लट् लकार
वर्तमाने लट्– वर्तमान काल में लट् लकार का प्रयोग होता है। क्रिया के जिस रूप से कार्य का वर्तमान समय में होना पाया जाता है, उसे वर्तमान काल कहते हैं, जैसे- राम घर जाता है- रामः गृहं गच्छति। इस वाक्य में ‘जाना’ क्रिया का प्रारम्भ होना तो पाया जाता है, लेकिन समाप्त होने का संकेत नहीं मिल रहा है। ‘जाना’ क्रिया निरन्तर चल रही है। अतः यहाँ वर्तमान काल है।
क्रिया सदैव अपने कर्ता के अनुसार ही प्रयुक्त होती है। कर्त्ता जिस पुरुष, वचन तथा काल का होता है, क्रिया भी उसी पुरुष, वचन तथा काल की ही प्रयुक्त होती है। यह स्पष्ट ही किया जा चुका है कि मध्यम पुरुष में युष्मद् शब्द (त्वम्) के रूप तथा उत्तम पुरुष में अस्मद् शब्द (अहम्) के रूप ही प्रयुक्त होते हैं। शेष जितने भी संज्ञा या सर्वनाम के रूप हैं, वे सब प्रथम पुरुष में ही प्रयोग किये जाते हैं।
लट् लकार वर्तमान काल धातु रूप संरचना
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरूष | ति | त: | अन्ति |
मध्यम पुरूष | सि | थ: | थ |
उत्तम पुरूष | आमि | आव: | आम: |
लट् लकार वर्तमान काल धातु रूप के कुछ उदाहरण
1. पठ् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पठति | पठत: | पठन्ति |
मध्यम पुरुष | पठसि | पठथः | पठथ |
उत्तम पुरुष | पठामि | पठावः | पठामः |
2. गम् / गच्छ धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | गच्छति | गच्छतः | गच्छन्ति |
मध्यमपुरुषः | गच्छसि | गच्छथः | गच्छथ |
उत्तमपुरुषः | गच्छामि | गच्छावः | गच्छामः |
3. लिख् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | लिखति | लिखतः | लिखन्ति |
मध्यम पुरुष | लिखसि | लिखथः | लिखथ |
उत्तम पुरुष | लिखामि | लिखावः | लिखामः |
4. भू / भव् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमपुरुषः | भवति | भवतः | भवन्ति |
मध्यमपुरुषः | भवसि | भवथः | भवथ |
उत्तमपुरुषः | भवामि | भवावः | भवामः |
लट् लकार के वाक्य एवं उदाहरण
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | वह पढ़ता है। सः पठति। वह पढ़ती है। सा पठति। फल गिरता है। फलं पतति। आप जाते हैं। भवान् गच्छति। |
वे दोनों पढ़ते हैं। तौ पठतः। वे दोनों पढ़ती हैं। ते पठतः। दो फल गिरते हैं। फले पततः। आप दोनों जाते हैं। भवन्तौ गच्छतः। |
वे सब पढ़ते हैं। ते पठन्ति। वे सब पढ़ती हैं। ता पठन्ति। फल गिरते हैं। फलानि पतन्ति। आप सब जाते हैं। भवन्तः गच्छन्ति। |
मध्यम पुरुष | तुम पढ़ते हो। त्वं पठसि। |
तुम दोनों पढ़ते हो। युवां पठथः। |
तुम सब पढ़ते हो। यूयं पठथ। |
उत्तम पुरुष | मैं पढ़ता हूँ। अहं पठामि। |
हम दोनों पढ़ते हैं। आवां पठावः। |
हम सब पढ़ते हैं। वयं पठामः। |
1. युष्मद् तथा अस्मद् के रूप स्त्रीलिंग तथा पुल्लिंग में एक समान ही होते हैं।
2. वर्तमान काल की क्रिया के आगे ‘स्म‘ जोड़ देने पर वह भूतकाल की हो जाती है, जैसे– रामः गच्छति। (राम जाता है), वर्तमान काल- रामः गच्छति स्म। (राम गया था) भूत काल।
लट् लकार में अनुवाद or लट् लकार के वाक्य
- अहम् पठामि । – मैं पढ रहा हूँ ।
- अहम् खादामि । – मैं खा रहा हूँ।
- अहम् वदामि । (मैं बोल रहा हूँ)
- त्वम गच्छसि । (तुम जा रहे हो)
- सः पठति (वह पढता है)
- तौ पठतः (वे दोनो पढते हैं)
- ते पठन्ति (वे सब पढते हैं)
- युवाम वदथः (तुम दोनो बताते हो )
- युयम् वदथ (तुम सब बताते हो, बता रहे हो)
- आवाम् क्षिपावः (हम दोनो फेंकते हैं)
- वयं सत्यम् कथामः (हम-सब सत्य कहते हैं)
लट् लकार के अन्य हिन्दी वाक्यों का अनुवाद व उदाहरण
- जब मैं यहाँ होता हूँ तब वह दुष्ट भी यहीं होता है। – यदा अहम् अत्र भवामि तदा सः दुष्टः अपि अत्रैव भवति।
- जब हम दोनों विद्यालय में होते हैं… – यदा आवां विद्यालये भवावः …
- तब तुम दोनों विद्यालय में क्यों नहीं होते हो ? – तदा युवां विद्यालये कथं न भवथः ?
- जब हम सब प्रसन्न होते हैं तब वे भी प्रसन्न होते हैं। – यदा वयं प्रसन्नाः भवामः तदा ते अपि प्रसन्नाः भवन्ति।
- प्राचीन काल में हर गाँव में कुएँ होते थे। – प्राचीने काले सर्वेषु ग्रामेषु कूपाः भवन्ति स्म।
- सब गाँवों में मन्दिर होते थे। – सर्वेषु ग्रामेषु मन्दिराणि भवन्ति स्म।
- मेरे गाँव में उत्सव होता था। – मम ग्रामे उत्सवः भवति स्म।
- आजकल मनुष्य दूसरों के सुख से पीड़ित होता है। – अद्यत्वे मर्त्यः परेषां सुखेन पीडितः भवति।
- जो परिश्रमी होता है वही सुखी होता है। – यः परिश्रमी भवति सः एव सुखी भवति।
- केवल बेटे ही सब कुछ नहीं होते… – केवलं पुत्राः एव सर्वं न भवन्ति खलु…
- बेटियाँ बेटों से कम नहीं होतीं। – सुताः सुतेभ्यः न्यूनाः न भवन्ति।
पढ़ें: 100+ वाक्य ऑन 5 लकार- लट्, लृट्, लङ्, लोट् तथा विधिलिङ्।
आगे आपकी परीक्षा और पाठ्यक्रम की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण धातु एवं शब्द रूपों की सूची दी जा रही है, इन्हें ध्यान से पढ़ें और कंठस्थ कर लें।
महत्वपूर्ण धातु रूप सूची (Important Dhatu Roop List):
- पठ् धातु रूप
- गम् धातु रूप
- लिख् धातु रूप
- हस् धातु रूप
- खेल धातु रूप
- क्री धातु रूप
- अस् धातु रूप
- भू धातु रूप
- पा धातु रूप
- दृश् धातु रूप
- खाद् धातु रूप
- स्था धातु रूप
- वद् धातु रूप
- क्रीड् धातु रूप
- लभ् धातु रूप
- पत् धातु रूप
- धाव् धातु रूप
- पिव् धातु रूप
- पच् धातु रूप
- अस्ति धातु रूप
- चल् धातु रूप
- चर धातु रूप
- नृत धातु रूप
- पश्य धातु रूप
- भी धातु रूप
- श्रु धातु रूप
- चिंत धातु रूप
- सेव धातु रूप
- दा धातु रूप
- नी धातु रूप
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची (Important Shabd Roop List):
- स्वरान्त शब्द रूप- लता, मुनि, पति, भूपति, नदी, भानु, धेनु, मधु, पितृ, मातृ, गो, द्यौ, नौ और अक्षि।
- व्यञ्जनान्त शब्द रूप- राजन्, भवत्, आत्मन्, विद्वस्, चन्द्रमस्, वाच, गच्छत्, पुम्, पथिन्, गिर्, अहन् और पयस्।
- सर्वनाम शब्द रूप- सर्व, यत्, तत्, एतत्, किम्, इदम् (सभी लिङ्गों में) अस्मद्, युष्मद, अदस्, ईदृश, कतिपय, उभ और कीदृश।
- संख्या शब्द रूप- एक, द्वि, त्रि, चतुर्, पञ्चन् आदि।
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thank you, varna mai kal fail ho jati.
Tq sir
Sir sanskrit is my very hard subject
We need 60 sentences on 5 lakaars
https://mycoaching.in/more-than-100-sentence-on-5-lakar-in-sanskrit
Lakar ke suruaat se paday