Dakhini – दक्खिनी, Dakhini language, Dakhini Urdu

दक्खिनी

दक्खिनी-13-14वीं शताब्दी में जब दिल्ली के सुलतानों (मुहम्मद तुगलक) ने उत्तरी भारत के लोगों को दक्षिणी (दौलताबाद) में बसाया था तब उन लोगों के साथ उनकी भाषा भी दक्षिण में गई थी। उसी भाषा से विकसित होने वाली भाषा को दक्खिनी कहा जाता हैं। लोक-व्यवहार के साथ-साथ यह भाषा साहित्य-रचना के लिए भी प्रयुक्त की गई।  ख्वाजा बंदानबाज, गैसूदराय, मुहम्मद कुली, कुतुबशाह आदि इस भाषा के प्रमुख साहित्यकार हैं।

दक्खिनी के अन्य नाम हिन्दी, हिन्दवी, दकनी, दखनी, देहलवी, हिन्दुस्तानी, ज़बाने हिन्दुस्तानी, दक्खिनी हिन्दी, दक्खिनी उर्दू, मुसलमानी आदि। दक्खिनी हिन्दी मूलत: हिन्दी का ही एक रूप है।

दक्खिनी की विशेषताएँ

दक्खिनी बोली की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

  • दक्खिनी और खड़ी बोली में बहुत साम्य है। मिट्टा, सुक्का, किच्चड़ आदि द्वित्व व्यंजन युक्त शब्द दक्खिनी में पाये जाते हैं।
  • दक्खिनी में ‘न्द’, ‘म्ब’ आदि के स्थान पर क्रमशः ‘न’, ‘म्म’ आदि बोला जाता है, जैसे चान्दनी > चाननी, गुम्बज > गुम्मज आदि।।
  • कारक परसर्गों में कर्म में ‘कू’, करण में ‘सू’ सम्बन्ध में ‘क्या’ केरा, अधिकरण में ‘मने’ ‘पो’ आदि अतिरिक्त परसर्ग पाये जाते हैं।

Dakhini language

Dakhini language
Dakhini

It is like Urdu in its influence from Arabic and Farsi with the foundation of the fundamentalists, but this is why Marathi, Telugu and Kannada have been spoken in a few Muslims in the strong influence of Maharashtra, Telangana, Andhra Pradesh, Karnataka and Tamil Nadu. This dialect has a rich and extensive literary heritage. The quote is now spoken only in the Deccan. Daanana is the mother tongue of the Muslims.

Dakhini Urdu
Dakhini Urdu

Dakhini Hindi के कुछ शब्द

दक्खिनी Hindi के कुछ शब्द उदाहरण के लिए देखे जा सकते हैं:-  प्रकार, संचित, इन्द्रिय, अलिप्त, स्थूल, कल्पित (बुरहानुद्दीन में); गगन, कला, पवन, नीर, अधर, यौवन (कुली कुतुबशाह में); गम्भीर, अनुप, भाल, जीव (वजही में)।

इस प्रकार उर्दू भी हिन्दी की एक शैली ही है, बहुत सशक्त एवं सजीव शैली। ऐसी स्थिति में ‘दक्खिनी हिन्दी’ हिन्दी ही है। किसी भी दक्खिनी गद्य-लेखक या कवि ने उसके लिए ‘उर्दू’ शब्द का प्रयोग नहीं किया है।