मधु शब्द के रूप Madhu Shabd Roop Sanskrit Mein
मधु शब्द (शहद, Honey): उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा, सभी उकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। जैसे- अम्बु, अश्रु (आँसू), चारु, जानु, तालु, लघु, वसु, वस्तु, सानु इत्यादि।
मधु के रूप – Madhu/Shahad Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | मधु | मधुनी | मधूनि |
द्वितीया | मधु | मधुनी | मधूनि |
तृतीया | मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः |
चतुर्थी | मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
पंचमी | मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः |
षष्ठी | मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् |
सप्तमी | मधुनि | मधुनोः | मधुषु |
सम्बोधन | हे मधु/ मधो ! | हे मधुनी ! | हे मधूनि ! |
मधु शब्द रूप हिन्दी अर्थ सहित
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | मधु मधु, मधु ने |
मधुनी दो मधु, दो मधु ने |
मधूनि अनेक मधु, अनेक मधु ने |
द्वितीया | मधु मधु को |
मधुनी दो मधु को |
मधूनि अनेक मधु को |
तृतीया | मधुना मधु से, मधु के द्वारा |
मधुभ्याम् दो मधु से, दो मधु के द्वारा |
मधुभिः अनेक मधु से, अनेक मधु के द्वारा |
चतुर्थी | मधुने मधु को, मधु के लिए |
मधुभ्याम् दो मधु को, दो मधु के लिए |
मधुभ्यः अनेक मधु को, अनेक मधु के लिए |
पंचमी | मधुनः मधु से |
मधुभ्याम् दो मधु से |
मधुभ्यः अनेक मधु से |
षष्ठी | मधुनः मधु का, मधु के, मधु की |
मधुनोः दो मधु का, दो मधु के, दो मधु की |
मधूनाम् अनेक मधु का, अनेक मधु के, अनेक मधु की |
सप्तमी | मधुनि मधु में, मधु पर |
मधुनोः दो मधु में, दो मधु पर |
मधुषु अनेक मधु में, अनेक मधु पर |
सम्बोधन | हे मधु/मधो! हे मधु! |
हे मधुनी! हे दो मधु! |
हे मधूनि! हे अनेक मधु! |
मधु शब्द से संस्कृत वाक्य हिन्दी अर्थ सहित
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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मधु मधुरम् अस्ति। | शहद मीठा होता है। |
मधुनी पुष्पे भवतः। | दो शहद फूल में होते हैं। |
मधूनि मधुपाः पिबन्ति। | अनेक शहद मधुमक्खियाँ पीती हैं। |
अहं मधु पिबामि। | मैं मधु पीता हूँ। |
ते मधुनी खादन्ति। | वे दो मधु खाते हैं। |
बालकाः मधूनि इच्छन्ति। | बच्चे अनेक मधु चाहते हैं। |
मधुना चायं मिष्टं भवति। | मधु से चाय मीठी होती है। |
मधुभ्याम् औषधं सिद्धं भवति। | दो मधु से औषधि तैयार होती है। |
मधुभिः आरोग्यं लभ्यते। | अनेक मधु से स्वास्थ्य प्राप्त होता है। |
मधुने देवाय अर्प्यते। | मधु भगवान को अर्पित किया जाता है। |
मधुभ्याम् यज्ञे ददाति। | दो मधु यज्ञ में दिया जाता है। |
मधुभ्यः लाभः भवति। | मधु से लाभ होता है। |
मधुनः गुणाः अनेकाः सन्ति। | मधु के गुण अनेक होते हैं। |
मधुनोः प्रभावः महान् अस्ति। | दो मधु का प्रभाव महान् होता है। |
मधूनाम् महत्त्वं आयुर्वेदे वर्णितम्। | अनेक मधु का महत्व आयुर्वेद में वर्णित है। |
मधुनि मक्शिकाः गच्छन्ति। | मधु में मक्खियाँ जाती हैं। |
मधुनोः गन्धः सुगन्धि भवति। | दो मधु की सुगंध अच्छी होती है। |
मधुषु मधुपाः वसन्ति। | अनेक मधु में मधुमक्खियाँ रहती हैं। |
हे मधु/मधो! त्वं मिष्टम् असि। | हे मधु! तुम मीठे हो। |
हे मधुनी! यज्ञाय आगच्छताम्। | हे दो मधु! यज्ञ के लिए आओ। |
हे मधूनि! सर्वे मानवाः वाञ्छन्ति। | हे अनेक मधु! सभी मनुष्य तुम्हें चाहते हैं। |
मधु शब्द रूप याद करने की ट्रिक (राइमिंग पैटर्न)
- प्रथमा विभक्ति – मधु, मधुनी, मधूनि (उ-नी-नि)
- द्वितीया विभक्ति – मधु, मधुनी, मधूनि (उ-नी-नि)
- तृतीया विभक्ति – मधुना, मधुभ्याम्, मधुभिः (ना-भ्याम्-भिः)
- चतुर्थी विभक्ति – मधुने, मधुभ्याम्, मधुभ्यः (ने-भ्याम्-भ्यः)
- पंचमी विभक्ति – मधुनः, मधुभ्याम्, मधुभ्यः (नः-भ्याम्-भ्यः)
- षष्ठी विभक्ति – मधुनः, मधुनोः, मधूनाम् (नः-नोः-नाम्)
- सप्तमी विभक्ति – मधुनि, मधुनोः, मधुषु (नि-नोः-षु)
- सम्बोधन विभक्ति – हे मधु/मधो! हे मधुनी! हे मधूनि! (हे-हे-हे)
अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
Shabd roop of Madhu in Photo (pdf/image)
संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:
- भूपति शब्द रूप
- नदी शब्द रूप
- अक्षि शब्द रूप
- आत्मन् शब्द रूप
- विद्वस् शब्द रूप
- चन्द्रमस् शब्द रूप
- पुम् शब्द रूप
- पयस् शब्द रूप
- एतत् शब्द रूप
- उभ शब्द रूप
- चतुर् शब्द रूप
स्वरान्त शब्द रूप:
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- अक्षि शब्द रूप
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- आत्मन् शब्द रूप
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संख्यावाची शब्द रूप:
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