ईदृश शब्द (इस प्रकार): ईदृश संस्कृत का सार्वनामिक विशेषण पुल्लिंग शब्द है। संस्कृत व्याकरण में इस प्रकार पुल्लिंग विशेषण के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते हैं, जैसे- ईदृश, तादृश, कीदृश इत्यादि।
ईदृश के शब्द रूप
संस्कृत में ईदृश के शब्द रूप (Idrish ka shabd roop) वाक्यों में पदों के रूप में होता है, Idrish के Shabd Roop तीनों वचन एवं सभी विभक्तियों में निम्नलिखित हैं, Idrish Shabd Roop in Sanskrit :
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | ईदृक्, ईदृग् | ईदृशौ | ईदृशः |
द्वितीया | ईदृशम् | ईदृशौ | ईदृशः |
तृतीया | ईदृशा | ईदृग्भ्याम् | ईदृग्भिः |
चतुर्थी | ईदृशे | ईदृग्भ्याम् | ईदृग्भ्यः |
पंचमी | ईदृशः | ईदृग्भ्याम् | ईदृग्भ्यः |
षष्ठी | ईदृशः | ईदृशोः | ईदृशाम् |
सप्तमी | ईदृशि | ईदृशोः | ईदृक्षु |
ईदृश शब्द का अर्थ
ईदृश शब्द का अर्थ “इस प्रकार, ऐसे, इस प्रकार का, ऐसा” होता है।
विशेषण – इत्थंभूत, इसौ, ईंढ, ईदृश्, ईदृक्। इस तरह का, “ऐसा पंखा मेरे पास भी है।”
क्रिया विशेषण – इत्थं, इम, इमि, इभ, इव, इसै, ईदृश्। इस प्रकार, “इस प्रकार कार्य करोगे तो यह कार्य कभी पूर्ण ही नहीं होगा।”
अन्य शब्द रूप
संस्कृत के अन्य शब्द रूपों के उदाहरण- बालक शब्द के रूप, लता शब्द के रूप, अस्मद शब्द के रूप, नदी शब्द के रूप, राम शब्द के रूप, बालिका शब्द के रूप, किम शब्द के रूप आदि। (Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।)
अधोलिखित स्वरान्त, व्यञ्जनान्त एवं सर्वनाम शब्दों के शब्द रूप महत्वपूर्ण हैं –
- स्वरान्त- लता, मुनि, पति, भूपति, नदी, भानु, धेनु, मधु, पितृ, मातृ, गो, द्यौ, नौ और अक्षि।
- व्यञ्जनान्त- राजन्, भवत्, आत्मन्, विद्वस्, चन्द्रमस्, वाच, गच्छत्, पुम्, पथिन्, गिर्, अहन् और पयस्।
- सर्वनाम- सर्व, यत्, तत्, एतत्, किम्, इदम् (सभी लिङ्गों में) अस्मद्, युष्मद, अदस्, ईदृश, कतिपय, उभ और कीदृश।
- संख्याशब्द- एक, द्वि, त्रि, चतुर्, पञ्चन् आदि।