लृट् लकार
लृट् शेषे च – सामान्य भविष्यत काल में ‘लृट् लकार‘ का प्रयोग किया जाता है। क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में सामान्य रूप से होने का पता चले, उसे ‘सामान्य भविष्यत काल’ कहते हैं; जैसे– विमला पुस्तकं पठिष्यति। (विमला पुस्तक पढ़ेगी।)
लृट् लकार धातु रूप उदाहरण
हस् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | हसिष्यति | हसिष्यतः | हसिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | हसिष्यसि | हसिष्यथः | हसिष्यथ |
उत्तम पुरुष | हसिष्यामि | हसिष्यावः | हसिष्यामः |
नृत् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | नर्त्स्यति/नर्तिष्यति | नर्त्स्यतः/नर्तिष्यतः | नर्त्स्यन्ति/नर्तिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | नर्त्स्यसि/नर्तिष्यसि | नर्त्स्यथः/नर्तिष्यथः | नर्त्स्यथ/नर्तिष्यथ |
उत्तम पुरुष | नर्त्स्यामि/नर्तिष्यामि | नर्त्स्यावः/नर्तिष्यावः | नर्त्स्यामः/नर्तिष्यामः |
क्रीड् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | क्रीडिष्यति | क्रीडिष्यतः | क्रीडिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | क्रीडिष्यसि | क्रीडिष्यथः | क्रीडिष्यथ |
उत्तम पुरुष | क्रीडिष्यामि | क्रीडिष्यावः | क्रीडिष्यामः |
लिख् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | लेखिष्यति | लेखिष्यतः | लेखिष्यन्ति |
मध्यम पुरुष | लेखिष्यसि | लेखिष्यथः | लेखिष्यथ |
उत्तम पुरुष | लेखिष्यामि | लेखिष्यावः | लेखिष्यामः |
लृट् लकार के उदाहरण
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | वह पढ़ेगा/पढ़ेगी। सः/सा पठिष्यति। |
वे दोनों पढ़ेगे/पढ़ेगी। तौ/ते पठिष्यतः। |
वे सब पढ़ेगे/पढ़ेगी। ते/ता पठिष्यन्ति। |
मध्यम पुरुष | तुम पढ़ोगे/पढ़ोगी। त्वं पठिष्यसि। |
तुम दोनों पढ़ोगे/पढ़ोगी। युवां पठिष्यथः। |
तुम सब पढ़ोगे/पढ़ोगी। यूयं पठिष्यथ। |
उत्तम पुरुष | मैं पढूंगा/पढूंगी। अहं पठिष्यामि। |
हम दोनों पढ़ेगे/पढ़ेगी। आवां पठिष्यावः। |
हम सब पढ़ेगे/पढ़ेगी। वयं पठिष्यामः। |
लृट् लकार में अनुवाद or लृट् लकार के वाक्य
- सः गमिष्यति। = वह जायेगा।
- सः कुत्र गमिष्यति? = वह कहाँ जायेगा?
- सः गृहं गमिष्यति। = वह घर जायेगा।
- रामः ग्रामं गमिष्यति। = राम गाँव जायेगा।
- तौ विद्यालयं गमिष्यतः। = वे दोनों विद्यालय जायेंगे।
- ते नगरं गमिष्यन्ति। = वे सब नगर जायेंगे।
- त्वं कुत्र गमिष्यसि ? = तू कहाँ जायेगा?
- युवां कुत्र गमिष्यथः? = तुम दोनों कहाँ जाओगे?
- यूयं कुत्र गमिष्यथ? = तुम सब कहाँ जाऐंगे?
- अहं जयपुरं गमिष्यामि। = मैंजयपुर जाऊँगा।
- आवां मन्दिरं गमिष्यावः। = हम दोनों मन्दिर जाऐंगे।
- वयम् उदयपुरं गमिष्यामः। = हम उदयपुर जायेंगे।
लृट् लकार के अन्य हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद और उदाहरण
- आज सन्ध्या को वह उद्यान में होगा। – अद्य सायं सः उद्याने भविष्यति।
- प्रातः वे दोनों मन्दिर में होंगे। – प्राह्णे तौ मन्दिरे भविष्यतः।
- दिन में वे कहाँ होंगे ? – दिवसे ते कुत्र भविष्यन्ति ?
- आज दोपहर तुम कहाँ होगे ? – अद्य मध्याह्ने त्वं कुत्र भविष्यसि ?
- आज दोपहर मैं विद्यालय में होऊँगा। – अद्य मध्याह्ने अहं विद्यालये भविष्यामि।
- तुम दोनों सायंकाल कहाँ होगे ? – युवां प्रदोषे कुत्र भविष्यथः ?
- हम दोनो तो सन्ध्यावन्दन में होंगे। – आवां तु सन्ध्यावन्दने भविष्यावः।
- क्या तुम वहाँ नहीं होगे ? – किं त्वं तत्र न भविष्यसि ?
- हाँ, मैं भी होऊँगा। – आम्, अहम् अपि भविष्यामि।
- हम सब दिन में वहीं होंगे। – वयं दिवा तत्र एव भविष्यामः।
- तुम सब तो सायंकाल में अपने घर होगे। – यूयं तु रजनीमुखे स्वगृहे भविष्यथ।
- और हम अपने घर होंगे। – वयं च स्वभवने भविष्यामः।
- तो उत्सव कैसे होगा ? – तर्हि उत्सवः कथं भविष्यति ?
- आप आज दोपहर में कहाँ होंगे ? – भवान् अद्य मध्याह्ने कुत्र भविष्यति ?
- आज दोपहर मैं खेल के मैदान में होऊँगा। – अद्य मध्याह्ने अहं क्रीडाक्षेत्रे भविष्यामि।
- तुम कहाँ होओगे ? – त्वं कुत्र भविष्यसि ?
- मैं भी वहीं होऊँगा। – अहम् अपि तत्र एव भविष्यामि।
- वहाँ नटों का खेल होगा। – तत्र शैलूषाणां कौतुकं भविष्यति।
- उसके बाद बच्चों का खेल होगा। – तत्पश्चात् बालकानां खेला भविष्यति।
- वहाँ तो बहुत से नट होंगे। – तत्र तु बहवः रङ्गजीवाः भविष्यन्ति खलु।
- तुम दोनों भी वहाँ होगे कि नहीं ? – युवाम् अपि तत्र एव भविष्यथः वा न वा ?
- हाँ हम दोनों भी वहीं होंगे। – आम्, आवाम् अपि तत्र एव भविष्यावः।
- हम सब भी अध्यापकों के साथ वहाँ होंगें। – वयम् अपि उपाध्यायैः सह तत्र भविष्यामः।
- बच्चों का खेल कब होगा? – बालानां कूर्दनं कदा भविष्यति ?
- नटों के खेल के बाद ही होगा। – भरतानां कुतकस्य पश्चात् एव भविष्यति।
- तब तो बहुत आनन्द होगा। – तर्हि तु भूरि मोदः भविष्यति।
- हाँ, आओ चलते हैं। – आम्, एहि चलामः।
पढ़ें: 100+ वाक्य ऑन 5 लकार- लट्, लृट्, लङ्, लोट् तथा विधिलिङ्।
आगे आपकी परीक्षा और पाठ्यक्रम की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण धातु एवं शब्द रूपों की सूची दी जा रही है, इन्हें ध्यान से पढ़ें और कंठस्थ कर लें।
महत्वपूर्ण धातु रूप सूची (Important Dhatu Roop List):
- पठ् धातु रूप
- गम् धातु रूप
- लिख् धातु रूप
- हस् धातु रूप
- खेल धातु रूप
- क्री धातु रूप
- अस् धातु रूप
- भू धातु रूप
- पा धातु रूप
- दृश् धातु रूप
- खाद् धातु रूप
- स्था धातु रूप
- वद् धातु रूप
- क्रीड् धातु रूप
- लभ् धातु रूप
- पत् धातु रूप
- धाव् धातु रूप
- पिव् धातु रूप
- पच् धातु रूप
- अस्ति धातु रूप
- चल् धातु रूप
- चर धातु रूप
- नृत धातु रूप
- पश्य धातु रूप
- भी धातु रूप
- श्रु धातु रूप
- चिंत धातु रूप
- सेव धातु रूप
- दा धातु रूप
- नी धातु रूप
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची (Important Shabd Roop List):
- स्वरान्त शब्द रूप- लता, मुनि, पति, भूपति, नदी, भानु, धेनु, मधु, पितृ, मातृ, गो, द्यौ, नौ और अक्षि।
- व्यञ्जनान्त शब्द रूप- राजन्, भवत्, आत्मन्, विद्वस्, चन्द्रमस्, वाच, गच्छत्, पुम्, पथिन्, गिर्, अहन् और पयस्।
- सर्वनाम शब्द रूप- सर्व, यत्, तत्, एतत्, किम्, इदम् (सभी लिङ्गों में) अस्मद्, युष्मद, अदस्, ईदृश, कतिपय, उभ और कीदृश।
- संख्या शब्द रूप- एक, द्वि, त्रि, चतुर्, पञ्चन् आदि।
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