाएं एवं संबंधित विषय |
8. | शरीर-रचना विज्ञान (एनाटॉमी) | मानव-शरीर की संरचना |
9. | एयरोनॉटिक्स | विमानों की उड़ान |
10. | खगोलिकी (एस्ट्रोनॉमी) | तारों एवं ग्रहों से संबंधित विषय तथा आकाशीय पिंडों का अध्ययन |
11. | एग्रोलॉजी | भूमि (मिट्टी) का अध्ययन |
12. | कीटविज्ञान (एंटोमोलॉजी) | कीट एवं संबंधित विषय |
13. | एरेक्नोलॉजी | मकड़े एवं संबंधित विषय |
14. | भ्रूणविज्ञान (एम्ब्रायोलॉजी) | भ्रण एवं संबंधित विषय |
15. | समुद्र विज्ञान | समुद्र से संबंधित विषय |
16. | ब्रह्माण्डविद्या | ब्रम्हांड का अध्ययन |
17. | बीज-लेखन | गुप्त लेखन अथवा गूढ लिपि |
18. | स्त्री-रोग विज्ञान | मादाओं के प्रजनन अंगों का अध्ययन |
19. | भूविज्ञान | पृथ्वी की आंतरिक्ष संरचना |
20. | रत्न विज्ञान | रत्नों का अध्ययन |
21. | विरूपताविज्ञान (टेराटोलॉजी) | ट्यूमर का अध्ययन |
22. | टैक्टोलॉजी | पशु – शरीर का रचनात्मक संघटन |
23. | त्वचाविज्ञान (डर्मेटोलॉजी) | त्वचा एवं संबंधित रोगों का अध्ययन |
24. | डेन्ड्रोलॉजी | वृक्षों का अध्ययन |
25. | डेक्टाइलॉजी | अंकों (संख्याओ) का अध्ययन |
26. | तंत्रिकाविज्ञान (न्यूरोलॉजी) | नाड़ी स्पंदन एवं संबंधित विषय |
27. | मुद्राविज्ञान (न्यूमिसमेटिक्स) | मुद्रा – निर्माण एवं अंकन |
28. | रोगविज्ञान (पैथोलॉजी) | रोगों के कारण एवं संबंधित विषय |
29. | जीवाशिमकी (पैलिओंटोलॉजी) | जीवाश्म एवं संबंधित विषय |
30. | परजीवीविज्ञान (पैरासाइटोलॉजी) | परजीवी वनस्पतियां एवं जीवाणु |
31. | फायनोलॉजी | जीव-जन्तुओं का जातीय विकास |
32. | ब्रायोफाइटा-विज्ञान (ब्रायोलॉजी) | दलदल एवं कीचड़ का अध्ययन |
33. | बैलनियोलॉजी | खनिज निष्कासन एवं संबंधित विषय |
34. | जीवविज्ञान (बायलॉजी) | जीवधारियों का शारीरिक अध्ययन |
35. | वनस्पति विज्ञान | पौधों का अध्ययन |
36. | जीवाणु-विज्ञान (बैक्टीरियोलॉजी) | जीवाणुओं से संबंधित विषय |
37. | मारफोलॉजी | जीव एवं भौतिक जगत् की आकारिकी का अध्ययन |
38. | खनिजविज्ञान (मिनेरालॉजी) | खनिजों का अध्ययन |
39. | मौसम विज्ञान (मेटेरोलॉजी) | वातावरण एवं संबंधित विषय |
40. | माइक्रोलॉजी | फफूंद एवं संबंधित विषय |
41. | मायोलॉजी | मांस-पेशियों का अध्ययन |
42. | विकिरणजैविकी (रेडियोबायोलॉजी) | जीव-जंतुओं पर सौर विकिरण का प्रभाव |
43. | शैल लक्षण (लिथोलॉजी) | चट्टानों एवं पत्थरों से संबंधित विषय |
44. | लिम्नोलॉजी | झीलों एवं स्थलीय जल भागों का अध्ययन |
45. | सीरमविज्ञान (सीरोलॉजी) | रक्त सीरम एवं रक्त आधान से संबंधित |
46. | स्पलैक्नोलॉजी | शरीर के आंतरिक अंग एवं संबंधित |
47. | अंतरिक्ष जीवविज्ञान (स्पेस बायलोजी) | पृथ्वी से परे अंतरिक्ष में जीवन की सम्भावना का अध्ययन |
48. | रुधिरविज्ञान (हीमेटोलॉजी) | रक्त एवं संबंधित विषयों का अध्ययन |
49. | हेलियोलॉजी | सूर्य का अध्ययन |
50. | उभयसृपविज्ञान (हरपेटोलॉजी) | सरीसृपों का अध्ययन |
51. | ऊतकविज्ञान (हिस्टोलॉजी) | शरीर के ऊतक एवं संबंधित विषय |
52. | हिप्नोलॉजी | निद्रा एवं संबंधित विषयों का अध्ययन |
दैनिक जीवन मे विज्ञान का उपयोग
विज्ञान विज्ञान का अर्थ है विशेष ज्ञान। मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं के लिए जो नए-नए आविष्कार किए हैं, वे सब विज्ञान की ही देन हैं। आज का युग विज्ञान का युग है। विज्ञान के अनगिनत आविष्कारों के कारण मनुष्य का जीवन पहले से अधिक आरामदायक हो गया है। दुनिया विज्ञान से ही विकसित हुई हैं।
इन्टरनेट के क्षेत्र में विज्ञान का योगदान
मोबाइल, इंटरनेट, ईमेल्स, मोबाइल पर 3जी और इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, ट्विनटर ने तो वाकई मनुष्य की जिंदगी को बदलकर ही रख दिया है। जितनी जल्दी वह सोच सकता है लगभग उतनी ही देर में जिस व्यक्ति को चाहे मैसेज भेज सकता है, उससे बातें कर सकता है। चाहे वह दुनिया के किसी भी कोने में क्यों न हो।
यातायात के क्षेत्र में विज्ञान का योगदान
यातायात के साधनों से आज यात्रा करना अधिक सुविधाजनक हो गया है। आज महीनों की यात्रा दिनों में तथा दिनों की यात्रा चंद घंटों में पूरी हो जाती है। इतने द्रुतगति की ट्रेनें, हवाई जहाज यातायात के रूप में काम में लाए जा रहे हैं। दिन-ब-दिन इनकी गति और उपलब्धता में और सुधार हो रहा है।
चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान का योगदान
चिकित्सा के क्षेत्र में भी विज्ञान ने हमारे लिए बहुत सुविधाएं जुटाई हैं। आज कई असाध्य बीमारियों का इलाज मामूली गोलियों से हो जाता है। कैंसर और एड्सस जैसे बीमारियों के लिए डॉक्टर्स और चिकित्साविशेषज्ञ लगातार प्रयासरत हैं। नई-नई कोशिकाओं के निर्माण में भी सफलता प्राप्त कर ली गई है।
विज्ञान से लाभ या हानि
सिक्के के दो पहलुओं की ही भांति इन आविष्कारों के लाभ-हानि दोनों हैं। एक ओर परमाणु ऊर्जा जहां बिजली उत्पन्न करने के काम में लाई जा सकती है। वहीं इससे बनने वाले परमाणु हथियार मानव के लिए अत्यंत विनाशकारी हैं। हाल ही में जापान में आए भूकंप के बाद वहां के परमाणु रिएक्टर्स को क्षति बहुत बड़ी त्रासदी रही।
निष्कर्ष
अत: मनुष्य को अपनी आवश्यकता और सुविधानुसार मानवता की भलाई के लिए इनका लाभ उठाना चाहिए न कि दुरुपयोग कर इनके अविष्कारों पर प्रश्नचिह्न लगाना चाहिए।