पञ्चन् – पाँच, षष् – छय, अष्टन् – आठ के शब्द रूप – Sanskrit

Pach, chhay, Aath

पञ्चन् – पाँच, षष् – छय, अष्टन् – आठ शब्द (Five, Seven, Eight): पञ्चन् – पाँच, षष् – छय, अष्टन् – आठ , संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं, उससे अधिक महत्व धातु रूप का होता है। पञ्चन् – पाँच, षष् – छय, अष्टन् – आठ के शब्द रूप तीनों लिङ्गो में इस प्रकार हैं-

पञ्चन् – पाँच, षष् – छय, अष्टन् – आठ के शब्द रूप –

विभक्ति पुल्लिंग नपुंसकलिंग स्त्रीलिंग
प्रथमा पञ्च षट् अष्टौ/अष्ट
द्वितीया पञ्च षट् अष्टौ/अष्ट
तृतीया पञ्चभि: षड्भि: अष्टमि:/अष्टाभि:
चतुर्थी पञ्चभ्य: षड्भ्य: अष्टभ्य:/अष्टाभ्य:
पंचमी पञ्चभ्य: षड्भ्य: अष्टभ्य:/अष्टाभ्य:
षष्ठी पञ्चानाम् षण्णा अष्टानाम्
सप्तमी पञ्चसु षट्षु अष्टसु/अष्टासु

ध्यान रखें:-

  • सात(7) और नौ(9) से अठारह(18) तक के सभी शब्दों के रूप वहुवचन और तीनों लिंगो में सामान होते हैं। इनके शब्द रूप पांच(5) की तरह ही होते हैं।
  • उन्नीस(19) से निन्यानवे(99) तक के सभी शब्द रूप एकवचन और स्त्रीलिंग होते हैं।
  • इक्कीश(21) से अठ्ठाइस(28) तक के सभी शब्द रूप मति के समान होते हैं।
  • उन्तीस(29) से अठ्ठावन(58) तक के शब्द रूप भूभृत् के समान होते हैं।
  • उनसठ(59) से निन्यानवे(99) तक के शब्दों के शब्द रूप मति के समान होते हैं।
  • सौ(100), हजार(1000), लाख(100000), आदि प्राय: एकवचन नपुंसकलिंग होते हैं। इनके शब्द रूप फल के समान होते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप

महत्वपूर्ण शब्द रूप की Shabd Roop List देखें और साथ में shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।

Shabd roop of pach, chhay, aath -Image

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