Chitra Varnan in Sanskrit – संस्कृत में चित्र वर्णन with pictures, Class 10,9,8,7,6

Sanskrit Chitra Varnan

संस्कृत में चित्र-वर्णन: चित्राधारितवर्णनम्

चित्र-वर्णन का अर्थ है किसी चित्र के आधार पर उसके तत्वों और संदर्भ का वर्णन करना। इसे ‘चित्राधारित-वर्णनम्’ भी कहते हैं। यह वर्णन मंजूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से किया जाता है। चित्र को ध्यानपूर्वक देखकर अपने शब्दों में उसका सटीक वर्णन करना ही चित्र-वर्णन कहलाता है। इसमें दो मुख्य बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

  1. वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध हो।
  2. केवल चित्र से संबंधित जानकारी ही वर्णन में शामिल हो।

चित्र-वर्णन के दौरान ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बातें:

  • वाक्य बनाने के लिए सरल और सहज शब्दों का चयन करें।
  • जटिल और कठिन वाक्यों से बचें।
  • चित्र में जो भी वस्तुएँ और दृश्य दिखाए गए हों, उन्हीं का वर्णन करें।
  • मंजूषा में दिए गए शब्दों में से, जो शब्द संस्कृत में ज्ञात हों, उन्हीं का प्रयोग करें।
  • पहला वाक्य चित्र की प्रकृति को दर्शाए, जैसे वह विद्यालय, उद्यान, कार्यालय या घर का है।
  • जितने वाक्यों में चित्र-वर्णन करने को कहा गया हो, उतने ही वाक्यों में वर्णन करें।
  • संस्कृत व्याकरण के अनुसार ‘अस्ति’ और ‘सन्ति’ का उपयुक्त प्रयोग करें। जैसे-
    • चित्रे एक: बालकः  अस्ति। (चित्र में एक बालक है।)
    • चित्रे दश बालकाः सन्ति। (चित्र में दस बालक हैं।)
  • यदि एक वस्तु का वर्णन हो, तो ‘अस्ति’ का, और यदि एक से अधिक वस्तुओं का वर्णन हो, तो ‘सन्ति’ का उपयोग करें।

सरल उदाहरण: यहाँ हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं, जिनके माध्यम से आप चित्र-वर्णन की प्रक्रिया को सरलता से समझ सकते हैं और अभ्यास कर सकते हैं। इन उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए आप चित्र का प्रभावशाली वर्णन कर सकेंगे।

चित्रवर्णनं प्रारूपः (1): संस्कृत व्याकरण

Chitra Varnan Praroop 1

चित्रवर्णनं प्रारूपः (2): संस्कृत व्याकरण

Chitra Varnan Praroop 2

चित्राधारित-वर्णनम्

ये Chitra varnan in sanskrit with pictures, Class 6, Class 7, Class 8, Class 9, Class 10, Class 11, और Class 12, आदि सभी परीक्षाओं (जिनमें भी चित्र के आधार पर संस्कृत वाक्य बनाने के लिए आते हैं) के लिए उपयोगी हैं।

अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां साहाय्येन पञ्च वाक्यानि संस्कृतेन लिखत। (नीचे दिए गए चित्र का वर्णन मञ्जूषा में दिए गए शब्दों की सहायता से पाँच वाक्य संस्कृत में लिखिए।)

प्रश्न 1. मंजूषात: पदानि चित्वा चित्रं दृष्ट्वा पंचवाक्यानि लिखत:।

Prashn 1 - Chitra Varnan in Sanskrit

इस मंजूषा की सहायता से चित्र वर्णन ऐसे कर सकते हैं-

चित्रवर्णन (1) हिन्दी अनुवाद
(1) अस्मिन चित्रे बहु: पर्वता: सन्ति । इस चित्र में बहुत सारे पर्वत है।
(2) इदं चित्रं एकं उद्यानयस्य अस्ति । यह चित्र एक उद्यान/बगीचे का है।
(3) अस्मिन चित्रे एका बालिका स्वगृहंप्रति गछति । इस चित्र में एक बालिका/लड़की अपने घर की ओर जा रही है।
(4) अस्मिन चित्रे बहु: वृक्षा: अपि सन्ति । इस चित्र में बहुत सारे वृक्ष/पेड़ भी है।
(5) अस्मिन चित्रे एक: काक: घटे जलम पिबति । इस चित्र में एक कौआ घड़े में से जल पी रहा है।
(6) इदं चित्रं बहु: शोभनं अस्ति । यह चित्र बहुत सुंदर है।

प्रश्न 2. अधः प्रदत्तं चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां साहाय्येन पञ्च वाक्यानि संस्कृतेन लिखत।

Prashn 2 - Chitra Varnan in Sanskrit

यदि आप संस्कृत में वाक्य बना सकते हो तो मंजूषा की मदद से विशेष वाक्य बना सकते हो। जैसे-

चित्रवर्णन-2 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रं वनस्य अस्ति। यह चित्र वन का है।
2. चित्रे एका महिला अस्ति। चित्र में एक महिला है।
3. अत्र छात्राः पादपान् रोपयन्ति। यहाँ छात्र पोधे रोप रहे हैं।
4. आकाशे मेघाः सन्ति। आकाश में बादल हैं।
5. एतस्मिन् चित्रे पर्वता: अपि दृश्यन्ते।  इस चित्र में पर्वत भी दिखाई दे रहे हैं।
6. वने बहवः वृक्षा: सन्ति। वन में बहुत पेड़ हैं।
7. एकः बालकः पादपान् सिञ्चति। एक बालक पोधौं को सींच रहा है।
8. महिलाः छात्रान् निर्दिशति। महिला छात्रों को निर्देश दे रही है।

प्रश्न 3. चित्रवर्णन-3

Prashn 3 - Chitra Varnan in Sanskrit

उत्तर-

चित्रवर्णन-3 हिन्दी अनुवाद
(1) इदं चित्रं पुस्तकालयस्य अस्ति । यह चित्र पुस्तकालय का है।
(2) अस्मिन् चित्रे पुस्तकानि सन्ति । इस चित्र में पुस्तकें हैं।
(3) चित्रे दौ बालकौ स्तः । चित्र में दो बालक हैं।
(4) चित्रे बालिकाः अपि सन्ति । चित्र में लड़कियां भी हैं।
(5) चित्रे सर्वे प्रसन्नाः सन्ति । चित्र में सभी प्रसन्न हैं।

प्रश्न 4. चित्रवर्णन-4

Prashn 4 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-4 हिन्दी अनुवाद
(1) इदं चित्रम् उद्यानस्य अस्ति। यह चित्र बगीचे का है।
(2) एका बाला सुन्दरं चित्रं रचयति। एक बालिका सुन्दर चित्र बना रही है।
(3) बालकाः पादकन्दुकेन खेलन्ति। बालक फुटबॉल से खेल रहे हैं।
(4) वृक्षस्य अधः द्वे बालिके दोलायाम् दोलयतः। पेड़ के नीचे दो बालिकाएँ झूला झूल रही हैं।
(5) उद्याने द्वौ जनौ उपविशतः। उद्यान में दो लोग बैठे हैं।

प्रश्न 5. चित्रवर्णन-5

Prashn 5 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-5 हिन्दी अनुवाद
1. एतत् क्रीडाङ्गनस्य चित्रम् अस्ति। यह खेल के मैदान का चित्र है।
2. बालकाः पादकन्दुकेन खेलन्ति। बालक फुटबॉल से खेल रहे हैं।
3. अत्र अनेकाः हरिताः वृक्षाः सन्ति। यहाँ अनेक हरे पेड़ हैं।
4. बालकः बालिकाश्च पितरौ सह फुटबॉलक्रीडां पश्यतः। बालक और बालिका माता-पिता के साथ फुटबॉल का खेल देख रहे हैं।
5. अस्मिन् चित्रे एकं सुन्दरं गृहम् अस्ति। इस चित्र में एक सुंदर घर है।

प्रश्न 6. चित्रवर्णन-6

Prashn 6 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-6 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रम् कस्यचित् आपणस्य अस्ति। यह चित्र किसी बाज़ार का है।
2. बालकाः स्वमित्रैः सह मेलयित्वा प्रसन्नाः भवन्ति। बालक अपने मित्रों के साथ मिलकर प्रसन्न हो रहे हैं।
3. सर्वे जनाः सुन्दरवेशभूषां धारयन्ति। सभी लोगों ने सुन्दर वस्त्र पहन रखे हैं।
4. जनाः इतस्ततः धावन्ति। लोग इधर-उधर दौड़ रहे हैं।
5. एका महिला वस्त्रं पश्यति। एक महिला वस्त्र देख रही है।

प्रश्न 7. चित्रवर्णन-7

Prashn 7 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-7 हिन्दी अनुवाद
1. इदम् उपवनस्य चित्रम् अस्ति। यह बगीचे का चित्र है।
2. द्वौ बालौ व्यायामं कुरुतः। दो बालक व्यायाम कर रहे हैं।
3. सरोवरे राजहंसाः तरन्ति। तालाब में राजहंस तैर रहे हैं।
4. आकाशे पक्षिणः उड्डयन्ति। आकाश में पक्षी उड़ रहे हैं।
5. उपवने अनेकाः हरिताः वृक्षाः पत्राणि पुष्पाणि च सन्ति। बगीचे में अनेक हरे पेड़, पत्ते और फूल हैं।

प्रश्न 8. चित्रवर्णन-8

Prashn 8 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-8 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रं शाकापणस्य अस्ति। यह चित्र सब्जी मंडी का है।
2. शाकविक्रेतारः शाकान् क्रेतुम् जनान् आकारयन्ति। सब्जी वाले सब्जियाँ खरीदने के लिए लोगों को बुला रहे हैं।
3. अत्र शाकविक्रेतारः आलूकम्, पलाण्डु, गृञ्जनम्, कदलीफलं इत्यादयः विक्रीणन्ति। यहाँ सब्जी वाले आलू, प्याज़, गाजर, केले इत्यादि बेच रहे हैं।
4. महिला शाकविक्रेतारम् आलूकस्य मूल्यं पृच्छति। महिला सब्जी वाले से आलू का मूल्य पूछ रही है।
5. एकः पुरुषः बालिकायै एकं स्यूतं यच्छति। एक पुरुष बालिका को एक थैली दे रहा है।

प्रश्न 9. चित्रवर्णन-9

Prashn 9 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-9 हिन्दी अनुवाद
1. इदं महाभारतस्य कुरुक्षेत्रस्य चित्रम् अस्ति। यह महाभारत के कुरुक्षेत्र का चित्र है।
2. अर्जुनः युद्धसमये स्वपरिजनान् वीक्ष्य मोहग्रस्तः अभवत्। अर्जुन युद्ध के समय अपने परिजनों को देखकर मोहग्रस्त हो गया।
3. अस्मिन् चित्रे श्रीकृष्णः अर्जुनाय गीतायाः उपदेशं ददाति। इस चित्र में श्रीकृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश दे रहे हैं।
4. उपदेशान् प्रेरितः अर्जुनः युद्धाय सन्नद्धः अभवत्। उपदेश से प्रेरित होकर अर्जुन युद्ध में लग गया।
5. श्रीकृष्णः अर्जुनं अकथयत् यत् त्वं स्व कर्तव्यपालनम् कुरु। श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम अपने कर्त्तव्य का पालन करो।

प्रश्न 10. चित्रवर्णन-10

Prashn 10 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-10 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रं ईद-उत्सवस्य अस्ति। यह चित्र ईद उत्सव का है।
2. मुस्लिमधर्मावलम्बिनः जनाः उपासनागृहम् गच्छन्ति। मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग उपासना गृह जा रहे हैं।
3. सर्वे परस्परं मिलित्वा सेवई इति मिष्टान्नं खादन्ति वर्धापनानि च यच्छन्ति। सभी आपस में मिलकर सेवई आदि मिठाई खाते हैं और बधाई देते हैं।
4. ते सर्वे नूतनानि वस्त्राणि धारयन्ति। वे सभी नए वस्त्र पहने हुए हैं।
5. मुस्लिमधर्मावलम्बिनः इमम् उत्सवं धार्मिकसौहार्द्रण मानयन्ति। मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग इस उत्सव को धार्मिक सौहाद्रता से मनाते हैं।

प्रश्न 11. चित्रवर्णन-11

Prashn 11 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-11 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रं क्रिसमस-पर्वणस्य अस्ति। यह चित्र क्रिसमस पर्व का है।
2. ईसामसीहस्य जन्मः दिसम्बरमासस्य पञ्चविंशत्याम् तारिकायाम् अभवत्। ईसामसीह का जन्म दिसम्बर महीने की पच्चीस तारीख को हुआ था।
3. सर्वे जनाः नूतनवस्त्राणि धारयित्वा गिरिजागृहं गच्छन्ति। सभी लोग नए वस्त्र पहनकर गिरिजाघर जाते हैं।
4. जनाः अस्मिन् दिवसे केक इत्याख्यं मिष्टान्नम् खादन्ति। लोग इस दिन केक इस नाम से प्रसिद्ध मिठाई खाते हैं।
5. सान्ताक्लॉजः बालकेभ्यः उपहारान् यच्छन्ति। सान्ताक्लॉज बच्चों को उपहार देता है।

प्रश्न 12. चित्रवर्णन-12

Prashn 12 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-12 हिन्दी अनुवाद
1. एतत् चलचित्रभवनस्य चित्रम् अस्ति। यह चलचित्र भवन का चित्र है।
2. अत्र विशाल जनसम्मर्दः उत्सुकाः दृश्यते। यहाँ विशाल जनसमुदाय उत्सुक दिखाई दे रहा है।
3. जनाः चिकिटम् क्रीत्वा चलचित्रं पश्यन्ति। लोग टिकट खरीदकर चलचित्र देखते हैं।
4. जनाः मनोरञ्जनाय अत्र आगच्छन्ति। लोग मनोरंजन के लिए यहाँ आते हैं।
5. जनाः मध्यान्तरे खाद्यसामग्रीम् अपि खादन्ति। लोग बीच में खाना भी खाते हैं।

प्रश्न 13. चित्रवर्णन-13

Prashn 13 - Chitra Varnan in Sanskrit

चित्रवर्णन-13 हिन्दी अनुवाद
1. इदं चित्रं गणतन्त्रदिवसस्य अस्ति। यह चित्र गणतन्त्र दिवस का है।
2. अस्मिन् दिवसे भारतद्वारे ध्वजोत्तोलनम् भवति। इस दिन भारतद्वार पर झंडा फहराया जाता है।
3. गणतन्त्रदिवसः भारतीयानाम् राष्ट्रियपर्वः अस्ति। गणतंत्र दिवस भारतीयों का राष्ट्रीय पर्व है।
4. अस्मिन् दिवसे संपूर्णभारते अवकाशः भवति। इस दिन सम्पूर्ण भारत में अवकाश होता है।
5. भारतद्वारे सैनिकाः पथसंचलनम् कुर्वन्ति। भारतद्वार पर सैनिक पथसंचालन करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

चित्र-वर्णन एक रोचक और रचनात्मक अभ्यास है, जो न केवल भाषा कौशल को सुधारता है बल्कि हमारे वर्णनात्मक और अवलोकन संबंधी कौशल को भी विकसित करता है। संस्कृत में चित्र-वर्णन करते समय व्याकरण की शुद्धता और सरलता का ध्यान रखना आवश्यक है। उचित अभ्यास और नियमों के पालन से इसे प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

FAQs

1.

चित्र-वर्णन करते समय किस बात का सबसे अधिक ध्यान रखना चाहिए?

चित्र-वर्णन करते समय यह सुनिश्चित करें कि आपके वाक्य व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध हों और केवल चित्र से संबंधित जानकारी का ही वर्णन किया गया हो।

2.

क्या चित्र-वर्णन में कठिन शब्दों का प्रयोग करना आवश्यक है?

नहीं, चित्र-वर्णन में सरल और सहज शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। जटिल शब्दों और कठिन वाक्यों से बचना बेहतर होता है।

3.

‘अस्ति’ और ‘सन्ति’ का प्रयोग कैसे और कब किया जाता है?

यदि आप किसी एक वस्तु का वर्णन कर रहे हैं, तो ‘अस्ति’ का प्रयोग करें। यदि आप एक से अधिक वस्तुओं का वर्णन कर रहे हैं, तो ‘सन्ति’ का उपयोग करें। उदाहरण: विद्यालये एकः अध्यापकः अस्ति। उद्याने पुष्पाणि सन्ति।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*