स्था (तिष्ठ) धातु के रूप – Tishth / Stha Dhatu Roop – संस्कृत

Tishth / Stha Dhatu

स्था (तिष्ठ) धातु (बैठना/ठहरना, to sit / to stay): स्था (तिष्ठ) धातु भ्वादिगणीय धातु शब्द है। अतः Tishth / Stha Dhatu के Dhatu Roop की तरह स्था (तिष्ठ) जैसे सभी भ्वादिगणीय धातु के धातु रूप (Dhatu Roop) इसी प्रकार बनाते है।

स्था (तिष्ठ) धातु का गण (Conjugation): भ्वादिगण (प्रथम गण – First Conjugation)

स्था (तिष्ठ) का अर्थ: स्था (तिष्ठ) का अर्थ बैठना/ठहरना, to sit / to stay होता है।

स्था (तिष्ठ) के धातु रूप (Dhatu Roop of Tishth / Stha) – परस्मैपदी

स्था (तिष्ठ) धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में स्था (तिष्ठ) धातु रूप (Tishth / Stha Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं।

1. लट् लकार – वर्तमान काल

पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन
प्रथम पुरुष तिष्ठति तिष्ठत: तिष्ठन्ति
मध्यम पुरुष तिष्ठसि तिष्ठथः तिष्ठथ
उत्तम पुरुष तिष्ठामि तिष्ठावः तिष्ठामः

2. लोट् लकार – अनुज्ञा

पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन
प्रथम पुरुष तिष्ठतु तिष्ठताम् तिष्ठन्तु
मध्यम पुरुष तिष्ठ तिष्ठतम् तिष्ठत
उत्तम पुरुष तिष्ठानि तिष्ठाव तिष्ठाम

3. लङ् लकार – भूतकाल

पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन
प्रथम पुरुष अतिष्ठत् अतिष्ठातम् अतिष्ठन्
मध्यम पुरुष अतिष्ठः अतिष्ठतम् अतिष्ठत
उत्तम पुरुष अतिष्ठम् अतिष्ठाव अतिष्ठाम

4. विधिलिङ् लकार – चाहिए के अर्थ में

पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन
प्रथम पुरुष तिष्ठेत् तिष्ठेताम् तिष्ठेयुः
मध्यम पुरुष तिष्ठेः तिष्ठेतम् तिष्ठेत
उत्तम पुरुष तिष्ठेयम् तिष्ठेव तिष्ठेम

5. लृट् लकार – भविष्यत्

पुरुष एकवचन द्विवचन वहुवचन
प्रथम पुरुष स्थास्यति स्थास्यतः स्थास्यन्ति
मध्यम पुरुष स्थास्यसि स्थास्यथः स्थास्यथ
उत्तम पुरुष स्थास्यामि स्थास्यावः स्थास्यामः

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