सूर्य शब्द के रूप – Surya ke roop – संस्कृत

सूर्य शब्द – Surya Shabd Roop Sanskrti Mein

सूर्य शब्द (Sun) : अकारांत पुल्लिंग संज्ञा , सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे -देव, बालक, राम, वृक्ष, सूर्य, सुर, असुर, मानव, अश्व, गज, ब्राह्मण, क्षत्रिय, शूद्र, छात्र, शिष्य, दिवस, लोक, ईश्वर, भक्त आदि।

सूर्य के शब्द रूप – Surya Shabd Roop

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा सूर्य : सूर्यौ सूर्या:
द्वितीया सूर्यम् सूर्यौ सूर्यान्
तृतीया सूर्येन सूर्याभ्याम् सूर्यै:
चतुर्थी सूर्याय सूर्याभ्याम् सूर्येभ्य:
पंचमी सूर्यात् सूर्याभ्याम् सूर्येभ्य:
षष्ठी सूर्यस्य सूर्ययो: सूर्यानाम्
सप्तमी सूर्ये सूर्ययो: सूर्येषु
संबोधन हे सूर्य ! हे सूर्यौ ! हे सूर्या !

सूर्य शब्द रूप हिन्दी अर्थ सहित

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा सूर्यः
सूर्य, सूर्य ने
सूर्यौ
दो सूर्यों, दो सूर्यों ने
सूर्याः
अनेक सूर्यों, अनेक सूर्यों ने
द्वितीया सूर्यम्
सूर्य को
सूर्यौ
दो सूर्यों को
सूर्यान्
अनेक सूर्यों को
तृतीया सूर्येन
सूर्य से, सूर्य के द्वारा
सूर्याभ्याम्
दो सूर्यों से, दो सूर्यों के द्वारा
सूर्यैः
अनेक सूर्यों से, अनेक सूर्यों के द्वारा
चतुर्थी सूर्याय
सूर्य को, सूर्य के लिए
सूर्याभ्याम्
दो सूर्यों को, दो सूर्यों के लिए
सूर्येभ्यः
अनेक सूर्यों को, अनेक सूर्यों के लिए
पंचमी सूर्यात्/सूर्याद्
सूर्य से
सूर्याभ्याम्
दो सूर्यों से
सूर्येभ्यः
अनेक सूर्यों से
षष्‍ठी सूर्यस्य
सूर्य का, सूर्य के, सूर्य की
सूर्ययोः
दो सूर्यों का, दो सूर्यों के, दो सूर्यों की
सूर्यानाम्
अनेक सूर्यों का, अनेक सूर्यों के, अनेक सूर्यों की
सप्‍तमी सूर्ये
सूर्य में, सूर्य पर
सूर्ययोः
दो सूर्यों में, दो सूर्यों पर
सूर्येषु
अनेक सूर्यों में, अनेक सूर्यों पर
सम्बोधन हे सूर्य!
हे सूर्य!
हे सूर्यौ!
हे दो सूर्यों!
हे सूर्याः!
हे अनेक सूर्यों!

“सूर्य” शब्द रूप के संस्कृत वाक्य और उनके हिंदी अनुवाद

संस्कृत वाक्य हिंदी अनुवाद
सूर्यः प्रकाशं वितरति। सूर्य प्रकाश प्रदान करता है।
सूर्यौ गगने शोभेते। दो सूर्य आकाश में शोभा देते हैं।
सूर्या: जीवनाय आवश्यकाः सन्ति। अनेक सूर्य जीवन के लिए आवश्यक हैं।
चन्द्रः सूर्यम् प्रकाशं ददाति। चंद्रमा सूर्य से प्रकाश प्राप्त करता है।
मेघौ सूर्यौ आच्छादयतः। बादल दो सूर्यों को ढक लेते हैं।
ग्रहाः सूर्यान् परितः भ्रमन्ति। ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।
सूर्येन दिवा प्रकाशः भवति। सूर्य के द्वारा दिन में प्रकाश होता है।
सूर्याभ्याम् पृथिवीं तापः लभ्यते। दो सूर्यों से पृथ्वी को ताप प्राप्त होता है।
सूर्यैः लोकस्य कल्याणं क्रियते। अनेक सूर्यों से संसार का कल्याण होता है।
सूर्याय भक्ताः प्रार्थनां कुर्वन्ति। भक्त सूर्य के लिए प्रार्थना करते हैं।
सूर्याभ्याम् उज्ज्वलता प्रदत्ता। दो सूर्यों से उज्ज्वलता दी जाती है।
गुरुः सूर्येभ्यः विद्यां ददाति। गुरु सूर्यों को विद्या देता है।
सूर्यात् उष्णता आगच्छति। सूर्य से गर्मी आती है।
सूर्ययोः किरणाः तेजस्विन्यः सन्ति। दो सूर्यों की किरणें तेजस्वी होती हैं।
सूर्यानाम् प्रभावः अत्यधिकः अस्ति। अनेक सूर्यों का प्रभाव बहुत अधिक होता है।
सूर्ये जीवनं निर्भरं अस्ति। सूर्य पर जीवन निर्भर करता है।
सूर्ययोः गति: नित्यं परिबर्तते। दो सूर्यों की गति प्रतिदिन परिवर्तित होती है।
सूर्येषु अपार ऊर्जा अस्ति। सूर्यों में अपार ऊर्जा होती है।
हे सूर्य! मम जीवनं प्रकाशितं कुरु। हे सूर्य! मेरा जीवन प्रकाशित करो।
हे सूर्यौ! लोकस्य कल्याणं कुरुतम्। हे दो सूर्य! संसार का कल्याण करो।
हे सूर्या! सर्वेषां मंगलं भवतु। हे अनेक सूर्यों! सबका मंगल हो।

सूर्य शब्द रूप याद करने की ट्रिक (राइमिंग पैटर्न)

  1. प्रथमा विभक्ति – सूर्यः, सूर्यौ, सूर्या: (ः-औ-आः)
  2. द्वितीया विभक्ति – सूर्यम्, सूर्यौ, सूर्यान् (म्-औ-आन्)
  3. तृतीया विभक्ति – सूर्येन, सूर्याभ्याम्, सूर्यैः (एन-अभ्याम्-ऐः)
  4. चतुर्थी विभक्ति – सूर्याय, सूर्याभ्याम्, सूर्येभ्यः (आय-अभ्याम्-एभ्यः)
  5. पंचमी विभक्ति – सूर्यात्, सूर्याभ्याम्, सूर्येभ्यः (आत्-अभ्याम्-एभ्यः)
  6. षष्ठी विभक्ति – सूर्यस्य, सूर्ययोः, सूर्यानाम् (स्य-योः-आनाम्)
  7. सप्तमी विभक्ति – सूर्ये, सूर्ययोः, सूर्येषु (ए-योः-एषु)
  8. सम्बोधन विभक्ति – हे सूर्य! हे सूर्यौ! हे सूर्या!

अकारांत पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप

Shabd Roop of Soorya

soorya shabd roop

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

स्वरान्त शब्द रूप:

व्यञ्जनान्त शब्द रूप:

सर्वनाम शब्द रूप:

संख्यावाची शब्द रूप:

उम्मीद है कि आपको संस्कृत के 'सूर्य शब्द रूप' समझ आ गए होंगे। यदि शब्द रूपों से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य बताएं। सम्पूर्ण संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए संस्कृत व्याकरण पर जाएं। धन्यवाद!

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