लोकोक्तियाँ हिंदी व्याकरण एवं भाषा का एक रोचक भाग है जिससे संबंधी प्रश्न अक्सर बोर्ड और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते है। Lokoktiyan in Hindi और उनकी परिभाषा अर्थ और वाक्य में प्रयोग, साथ ही मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर नीचे दिया गया हैं।
Lokokti (proverbs)
लोकोक्ति संस्कृत भाषा का शब्द है। लोकोक्ति शब्द ‘लोक + उक्ति’ दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- ‘लोक में प्रचलित उक्ति या कथन‘। अर्थात जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो उसे लोकोक्ति कहते हैं।
डॉ. भोलानाथ तिवारी ने लोकोक्ति की परिभाषा देते हुए लिखा है- “विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक तथा ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं कथाओं, प्राकृतिक नियमों और लोक विश्वासों आदि पर आधारित चुटीली, सारगर्भित, संक्षिप्त, लोकप्रचलित ऐसी उक्तियों को लोकोक्ति कहते हैं, जिनका प्रयोग किसी बात की पुष्टि, विरोध, सीख तथा भविष्य-कथन आदि के लिए किया जाता है।”
संस्कृत में लोकोक्ति अलंकार का एक भेद भी है तथा सामान्य अर्थ में लोकोक्ति को ‘कहावत‘ कहा जाता है। लोकोक्ति वाक्यांश न होकर स्वतंत्र वाक्य होते हैं।
निम्न वार्तालाप को ध्यानपूर्वक पढ़िए-
उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा- “हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा।” इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता‘।
यहाँ ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’ लोकोक्ति का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है ‘एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता’।
बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुँहचढ़े वाक्य लोकोक्ति के तौर पर जाने जाते हैं। इन वाक्यों में जनता के अनुभव का निचोड़ या सार होता है। इनकी उत्पत्ति एवं रचनाकार ज्ञात नहीं होते।
लोकोक्ति की परिभाषा
परिभाषा: किसी घटना या कहानी से सम्बन्धित अनुभव के सार को व्यक्त करने वाली लोक प्रसिद्ध उक्ति या कथन को लोकोक्ति या कहावत कहते हैं।
लोकोक्ति की अन्य विद्वानों के अनुसार परिभाषाएँ निम्न हैं-
- अरस्तु– संक्षिप्त और प्रयोग करने के लिए उपयुक्त होने के कारण तत्वज्ञान के खंडहरों में से चुनकर निकाले हुए टुकड़े बचा लिए गए अंश को लोकोक्ति की संज्ञा से अभिहित किया जा सकता है।
- धीरेंद्र वर्मा– लोकोक्तियां ग्रामीण जनता की नीति शास्त्र है। यह मानवीय ज्ञान के घनीभूत रत्न हैं।
- डॉ. सत्येंद्र– लोकोक्तियों में लय और तान या ताल न होकर संतुलित स्पंदनशीलता ही होती है।
लोकोक्ति का उदाहरण
लोकोक्ति:- आगे कुआं पीछे खाई।
अर्थ:- दोनों ओर संकट होना।
प्रयोग:- सास-बहू के झगड़े में मैं फंस जाता हूं, मैं किसका साथ दूं मां का या पत्नी का, मेरे तो आगे कुआं पीछे खाई।
लोकोक्तियों के प्रकार
हिन्दी साहित्य कोश के सहयोगी लेखक सत्येन्द्र ने विस्तृत अर्थ की दृष्टि से लोकोक्ति के दो प्रकार माने हैं-
- पहेली
- कहावत
पहेली और कहावत के बीच विद्यमान अन्तर और समानता को स्पष्ट करते हुए डॉ सत्येन्द्र लिखते हैं कि “पहेली भी लोकोक्ति है। लोकमानस इसके द्वारा अर्थ गौरव की रक्षा करता है और मनोरंजन प्राप्त करता है। यह बुद्धि परीक्षा का भी साधन है। यद्यपि पहेलियाँ स्वभाव से कहावतों की प्रवृत्ति से विपरीत प्रणाली पर रची जाती है, क्योंकि पहेलियों में एक वस्तु के लिए बहुत से शब्द प्रयोग में आते हैं, भाव से इनका सम्बन्ध नहीं होता, प्रकट को गोप्य करने की चेष्टा करता है, लघु प्रयत्न से, बुद्धि कौशल पर निर्भर करती है, जबकि कहावत में सूत्रप्रणाली होती है भाव की मार्मिकता घनीभूत रहती है, लघु प्रयत्न से विस्तृत एवं व्यक्त करने की प्रवृत्ति रहती है। फिर भी पहेलियाँ उतनी ही उक्तियाँ हैं, जितनी कहावतें।”
उपर्युक्त विवेचन से एक बात स्पष्ट हो जाती है कि-
- ‘लोकोक्ति’ और ‘कहावत’ के अर्थ में बहुत सूक्ष्म अन्तर है।
- ‘मुहावरा‘ शब्द के साथ ‘कहावत’ शब्द का प्रयोग जितना सटीक है, उतना ‘लोकोक्ति’ का नहीं है।
- ‘मुहावरा’ और ‘कहावत’ दोनों ही बोलचाल के शब्द हैं और जनसामान्य के लिए बोधगम्य हैं।
लोकोक्तियाँ और मुहावरे में अंतर
और अधिक विस्तार से पढ़ें- “लोकोक्ति और मुहावरे में अंतर।”
लोकोक्ति का स्वरूप व विशेषताएं
- लोकोक्ति गागर में सागर भरने की प्रवृत्ति से काम करती है।
- लोकोक्तियाँ जीवन के सत्य बड़ी खूबी के साथ प्रकट होते हैं।
- यह ग्रामीण जनता का नीतिशास्त्र है।
- लोकोक्तियाँ मानवी ज्ञान के धनीभूत रत्न हैं, जिन्हें बुद्धि और अनुभव की किरणें फूटने वाली ज्योति प्राप्त होती है।
- लोकोक्तियाँ प्रकृति के स्र्पुल्लिंग (रेडियो एक्टिव) तत्वों की भाँति अपनी प्रखर किरणें चारों ओर फैलाती रहती हैं।
- सांसारिक व्यवहार पटुता और सामान्य बुद्धि का जैसा निदर्शन कहावतों में मिलता है, वैसा अन्यत्र दुर्लभ है।
- लोकोक्ति की सुन्दर अभिव्यक्ति और सूत्रात्मकता उसे सूक्ति जैसा रूप दे सकती है, किन्तु लोकोक्ति और सूक्ति में अन्तर होता है।
लोकोक्ति लोक यानी साधारण जनसमाज की उक्ति है। व्यापक घटनाओं एवं तथ्यों पर आधारित लोक-अनुभव लोकोक्ति का आधार होता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि लोकोक्ति का मूल स्रोत् मनीषी लेखकों की सुन्दर उक्ति होती है। सामान्यतः सूक्ति में सामान्य शब्दार्थ भी स्वतन्त्र रूप से प्रधान और महत्त्वपूर्ण हुआ करता है।
लोकोक्तियाँ एवं कहावतें
प्रमुख Lokoktiyan in Hindi लोकोक्ति के वाक्य प्रयोग का उदाहरण और अर्थ सहित निम्नलिखित हैं-
अ से शुरू होने वाली Lokoktiyan-
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अंधे के हाथ बटेर लगना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– संयोग से अयोग्य या अनाड़ी को सफलता मिलना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मैंने वीरोस को कभी पढ़ते-लिखते नहीं देखा। जब देखो, तब वह सोता ही मिलता है। उसने जब बताया कि वह आर.ए.एस. की परीक्षा में पास हो गया है तो मैंने कहा कि इसे तुम्हारी योग्यता का प्रमाण नहीं मानता, यह तो अंधे के हाथ बटेर लगना है।
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अंधों में काना राजा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– मूर्खों के बीच अल्पज्ञ का सम्मान।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– रमेश कुल मिलाकर प्रथम वर्ष का छात्र है, पर मैंने देखा कि उसके घर गाँव वाले उसे बहुत पढ़ा-लिखा और विद्वान् मानकर उसकी आवभगत और इज्जत करने में लगे रहते हैं। वह भी सबको आदेश-निर्देश देता रहता है। मैं मन ही मन सोचता हूँ कि रमेश वास्तव में अंधों में काना राजा है।
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अपनी गली में कुत्ता भी शेर।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अपने क्षेत्र या घर में सब बलवान होते हैं।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– कॉलेज में तो मेरे सामने तेरी घिग्घी बँध जाती थी। यह तेरा मुहल्ला है। तू चाहे जितना बुरा बोल। यहाँ तो तू मुझे पिटवा भी सकता है। अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है।
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अंधा क्या चाहे, दो आँखें।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बिना प्रयास के अभीष्टे वस्तु का प्राप्त हो जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सारी पूँजी लगाकर मैंने व्यापार शुरू किया। ऐसा घाटा लगा कि मेरा सब कुछ चौपट हो गया। मेरी दुर्दशा देखकर मेरे छोटे भाई ने एक दिन कहा, “भाई साहब! आप मेरे पास आ जाइये। फिर व्यापार शुरू कीजिए। जितना पैसा लगेगा, मैं दूँगा।” अंधे को क्या चाहिए, दो आँखें। मैं तुरन्त उसके पास चल पड़ा।
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अंधी पीसे, कुत्ता खाये।
इस लोकोक्ति का अर्थ– मूर्खों के कमाये धन का मुफ्तखोरों द्वारा दुरुपयोग या नष्ट करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सेठ रामदास दिन-रात कमाई करते-करते मरा जा रहा है। उसके मुनीम और नौकर-चाकर मनमाने ढंग से उसकी कमाई पर मौज कर रहे हैं और सेठ कुछ समझता ही नहीं है। इसीलिए उसके पास पूँजी जमा हो ही नहीं पाती। जब अंधी पीसे और कुत्ते खाएँ तो हो भी कैसे ?
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अंधे के आगे रोवे, अपना दीदा खोवे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– मूर्ख को उपदेश देना या समझाना व्यर्थ है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मैं जब भी अपने बेटे को उसके हित की बात समझाता या कहता हूँ तो वह समझने के बजाय मुझसे बहस और कुतर्क करने लगता है। कोई अच्छी बात उसकी समझ में नहीं आती। इसलिए मैंने यह सोचकर उससे कुछ भी कहना बन्द कर दिया कि अंधे के आगे रोवे, अपने दीदा खोवे।
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अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी, टका सेर खाजा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– ऐसा शासक जो अन्यायी हो, जिसका शासन प्रबन्ध किसी नियम के अधीन न हो, जिसके शासन में भले ही ईमानदार लोगों का असम्मान होता हो, लुच्चे और बेईमान जहाँ मनमानी करते हों।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– आज गधे-घोड़े सब एक भाव बिक रहे हैं। अपराधी खुले घूम रहे हैं। भले और निर्दोष लोग प्रताड़ित हैं। अयोग्य उन्नति कर रहे हैं। योग्य बेरोजगार हैं। घोटालों-कांडों में लिप्त लोग ईमानदार होने का दम भर रहे हैं। ईमानदार और सच्चरित्र भयभीत हैं। आज की इस दुरवस्था को देखकर यह कहावत एकदम सही प्रतीत होती है कि अंधेर नगरी चौपट राजा, टका सेर भाजी, टका सेर खाजा।
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अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अकेला आदमी कोई महान् या कठिन कार्य नहीं कर सकता। सहयोग और मेल से बड़े काम होते हैं।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इस भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए तुम-हम अपने-पराये की अवहेलना करने लगे हो। अपनी जैसी विचारधारा वालों का सहयोग लो, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता।
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अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम।
इस लोकोक्ति का अर्थ– ईश्वर सबकी आवश्यकताएँ पूरी करता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सुरेश कोई काम-धाम नहीं करता, पता नहीं खाने-पीने का प्रबन्ध कैसे करता है। उसे पूछो तो सदा यही उत्तर देता है कि अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम, दास मलूका कह गये, सबके दाता राम।
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अपना सिक्का खोटा हो तो परखनहार का क्या दोष।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अपने किसी बुरे आचरण वाले परिजन की जब कोई निन्दा करने लगे तब इस कहावत का प्रयोग होता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– अड़ोस-पड़ोस के सभी लोग रमेश के कपूत बेटे की निन्दा करते हैं। जब रमेश की पत्नी झँझलाकर रमेश से कहती है कि तुम चुपचाप क्यों सुनते रहते हो, सबका मुँह क्यों नहीं तोड़ देते? तब दुखी होकर रमेश यही कहकर चुप हो जाता है कि अपना सिक्का खोटा हो तो परखनहार का क्या दोष?
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अपना हाथ जगन्नाथ।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अपना काम अपने हाथ से ही करना मनोनुकूल फलदायी होता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– कभी कच्ची तो कभी जली रोटियाँ, सब्जी में कभी कम तो कभी ज्यादा नमक-मिर्च और चिकनाई। इस नौकरानी राधा के हाथ का बना खाना न स्वादिष्ट होता है और न स्वास्थ्यप्रद। अच्छा भोजन करना-कराना हो तो कल से बिटिया ! तुम खुद खाना बनाया करो। अपना हाथ जगन्नाथ होता है।
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अपनी-अपनी ढफली अपना-अपना राग।
इस लोकोक्ति का अर्थ– जब अपनी धुन में मस्त, तालमेल और सहयोग का अभाव।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– स्वतंत्रता की लड़ाई हमने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ी थी, पर आज देश में जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र के नाम पर अनेक राजनीतिक दलों का गठन हो रहा है। कौन क्या कह रहा है, क्या चाहता है, किसी को समझ में कुछ नहीं आ रहा। सब अपनी-अपनी ढफली, अपना-अपना राग अलाप रहे हैं।
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अरहर की टट्टी गुजराती ताला।
इस लोकोक्ति का अर्थ– साधारण वस्तु की सुरक्षा के लिए अधिक खर्च करना या अधिक कीमत की कोई वस्तु खरीदना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– चाँदी की सामान्य अँगूठी को सुरक्षित रखने के लिए तुम तिजोरी खरीदने चले हो। वाह भाई वाह, अरहर की टट्टी और गुजराती ताला।
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अशर्फियों की लूट और कोयलों पर मोहर।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कीमती चीज की परवाह न करके छोटी चीजों की रक्षा करने की कोशिश करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– कथाकार प्रेमचन्द द्वारा इस कहावत का प्रयोग देखिए-“आय में वृद्धि और व्यय में कमी, यह ज्ञानशंकर के सुप्रबन्ध का फल था। यद्यपि गायत्री भी किफायती पर नजर रखती थी, पर उसकी किफायत ‘अशर्फियों की लूट और कोयलों पर मोहर’ को चरितार्थ करती थी। ”
आ से Lokoktiyan in Hindi-
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आवाँ का आवाँ बिगाड़ना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– परिवार के सभी लोगों का बिगड़ जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सुरेश, उसका भाई, पुत्र और पिता, जिसको देखो वही आचरण-भ्रष्ट हो चुका है। इसी से लोग कहते हैं कि आवाँ का आवाँ ही बिगड़ चुका है।
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आए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास।
इस लोकोक्ति का अर्थ– जो बड़ा या अच्छा काम करना था, उसको छोड़कर किसी दूसरे महत्त्वहीन काम में लग जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इन्दुबाला ने दलित-महिलाओं के उत्थान और उद्धार का व्रत लिया था। व्रत-पूर्ति के लिए उन्होंने घर और नौकरी सब कुछ छोड़ दिया। गाँव और कच्ची बस्तियों में उन्होंने कुछ दिन तो काम किया, पर अब वे महिला संस्थाओं द्वारा अपने स्वागत- सम्मान समारोहों, राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय महिला सम्मेलनों में व्यस्त रहने लगी हैं, यानी थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास, कहावत को चरितार्थ कर रही हैं।
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आग लगने पर कुआँ खोदना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– सहसा किसी संभावित संकट या समस्या से निबटने के लिए पहले से ही उपाय न करके और तुरन्त किसी सीधे उपाय के बारे में न सोचकर किसी बड़े एवं तत्काल फल देने में असमर्थ उपाय या प्रयत्न में लग जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– तुम पहले कोई काम धंधा डालोगे। उससे पैसा आयेगा, तब तुम बड़ी लड़की की शादी करोगे। मेरी मानो, अभी इधर-उधर से उधार माँगकर इसके हाथ पीले कर दो, नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। पीछे तुम्हें पछताना पड़ सकता है। आग लगे पर कुआँ खोदना सदा ही निष्फल और मूर्खों का काम होता है।
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आगे कुआँ, पीछे खाई।
इस लोकोक्ति का अर्थ– दोनों ओर विपत्ति होना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मेरी पत्नी और माँ के बीच हमेशा ठनी रहती है। पत्नी का पक्ष लूँ तो माँ अपनी कोख को कोसने लगती है और माँ का पक्ष लूँ तो पत्नी कुआ पोखर करने चल पड़ती है। मेरी बड़ी आफत हो गयी है। आगे कुआँ है और पीछे खाई।
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आदमी जानिए बसे, सोना जानिए कसे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– आदमी का साथ रहने से और सोने को कसौटी पर कसने से ही असलियत का पता चलता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– जब तक तुम रमेश के साथ रहकर उसका व्यवहार और आचरण न देख लो तब तक उसको बुरा आदमी मत कहो। यह ध्यान रखो कि आदमी जानिए बसे, सोना जानिए कसे।
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आधा तीतर आधा बटेर।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बेमेल चीजें जिनमें सामंजस्य का अभाव हो।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मेरा मित्र रमेश नवधनाढ्य है। उसके अतिथि कक्ष को देखो तो बहुत कीमती कालीन बिछा है। बढ़िया सोफासेट के साथ मुड्ढे-मुड्ढियाँ, एक कोने में मेज स्टूल दरवाजे के पास बान की एक खरैरी खाट पड़ी है। शहरी और ग्रामीण दोनों तरह की चीजों से सजावट की गयी है। मैंने उससे कहा कि कमरे को या तो शहर की तरह सजाकर रखो या गाँव की तरह। यह क्या कि आधा तीतर और आधा बटेर।
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आधी छोड़ सारी को धावे, आधी रहे न सारी पावे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अधिक लालच अच्छा नहीं होता। जो मिले उसी में संतुष्ट होना चाहिए।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मैं बड़े चैन से अपनी परचून की दुकान से दाल-रोटी कमा लेता था एक रिश्तेदार के कहने से उसे बेचकर व्यापार करने बम्बई चला आया। यहाँ पैर जमाना भी मुश्किल हो रहा है। अब मैं समझ गया हूँ कि आधी छोड़ सारी को धावे, आधी रहे न सारी पावे।
ई से शुरू होने वाली Lokoktiyan in Hindi-
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ईश्वर की माया, कहीं धूप कहीं छाया।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कोई धनी है, कोई निर्धन, कोई सुखी है तो कोई दुखी, यह सब ईश्वर की विचित्र लीला है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इस संसार में एक ओर भूखे-नंगे भीख माँग रहे हैं तो दूसरी ओर अठखेलियाँ-रंगरेलियाँ हो रही हैं। कोई फुटपाथ पर पड़ा है तो कोई गुदगदे पलंग पर आराम कर रहा है। ईश्वर की माया, कहीं धूप, कहीं छाया।
ए से Lokoktiyan-
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एक अनार, सौ बीमार।
इस लोकोक्ति का अर्थ– चीज थोड़ी और चाहने वाले बहुत। अकेले आदमी से सबको एक साथ अपने काम कराने की इच्छा होना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सचिव ट्रांसफर वाली फाइल मँगवा रहे हैं, मंत्रीजी मीटिंग के लिए बुला रहे हैं और आप अपना कागज अभी निकालने को कह रहे हैं। बताइये, मैं अकेला क्या-क्या करूँ? एक अनार और सौ बीमार।
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एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बुरे का बुरी संगत में पड़कर बुरा हो जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सुरेश धनी बाप का लाड़ में बिगड़ा हुआ बेटा है। पढ़ाई-लिखाई छोड़ बैठा और आवारा हो गया। अब इसने उस जुआरी-शराबी रमेश से दोस्ती और कर ली है। उसके साथ रहकर जो कसर थी, वह भी पूरी हो गई। ऐसा तो होना ही था। एक तो करेला और दूजे नीम चढ़ा।
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एक मछली पूरे तालाब को गन्दा कर देती है।
इस लोकोक्ति का अर्थ– एक आदमी का दुराचरण पूरे परिवार, संगठन, समूह या सहकर्मी लोगों को भी बदनाम कर देता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मेरे छात्रावास का एक छात्र अड़ोस-पड़ोस के सूने घरों से सामान उठा लाता था। एक दिन कुछ लोगों ने मुझसे शिकायत की कि आपके छात्रावास के विद्यार्थी चोर-उचक्कें हैं। मैंने कहा, सभी तो चोर उचक्के नहीं हैं, पर क्या कहूँ, एक मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है।
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एक हाथ से ताली न बजना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– झगड़ा दोनों तरफ से होता है, लड़ाई एक ओर से संभव नहीं होती।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– भैया! तुम्हारे सपूत ने भी छेड़खानी जरूरी की होगी, तभी उस लड़की के भाई ने इसे मारा है। एक हाथ से ताली कभी नहीं बजती।
क से हिन्दी में Lokoktiyan-
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कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– इधर-उधर की सामग्री से बेडौल रचना करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मैंने तुम्हारे लिखी पुस्तक पढ़ ली है। तुमने इसमें अनेक विद्वानों की पुस्तकों से सामग्री लेकर बेतरतीब ढंग से तूंस दिया है। इसमें न कोई मौलिकता है और न कोई नवीनता। तुमने केवल कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमती ने कुनबा जोड़ा वाली कहावत को प्रमाणित कर दिया है।
ख से Lokoktiyan in Hindi-
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खूँटे के बल बछड़ा कूदता है।
इस लोकोक्ति का अर्थ– किसी अन्य के बल पर शक्ति का प्रदर्शन।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– पाकिस्तान क्या खाकर भारत से लड़ेगा, पर उसकी पीठ पर अमेरिका जैसे शक्ति-सम्पन्न देश का हाथ है। उसी के बल पर वह भारत के साथ छेड़-छाड़ करता रहता है। पाकिस्तान पर खूँटें के बल बछड़ा कूदे वाली कहावत चरितार्थ होती है।
घ से Lokoktiyan in Hindi-
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घर का जोगी जोगिया आन गाँव का सिद्ध।
इस लोकोक्ति का अर्थ– जो विद्वान् पास या साथ रहता है, लोग उसको उतना सम्मान नहीं देते जितना दूर रहने वाले को देते हैं।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– बीमार होने पर जब सरपंच दूसरे गाँव वाले वैद्य के पास पहुँचा तो उस वैद्य ने कहा कि तुम्हारा रोग मेरी पकड़ में नहीं आ रहा है। तुम्हारे ही गाँव में रमेश वैद्यजी इस रोग का इलाज कर सकते हैं। वे प्रशिक्षित और अनुभवी वैद्य हैं। जब सरपंच लौटकर रमेश के पास आया तो रमेश ने दवा देते हुए कहा, सरपंचजी ! घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध लगता है।
च से Lokoktiyan in Hindi-
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चोर-चोर मौसेरे भाई।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बुरा व्यवसाय करने वाले एक-दूसरे के समर्थक होते हैं।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– आज धर्म और राजनीति के सहारे अपराध करने वाले लोग कानून की पकड़ से बचने के लिए एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं। चोर-चोर मौसेरे भाई जो ठहरे।
ज से Lokoktiyan in Hindi-
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जिसकी लाठी उसकी भैंस।
इस लोकोक्ति का अर्थ– शक्तिशाली का ही अधिकार होना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– उसके चार जवान लड़के हैं। वह उस खेत पर कब्जा नहीं छोड़ेगा। जिसकी लाठी उसकी भैंस। तुम उससे न लड़ो तो ही अच्छा है।
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जैसे मुर्दे पर सौ मन माटी वैसे हजार मन।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कर्जदार और कर्ज लेना चाहे तब की मनस्थिति।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– बेटी की शादी के लिए मैंने पाँच हजार रुपए उधार लिए। पर इनसे काम नहीं चला। दस हजार और कर्ज पर लूँगा। जैसे मुर्दे पर सौ मन माटी वैसे हजार मन।
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जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ।
इस लोकोक्ति का अर्थ– दो दुष्टों में नाम के अतिरिक्त अन्य कोई अन्तर न होना। दुष्टता में दोनों का समान होना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इन तस्करों और आतंकवादियों में कोई अन्तर नहीं होता है। जैसे नागनाथ वैसे साँप नाथ।
झ से Lokoktiyan in Hindi-
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झूठे का मुँह काला सच्चे का बोलबाला।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अन्त में सत्य की विजय ही होती है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– राम यथानाम तथागुण समाज सेवी था। ईर्ष्यालु लोग उसे मिथ्याचारी- व्यभिचारी कह कर मनगढ़ंत आरोप लगाकर बदनाम करने में लगे रहते थे, किन्तु न्यायालय ने उसे निर्दोष माना और राम की मानहानि स्वरूप विरोधियों को भार आर्थिक दण्ड भुगतना पड़ा। यह कहावत एकदम सच है कि झूठे का मुँह काला सच्चे का बोलबाला।
ट से Lokoktiyan in Hindi-
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टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी।
इस लोकोक्ति का अर्थ– थोड़ा खर्च करके किसी के चरित्र की पहचान कर लेना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सुरेश ने मुझे बताया कि रमेश बेईमान है। किसी का लिया कभी नहीं लौटाता। वह कई दिन से मुझसे भी पाँच सौ रुपए उधार माँग रहा था। मैंने उसे परखने के लिए पचास रुपए दिये। उसके बाद रुपया लौटाना तो दूर वह मिलने तक नहीं आया। सुरेश ने मुझसे पूछा तो मैंने कहा कि कोई बात नहीं, टके की हाँडी गयी, कुत्ते की जात पहचानी गयी।
त से Lokoktiyan in Hindi-
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तू डाल-डाल मैं पात-पात।
इस लोकोक्ति का अर्थ– किसी की चालबाजी को अच्छी तरह समझना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– थानेदार ने जेबकट की गर्दन पकड़कर कहा कि तूने सोचा होगा कि मेरी आँखों में धूल झोंककर यहाँ से नौ दो ग्यारह हो जायेगा। चालाक की औलाद, मैं तेरी एक-एक चाल समझता हूँ। याद रखना, तू डाल-डाल तो मैं पात-पात।
द से प्रमुख Lokoktiyan in Hindi-
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दीवारों के भी कान होते हैं।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कोई गुप्त बात एकान्त में और बहुत धीरे स्वर में कहनी चाहिए।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– रानी त्रिशला ने दासी से झुंझलाकर कहा, “जो कहना है साफ-साफ कह। ओठों में क्यों बोल रही है।” दासी ने कहा, “थोड़ा उधर बाग में चलिए। यहाँ कोई सुन लेगा तो मेरी आफत आ जायेगी। महारानीजी, दीवारों के भी कान होते हैं। ”
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देखें ऊँट किस करवट बैठता है?
अर्थ – परिणाम का अनिश्चित होना।इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– कश्मीर को लेकर पाकिस्तान और भारत परस्पर उलझे हुए हैं। पाकिस्तान कश्मीर में जनमत संग्रह चाहता है और भारत तथाकथित आजाद कश्मीर को लेना चाहता है। परिस्थिति बहुत जटिल है। विश्व जनमत किसका पक्ष लेगा, कुछ कहा नहीं जा सकता। भविष्य ही बतायेगा कि ऊँट किस करवट बैठता है?
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दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूँक कर पीता है।
इस लोकोक्ति का अर्थ– एक बार धोखा खा जाने के बाद आदमी बहुत ज्यादा सोच-समझकर काम करता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– डॉ. रमेश को कभी रात में किसी मरीज को देखने कोई बुलाए या लेने आये तो वह प्रश्नों की झड़ी लगा देता है-क्यों, कहाँ, कौन है अभी क्यों मैं ही क्यों, मुझसे ही क्यों? मैंने एक बार उससे पूछ ही लिया तो उसने कहा कि एक बार मरीज देखने के बहाने गुण्डों ने मुझे बंधक बना लिया था। तब से मैं किसी के भी बुलाने पर रात में मरीज देखने जाने से पहले पूरी तसल्ली कर लेता हूँ। मैंने कहा अच्छा तो यह बात है, तू दूध का जला छाछ को भी फूंक-फूँक कर पीता है।
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दूध का दूध और पानी का पानी करना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– पक्षपात रहित सच्चा न्याय करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– वह जमाना बीत गया जब पंच परमेश्वर होते थे। आज ऐसे पंच कहाँ हैं जो दूध का दूध और पानी का पानी कर सकें।
ध से Lokoktiyan in Hindi-
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धोबी से पार न पावे, गदहा का कान उमेठे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बलवान पर वश न चलने पर निर्बल पर गुस्सा करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– प्राचार्य से डाँट खाकर अध्यापक कक्षा लेने तो चला गया, पर पढ़ाने के बजाय वह पूरे समय छात्रों को डाँटता रहा। उसके जाने के बाद छात्रों ने एक-दूसरे से पूछा आज गुरुजी को क्या हो गया। रमेश को सब पता था। वह बोला धोबी से पार न पावे, गदहा के कान उमेठे।
न से Lokoktiyan in Hindi-
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न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कलह के कारण को ही नष्ट कर देना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– राम ने एक दिन अपने बेटे रमेश से कहा कि जब तक ये सास-बहू साथ रहेंगी, तब तक न तुझे शांति मिलेगी और न मुझे। ऐसा कर तू अलग मकान लेकर बहू के साथ रह। न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी।
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नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अपनी अयोग्यता को छिपाने के लिए, साधन को दोष देना, बहाने बनाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मुझे पता है कि रमेश न तो कविता करना जानता है, न उसका गला अच्छा है और न वह मंच पर बोल सकता है, फिर भी वह यही कहता फिरता है कि कवि सम्मेलनों में मैं अपनी धाक जमा देता हूँ। एक दिन एक काव्यगोष्ठी में मैंने उससे कविता सुनाने को कहा तो वह बोला, “आज तो मैं डायरी नहीं लाया और फिर दो-चार हजार श्रोता हों तो ही कविता सुनाने का मन करता है।” यह सुनकर एक साथी गीतकार बोल उठा, वाह! महाकवि, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
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नेकी और पूछ-पूछ।
इस लोकोक्ति का अर्थ– भलाई करने में क्या पूछना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सखी ने सीता से कहा, “क्या तुम राम को देखना चाहती हो।” यह सुनते ही सीता ने सखी को आलिंगन में बाँधते हुए कहा नेकी और पूछ-पूछ। मुझे एक बार राम के दर्शन करा दे, मैं आजीवन तेरी कृतज्ञ रहूँगी।
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नौ सौ चूहे खाय, बिल्ली हज को चली।
इस लोकोक्ति का अर्थ– आजीवन पाप करके अन्त में धर्मात्मा या साधु बनने का ढोंग करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इस सेठ को कौन नहीं जानता। गरीबों के गहने, खेत, घर आदि गिरवी रखकर इसने अपार सम्पत्ति जोड़ी। ब्याज के बदले इसने छोटे बच्चों तक को बंधुआ रखा। आज यह धर्मशाला और मन्दिर बनवा रहा है। प्याऊ लगा रहा है। वास्तव में यह सेठ नौ सौ चूहे खाय बिल्ली हज को चली कहावत का साक्षात् उदाहरण है।
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नीम हकीम खतर-ए-जान।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अधकचरे ज्ञान वाले से काम कराना खतरनाक होता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– तुम किसी विशेषज्ञ से ही आँखों का ऑपरेशन कराना। आर.एम.पी लिखकर बड़े-बड़े बोर्ड लगाए इन फर्जी डॉक्टरों के चक्कर में मत पड़ना, क्योंकि नीम हकीम खतर-ए-जान।
प से Lokoktiyan in Hindi-
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पानी में रहकर मगर से वैर करना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– शक्तिशाली आश्रयदाता से वैर करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– परदेशी और विधर्मी होते हुए भी तुमको इस गाँव के मुखिया ने मानवता के नाते गाँव में शरण दी। रहने-खाने का प्रबन्ध किया और आज तुम उसी मुखिया का विरोध करने चले हो। मेरी मानो पानी में रहकर मगर से वैर करना उचित नहीं है।
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प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
इस लोकोक्ति का अर्थ– छोटा आदमी बड़े पद पर पहुँचकर इतराकर चलता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– रमेश जब मामूली सिपाही था तब बहुत ही सीधी-सादी चाल का आदमी था, पर अब थानेदार बनने के बाद तो वह अपनों से भी टेढ़ा चलने लगा है। उसकी चर्चा होने पर परिचितों के बीच यह कहावत चल निकली है कि प्यादे से फरजी भयो टेढ़ो-टेढ़ो जाय।
ब से आरंभ होने वाली Lokoktiyan-
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बंदर क्या जाने अदरक का स्वाद।
इस लोकोक्ति का अर्थ– किसी व्यक्ति को ऐसी चीज मिल जाना जिसका स्वाद या गुण वह न जानता हो।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– काव्य-रस का आनन्द कोई रसिक या सहृदय ही ले सकता है। यदि अरसिक और असहृदय किसी रसात्मक रचना की उपेक्षा करे तो बुरा नहीं मानना चाहिए, क्योंकि बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद।
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बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।
इस लोकोक्ति का अर्थ– कभी न कभी सबका भाग्य उदय होता है या छोटे और दरिद्र व्यक्ति को कभी न कभी सम्मान और सम्पन्नता मिलती ही है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– किसान हरिया ने जमींदार जरनैलसिंह से कहा, “मालिक जी-जान से मेहनत कर रहा हूँ। बेटे को कॉलेज में पढ़ा रहा हूँ। कभी न कभी तो ईश्वर मेरी भी सुनेगा। यही सोचकर सब सह रहा हूँ कि बारह बरस में घूरे के दिन भी फिरते हैं।”
भ से Lokoktiyan in Hindi-
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भरी थाली में लात मारना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– अच्छी भली नौकरी या रोजी को छोड़ना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– आज शिक्षित-प्रशिक्षित भी बेरोजगार घूम रहे हैं। सौभाग्य से तुम्हें अच्छी खासी नौकरी मिली है। जरा-सी बात पर तुनक कर इसे छोड़ना भरी थाली में लात मारना है।
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भैंस के आगे बीन बजाना।
इस लोकोक्ति का अर्थ– मूर्ख के सामने बुद्धिमानी की बात करना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– निरंक्षर व्यक्ति के सामने वेद या गीता का गुणगान करना भैंस के आगे बीन बजाना है। मार के आगे भूत भागता है।
इस लोकोक्ति का अर्थ– मार से सबको डर लगता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– थानेदार बोला, “यह पक्का चोर है। राजी-बाजी कुछ नहीं कबूलेगा। तीसरे दर्जे के तरीके को काम में लाओ। सब उगल देगा। मार के आगे भूत भागता है।”
म से Lokoktiyan in Hindi-
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मान न मान मैं तेरा मेहमान।
इस लोकोक्ति का अर्थ– जबरदस्ती किसी के गले पड़ना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मुझे तो याद नहीं कि यह आगन्तुक मेरे साथ कब पढ़ा था। अब इतनी रात गये आ ही धमका है तो खाना खिलाना ही पड़ेगा। पत्नी झुंझलाकर बोली, “वाह भाई वाह ! यह भी खूब आदमी है। मान न मान मैं तेरा मेहमान।”
य से Lokoktiyan in Hindi-
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यथा नाम तथा गुण।
इस लोकोक्ति का अर्थ– जैसा नाम वैसे गुण, नाम के अनुरूप होना। –
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– वह दीन-दुखियों की सेवा में लगा रहता है। उसके मन में दया का दरिया लहराता रहता है। उसका नाम है सेवकराम। यथा नाम तथा गुण।
र से Lokoktiyan in Hindi-
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रमता जोगी, बहता पानी।
इस लोकोक्ति का अर्थ– यायावर, जिसका कोई निश्चित पता-ठिकाना न हो।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सेवानिवृत्ति के बाद मैं भारत-भ्रमण और तीर्थाटन करने निकला तो उदास मन से बेटे-बहू ने पूछा। आप कहाँ जा रहे हैं, कुछ तो हमें बताकर जाइये। मैंने कहा मैं तो रमता जोगी और बहता पानी हूँ। मेरा कोई निश्चित ठौर-ठिकाना नहीं है। मैं कहीं टिक कर नहीं रहूँगा।
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रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बहुत बुरी हालत या बरबाद होने पर भी अकड़ या टेक न छोड़ना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– सिकन्दर ने कहा, “पुरु, तुम हार स्वीकार कर लो, मैं तुम्हें आजाद कर दूँगा।” पुरु बोला, “प्राण चले जाएँ तब भी मैं तुम्हारी अधीनता स्वीकार नहीं करूँगा।” यह सुनकर एक यवन सेनापति बोला, “रस्सी जल गयी पर ऐंठ न गयी।”
ल से Lokoktiyan in Hindi-
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लोहे को लोहा ही काटता है।
इस लोकोक्ति का अर्थ– बुराई को बुराई से ही जीता जाता है।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– इराक ने दुष्टतापूर्वक कुवैत पर आक्रमण कर उस पर अधिकार कर लिया, पर जब मित्र राष्ट्रों ने इराक की पिटाई की तो वह अपनी सीमा में ही सिमट गया। लोहे को लोहा ही काटता है।
व से Lokoktiyan in Hindi-
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वह दिन गये जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– आनन्द और उन्नति करने के दिन बीत जाना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– मैंने रमेश से पूछा, “तुम तो बड़े मस्त रहते थे। क्या ठाट-बाट था तुम्हारा। हर समय अठखेलियों, रंगरेलियों से तुम्हें फुर्सत नहीं मिलती थी। आजकल तुम उदास रहने लगे हो। कैसा नीरस जीवन जी रहे हो? आखिर ऐसा हुआ क्या?” रमेश बोला, “क्या बताऊँ यार! बस इतना समझ लो कि वह दिन गए जब खलील खाँ फाख्ता उड़ाते थे।”
श से Lokoktiyan in Hindi-
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शौकीन बुढ़िया चटाई का लहँगा।
इस लोकोक्ति का अर्थ– ऐसा शौक जो बेढंगा लगे।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– धोती कुर्ता वाले संस्कृत विषय के अध्यापकजी का सेवा-निवृत्ति के बाद जीन्स और टी-शर्ट पहनने का शौक देखकर यही कहावत याद आती है- शौकीन बुढ़िया चटाई का लहँगा।
स से Lokoktiyan in Hindi-
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साँप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे।
इस लोकोक्ति का अर्थ– ऐसा उपाय करना कि बिना किसी हानि के काम पूरा हो जाए।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– रमेश की गुण्डागर्दी से गाँव में तो कोई नहीं निबट सकता। मैं तुम्हें एक ऐसा उपाय बतलाता हूँ जिससे साँप भी मर जायेगा और लाठी भी न टूटेगी।
ह से Lokoktiyan in Hindi-
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हाथ कंगन को आरसी क्या।
इस लोकोक्ति का अर्थ– प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता है?
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– देश में चारों ओर नीचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार का बोलबाला है। आप चाहें तो अभी और यहीं देख लीजिए। हाथ कंगन को आरसी क्या।
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हंसा थे सो उड़ गये, कागो भये दीवान।
इस लोकोक्ति का अर्थ– महान् लोगों के अभाव में तुच्छों का सम्माननीय पद पर आसीन होना।
इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– देश की दुरवस्था को देखकर आज का हताश सच्चा नेता परतंत्रता काल में हुए अपने अंग्रेजों की याद में यही कहता हुआ मिलता है कि हंसा थे सो उड़ गये, कागा भये दीवान।
अन्य प्रसिद्ध हिन्दी की Lokoktiyan अर्थ सहित
यहाँ हिन्दी की प्रसिद्ध लोकोक्तियाँ उनके अर्थ सहित दीं गईं है-
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अंधों में काना राजा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- मूर्खों में कुछ पढ़ा-लिखा व्यक्ति
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अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता
इस लोकोक्ति का अर्थ:- अकेला आदमी लाचार होता है
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अधजल गगरी छलकत जाय
इस लोकोक्ति का अर्थ:- डींग हाँकना
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आँख का अँधा नाम नयनसुख
इस लोकोक्ति का अर्थ:- गुण के विरुद्ध नाम होना
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आँख के अंधे गाँठ के पूरे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- मुर्ख परन्तु धनवान
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आग लागंते झोपड़ा, जो निकले सो लाभ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- नुकसान होते समय जो बच जाए वही लाभ है
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आगे नाथ न पीछे पगही
इस लोकोक्ति का अर्थ:- किसी तरह की जिम्मेदारी न होना
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आम के आम गुठलियों के दाम
इस लोकोक्ति का अर्थ:- अधिक लाभ
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ऊँची दुकान फीका पकवान
इस लोकोक्ति का अर्थ:- केवल बाह्य प्रदर्शन
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एक पंथ दो काज
इस लोकोक्ति का अर्थ:- एक काम से दूसरा काम हो जाना
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ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- काम करने पर उतारू
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कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली
इस लोकोक्ति का अर्थ:- उच्च और साधारण की तुलना कैसी
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कोयल होय न उजली, सौ मन साबुन लाई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- कितना भी प्रयत्न किया जाये स्वभाव नहीं बदलता
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घर का जोगी जोगड़ा, आन गाँव का सिद्ध
इस लोकोक्ति का अर्थ:- निकट का गुणी व्यक्ति कम सम्मान पाटा है, पर दूर का ज्यादा
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चंदन की चुटकी भरी, गाड़ी भरा न काठ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- अच्छी वास्तु कम होने पर भी मूल्यवान होती है, जब्कि मामूली चीज अधिक होने पर भी कोई कीमत नहीं रखती
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चिराग तले अँधेरा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- अपनी बुराई नहीं दिखती
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चील के घोसले में माँस कहाँ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जहाँ कुछ भी बचने की संभावना न हो
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चोर लाठी दो जने और हम बाप पूत अकेले
इस लोकोक्ति का अर्थ:- ताकतवर आदमी से दो लोग भी हार जाते हैं
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छछूंदर के सर पर चमेली का तेल
इस लोकोक्ति का अर्थ:- अयोग्य के पास योग्य वस्तु का होना
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छप्पर पर फूंस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच
इस लोकोक्ति का अर्थ:- दिखावटी ठाट-वाट परन्तु वास्तविकता में कुछ भी नहीं
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जंगल में मोर नाचा किसने देखा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- गुण की कदर गुणवानों बीच ही होती है
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जिन ढूंढ़ा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- परिश्रम का फल अवश्य मिलता है
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जिसकी बंदरी वही नचावे और नचावे तो काटन धावे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जिसका जो काम होता है वही उसे कर सकता है।
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जिसकी बिल्ली उसी से म्याऊँ करे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब किसी के द्वारा पाला हुआ व्यक्ति उसी से गुर्राता है।
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जिसकी लाठी उसकी भैंस
इस लोकोक्ति का अर्थ:- शक्ति अनधिकारी को भी अधिकारी बना देती है, शक्तिशाली की ही विजय होती है।
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जिसके पास नहीं पैसा, वह भलामानस कैसा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जिसके पास धन होता है उसको लोग भलामानस समझते हैं, निर्धन को लोग भलामानस नहीं समझते।
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जिसके राम धनी, उसे कौन कमी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो भगवान के भरोसे रहता है, उसे किसी चीज की कमी नहीं होती।
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जिसके हाथ डोई (करछी) उसका सब कोई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- सब लोग धनवान का साथ देते हैं और उसकी खुशामद करते हैं।
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जिसके हाथ डोई, उसका सब कोई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- धनी व्यक्ति के सब मित्र होते हैं
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जिसे पिया चाहे वही सुहागिन
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जिस पर मालिक की कृपा होती है उसी की उन्नति होती है और उसी का सम्मान होता है।
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जी कहो जी कहलाओ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि तुम दूसरों का आदर करोगे, तो लोग तुम्हारा भी आदर करेंगे।
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जी ही से जहान है
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि जीवन है तो सब कुछ है। इसलिए सब तरह से प्राण-रक्षा की चेष्टा करनी चाहिए।
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जीभ और थैली को बंद ही रखना अच्छा है
इस लोकोक्ति का अर्थ:- कम बोलने और कम खर्च करने से बड़ा लाभ होता है।
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जीभ भी जली और स्वाद भी न पाया
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि किसी को बहुत थोड़ी-सी चीज खाने को दी जाये।
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जीये न मानें पितृ और मुए करें श्राद्ध
इस लोकोक्ति का अर्थ:- कुपात्र पुत्रों के लिए कहते हैं जो अपने पिता के जीवित रहने पर उनकी सेवा-सुश्रुषा नहीं करते, पर मर जाने पर श्राद्ध करते हैं।
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जुत-जुत मरें बैलवा, बैठे खाय तुरंग
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब कोई कठिन परिश्रम करे और उसका आनंद दूसरा उठावे तब कहते हैं, जैसे गरीब आदमी परिश्रम करते हैं और पूँजीपति उससे लाभ उठाते हैं।
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जूँ के डर से गुदड़ी नहीं फेंकी जाती
इस लोकोक्ति का अर्थ:- साधारण कष्ट या हानि के डर से कोई व्यक्ति काम नहीं छोड़ देता।
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जेठ के भरोसे पेट
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब कोई मनुष्य बहुत निर्धन होता है और उसकी स्त्री का पालन-पोषण उसका बड़ा भाई (स्त्री का जेठ) करता है तब कहते हैं।
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जेते जग में मनुज हैं तेते अहैं विचार
इस लोकोक्ति का अर्थ:- संसार में मनुष्यों की प्रकृति-प्रवृत्ति तथा अभिरुचि भिन्न-भिन्न हुआ करती है।
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जैसा ऊँट लम्बा, वैसा गधा खवास
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब एक ही प्रकार के दो मूर्खों का साथ हो जाता है।
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जैसा कन भर वैसा मन भर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- थोड़ी-सी चीज की जाँच करने से पता चला जाता है कि राशि कैसी है।
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जैसा काछ काछे वैसा नाच नाचे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसा वेश हो उसी के अनुकूल काम करना चाहिए।
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जैसा तेरा ताना-बाना वैसी मेरी भरनी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसा व्यवहार तुम मेरे साथ करोगे, वैसा ही मैं तुम्हारे साथ करूँगा।
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जैसा देश वैसा वेश
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जहाँ रहना हो वहीं की रीतियों के अनुसार आचरण करना चाहिए।
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जैसा मुँह वैसा तमाचा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसा आदमी होता है वैसा ही उसके साथ व्यवहार किया जाता है।
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जैसी औढ़ी कामली वैसा ओढ़ा खेश
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसा समय आ पड़े उसी के अनुसार अपना रहन-सहन बना लेना चाहिए।
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जैसी चले बयार, तब तैसी दीजे ओट
इस लोकोक्ति का अर्थ:- समय और परिस्थिति के अनुसार काम करना चाहिए।
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जैसी तेरी तोमरी वैसे मेरे गीत
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसी कोई मजदूरी देगा, वैसा ही उसका काम होगा।
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जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे विदेश
इस लोकोक्ति का अर्थ:- निकम्मे आदमी के घर रहने से न तो कोई लाभ होता है और न बाहर रहने से कोई हानि होती है।
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जैसे को तैसा मिले, मिले डोम को डोम, दाता को दाता मिले, मिले सूम को सूम
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो व्यक्ति जैसा होता है उसे जीवन में वैसे ही लोगों से पाला पड़ता है।
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जैसे को तैसा मिले, मिले नीच में नीच, पानी में पानी मिले, मिले कीच में कीच
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो जैसा होता है उसका मेल वैसों से ही होता है।
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जैसे बाबा आप लबार, वैसा उनका कुल परिवार
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जैसे बाबास्वयं झूठे हैं वैसे ही उनके परिवार वाले भी हैं।
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जो अति आतप व्याकुल होई, तरु छाया सुख जाने सोई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जिस व्यक्ति पर जितनी अधिक विपत्ति पड़ी रहती है उतना ही अधिक वह सुख का आनंद पाता है।
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जो करे लिखने में गलती, उसकी थैली होगी हल्की
इस लोकोक्ति का अर्थ:- रोकड़ लिखने में गलती करने से सम्पत्ति का नाश हो जाता है।
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जो गंवार पिंगल पढ़ै, तीन वस्तु से हीन, बोली, चाली, बैठकी, लीन विधाता छीन
इस लोकोक्ति का अर्थ:- चाहे गंवार पढ़-लिख ले तिस पर भी उसमें तीन गुणों का अभाव पाया जाता है। बातचीत करना, चाल-ढाल और बैठकबाजी।
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जो गुड़ खाय वही कान छिदावे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो आनंद लेता हो वही परिश्रम भी करे और कष्ट भी उठावे।
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जो गुड़ देने से मरे उसे विषय क्यों दिया जाए
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो मीठी-मीठी बातों या सुखद प्रलोभनों से नष्ट हो जाय उससे लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए।
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जो टट्टू जीते संग्राम, तो क्यों खरचैं तुरकी दाम
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि छोटे आदमियों से काम चल जाता तो बड़े लोगों को कौन पूछता।
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जो दूसरों के लिए गड्ढ़ा खोदता है उसके लिए कुआँ तैयार रहता है
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो दूसरे लोगों को हानि पहुँचाता है उसकी हानि अपने आप हो जाती है।
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जो धन दीखे जात, आधा दीजे बाँट
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि वस्तु के नष्ट हो जाने की आशंका हो तो उसका कुछ भाग खर्च करके शेष भाग बचा लेना चाहिए।
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जो धावे सो पावे, जो सोवे सो खोवे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो परिश्रम करता है उसे लाभ होता है, आलसी को केवल हानि ही हानि होती है।
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जो पूत दरबारी भए, देव पितर सबसे गए
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो लोग दरबारी या परदेसी होते हैं उनका धर्म नष्ट हो जाता है और वे संसार के कर्तव्यों का भी समुचित पालन नहीं कर सकते।
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जो बोले सो कुंडा खोले
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि कोई मनुष्य कोई काम करने का उपाय बतावे और उसी को वह काम करने का भार सौपाजाये।
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जो सुख छज्जू के चौबारे में, सो न बलख बुखारे में
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो सुखअपने घर में मिलता है वह अन्यत्र कहीं भी नहीं मिल सकता।
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जोगी काके मीत, कलंदर किसके भाई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जोगी किसी के मित्र नहीं होते और फकीर किसी के भाई नहीं होते, क्योंकि वे नित्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं।
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जोगी जुगत जानी नहीं, कपड़े रंगे तो क्या हुआ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- गैरिक वस्त्र पहनने से ही कोई जोगी नहीं हो जाता।
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जोगी जोगी लड़ पड़े, खप्पड़ का नुकसान
इस लोकोक्ति का अर्थ:- बड़ों की लड़ाई मेंगरीबों की हानि होती है।
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जोरू चिकनी मियाँ मजूर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- पति-पत्नी के रूप में विषमता हो, पत्नी तो सुन्दर हो परन्तु पति निर्धन और कुरूप हो।
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जोरू टटोले गठरी, माँ टटोले अंतड़ी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- स्त्री धन चाहती है औरमाता अपने पुत्र का स्वास्थ्य चाहती है। स्त्री यह देखना चाहती है कि मेरे पति ने कितना रुपया कमाया। माता यह देखती है कि मेरा पुत्र भूखा तो नहीं है।
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जोरू न जांता, अल्लाह मियां से नाता
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो संसार में अकेला हो, जिसके कोई न हो।
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ज्यों नकटे को आरसी, होत दिखाए क्रोध
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब कोई व्यक्तिकिसी दोषी पुरुष के दोष को बतलाता है तो उसे बहुत बुरा लगता है।
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ज्यों-ज्यों भीजै कामरी, त्यों-त्यों भारी होय
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जितना ही अधिक ऋण लिया जाएगा उतना ही बोझ बढ़ता जाएगा।
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ज्यों-ज्यों मुर्गी मोटी हो, त्यों-त्यों दुम सिकुड़े
इस लोकोक्ति का अर्थ:- ज्यों-ज्यों आमदनी बढ़े, त्यों-त्यों कंजूसी करे।
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झगड़े की तीन जड़, जन, जमीन, जर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- स्त्री, पृथ्वी और धन इन्हीं तीनों के कारण संसार में लड़ाई-झगड़े हुआ करते हैं।
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झट मँगनी पट ब्याह
इस लोकोक्ति का अर्थ:- किसी काम के जल्दी से हो जाने पर उक्ति।
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झटपट की धानी, आधा तेल आधा पानी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जल्दी का काम अच्छा नहीं होता।
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झड़बेरी के जंगल में बिल्ली शेर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- छोटी जगह में छोटे आदमी बड़े समझे जाते हैं।
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झूठ के पांव नहीं होते
इस लोकोक्ति का अर्थ:- झूठा आदमी बहस में नहीं ठहरता, उसे हार माननी होती है।
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झूठ बोलने में सरफ़ा क्या
इस लोकोक्ति का अर्थ:- झूठ बोलने में कुछ खर्च नहीं होता।
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झूठे को घर तक पहुँचाना चाहिए
इस लोकोक्ति का अर्थ:- झूठे से तब तक तर्क-वितर्क करना चाहिए जब तक वह सच न कह दे।
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टंटा विष की बेल है
इस लोकोक्ति का अर्थ:- झगड़ा करने से बहुत हानि होती है।
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टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में
इस लोकोक्ति का अर्थ:- धनी लोगों का आदर
सत्कार सब जगह होता है।
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टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- मूर्ख को दंड देने की आवश्यकता पड़ती है और बुद्धिमानों के लिए इशारा काफी होता है।
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टाट का लंगोटा नवाब से यारी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- निर्धन व्यक्ति का धनी-मानी व्यक्तियों के साथ मित्रता करने का प्रयास।
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टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए
इस लोकोक्ति का अर्थ:- ऐसा काम करना जिसमें केवल भरपेट भोजन मिले, कोई लाभ न हो।
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टेर-टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जो अपनी हानि की बात सबसे कहा करता है उसकी साख जाती रहती है।
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ठग मारे अनजान, बनिया मारे जान
इस लोकोक्ति का अर्थ:- ठग अनजान आदमियों को ठगता है, परन्तु बनिया जान-पहचान वालों को ठगता है।
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ठुक-ठुक सोनार की, एक चोट लोहार की
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब कोई निर्बल मनुष्य किसी बलवान् व्यक्ति से बार-बार छेड़खानी करता है।
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ठुमकी गैया सदा कलोर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- नाटी गाय सदा बछिया ही जान पड़ती है। नाटा आदमी सदा लड़का ही जान पड़ता है।
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ठेस लगे बुद्धि बढ़े
इस लोकोक्ति का अर्थ:- हानि सहकर मनुष्य बुद्धिमान होता है।
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डरें लोमड़ी से नाम शेर खाँ
इस लोकोक्ति का अर्थ:- नाम के विपरीत गुण होने पर।
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डायन को भी दामाद प्यारा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- दुष्ट स्त्रियाँ भी दामाद को प्यार करती हैं।
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डूबते को तिनके का सहारा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- विपत्ति में पड़े हुए मनुष्यों को थोड़ा सहारा भी काफी होता है।
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डेढ़ पाव आटा पुल पर रसोई
इस लोकोक्ति का अर्थ:- थोड़ी पूँजी पर झूठा दिखावा करना।
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डोली न कहार, बीबी हुई हैं तैयार
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जब कोई बिना बुलाए कहीं जाने को तैयार हो।
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ढाक के वही तीन पात
इस लोकोक्ति का अर्थ:- सदा से समान रूप से निर्धन रहने पर उक्त, परिणाम कुछ नहीं, बात वहीं की वहीं।
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ढाक तले की फूहड़, महुए तले की सुघड़
इस लोकोक्ति का अर्थ:- जिसके पास धन नहीं होता वह गुणहीन और धनी व्यक्ति गुणवान् माना जाता है।
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ढेले ऊपर चील जो बोलै, गली-गली में पानी डोलै
इस लोकोक्ति का अर्थ:- यदि चील ढेले पर बैठकर बोले तो समझना चाहिए कि बहुत अधिक वर्षा होगी।
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न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी
इस लोकोक्ति का अर्थ:- न कारण होगा, न कार्य होगा
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नाच न जाने आँगन टेढ़ा
इस लोकोक्ति का अर्थ:- काम न जानना और बहाने बनाना
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योगी था सो उठ गया आसन रहा भभूत
इस लोकोक्ति का अर्थ:- पुराण गौरव समाप्त
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सूखी तलाईया म मेंढक करय टर-टर
इस लोकोक्ति का अर्थ:- खुली आँखों से सपने देखकर खुशी व्यक्त करना।
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होनहार बिरवान के होत चीकने पात
इस लोकोक्ति का अर्थ:- होनहार के लक्षण पहले से ही दिखाई पड़ने लगते हैं
लोकोक्तियों के उदाहरण (Examples of Lokoktiyan)
FAQ on Lokoktiyan in Hindi
लोकोक्ति किसे कहते हैं?
लोकोक्ति संस्कृत भाषा का शब्द है। लोकोक्ति शब्द ‘लोक + उक्ति’ दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- ‘लोक में प्रचलित उक्ति या कथन’। अर्थात जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत किया जाता है तो उसे लोकोक्ति कहते हैं।
लोकोक्तियों का अर्थ क्या है?
डॉ. भोलानाथ तिवारी ने लोकोक्ति के बारे में लिखा है- विभिन्न प्रकार के अनुभवों, पौराणिक तथा ऐतिहासिक व्यक्तियों एवं कथाओं, प्राकृतिक नियमों और लोक विश्वासों आदि पर आधारित चुटीली, सारगर्भित, संक्षिप्त, लोकप्रचलित ऐसी उक्तियों को लोकोक्ति कहते हैं, जिनका प्रयोग किसी बात की पुष्टि, विरोध, सीख तथा भविष्य-कथन आदि के लिए किया जाता है।
लोकोक्ति क्या है उदाहरण सहित लिखिए?
बहुत अधिक प्रचलित और लोगों के मुँहचढ़े वाक्य लोकोक्ति के तौर पर जाने जाते हैं। इन वाक्यों में जनता के अनुभव का निचोड़ या सार होता है। इनकी उत्पत्ति एवं रचनाकार ज्ञात नहीं होते। उदाहरण– उस दिन बात-ही-बात में राम ने कहा- “हाँ, मैं अकेला ही कुँआ खोद लूँगा।” इन पर सबों ने हँसकर कहा, व्यर्थ बकबक करते हो, अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता‘।
“अंधों में काना राजा।” लोकोक्ति का अर्थ बताते हुए इसका उदाहरण दें?
इस लोकोक्ति का अर्थ– मूर्खों के बीच अल्पज्ञ का सम्मान। और इस लोकोक्ति के प्रयोग का उदाहरण– रमेश कुल मिलाकर प्रथम वर्ष का छात्र है, पर मैंने देखा कि उसके घर गाँव वाले उसे बहुत पढ़ा-लिखा और विद्वान् मानकर उसकी आवभगत और इज्जत करने में लगे रहते हैं। वह भी सबको आदेश-निर्देश देता रहता है। मैं मन ही मन सोचता हूँ कि रमेश वास्तव में अंधों में काना राजा है।
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