उर्दू भाषा – लिपि, वर्णमाला, शब्द, वाक्य और इतिहास, in Hindi

Urdu Bhasha - Lipi, Kis Bhasha ka Shabd

उर्दू भाषा

उर्दू एक इंडो-आर्यन भाषा है जो मुख्य रूप से पाकिस्तान और भारत में बोली जाती है। यह पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा है और भारत के संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह भाषा उत्तरी भारत में विकसित हुई और फारसी और अरबी से काफी प्रभावित हुई, और इसके परिणामस्वरूप, इन भाषाओं के कई शब्द उर्दू में पाए जाते हैं। उर्दू लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। यह अनुमान है कि दुनिया भर में उर्दू के 100 मिलियन से अधिक मातृभाषी वक्ता हैं।

भाषा उर्दू
लिपि नस्तालिक लिपि
बोली क्षेत्र भारत और पाकिस्तान में प्रमुख रूप से
वक्ता 10 करोड़ से अधिक
परिवार आर्य भाषा परिवार (इंडो-आर्यन)
आधिकारिक भाषा भारत (जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश), पाकिस्तान

महत्वपूर्ण तथ्य:

  • “उर्दू” शब्द फ़ारसी शब्द “ज़बान-ए-उर्दू-ए-मोअल्ला” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सैन्य शिविर की भाषा।”
  • भाषा विज्ञान के आधार पर हिन्दी और उर्दू एक ही भाषा है।
  • नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिन्दी भाषा को उर्दू कहा जाता है।
  • उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द कम हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं।
  • यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है।
  • उर्दू भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है।
  • यह तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है।

उर्दू की उत्पत्ति:

“उर्दू” शब्द तुर्की शब्द “ऑर्डु” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “शिविर” या “सेना”। तुर्कों के साथ यह शब्द भारत में आया और इसका यहाँ प्रारम्भिक अर्थ खेमा या सैन्य पड़ाव था। शाहजहाँ ने दिल्ली में लालकिला बनवाया। यह भी एक प्रकार से ‘उर्दू’ (शाही और सैन्य पड़ाव) था, किन्तु बहुत बड़ा था। अतः इसे ‘उर्दू’ न कहकर ‘उर्दू ए मुअल्ला’ कहा गया तथा यहाँ बोली जाने वाली भाषा- ‘ज़बान ए उर्दू ए मुअल्ला’ (श्रेष्ठ शाही पड़ाव की भाषा) कहलाई। और कालांतर में “ज़बान-ए-उर्दू-ए-मोअल्ला” शब्द को भाषा के संदर्भ में “उर्दू” कहा जाने लगा।

  • कवि गुलाम हमदान मुशफी ने लग भग 1780 में उर्दू शब्द का इस्तेमाल किया जब कि उन्हों ने ख़ुद भाषा के परिचय पर हिंदवी शब्द का प्रयोग किया था।
  • 13वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी के अंत तक आज के उर्दू भाषा को हिन्दी हिन्दवी, हिंदुस्तानी के नाम से जाना जाता था।
  • मुहम्मद हुसैन आज़ाद, उर्दू की उत्पत्ति ब्रजभाषा से मानते हैं। ‘आब ए हयात’ में वे लिखते हैं कि ‘हमारी ज़बान ब्रजभाषा से निकली है।’

उर्दू भाषा का विकास:

उर्दू भाषा के विकास का पता उत्तरी भारत में लगाया जा सकता है, जहाँ यह फारसी, अरबी और तुर्किक सहित क्षेत्रीय बोलियों और भाषाओं के मिश्रण से विकसित हुई। मुगल साम्राज्य, जिसने 16वीं से 19वीं शताब्दी तक भारत के अधिकांश हिस्सों पर शासन किया, ने उर्दू के विकास को बहुत प्रभावित किया। फारसी मुगल साम्राज्य की दरबारी भाषा थी और उर्दू के विकास पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा, क्योंकि भाषा में कई फारसी शब्दों को अपनाया गया था।

ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान, उर्दू को मुस्लिम नेताओं और बुद्धिजीवियों द्वारा भारत में मुस्लिम सांस्कृतिक और साहित्यिक पहचान के प्रतीक के रूप में बढ़ावा दिया गया था। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत में, उर्दू साहित्य का विकास हुआ और यह भाषा दक्षिण एशिया की सांस्कृतिक और साहित्यिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई।

1947 में भारत के विभाजन के बाद, उर्दू पाकिस्तान की आधिकारिक भाषा बन गई और देश के सांस्कृतिक और साहित्यिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। भारत में, उर्दू संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है और आबादी के एक बड़े अल्पसंख्यक द्वारा बोली जाती है, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर के उत्तरी राज्यों में।

उर्दू भाषा का बोली क्षेत्र:

उर्दू मुख्य रूप से पाकिस्तान और भारत में बोली जाती है, जहाँ यह एक आधिकारिक भाषा है। पाकिस्तान में, यह संघीय सरकार की आधिकारिक भाषा है और व्यापक रूप से विभिन्न भाषाई और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों द्वारा भाषा के रूप में उपयोग की जाती है। भारत में, यह मुख्य रूप से उत्तरी राज्यों उत्तर प्रदेश, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, और बिहार, तेलंगाना और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोली जाती है।

भारत, पाकिस्तान के अतिरिक्त उर्दू मॉरिशस, दक्षिण अफ़्रीका, बहरीन, फ़िजी, क़तर, ओमान, संयुक्त अरब अमिरात, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, सुरिनाम, इरान, अफ़्ग़ानिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान सहित अन्य देशों में भी उर्दू समुदायों के लोगों द्वारा बोली जाती है।

उर्दू भाषा की लिपि

उर्दू लिखने के लिए उपयोग की जाने वाली लिपि को “नस्तालिक लिपि” कहा जाता है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक संशोधित रूप है। नस्तलीक को दाएँ से बाएँ लिखा जाता है। जटिल व्याकरण और समृद्ध शब्दावली के साथ, यह लिपि उर्दू भाषा के अभिव्यंजक गुणों के अनुकूल है। नस्तालिक लिपि मध्यकाल में विकसित हुई थी और फारसी की लेखन की शैलियों से प्रभावित थी।

Urdu Varnamala - Urdu Bhasha Ki Varnamala

उर्दू भाषा की वर्णमाला:

उर्दू (नस्तालिक लिपि) रोमन लिपि में उच्चारण देवनागरी लिपि में उच्चारण हिन्दी (देवनागरी लिपि)
ا alif अलिफ़ अ, आ
ب be बे
پ pe पे
ت te * ते
ٹ ṭe टे
ث se से
ج jīm जीम
چ ce चे
ح baṛī he बड़ी हे
خ xe ख़े ख़
د dāl दाल
ڈ ḍāl डाल
ذ zāl ज़ाल ज़
ر re रे
ڑ ṛe ड़े ड़
ز ze ज़े ज़
ژ ze ज़े ज़
س sīn * सीन
ش śīn शीन
ص svād स्वाद
ض zvād ज़्वाद ज़
ط to तो
ظ zo ज़ो ज़
ع aen ‘अएन ‘अ
غ ġaen ग़एन ग़
ف fe फ़े फ़
ق qāf क़ाफ़ क़
ک kāf काफ़
گ gāf गाफ़
ل lām लाम
م mīm मीम
ن nūn नून
و vāo वाओ व, उ, ऊ, ओ, औ
ہ, ﮩ, ﮨ choṭī he छोटी हे ह्, अः, (आ)
ھ do caśmī he दो चश्मी हे -ह (फ, थ, ठ, छ, भ,
ध, झ, घ बनाने के लिये)
ی choṭī ye छोटी ये य, ई, ए, ऐ
ے baṛī ye बड़ी ये
ء hamzā हम्ज़ा ‘अ, –

उर्दू की शब्द संरचना

उर्दू में शब्दों की संरचना फ़ारसी और अरबी आदि भाषाओं से प्रभावित होती हैं। उर्दू में कई शब्द इन्हीं भाषाओं से लिए गए हैं, और इसके परिणामस्वरूप, वे अक्सर गठन और विभक्ति के समान संरचना का पालन करते हैं।

  • सामान्यत: उर्दू शब्द मूल शब्दों और प्रत्ययों के मेल से बनते हैं।
  • उर्दू में एक समृद्ध शब्दावली भी है, जिसमें फ़ारसी और अरबी से उधार लिए गए कई शब्द हैं।
  • उच्चारण के संदर्भ में, उर्दू में ध्वन्यात्मकता और ध्वनिविज्ञान की एक जटिल प्रणाली है, जिसमें बड़ी संख्या में विशिष्ट ध्वनियाँ और स्वर और व्यंजन संयोजनों की एक समृद्ध प्रणाली है।
  • उर्दू में शब्दों का उच्चारण क्षेत्र और बोली के साथ-साथ अन्य भाषाओं के प्रभाव के आधार पर भिन्न हो सकता है।

कुछ सरल उर्दू शब्दों के उदाहरण:

  • خدا (Khuda) – God – खुदा
  • بات (Baat) – Talk – बात
  • عشق (Ishq) – Love – इश्क
  • دن (Din) – Day – दिन
  • آئیے (Aaiye) – Come – आएं
  • بہتر (Bahutr) – Better – बेहतर
  • دوسرا (Dusra) – Other – दुसरा
  • سفر (Safar) – Journey – सफर
  • کام (Kaam) – Work – काम
  • دعا (Dua) – Prayer – दुआ
  • عطر (Itr) – Perfume – इतर
  • دل (Dil) – Heart – दिल
  • سوچ (Soch) – Thought – सोच
  • علاقہ (Ilm) – Science – इल्म
  • دوست (Dost) – Friend – दोस्त
  • دام (Daam) – Price – दाम

उर्दू में प्रयोग होने वाले प्रश्नवाचक और नकारात्मक शब्द व पद:

  • کیا؟ (Kya?) – What? – क्या?
  • کب؟ (Kab?) – When? – कब?
  • کہاں؟ (Kahan?) – Where? – कहां?
  • کیسے؟ (Kaise?) – How? – कैसे?
  • کو؟ (Ko?) – Who? – कौ?
  • نہیں (Nahi) – No – नहीं
  • نا (Na) – Not – ना
  • مخالف (Mukhalif) – Against – मुखलिफ
  • غیر (Ghair) – Other than – घैर
  • ناپسندیدہ (Napasandedeh) – Dislike – नापसंदेह
  • ناقابل قبول (Na-qabil-e-qabool) – Unacceptable – ना-कबील-ए-कबूल
  • ناممکن (Na-mumkin) – Impossible – असंभव

कुछ सामान्य वाक्य और उनका अनुवाद उर्दू भाषा में:

  • میں بیٹھا ہوں (Main baitha houn) – I am sitting – मैं बैठा हूँ
  • تم بچے ہو (Tum bachche ho) – You are children – तुम बच्चे हो
  • ہم جاری جا رہے ہیں (Hum ja rahe hain) – We are going – हम जा रहे हैं
  • وہ کھانا کھا رہے ہیں (Woh khana khha rahe hain) – They are eating food – वो खाना खा रहे हैं
  • میں آپ سے ملاقات کرنا چاہتا ہوں (Main aap se milaqaat karna chaahta houn) – I want to meet you – मैं आप से मिलना चाहता हूँ
  • تم نے کام تیار کیا ہے (Tum ne kaam taiyaar kiya hai) – You have prepared the work – तुम ने काम तैयार किया है
  • ہم سفر کر رہے ہیں (Hum safar kar rahe hain) – We are traveling – हम सफर कर रहे हैं
  • وہ خوشبو ہیں (Woh khushbu hain) – They are fragrance – वो खुशबू हैं
  • میں آپ کا دوست ہوں (Main aap ka dost houn) – I am your friend – मैं आप का दोस्त हूँ
  • تم خوشبخت ہو (Tum khushbakht ho) – You are lucky – तुम खुशबकत हो

उर्दू साहित्य

उर्दू साहित्य एक समृद्ध और विविध परंपरा है जो सदियों से भारतीय उपमहाद्वीप में विकसित हुई है। इसकी जड़ें फ़ारसी भाषा और साहित्य में हैं और यह संस्कृत, अरबी, तुर्की और हिंदी सहित विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं से प्रभावित थी।

उर्दू साहित्य के विकास को तीन चरणों में विभाजित किया जा सकता है: प्रारंभिक, मध्यकालीन और आधुनिक।

  1. प्रारंभिक चरण में, उर्दू कविता में रहस्यमय और भक्ति विषयों के साथ-साथ सूफी कविता का भी बोलबाला था।
  2. मध्ययुगीन चरण के दौरान, उर्दू साहित्य फ़ारसी साहित्य से प्रभावित था और इसके विषयों में रोमांटिक प्रेम, शिष्टता और राजनीतिक व्यंग्य शामिल थे।
  3. उर्दू साहित्य का आधुनिक चरण सामाजिक और राजनीतिक टिप्पणी, राष्ट्रवाद और मानवतावाद सहित विविध प्रकार के विषयों द्वारा चिह्नित है।

उर्दू साहित्य में कविता, गद्य, कथा, नाटक और आलोचना सहित कई विधाएं शामिल हैं। कुछ सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली उर्दू कवियों में अमीर खुसरो, मिर्जा गालिब और फैज अहमद फैज शामिल हैं। आधुनिक युग में, सआदत हसन मंटो, इस्मत चुगताई और क़ुर्रतुलैन हैदर जैसे लेखकों ने उर्दू उपन्यास को आकार दिया है।

Frequently Asked Questions (FAQ)

1. उर्दू भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई है?

उर्दू की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई और इसकी जड़ें फ़ारसी भाषा में हैं। यह संस्कृत, अरबी, तुर्की और हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों से प्रभावित थी।

2. उर्दू  किस भाषा का शब्द है?

“उर्दू” शब्द तुर्की शब्द “ऑर्डु” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “शिविर” या “सेना”।

3. उर्दू लिखने के लिए किस लिपि का प्रयोग किया जाता है?

उर्दू नस्तालिक लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का ही रूपांतर है।

4. उर्दू कहाँ बोली जाती है?

उर्दू मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान में बोली जाती है, लेकिन इसका उपयोग अन्य देशों में कई समुदायों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में भी किया जाता है।

5. उर्दू भाषा की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?

उर्दू एक भारतीय-यूरोपीय भाषा है जिसकी विशेषता इसके जटिल व्याकरण, समृद्ध शब्दावली और संगीत की गुणवत्ता है। इसमें फारसी और अरबी के कई शब्दों का भी प्रयोग किया गया है।

6. उर्दू साहित्य की कुछ उल्लेखनीय रचनाएँ कौन सी हैं?

उर्दू साहित्य की कुछ सबसे प्रसिद्ध और प्रभावशाली रचनाओं में अमीर खुसरो, मिर्ज़ा ग़ालिब और फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कविताएँ शामिल हैं, साथ ही सआदत हसन मंटो, इस्मत चुगताई और क़ुर्रतुलैन हैदर की कथाएँ भी शामिल हैं।

7. उर्दू भाषा की लिपि क्या है?

उर्दू भाषा की लिपि “नस्तालिक लिपि” है।

अंत में, उर्दू एक समृद्ध और जीवंत भाषा है जिसका एक लंबा और आकर्षक इतिहास है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सदियों से विकसित हुआ है और विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और साहित्यिक परंपराओं से प्रभावित हुआ है। उर्दू भारत और पाकिस्तान में लाखों लोगों द्वारा बोली जाती है, और यह अन्य देशों में कई समुदायों द्वारा दूसरी भाषा के रूप में भी उपयोग की जाती है। उर्दू एक महत्वपूर्ण और जीवंत भाषा है, जिसका उपयोग शिक्षा, मीडिया, राजनीति और रोजमर्रा की जिंदगी सहित विभिन्न संदर्भों में किया जाता है। भाषाई और राजनीतिक विवादों सहित कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, उर्दू दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए एक प्रिय और पोषित भाषा बनी हुई है।