द्वि/दो शब्द रूप (Do/Dvi Shabd)
द्वि/दो/द्वौ शब्द (द्विवचनांत, two, दो): “द्वि” शब्द एक संख्यावाचक शब्द है, जिसका अर्थ “दो” होता है। यह केवल द्विवचनांत होता है, अर्थात् इसका एकवचन और बहुवचन में कोई रूप नहीं होता। इसका प्रयोग केवल प्रथमा से सप्तमी विभक्ति तक द्विवचन में किया जाता है। चूँकि “द्वि” संख्या केवल “दो” को दर्शाता है, इसलिए इसे एकवचन या बहुवचन में नहीं बदला जा सकता। इसी कारण यह द्विवचनांत संख्यावाचक शब्द कहलाता है। संस्कृत में द्वि (दो) द्विवचनांत के शब्द रूप तीनों लिङ्गो में इस प्रकार हैं-
द्वि/दो/द्वौ के शब्द रूप, द्विवचनांत – Do/Dwi/Dvau Shabd Roop
विभक्ति | पुल्लिंग | नपुंसकलिंग | स्त्रीलिंग |
---|---|---|---|
प्रथमा | द्वौ | द्वे | द्वे |
द्वितीया | द्वौ | द्वे | द्वे |
तृतीया | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
चतुर्थी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
पंचमी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
षष्ठी | द्वयोः | द्वयोः | द्वयोः |
सप्तमी | द्वयोः | द्वयोः | द्वयोः |
संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं, उससे अधिक महत्व धातु रूप का होता है।
ध्यान रखें:-
- सात(7) और नौ(9) से अठारह(18) तक के सभी शब्दों के रूप वहुवचन और तीनों लिंगो में सामान होते हैं। इनके शब्द रूप पांच(5) की तरह ही होते हैं।
- उन्नीस(19) से निन्यानवे(99) तक के सभी शब्द रूप एकवचन और स्त्रीलिंग होते हैं।
- इक्कीश(21) से अठ्ठाइस(28) तक के सभी शब्द रूप मति के समान होते हैं।
- उन्तीस(29) से अठ्ठावन(58) तक के शब्द रूप भूभृत् के समान होते हैं।
- उनसठ(59) से निन्यानवे(99) तक के शब्दों के शब्द रूप मति के समान होते हैं।
- सौ(100), हजार(1000), लाख(100000), आदि प्राय: एकवचन नपुंसकलिंग होते हैं। इनके शब्द रूप फल के समान होते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
महत्वपूर्ण शब्द रूप की Shabd Roop List देखें और साथ में shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।
- महत्वपूर्ण शब्द रूपों की सूची – संस्कृत व्याकरण (सुबंत प्रकरण)
- Dhatu Roop in Sanskrit, धातु रूप लिस्ट, टेबल, ट्रिक
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