बुंदेली – बुंदेली बोली – बुंदेलखंडी भाषा – पश्चिमी हिन्दी

Bundeli ya Bundelkhandi Hindi Bhasha - ke Kshetra
Bundeli

बुंदेली – बुंदेलखंडी

बुंदेली– बुंदेलखण्ड की भाषा को बुंदेली अथवा बुंदेलखण्डी कहा जाता है। चम्बल और यमुना नदियों तथा जबलपुर, रीवां और विन्ध्य पर्वत के बीच के प्रदेश को बुंदेलखण्ड कहा जाता है। इसमें मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश, दोनों राज्यों के प्रदेश सम्मिलित हैं। बांदा, झाँसी, हमीरपुर, ग्वालियर, बालाघाट, ओरछा, दतिया, सागर, होशंगाबाद, आदि जिले इस क्षेत्र के अन्तर्गत आते हैं।

बुन्देली के चारों ओर ब्रज, कन्नौजी, मालवी, मराठी और बघेली का प्रसार है। बुन्देली पर ब्रज एवं अवधी का प्रभाव है। क्रिया रूपों की दृष्टि से बुंदेली में सहायक क्रिया ‘ह’ का विलोपन हो जाता है, अतः ‘हूँ’ के स्थान पर आँय, हाँय, ‘हैं’ के स्थान पर औ, आव तथा ‘हो’ के स्थान पर ते, ती आदि रूप पाये जाते हैं।

बुंदेली भाषा के शब्द, Word

  • रींछ-भालू,
  • लडैया-भेडिया,
  • कपडालत्तां=कपड़े,
  • उमदा-अच्छा,
  • मंदर-मंदिर,
  • जमाने भर के-दुनिया भर के,
  • उलांयते़-जल्दी,
  • तोसे-तुमसे,
  • मोसे-मुझसे,
  • काय-क्यों,
  • का-क्या,
  • किते – कहां,
  • एते आ – यहां आ,
  • नें करो- मत करो,
  • करियो- करना (तुम वह आप के उच्चारण में),
  • करिये- करना (तू के उच्चारण में),
  • हओ-हां,
  • पुसात-पसंद आता है।,
  • इको-इसका,
  • अपनोंरें-हम सब,
  • हुईये-होगा,
  • इखों-इसको,
  • उखों-उसको,
  • हमोरे-हम सब(जब किसी दूसरे व्यक्ति से बोल रहे हों),
  • तैं-तू,
  • हम-मैं,
  • जेहें-जायेंगे/जायेंगी,
  • जेहे-जायेगा/जायेंगी,
  • नें-नहीं व मत के उच्चारण में,
  • खीब-खूब,
  • ररो/मुलक/मुझको/वेंजा-बहुत,
  • टाठी-थाली,
  • चीनवो-जानना,
  • लगां/लिंगा-पास में,
  • नो/लों-तक,
  • हे-को,
  • आय-है,
  • हैगो/हैगी-है,
  • हमाओ/हमरो-मेरा,
  • हमायी/हमरी-मेरी,
  • हमाये/हमरे-मेरे,
  • किते, कहाँ,
  • इते, यहाँ,
  • सई, सच आदि।

बुंदेलखंडी बोले जाने वाले क्षेत्र

  • होशंगाबाद,
  • कटनी,
  • बांदा,
  • सागर,
  • दमोह,
  • ग्वालियर,
  • मुरैना,
  • दतिया,
  • नरसिंहपुर,
  • जबलपुर,
  • झांसी,
  • महोबा,
  • पन्ना,
  • विदिशा,
  • छतरपुर,
  • टीकमगढ़,
  • हमीरपुर,
  • चित्रकूट,
  • ललितपुर,
  • नरसिंहपुर।
Bundeli Rai Nritya
Bundeli Rai Nritya (Image Source: patrika.com)