सिंधी भाषा एक इंडो-आर्यन भाषा परिवार की भाषा है, जिसमें संस्कृत भाषा समेत हिन्दी, पंजाबी और गुजराती आदि कई भाषाएँ शामिल हैं। यह मुख्य रूप से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधी लोगों द्वारा बोली जाती है। यह भारत में विशेष रूप से गुजरात राज्य में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा बोली जाती है। सिंधी भाषा का एक समृद्ध इतिहास है, और यह संस्कृत, फारसी और अरबी सहित विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से प्रभावित हुई है। सिंधी की अपनी लिपि है, जिसे फ़ारसी-अरबी लिपि के रूप में जाना जाता है, जो दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। सिंधी भाषा को पाकिस्तान में एक आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है।
लिपि | सिन्धी लिपि (फ़ारसी-अरबी लिपि) |
बोली क्षेत्र | सिंध प्रांत (पाकिस्तान), गुजरात (भारत) |
वक्ता | 2.1 करोड़ |
भाषा परिवार | आर्य भाषा परिवार या इंडो-आर्यन |
आधिकारिक भाषा | पाकिस्तान |
महत्वपूर्ण तथ्य:
- विश्व की भाषाओं के एक डेटाबेस एथनोलॉग के अनुसार, दुनिया भर में सिंधी बोलने वालों की संख्या लगभग 21 मिलियन है। इस अनुमान में भाषा के मातृभाषी और गैर-मातृभाषी दोनों वक्ताओं को शामिल किया गया है।
- गुजरात के कच्छ जिले में सिन्धी बोली जाती है और वहाँ इस भाषा को ‘कच्छी भाषा‘ कहते हैं।
- सिन्धी के पश्चिम में बलोची, उत्तर में लहँदी, पूर्व में मारवाड़ी और दक्षिण में गुजराती का क्षेत्र है।
- पाकिस्तान में सिन्धी भाषा नस्तालिक (अरबी लिपि) में लिखी जाती है जबकि भारत में इसके लिये देवनागरी और नस्तालिक दोनो प्रयोग किये जाते हैं।
- सिन्धी भाषा सिन्ध प्रदेश की आधुनिक भारतीय-आर्य भाषा है जिसका सम्बन्ध पैशाची नाम की प्राकृत और व्राचड नाम की अपभ्रंश से जोड़ा जाता है।
सिन्धी भाषा की उत्पत्ति:
“सिंधी” शब्द की उत्पत्ति पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। कुछ विद्वानों का मानना है कि यह शब्द संस्कृत शब्द “सिंधु” से उत्पन्न हो सकता है, जो सिंधु नदी को संदर्भित करता है। दूसरों का मानना है कि “सिंधी” शब्द की उत्पत्ति फ़ारसी शब्द “सैंधी” से हुई है, जिसका अर्थ है “सिंधु का या उससे संबंधित।”
सिन्धी भाषा का विकास:
सिंधी भाषा विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से प्रभावित रही है, जिसमें संस्कृत, फ़ारसी और अरबी शामिल हैं। ऐसा माना जाता है कि सिंधी का प्रारंभिक रूप संस्कृत भाषा से प्रभावित था, और बाद में फ़ारसी और अरब राजवंशों के शासन कारण फ़ारसी और अरबी प्रभाव अधिक पड़ा।
सिन्धी भाषा का बोली क्षेत्र:
सिंधी भाषा प्रमुख रूप से पाकिस्तान (सिंध प्रांत), भारत (गुजरात राज्य में), संयुक्त अरब अमीरात (दुबई शहर में पाकिस्तान और भारत के प्रवासियों द्वारा), इसके अतिरिक्त सिंधी बोलने वालों के छोटे समुदाय संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर के अन्य देशों में पाए जा सकते हैं।
सिन्धी भाषा की लिपि
सिंधी भाषा को लिखने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लिपि ‘सिंधी लिपि‘ है। यह एक फ़ारसी-अरबी लिपि है, जो दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। सिंधी लिपि में 52 अक्षर हैं। कुछ अक्षर सिंधी लिपि के लिए अद्वितीय हैं और अरबी लिपि में मौजूद नहीं हैं। यह स्क्रिप्ट पाकिस्तान के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है और किताबों, समाचार पत्रों और वेबसाइटों सहित मीडिया के विभिन्न रूपों में इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
सिन्धी भाषा की वर्णमाला:
सिंधी वर्णमाला में 52 अक्षर हैं, जिसमें 34 अक्षर फ़ारसी भाषा के हैं और 18 नये अक्षर, ڄ ,ٺ ,ٽ ,ٿ ,ڀ ,ٻ ,ڙ ,ڍ ,ڊ ,ڏ ,ڌ ,ڇ ,ڃ ,ڦ ,ڻ ,ڱ ,ڳ ,ڪ हैं। इनमें अधिकतर का रूप आदि, मध्य और अंत में भिन्न-भिन्न होता है। स्वरों की मात्राएँ अनिवार्य न होने के कारण एक ही शब्द के कई उच्चारण हो जाते हैं।
सिन्धी की शब्द संरचना
सिंधी भाषा में शब्दों की संरचना अन्य आर्य भाषाओं के समान है, और कर्त्ता-कर्म-क्रिया (SOV) शब्द क्रम का अनुसरण करती है। संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण, ये तीनों लिंग और कारक को प्रभावित करते हैं, जबकि काल, पहलू, मनोदशा और आवाज को क्रिया निर्धारित करती हैं।
सिंधी में, संज्ञाओं को प्रत्यय जोड़कर बहुवचन बनाया जा सकता है, और संज्ञाओं के लिंग को आमतौर पर लिंग प्रत्यय जोड़कर इंगित किया जाता है। व्यक्ति, संख्या, लिंग को सर्वनाम निर्धारित करता हैं। विशेषण आमतौर पर उनके द्वारा संशोधित संज्ञा से पहले रखे जाते हैं, और संख्या, लिंग और मामले के लिए भी विभक्त होते हैं।
कुछ सरल सिन्धी शब्दों के उदाहरण:
- دن (din) – Day (दिन)
- روز (roz) – Day (दिन)
- رات (rat) – Night (रात)
- صبح (subah) – Morning (सुबह)
- شام (shaam) – Evening (शाम)
- دو (du) – Two (दो)
- تله (tla) – Three (तीन)
- چار (chaar) – Four (चार)
- پانج (paanch) – Five (पांच)
- شش (shash) – Six (छह)
- ست (sat) – Seven (सात)
- اڳ (ag) – Eight (आठ)
- نو (nu) – Nine (नौ)
- دس (das) – Ten (दस)
- جي (ji) – Come (आना)
- جا (ja) – Go (जाना)
- رکڻ (rikan) – Eat (खाना)
- پين (peen) – Drink (पीना)
- ڪر (kar) – Work (काम)
- سونهو (suno) – Listen (सुनना)
- بول (bol) – Speak (बोलना)
- ديڻ (deekh) – See (देखना)
- مل (mil) – Meet (मिलना)
- دھو (dho) – Give (देना)
सिन्धी में प्रयोग होने वाले प्रश्नवाचक शब्द:
- جو (jo) – What (क्या)
- ڪيو (kyo) – Why (क्यों)
- ڪو (ko) – Who (कौन)
- ڪيئن (kyen) – Where (कहाँ)
- ڪودا (koda) – How (कैसे)
- ڪم (kam) – How much (कितना)
- ڪمش؟ (kamsh?) – How many (कितने)
- جنهن (jenhen) – When (कब)
- ڪيس (keys) – How often (कितनी बार)
- ڪولهو (kolho) – How long (कितनी लंबाई)
- ڪيئن (kyen) – Why (क्यों)
- ڪي سواءِ (kyi sawai) – How come (कैसे आए)
- ڪنهن (kenhen) – Whom (किसे)
- ڪنھن (kenhen) – Whose (किसका)
सिन्धी में प्रयोग होने वाले नकारात्मक शब्द और पद:
- ناهي (nai) – No (न)
- نا (na) – Not (नहीं)
- نئي (nei) – Neither (नाही)
- نه بيار (ne bayar) – Cannot (नहीं हो सकते)
- نه ڪري (ne kare) – Don’t (नहीं करें)
- نه جي (ne ji) – Not any (कुछ नहीं)
- نئون هئون (neun heun) – None (कुछ नहीं)
- نا آهي (na aai) – Doesn’t come (नहीं आते)
- نه ڪولهو (ne kolho) – Doesn’t last (नहीं होते)
- نه آهي (ne aai) – Doesn’t exist (नहीं होते)
- نه جوڙو (ne joru) – Doesn’t work (नहीं काम करते)
कुछ सामान्य वाक्य सिन्धी भाषा में:
- منهنجي نه آهي (Maneji ne aai) – I don’t exist (मैं नहीं हूँ)
- توهان جي آهي (Tuhan ji aai) – You are here (तुम यहां हो)
- ۾نهي آهي (Wenei aai) – He/She is here (वह यहां है)
- سو سان جي آهي (So saan ji aai) – We are here (हम यहां हैं)
- ۾نھنجي آهي (Weneji aai) – They are here (वे यहां हैं)
- سو جا آهي (So ja aai) – Go there (वहां जाओ)
- سو گهري آهي (So ghere aai) – Come here (यहां आओ)
- سو ڪري آهي (So kare aai) – Do it (इसे करो)
- سو ڪولو آهي (So kolo aai) – Eat it (इसे खाओ)
- سو پڙهي آهي (So pare aai) – Drink it (इसे पीओ)
- سو سولهي آهي (So sole aai) – Take it (इसे ले लो)
- سو گلو آهي (So galo aai) – Say it (इसे बोलो)
- سو ڪھوري آهي (So khore aai) – Do (करो)
- سو جوڙو آهي (So joru aai) – Work (काम करो)
- سو سڃو آهي (So sako aai) – Sleep (सोना)
- سو بياري آهي (So bayari aai) – Buy it (इसे खरीदो)
- سو سڪو آهي (So sko aai) – Sell it (इसे बेचो)
- سو دھري آهي (So dhare aai) – Hold it (इसे थामों)
सिन्धी साहित्य
सिंधी साहित्य का इतिहास 8वीं शताब्दी से शुरू होता है। सिंधी साहित्य की जड़ें सूफी और भक्ति आंदोलनों में हैं, और सदियों से, यह कविता, गद्य, लोक कथाओं और धार्मिक और ऐतिहासिक कार्यों सहित शैलियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करने के लिए विकसित हुआ है। सिंधी साहित्य में सबसे प्रमुख प्रारंभिक कार्यों में से एक “शाह जो रिसालो” (राजाओं का संदेश) है, जो सूफी संत शाह अब्दुल लतीफ भिटाई की कविताओं का संग्रह है।
सिंधी साहित्य की कुछ प्रसिद्ध कृतियाँ हैं:
- “शाह जो रिसालो” शाह अब्दुल लतीफ़ भिटाई
- “उमर मरवी” हिदायत अली शाई
- “सोहनी महिवाल” फ़ज़ल शाह
- “लाल लाल दुनिया” अयूब खुहर
- “सिंध जो अजरक” डॉ. नबी बक्स खान बलोच
- “सिंध जो कौमियत” हमायूँ खान द्वारा
- “सिंधी अदबी तारीख” डॉ. एन.ए. बलूच
- “सिंधी साहित्य तारीख” गुलाम अली अल्लाना
- “मूमल रानो” इमदाद हुसैनी
- “बानो” कुरतुलैन हैदर
अंत में, सिंधी एक समृद्ध और जीवंत भाषा है जिसका एक लंबा इतिहास और एक समृद्ध सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत है। सदियों से, सिंधी में कई प्रसिद्ध कृतियों का निर्माण किया गया है, और आज भी भाषा का विकास जारी है, जिसमें लेखकों, कवियों और नाटककारों की संख्या बढ़ रही है। सिंधी भाषा और साहित्यिक परंपराओं के संरक्षण का सिंधी लोगों के लिए बहुत महत्व है और ये परंपराएं उनकी सांस्कृतिक पहचान को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।