लगभग सभी बोर्ड परीक्षाओँ और प्रतियोगी परीक्षाओं में अव्यय के वाक्य प्रयोग पूछे जाते है। इसलिए इस पृष्ठ में आपकी परीक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रमुख संस्कृत अव्यय और अव्ययों के वाक्य प्रयोग इस प्रकार हैं –
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अपादान कारक परिभाषा कर्त्ता अपनी क्रिया द्वारा जिससे अलग होता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। अथवा– संज्ञा के जिस रूप से एक वस्तु का दूसरी से अलग होना पाया...Read more !
संस्कृत अव्यय की अर्थ एवं परिभाषा किसी भी भाषा के वे शब्द अव्यय कहलाते हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, कारक, काल इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पत्र नहीं...Read more !
जिस समास में प्रथम पद अव्यय होता है और जिसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। इसमें अव्यय पद का प्रारूप लिंग, वचन, कारक, में नहीं बदलता...Read more !