तद्भव और तत्सम शब्द क्या है?
तत्सम-तद्भव (Tatsam Tadbhav Shabd): संस्कृत भाषा के कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो हिंदी में भी बिना परिवर्तन के प्रयुक्त होते हैं, उन शब्दों को ‘तत्सम शब्द‘ कहते हैं। जबकि संस्कृत भाषा के ऐसे शब्द, जिनमें थोडा सा परिवर्तन करके हिंदी में प्रयुक्त किया जाता है, उन्हें ‘तद्भव शब्द‘ कहा जाता है।
तत्सम तद्भव शब्द की परिभाषा
तत्सम शब्द: तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, “तत् + सम्” से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है- उसके, तथा सम् का अर्थ है- समान। अत: कहा जा सकता है कि संस्कृत भाषा के वे शब्द जो हिंदी भाषा में ज्यों के त्यों ले लिए गए है, तत्सम शब्द कहलाते है। जैसे – अग्नि, अमूल्य, अज्ञान, कर्पूर, हिंदी, बांग्ला, मराठी, गुजराती , पंजाबी , तेलगु , कन्नड़ , मलयालम आदि।
तद्भव शब्द: तद्भव शब्द दो शब्दों “तत् + भव” से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है- उससे, तथा भव का अर्थ है- होना; अतः तद्भव का अर्थ हुआ- उससे उत्पन्न होना। अत: कहा जा सकता है कि संस्कृत भाषा के वे शब्द जो कुछ परिवर्तन के साथ हिंदी शब्दावली में आ गए हैं, उसे तद्भव शब्द कहा जाता है। जैसे:- अकाज, कचौड़ी, काजल, चाम, चमड़ा, चितेरा, कौड़ी, गहरा आदि।
अर्ध तत्सम शब्द क्या हैं?
ऐसे शब्द जो संस्कृत से थोड़ा परिवर्तित होकर हिंदी में आये हैं, उन्हें “अर्धतत्सम शब्द” कहते हैं। जैसे – कार्य से कारज, धैर्य से धीरज आदि। जबकि ऐसे शब्द जो संस्कृत से हिंदी में आने पर उनका रूप बदल गया, उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे – आग, खीर, छत आदि।
इनके अतिरिक्त भी शब्द कई प्रकार के होते हैं जैसे-
- देशज शब्द : वे शब्द जो देश की अन्य बोलियों या क्षेत्रीय भाषा से हिंदी में सम्मिलित हुए, देशज शब्द कहलाते हैं। जैसे- थैला, लोटा, टाँग, पगड़ी इत्यादि।
- विदेशज/ आगत/ विदेशी शब्द : विदेशों की भाषा से आये हुए शब्द जो हिंदी भाषा में सम्मिलित हुए, उन्हें विदेशज शब्द कहते हैं। इन विदेशी भाषाओं में मुख्यतः अरबी, फारसी, तुर्की, उर्दू, अंग्रेजी व पुर्तगाली शामिल हैं। जैसे- अदालत, ऑफिसर, बुखार, हज़म आदि।
- संकर शब्द : वे शब्द जो अलग-अलग भाषाओं के शब्दों को मिलाकर हिंदी में लिए गए हैं, संकर शब्द कहलाते हैं। जैसे- उप-बोली, भोजन-घर, छायादार, फलदार इत्यादि।
तत्सम और तद्भव शब्दों को पहचानने के नियम
आगे Tatsam Tadbhav Shabd की पहचान के नियम दिए जा रहे हैं-
- तत्सम शब्दों के पीछे क्ष वर्ण का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों के पीछे ख या छ शब्द का प्रयोग होता है। जैसे-
- अक्षर – अक्छर, आखर
- पक्षी – पंछी
- तत्सम शब्दों में श्र का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में स का प्रयोग हो जाता है। जैसे-
- धन्नश्रेष्ठी – धन्नासेठी
- तत्सम शब्दों में श का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में स का प्रयोग हो जाता है। जैसे-
- दिपशलाका – दिया सलाई
- शलाका – सलाई
- तत्सम शब्दों में ष वर्ण का प्रयोग होता है। जैसे-
- कृषक – किसान
- तत्सम शब्दों में ऋ की मात्रा का प्रयोग होता है। जैसे-
- कृतगृह – कचहरी
- तत्सम शब्दों में र की मात्रा का प्रयोग होता है। जैसे-
- अमृत – अमीर
- आम्र – आम
- तत्सम शब्दों में व का प्रयोग होता है और तद्भव शब्दों में ब का प्रयोग होता है। जैसे-
- वन – बन
“अ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- अंक – आँक
- अंगरक्षक – अंगरखा
- अंगुली – ऊँगली
- अंगुष्ठ – अंगुठा
- अंचल – आंचल
- अंजलि – अँजुरी
- अंध – अंधा
- अंधकार – अँधियारा
- अकस्मात – अचानक
- अक्षर – अच्छर
- अक्षवाट – अखाडा
- अक्षि – आँख
- अक्षोट – अखरोट
- अखिल – आखा
- अगणित – अनगिनत
- अगम – अगम्य
- अग्नि – आग
- अग्रणी – अगुवा
- अघ : स्थिति – हेठी
- अज्ञान – अजान
- अज्ञानी – अनजान
- अट्टालिका – अटारी
- अत्र – यहाँ
- अद्य – आज
- अनर्थ – अनाड़ी
- अन्न – अनाज
- अन्यत्र – अनत
- अन्यपरश्व – नरसों
- अमावस्या – अमावस
- अमूल्य – अमोल
- अमृत – अमिय, अमी
- अम्लिका – इमली
- अरघट्ट – रहट.
- अरिष्ठ – रीठा
- अर्चि – आँच
- अर्द्ध – आधा
- अर्पण – अरपन
- अलग्न – अलग
- अलवण – अलोना
- अशीति – अस्सी
- अश्रु – आँसू
- अष्ट – आठ
- अष्टादश – अठारह
- अस्थि – हड्डी
“आ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- आखेट – अहेर
- आच्शारी – आसरा
- आदित्यवार – इतवार
- आद्रक – अदरक
- आधा – अर्ध
- आपात – आवाँ
- आभीर – अहीर
- आमलक – आँवला
- आम्र – आम
- आम्रचूर्ण – अमचूर
- आरात्रिका – आरती
- आर्द्रक – अदरक
- आर्य – आरज
- आलस्य – आलस
- आशा – आस
- आशिष – आशीष
- आशीष – असीस
- आश्चर्य – अचरज
- आश्रय – आसरा
- आश्विन – आसोज
- आषाढ़ – असाढ़
“इ, ई, उ, ऊ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- इक्षु – ईख
- इयत – इतना
- इष्टिका – ईंट
- ईर्ष्या – ईर्षा
- ईर्ष्या – रीस
- उच्च – ऊँचा
- उच्छवास – उसास
- उज्ज्वल – उजाला
- उतिष्ठ – उठ
- उत्पद्यते – उपजना
- उत्साह – उछाह
- उदघाटन – उघाड़ना, उभाड़ना
- उद्धर्तन – उबटन
- उपरि – पर
- उपवास – उपास
- उपालम्भ – उलाहना
- उलूक – उल्लू
- उलूखल – ओखली
- उष्ट्र – ऊँट
- ऊँचा – उच्च
- ऊनचत्वारिंशत् – उन्तालीस
- ऊनत्रिंशत् – उन्तीस
- ऊनपंचाशत् – उन्चास
- ऊनविंशति – उन्नीस
- ऊपालम्भ – उलाहना
- ऊर्ण – ऊन
- ऊषर – ऊँट
“ऋ, ए, ऐ, ओ, औ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- ऋक्ष – रीछ
- ऋषि – रीसी
- एकल पुत्र – एकलौता
- एकादश – ग्यारह
- एला – इलायची
- एवम – यों
- एष – यह
- ओष्ठ – ओंठ, होंठ
“क” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- कंकण – कंगन
- कंकती – कंघी
- कंटक – काँटा
- कंटफल – कटहल
- कंदुक – गेंद
- कच्छप – कछुआ
- कटु – कड़वा
- कति – कई
- कदली – केला
- कन्दुक – गेंद
- कपर्दिका – कौड़ी
- कपाट – किवाड़
- कपोत – कबूतर
- कमल – कँवल
- कर्कट – केकड़ा
- कर्ण – कान
- कर्तव्य – करतब
- कर्पट – कपड़ा
- कर्पास – कपास
- कर्पूर – कपूर
- कर्म – काम
- काँस्यकार – कसेरा
- काक – कौआ
- काच – काँच
- कार्तिक – कातिक
- कार्य – काज
- काष्ठ – काठ
- काष्ठगृह – कटहरा
- काष्ठपुत्तलिका – कठपुतली
- किंचित – कुछ
- किरण – किरन
- कीट – कीड़ा
- कुक्कुर – कुत्ता
- कुक्षि – कोख
- कुटुम्ब – कुटुम
- कुपुत्र – कपूत
- कुब्ज – कुबड़ा
- कुमार – कुँवर
- कुमारी – कुँवारी
- कुम्भकर – कुम्हार
- कुषमांड – कुम्हड़ा
- कुष्ठ – कोढ़
- कूप – कुँवा
- कूर्चिका – कूंची
- कृतगृह – कचहरी
- कृत्यगृह – कचहरी
- कृपा – किरपा
- कृषक – किसान
- कृष्ण – किसन
- केदारिका – क्यारी
- केवर्त – केवट
- कोकिल – कोयल
- कोटि – करोड़
- कोण – कोना
- कोद्रव – कोंदो
- कोष्ठिका – कोठी
- क्रुद्ध – क्रोधी
- क्लेश – कलेश
“ख” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- खटवा – खाट
- खण्डगृह – खड़हर
- खर्जू – खुजली
- खर्जूर – खजूर
- खर्पर – खपड़ा
“ग” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- गणन – गिनना
- गर्गर – गागर
- गर्जन – गरज
- गर्जर – गाजर
- गर्दभ – गदहा ( गधा )
- गर्दभ – गधा
- गर्भिणी – गाभिन
- गर्मी – घाम
- गायक – गवैया
- गुहा – गुफा
- गृद्ध – गिद्ध
- गृध – गीध
- गृह – घर
- गृहिणी – घरनी
- गैरिक – गेरु
- गोत्र – गोत
- गोधूम – गेंहूँ
- गोपालक – ग्वाला
- गोमय – गोबर
- गोस्वामी – गुसाई
- गौ – गाय
- गौर – गोरा
- गौरा – गोरा
- ग्रंथि – गाँठ
- ग्राम – गाँव
- ग्रामीण – गँवार
- ग्राहक – गाहक
- ग्रीवा – गर्दन
- ग्रीष्म – गर्मी
“घ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- घट – घडा
- घटिका – घड़ी
- घृणा – घिन्न ,घिन
- घृत – घी
- घोटक – घोड़ा
“च” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- चंचु – चोंच
- चंडिका – चाँदनी
- चंद्र – चाँद
- चक – चाक
- चक्र – चक्का
- चक्रवाक – चकवा
- चटिका – चिड़िया
- चतुर्थ – चौथा
- चतुर्विंश – चौबीस
- चतुर्वेदी – चौबे
- चतुष्काठ – चौखठ
- चतुष्कोण – चौकोर
- चतुष्पद – चौपाया
- चन्द्र – चाँद
- चरण – चरन
- चरित्र – चरित
- चर्म – चमडा
- चर्म – चाम
- चर्मकार – चमार
- चवर्ण – चबाना
- चिक्कण – चिकना
- चित्रकार – चितेरा
- चूर्ण – चूना, चूरन
- चैत्र – चैत
- चौर – चोर
“छ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- छत्र – छाता
- छाया – छाँह
- छिद्र – छेद
- छेदनी – छेनी
“ज” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- जंघा – जाँघ
- जन्म – जनम
- जमाता – जवाई
- जाड्य – जाड़ा
- जामात्र – जमाई
- जिह्वा – जीभ
- जीर्ण – झीना
- जुष्ट – झूठा
- जृम्भिका – जम्हाई
- जेष्ठ – जेठ
- ज्ञातिगृह – नैहर
- ज्येष्ठ – जेठ
- ज्योति – जोत
“झ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- झटिति – झट
- झणत्कार – झनकार
- झरन – झरना
- झामक – झांवा
“ट, ड, त” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- टंकसाला – टकसाल
- टिट्टिभी – टिटिहरी
- डाकिनी – डाइन
- तड़ाग – तालाब
- तदा – तब
- तपस्वी – तपसी
- तरकन – ताँकना
- तरवारि – तलवार
- ताम्बूलिक – तमोली
- ताम्र – ताँबा
- तित्तिरि – तीतर
- तिथिवार – त्यौहार
- तीक्त – तीता
- तीक्ष्ण – तीखा
- तीर्थ – तीरथ
- तुंद – तोंद
- तृण – तिनका
- तैल – तेल
- त्वरित – तुरंत
“द” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- दंड – डंडा
- दंत – दांत
- दंतधावन – दातुन
- दंष – डंका
- दंष्ट्रा – दाढ
- दक्षिण – दाहिना
- दधि – दही
- दन्त – दांत
- दशम – दसवाँ
- दिपशलाका – दिया सलाई
- दिशांतर – दिशावर
- दीप – दीया
- दीपावली – दिवाली
- दीपावली – दीवाली
- दुःख – दुख
- दुग्ध – दूध
- दुर्बल – दुर्बला
- दूर्वा – दूब
- देव – दई
- दौहित्र – दोहिता
- द्रोण – दोना
- द्वादश – बारह
- द्विगुणा – दुगुना
- द्वितीय – इजा
- द्वितीया – दूज
- द्विपट – दुपट्टा
- द्विप्रहरी – दुपहरी
- द्विवर – देवर
- द्विसृत – दूसरा
“ध” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- धनिका – धनिया
- धन्नश्रेष्ठी – धन्नासेठी
- धरित्री – धरती
- धर्म – धरम
- धान्य – धान
- धावन – धोना
- धूम – धुवाँ
- धूम्र – धुआँ
- धूलि – धुरि
- धूली – धूल
- धृष्ठ – ढीठ
- धैर्य – धीरज
“न” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- न हि – नहीं
- नकुल – नेवला
- नक्र – नाक
- नक्ल – नाक
- नक्षत्र – नखत
- नखहरण – नहना
- नग्न – नंगा
- ननंदुपति – नंदोई
- ननंदृपति – नंदोई
- नप्तृ – नाती
- नयन – नैन
- नव – नया
- नव – नौ
- नवती – नब्बे
- नवनवती – निन्नान्वें
- नवीन – नया
- नव्य – नया
- नस्ता – नाथ
- नस्या – नस
- नापित – नाई
- नारिकेल – नारियल
- नासिका – नाक
- निंद्रा – नींद
- निघाती – निहाई
- निद्रा – नींद
- निमंत्रण – नेवता
- निम्ब – नीम
- निम्बक – नीबू
- नियम – नेम
- निर्गलन – निगलना
- निर्दर – निडर
- निर्वहण – निभाना
- निर्वाह – निवाह
- निष्ठुर – निठुर
- नीचें: – नीचे
- नीच्य – नीचा
- नृत्य – नाच
“प” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- पंक्ति – पन्गत
- पंच – पाँच
- पंचदष – पन्द्रह
- पक्क – पका
- पक्वान्न – पकवान
- पक्ष – पंख
- पक्ष – पाख
- पक्षी – पंछी
- पञ्च – पाँच
- पटल – पलड़ा
- पट्टिका – पाटी
- पठ – पढ़
- पत्र – पत्ता
- पद – पैर
- पदिर – पैर
- पद्म – पदम
- पन्यशालिक – पंसारी
- परख: – परसों
- परपौत्र – परपोता
- परमार्थ – परमारथ
- परशु – फरसा
- परशु – फरुआ
- परश्व – परसों
- परिकूट – परकोटा
- परिधान – पहनना
- परीक्षा – परख
- परीक्षा – परिच्छा
- पर्ण – परा
- पर्पट – पापड़
- पर्पट – पराठा
- पर्पौत्री – परपोती
- पर्यंक – पलंग
- पर्यक – पलंग
- पल्लव – पल्ला
- पवन – पौन
- पश्चाताप – पछतावा
- षष्ट – छः
- पाण्य शालिक – पनसारी
- पाद – पाँव
- पाशिका – फांसी
- पाष – फंदा
- पाषाण – पाहन
- पितृ – पिता
- पितृश्वसा – बुआ
- पिपासा – प्यास
- पिप्पल – पीपल
- पिप्पल – पीपल।
- पिस्थिका – पीठी
- पीत – पीला
- पुच्छ – पूंछ
- पुत्र – पूत
- पुत्रवधू – पतोहू
- पुराण – पुराना
- पुष्कर – पोखर
- पुष्प – फूल
- पुष्य – पूस
- पूर्व – पूरब
- पृथ्वी – प्रथ्वी
- पृष्ठ – पीठ
- पौत्र – पोता
- पौष – पूस
- प्रकट – प्रगट
- प्रणाल – परनाला
- प्रतिच्छाया – परछाई
- प्रतिवासी – पडोसी
- प्रतिवेश्मिक – पड़ोसी
- प्रत्यभिज्ञान – पहचान
- प्रत्यभिज्ञान – पहचान
- प्रथिल – पहला
- प्रस्तर – पत्थर
- प्रस्वेदा – पसीना
- प्रहर – पहर
- प्रहरी – पहरी
- प्रहरी – पहरूवा
- प्रहेलिका – पहेली
- प्राद्युण – पहुना
- प्रिय – पिय
“फ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- फणी – फण
- फाल्गुन – फागुन
- फुल्ल – फुल्का
- फुल्लन – फूलना
- फूल्ल – फूल
- फूल्लन – फूलना
“ब” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- बंध – बांध
- बदरी – बेर
- बधिर – बहरा
- बलिवर्द – बैल
- बली वर्द – बींट
- बलीवर्द – बैल
- बहिर – बाहर
- बालुका – बालू
- बिंदु – बूंद
- बिंदू – बिंदी
- बिग्रह – बिगाड़
- बिन्दू – बूँद
- बिल्व – बेल
- बुध्यते – बूझना
“भ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- भक्त – भगत
- भगिनी – बहिन
- भद्र – भला
- भल्लुक – भालू
- भांडागार – भण्डार
- भातृ – भाई
- भातृजाया – भावज( भौजाई )
- भाद्रपद – भादों
- भाल्लुक – भालू
- भिक्षा – भीख
- भिक्षुक – भिखारी
- भुजा – बाँह
- भूषण – भूसन
- भ्रत्जा – भतीजा
- भ्रमर – भौरां
- भ्रष्ट्रिका – भट्ठी
- भ्राता – भाई
- भ्रू – भौं
- भ्रू – भौंह
“म” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- मंडन – मढ़ना
- मंडप – मंडुवा
- मंडूक – मेढ़क
- मंत्रकारी – मदारी
- मक्षिका – मक्खी
- मजिष्ठ – मजीठ
- मत्सर – मच्छर
- मत्स्य – मछली
- मनुष्य – मानुष
- मयूर – मोर
- मरकटी – मकड़ी
- मरीच – मिर्च
- मर्कटी – मकड़ी
- मशक – मच्छर
- मशकहरी – मशहरी
- मश्रु – मूंछ
- मस्तक – माथा
- महापात्र – महावत
- महिषी – भैंस
- मह्रम – मुझे
- मातुल – मामा
- मार्ग – मग
- मित्र – मीत
- मिष्ट – मीठा
- मुंड – मूंड
- मुकुट – मौर
- मुख – मुँह
- मुख्य – मुखिया
- मुदग – मूंग
- मुषल – मूसल
- मुष्टि – मुट्ठी
- मूल्य – मोल
- मूषक – मूस
- मूषक – मूस
- मृग – मिरग
- मृत – मुआ
- मृत्तिका – मिट्टी
- मृत्यु – मौत
- मेघ – मेह
- मेघ – मेह
- मौक्तिक – मोती
“य, र, ल, व” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- यंत्र – जंत्र
- यजमान – जजमान
- यज्ञोपवीत – जनेऊ
- यति – जति
- यम – जम
- यमुना – जमुना
- यव – जौ
- यश – जस
- यषोदा – जसोदा
- युक्ति – जुगति
- युवा – जवान
- यूथ – जत्था
- योगी – जोगी
- योवन – जोबन
- रक्तिका – रत्ती
- रक्षण – रखना .
- रक्षा – राखी
- रक्षासूत – राखी .
- रक्षिका – राखी
- रजनी – रैन
- रज्जु – रस्सी
- रश्मि – रस्सी .
- राक्षस – राकस
- राजपुत्र – राजपूत
- राजा – राय
- राज्ञी – रानी
- रात्रि – रात
- राशि – रास
- राष्ट्र – राज्य
- रिक्त – रीता
- रुक्ष – रुखा
- रुदन – रोना
- रुष्ट – रूठा
- रूक्ष – रूखा
- रोदन – रोना
- रोम – रोंवा
- लंघन – लांघना
- लक्ष – लाख
- लक्षपति – लखपती
- लक्ष्मण – लखन
- लघुक – हल्का
- लज्जा – लाज
- लम्बक – लम्बा
- लवंग – लौंग
- लवण – नमक
- लवणता – लुनाई
- लीष्ट – लोढ़ा
- लुंचन – नोचना
- लेपन – लीपना
- लेपिका – लई
- लोक – लोग
- लोमश – लोमड़ी
- लौह – लोहा
- लौहकार – लोहार
- वंध्या – बाँझ
- वंश – बांस
- वक् – बगुला
- वक्र – बाँका
- वज्रांग – बजरंग
- वट – बड़
- वट – बरगद
- वणिक – बनिया
- वत्स – बच्चा
- वधु – बहू
- वन – बन
- वरयात्रा – बारात
- वर्तिका – बत्ती
- वर्धकिन – बढ़ई
- वर्धन – बढ़ना
- वर्ष – बरस
- वर्षा – बरसात
- वल्स – बछड़ा
- वाणिक – बनिया
- वाणी – बैन
- वातुलक – बावला
- वानर – बंदर
- वानर – बन्दर
- वाम – बायां
- वाराणसी – बनारस
- वारिद – बादल
- वारिद – बादल
- वार्ता – बात
- वाष्प – भाप
- विकार – विगाड
- विक्षोभ – विछोह
- विग्रह – बीघा
- विद्युत् – बिजली
- विल्ब – बेल
- विवाह – बारात
- विवाह – ब्याह
- विस्टा – बीट
- वृच्शिक – बिच्छु
- वृद्ध – बुढा
- वृश्चिका – बिच्छु
- वेदना – बेदना
- वेश – भेस
- वैर – बैर
- व्यथा – विथा
- व्याख्यान – बखान
- व्याघ्र – बाघ
“श, ष, स, ह” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- शकुन – सगुन
- शत – सौ
- शप्तशती – सतसई
- शमशान – मसान
- शय्या – सेज
- शर्कर – शक्कर
- शर्करा – शक्कर
- शलाका – सलाई
- शाक – साग
- शाप – श्राप
- शालाकिका – सलाई
- शिक्षा – सीख
- शिर – सिर
- शिला – सिल
- शीतल – सीतल
- शीर्ष – सीस
- शुक – सुआ
- शुण्ड – सूंड
- शुन्ठिका – सोंठ
- शुष्क – सूखा
- शूकर – सूअर
- शून्य – सूना
- शृंखला – साँकल
- श्मश्रु – मूंछ
- श्मषान – समसान
- श्यामल – साँवला
- श्यालक – साला
- श्यालस – साला
- श्याली – साली
- श्वसुर – ससुर
- श्वास – साँस
- षोडश – सोलह
- संधि – सेंध
- संध्या – शाम
- संध्या – साँझ
- सज्जा – साज
- सत्य – सच
- सत्व – संत
- सपत्नी – सौत
- सप्त – सात
- सप्तशती – सतसई
- सर्प – साँप
- सर्षप – सरसों
- ससर्प – सरसों
- सह हेलनी – सहेली
- साक्षी – साखी
- सुगंध – सोंध
- सुघट्ट – सुघड़
- सुपुत्र – सपूत
- सुभाग – सुहाग
- सूचिका – सूई
- सूची – सुई
- सूतिगृह – सौरी
- सूत्र – सूत
- सूर्य – सूरज
- सौभाग्य – सुहाग
- स्कंध – कन्धा
- स्कंधभार – कहार
- स्तन – थन
- स्तम्भ – खम्भा
- स्थल – थल
- स्थानक – ठप्पा
- स्थिर – थिर
- स्नेह – नेह
- स्पर्श – परस
- स्फटिक – फटकरी
- स्फुटन – फूटना
- स्फूर्ति – फुरती
- स्फोट – फोड़ा
- स्फोटक – फूट
- स्फोटक – फोड़ा
- स्मरण – सुमिरन
- स्रोत – सोता
- स्वप्न – सपना
- स्वर्ग – सरग
- स्वर्ण – सोना
- स्वर्णकार – सुनार
- स्वसुर – ससुर
- स्वाद – सवाद
- स्वामी – साईं
- स्वेद – पसीना
- हंडी – हांड़ी
- हट्ट – हाट
- हत्याकार – होली
- हरिण – हिरन
- हरित – हरा
- हरिद्रा – हल्दी
- हरीतकी – हरड
- हस्त – हथोड़ा
- हस्त – हाथ
- हस्तिनी – हथनी
- हस्ती – हाथी
- हारि – हार
- हास्य – हँसी
- हिंगू – हींग
- हितेच्छु – हितैषी
- हिरन – हरिण
- हिल्लन – हिलना
- हीरक – हीरा
- होलिका – होली
- ह्रदय – हिय
- ह्रदय – हिया
“क्ष, त्र, ज्ञ” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- क्षत – छत
- क्षति – छति
- क्षत्रिय – खत्री
- क्षार – खार
- क्षार – राख .
- क्षीर – खीर
- क्षुर – खुर
- क्षेत्र – खेत
- क्षेत्रित – खेती
- क्षोदन – खोदना
- त्रयोदष – तेरह
- त्रिणी – तीन
“श्र, ल्र” से शुरू होने वाले तत्सम – तद्भव (Tatsam Tadbhav ) शब्दों के उदाहरण
- श्रंखला – साँकल
- श्रद्धा – साध
- श्रावण – सावन
- श्रिंग – सींघ
- श्रृंगार – सिंगार
- श्रृंगाल – सियार
- श्रेष्ठी – सेठ
MCQs
Q1. नीचे विकल्पों में से सही तत्सम शब्द चुनिये?
- माह
- अंगुलि
- खेत
- मन
उत्तर -(2) अंगुलि
Q2. नीचे दिए विकल्पों में से सही तद्भव शब्द का चयन करें?
- अग्नि
- अमूल्य
- अमृत
- डंडा
उत्तर -(4) डंडा
Q3. निम्न में से कौन-सा तत्सम शब्द है?
- गर्दभ
- गधा
- गदहा
- गर्दभा
उत्तर -(1) गर्दभ
Q4. निम्नलिखित विकल्पों में तत्सम शब्द का चयन कीजिए :
- छत्र
- चना
- घर
- उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर -(1) छत्र
Q5. निम्नलिखित में तत्सम-तद्भव का शुद्ध युग्म है
- पकवान्न – पकवान
- अवश्याय – ओस
- गृद्ध – गीध
- नछत्र – नखत
उत्तर -(2) अवश्याय – ओस
FAQs
1. तत्सम और तद्भव शब्द किसे कहते हैं?
तत्सम शब्द संस्कृत भाषा के दो शब्दों, तत् + सम् से मिलकर बना है। तत् का अर्थ है- उसके, तथा सम् का अर्थ है- समान। अर्थात- उसके समान, उसके से यहाँ तात्पर्य संस्कृत। अतः जब संस्कृत के ज्यों के त्यों शब्द हिन्दी में लिखे जाते हैं तो उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जबकि संस्कृत के शब्दों को जब हिन्दी में परिवर्तन करके लिखा जाता है तो उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे- मयूर मोर, मुख मुँह, मक्षिका मक्खी, मस्तक माथा, भिक्षुक भिखारी, मृत्यु मोत, भिक्षा भीख, मातुल मामा।
2. तत्सम शब्द किसे कहते हैं और तत्सम की परिभाषा क्या है? लिखिए।
जिन शब्दों को संस्कृत से बिना किसी परिवर्तन के ले लिया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। उदाहरण- अग्नि (आग), अगम्य (अगम), दंड (डंडा), अमूल्य (अमोल), अज्ञान (अजान), अमृत (अमरत), अंगुलि (अंगुली), कुक्कुर (कुता), कुंभकार (कुम्हार), अंगुष्ठ (अँगूठा) आदि।
3. तद्भव शब्द किसे कहते हैं और तद्भव की परिभाषा क्या है? लिखिए।
हिन्दी भाषा के ऐसे शब्द जो संस्कृत से थोड़े परिवर्तन के साथ लिए गए हैं, या संस्कृत से उत्पन्न हुए हैं, तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे- नीम (निंब), नेवला (नकुल), नरम (नम्र), नाक (नासिका), पहर (प्रहर), मिट्टी (मृतिका), घुआँ (धूम्र), नंगा (नग्न), नखत (नक्षत्र), मोत (मृत्यु), सुनार (स्वर्णकार) इत्यादि।
4. तत्सम शब्द कौन से होते हैं?
गर्त (गड्ढा), अदर्घ (आधा), ग्राहक (गाहक), ग्रंथी (गाँठ), गोस्वामी (गुसाईं), ग्राम (गाँव), उज्ज्वल (उजला), उपालंभ (उलाहना), गृह (घर), ग्रामीण (गँवार), उलूक (उल्लू), उच्च (ऊँचा) इत्यादि तत्सम शब्द के उदाहरण हैं, ब्रैकिट में तद्भव शब्द दिए गए हैं।
5. कुआँ का तत्सम शब्द क्या है?
कुआँ का तत्सम शब्द “कूप” होता है।
6. आम्र का तद्भव शब्द क्या है?
आम्र का तद्भव शब्द “आम” होता है।
Tatsam Tadbhav Shabd के उदाहरण:
तत्सम शब्द | तद्भव शब्द |
---|---|
अंगुष्ठ | अँगूठा |
अंगुलि | अंगुली |
अगम्य | अगम |
अज्ञान | अजान |
अष्टादइश | अठारह |
अमृत | अमरत |
अमूल्य | अमोल |
अक्षि | आँख |
आमलक | आँवला |
अश्रु | आँसू |
अग्नि | आग |
अष्ट | आठ |
अदर्घ | आधा |
आम्र | आम |
आलस्य | आलस |
आश्रय | आसरा |
उज्ज्वल | उजला |
उपालंभ | उलाहना |
उलूक | उल्लू |
उच्च | ऊँचा |
उष्ट्र | ऊँट |
ओष्ठ | ओंठ |
कच्छप | कछुआ |
कुपुत्र | कपूत |
कर्पूर | कपूर |
कार्य | काज |
कज्जल | काजल |
काष्ठ | काठ |
कर्ण | कान |
कर्म | काम |
कृषक | किसान |
कूप | कुआँ |
कुक्कुर | कुता |
कुंभकार | कुम्हार |
कदली | केला |
कुष्ठ | कोढ |
कोकिल | कोयल |
क्षेत्र | खेत |
ग्रामीण | गँवार |
गर्त | गड्ढा |
गर्दभ | गधा |
गंभीर | गहरा |
ग्रंथी | गाँठ |
ग्राम | गाँव |
ग्राहक | गाहक |
गोस्वामी | गुसाईं |
घट | घड़ा |
गृह | घर |
घृणा | घिन |
घृत | घी |
धूम्र | घुआँ |
चंद्र | चाँद |
चन्द्रिका | चांदनी |
चूर्ण | चूरन |
चैत्र | चैत |
चंचु | चोंच |
चतुर्थ | चोथा |
चतुर्दश | चोदह |
छत्र | छाता |
छिद्र | छेद |
जन्म | जनम |
जंघा | जाँघ |
ज्येष्ठ | जेठ |
योगी | जोगी |
दंड | डंडा |
धैर्य | धीरज |
नग्न | नंगा |
नक्षत्र | नखत |
लवण | नमक |
नम्र | नरम |
नासिका | नाक |
निष्ठुर | निठुर |
निद्रा | नींद |
निंब | नीम |
नकुल | नेवला |
प्रहर | पहर |
मार्ग | मारग |
मृतिका | मिट्टी |
मित्र | मीत |
मेघ | मेह |
मृत्यु | मोत |
मोक्तिक | मोती |
मयूर | मोर |
रक्षा | राखी |
राजपूत्र | राजपूत |
रात्रि | रात |
रुष्ट | रूठा |
लक्ष्मण | लखन |
लक्ष | लाख |
लज्जा | लाज |
लवंग | लोंग |
शर्करा | शक्कर |
सत्य | सच |
सप्तशती | सतसई |
स्वपन | सपना |
श्वसुर | ससुर |
श्रावण | सावन |
श्रृंगार | सिंगार |
शिक्षा | सीख |
शलाका | सलाई |
शुष्क | सुखा |
स्वर्णकार | सुनार |
सौभाग्य | सुहाग |
सूर्य | सूरज |
शय्या | सेज |
हास्य | हँसी |
हस्ती | हाथी |
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