संख्‍यावाचक या संख्यावाची शब्द और उनके शब्द रूप | संख्या शब्द रूप, संस्कृत

संख्यावाचक शब्द – संस्कृत संख्यावाची शब्द

एकः, द्वौ शब्द सर्वनाम शब्द हैं। 1 से लेकर 18 तक संख्यावाची शब्द विशेषण रूप में प्रयुक्त होते हैं। एकः, द्वौ, त्रयः, चत्वारः इन संख्यावाची शब्द के तीनों लिंगों में शब्द रूप भिन्न होते हैं। पञ्चन् और इसके आगे के संख्यावाची शब्दों के रूप तीनों लिंगों में समान होते है और प्रायः बहुवचन होते है।

Sankhya Vachak Shabd
संख्‍यावाचक या संख्यावाची शब्द और उनके शब्द रूप, संस्कृत व्याकरण

संख्या शब्द के रूप | Sankhya Shabd Roop

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा संख्या संख्ये संख्याः
द्वितीया संख्याम् संख्ये संख्याः
तृतीया संख्यया संख्याभ्याम् संख्याभिः
चतुर्थी संख्यायै संख्याभ्याम् संख्याभ्यः
पञ्चमी संख्यायाः संख्याभ्याम् संख्याभ्यः
षष्ठी संख्यायाः संख्ययोः संख्यानाम्
सप्तमी संख्यायाम् संख्ययोः संख्यासु
संबोधन हे संख्ये ! हे संख्ये ! हे संख्याः !

संख्यावाची या संख्‍यावाचक शब्द रूप

संस्कृत में 1 से 4 तक की संख्याएँ तीनों लिंगों में अलग-अलग रूप में प्रयुक्त होती हैं, अतः इनके भिन्न रूप होते हैं।

  • पुल्लिंग में – एकः, द्वौ, त्रयः, चत्वारः
  • स्त्रीलिंग में – एका, द्वे, तिस्रः, चतस्रः
  • नपुंसकलिंग में – एकम्, द्वे, त्रीणि, चत्वारि

संख्यावाची शब्द विशेषण होते हैं, इसलिए इनका प्रयोग जिस विशेष्य के लिए किया जाता है, उसी के लिंगानुसार संख्या लिखी जाती है। जैसे- ‘बालक’ (पुल्लिंग) के लिए एकः बालकः, ‘बालिका’ (स्त्रीलिंग) के लिए एका बालिका, और ‘पुस्तकम्’ (नपुंसकलिंग) के लिए एकम् पुस्तकम्।

  • संख्या 10 के बाद इकाई और दहाई के क्रम में लिखी जाती है, अर्थात् पहले दायीं ओर वाला इकाई अंक, फिर बायीं ओर वाला दहाई अंक आता है। उदाहरण के लिए, 21 को एक+विंशतिः लिखा जाएगा, न कि विंशतिः+एक। हिन्दी में भी यही तरीका प्रयुक्त होता है, जबकि अंग्रेज़ी में नहीं।
  • 9 इकाई अंक वाली संख्याओं को दो प्रकार से लिखा जा सकता है, जैसे 19 को ‘नवदश’ के अतिरिक्त ‘एकोनविंशतिः’ या ‘ऊनविंशतिः’ भी लिखा जाता है, जिसका अर्थ है- बीस में एक कम (20-1=19)। इसी प्रकार, 29 को ‘नवविंशतिः’ या ‘एकोनत्रिंशत्’ (एक कम तीस) कहा जाता है। हिन्दी में भी इसी प्रकार उनतीस (एक कम तीस) लिखा जाता है।

एक (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य एकवचनान्‍त

एक शब्द संख्यावाची है। एक के रूप एकवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। एक शब्द के द्विवचन तथा बहुवचन में रूप नहीं होते हैं, क्यूंकि एक शब्द प्रायः एकवचनांत होता है। एक शब्द के रूप तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) और सभी विभक्तियों में निम्नलिखित हैं –

विभक्ति पुल्लिङ्ग् स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिंङ्ग्
प्रथमा एकः एका एकम्
द्वितीया एकम् एकाम् एकम्
तृतीया एकेन एकया एकेन
चतुर्थी एकस्मै एकस्यै एकस्मै
पंचमी एकस्मात् एकस्या: एकस्मात्
षष्‍ठी एकस्य एकस्या: एकस्य
सप्‍तमी एकस्मिन् एकस्याम् एकस्मिन्

नोट:- एकः शब्द एक वचनान्त है, पर कुछ के अर्थ में वह कभी कभी बहुवचन भी होता है। ‘एक’ शब्द का रूप सर्व के समान होता है।

द्वि / दो (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य द्विवचनांत

द्वि (दो) शब्द संख्यावाची है। द्वि के रूप द्विवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। द्वि (दो) शब्द के एकवचन तथा बहुवचन में रूप नहीं होते हैं, क्यूंकि द्वि शब्द प्रायः द्विवचनांत होता है। द्वि शब्द के रूप तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) और सभी विभक्तियों में :

विभक्ति पुल्लिङ्ग् स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिंङ्ग्
प्रथमा द्वौ द्वे द्वे
द्वितीया द्वौ द्वे द्वे
तृतीया द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम्
चतुर्थी द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम्
पंचमी द्वाभ्याम् द्वाभ्याम् द्वाभ्याम्
षष्‍ठी द्वयोः द्वयोः द्वयोः
सप्‍तमी द्वयोः द्वयोः द्वयोः

त्रि / तीन (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

त्रि (तीन) शब्द संख्यावाची है। त्रि के रूप बहुवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। त्रि (तीन) शब्द के एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं, क्यूंकि त्रि शब्द प्रायः वहुवचनांत होता है। त्रि शब्द के रूप तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) और सभी विभक्तियों में निम्नलिखित हैं –

विभक्ति पुल्लिङ्ग् स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिंङ्ग्
प्रथमा त्रय: तिस्र: त्रीणि
द्वितीया त्रीन् तिस्र: त्रीणि
तृतीया त्रिभिः तिस्रभि: त्रिभिः
चतुर्थी त्रिभ्यः तिसृभ्य: त्रिभ्यः
पंचमी त्रिभ्यः तिसृभ्य: त्रिभ्यः
षष्‍ठी त्रयाणाम् तिसृणाम् त्रयाणाम्
सप्‍तमी त्रिषु तिसृषु त्रिषु

चतुर् / चार (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

चतुर् (चार) शब्द संख्यावाचक शब्द है। चतुर् के रूप बहुवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। चतुर् (चार) शब्द के एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं, क्यूंकि चतुर् शब्द प्रायः वहुवचनांत होता है। चतुर् शब्द के रूप तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) और सभी विभक्तियों में निम्नलिखित हैं –

विभक्ति पुल्लिङ्ग् स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिंङ्ग्
प्रथमा चत्वार: चतस्र: चत्वारि
द्वितीया चतुर: चतस्र: चत्वारि
तृतीया चतुर्भिः चतसृभि: चतुर्भिः
चतुर्थी चतुर्भ्यः चतसृभ्य: चतुर्भ्यः
पंचमी चतुर्भ्यः चतसृभ्य: चतुर्भ्यः
षष्‍ठी चतुर्णाम् चतसृणाम् चतुर्णाम्
सप्‍तमी चतुर्षु चतसृषु चतुर्षु

नोट: पञ्चन् और इसके आगे के संख्यावाची शब्दों के रूप तीनों लिंगों में समान होते है और प्रायः बहुवचन होते है।

पञ्चन् / पाँच (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

पञ्चन् (पाँच) शब्द संख्यावाचक शब्द है। इसके शब्द रूप प्रायः वहुवचनांत होते हैं, एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों में समान होते हैं। पञ्चन् के शब्द रूप सभी विभक्तियों और तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) में निम्नलिखित हैं-

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा पञ्च
द्वितीया पञ्च
तृतीया पञ्चभिः
चतुर्थी पञ्चभ्यः
पंचमी पञ्चभ्यः
षष्‍ठी पञ्चानाम्
सप्‍तमी पञ्चसु

षष् / छः (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

षष् (षट्, छः) शब्द संख्यावाचक शब्द है। षष् के शब्द रूप प्रायः वहुवचनांत होते हैं, एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों में समान होते हैं। षष् (षट्, छः) के शब्द रूप सभी विभक्तियों और तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) में निम्नलिखित हैं-

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा षट् / षड्
द्वितीया षट् / षड्
तृतीया षड्भिः
चतुर्थी षड्भ्यः
पंचमी षड्भ्यः
षष्‍ठी षण्णाम्
सप्‍तमी षट्त्सु / षट्सु

सप्तन् / सात (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

सप्तन् (सात) शब्द संख्यावाचक शब्द है। सप्तन् के शब्द रूप प्रायः वहुवचनांत होते हैं, एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों में समान होते हैं। सप्तन् (सात) के शब्द रूप सभी विभक्तियों और तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) में निम्नलिखित हैं-

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा सप्त
द्वितीया सप्त
तृतीया सप्तभिः
चतुर्थी सप्तभ्यः
पंचमी सप्तभ्यः
षष्‍ठी सप्तानाम्
सप्‍तमी सप्तसु

अष्टन् / आठ (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) शब्द के रूप, नित्‍य वहुवचनांत

अष्टन् (आठ) शब्द संख्यावाचक शब्द है। अष्टन् के शब्द रूप प्रायः वहुवचनांत होते हैं, एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। इसके रूप तीनों लिंगों में समान होते हैं। अष्टन् (आठ) के शब्द रूप सभी विभक्तियों और तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्‍त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) में निम्नलिखित हैं-

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा अष्टौ / अष्ट
द्वितीया अष्टौ / अष्ट
तृतीया अष्टाभिः / अष्टभिः
चतुर्थी अष्टाभ्यः / अष्टभ्यः
पंचमी अष्टाभ्यः / अष्टभ्यः
षष्‍ठी अष्टानाम्
सप्‍तमी अष्टासु / अष्टसु

इससे आगे के शब्द रूप बनाने के लिए ध्यान रखें-

  • सात (7) और नौ (9) से अठारह (18) तक के सभी शब्दों के रूप वहुवचन और तीनों लिंगो में सामान होते हैं। इनके शब्द रूप पांच (5) की तरह ही होते हैं।
  • उन्नीस (19) से निन्यानवे (99) तक के सभी शब्द रूप एकवचन और स्त्रीलिंग होते हैं।
  • इक्कीश (21) से अठ्ठाइस (28) तक के सभी शब्द रूप मति के समान होते हैं।
  • उन्तीस (29) से अठ्ठावन (58) तक के शब्द रूप भूभृत् के समान होते हैं।
  • उनसठ (59) से निन्यानवे (99) तक के शब्दों के शब्द रूप मति के समान होते हैं।
  • सौ(100), हजार(1000), लाख(100000), आदि प्राय: एकवचन नपुंसकलिंग होते हैं। इनके शब्द रूप फल के समान होते हैं।

संख्याएं: संस्कृत में गणना जानने के लिए पढ़ें- संस्कृत में गिनती

संस्कृत संख्याएं

क्रम पुँल्लिङ्ग स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिङ्ग
1. एकः एका  एकम्
2. द्वौ द्वे द्वे
3. त्रयः तिस्रः त्रीणि
4. चत्वारः चतस्रः चत्वारि

इससे आगे के संख्या-शब्द प्रायः तीनों लिङ्गों में समान और नित्य वहुवचनान्त होते हैं-

  1. पञ्च
  2. षट्
  3. सप्त
  4. अष्टौ, अष्ट
  5. नव
  6. दश
  7. एकादश
  8. द्वादश
  9. त्रयोदश
  10. चतुर्दश
  11. पञ्चदश
  12. षोडश
  13. सप्तदश
  14. अष्टादश
  15. ऊनविंशतिः, एकोनविंशतिः, नवदश
  16. विंशतिः
  17. एकविंशतिः
  18. द्वाविंशतिः, द्वाविंशः
  19. त्रयोविंशतिः, त्रयोविंशः
  20. चतुविंशतिः, चतुर्विंशः
  21. पञ्चविंशतिः, पञ्चविंशः
  22. षड्विंशतिः, षड्विंशः
  23. सप्तविंशतिः, सप्तविंशः
  24. अष्टाविंशतिः, अष्टाविंशः
  25. ऊनत्रिंशत्, एकोनत्रिंशत्, नवविंशः, नवविंशतिः
  26. त्रिंशत्
  27. एकत्रिंशत्
  28. द्वात्रिंशत्
  29. त्रयस्त्रिंशत्
  30. चतुस्त्रिंशत्
  31. पञ्चत्रिंशत्
  32. षट्त्रिंशत्
  33. सप्तत्रिंशत
  34. अष्टात्रिंशत्
  35. ऊनचत्वारिंशत्, एकोनचत्वारिंशत्, नवत्रिंशत्
  36. चत्वारिंशत्
  37. एकचत्वारिंशत्
  38. द्विचत्वारिंशत्, द्वाचत्वारिंशत्
  39. त्रिचत्वारिंशत्, त्रयश्चत्वारिंशत्
  40. चतुश्चत्वारिंशत्
  41. पञ्चचत्वारिंशत्
  42. षट्चत्वारिंशत्
  43. सप्तचत्वारिंशत्
  44. अष्टचत्वारिंशत्, अष्टाचत्वारिंशत्
  45. ऊनपञ्चाशत्, एकोनपञ्चाशत्, नवचत्वारिंशत्
  46. पञ्चाशत्
  47. एकपञ्चाशत्
  48. द्विपञ्चाशत्, द्वापञ्चाशत्
  49. त्रिपञ्चाशत्, त्रयःपञ्चाशत्
  50. चतुष्पञ्चाशत्
  51. पञ्चपञ्चाशत्
  52. षट्पञ्चाशत्
  53. सप्तपञ्चाशत्
  54. अष्टपञ्चाशत्, अष्टापञ्चाशत्
  55. ऊनषष्ठिः, एकोनषष्टिः, नवपञ्चाशत्
  56. षष्ठिः
  57. एकषष्ठिः
  58. द्विषष्ठि, द्वाषष्ठिः
  59. त्रिषष्ठिः, त्रयःषष्ठिः
  60. चतुःषष्ठिः
  61. पञ्चषष्ठिः
  62. षट्षष्ठिः
  63. सप्तषष्ठिः
  64. अष्टषष्ठिः, अष्टाषष्ठिः
  65. ऊनसप्ततिः, एकोनसप्ततिः, नवषष्ठिः
  66. सप्ततिः
  67. एकसप्ततिः
  68. द्वासप्ततिः, द्विसंप्ततिः
  69. त्रयःसप्ततिः, त्रिसप्ततिः
  70. चतुःसप्ततिः
  71. पञ्चसप्ततिः
  72. षट्सप्ततिः
  73. सप्तसप्ततिः
  74. अष्टासप्ततिः, अष्टसप्ततिः
  75. ऊनाशीतिः, एकोनाशीतिः, नवसप्ततिः
  76. अशीतिः
  77. एकाशीतिः
  78. द्वयशीतिः
  79. त्र्यशीतिः
  80. चतुरशीतिः
  81. पञ्चाशीतिः
  82. षडशीतिः
  83. सप्ताशीतिः
  84. अष्टाशीतिः
  85. ऊननवतिः, एकोननवतिः, नवाशीतिः
  86. नवतिः
  87. एकनवतिः
  88. द्विनवतिः द्वानवतिः
  89. त्रयोनवतिः
  90. चतुर्नवतिः
  91. पञ्चनवतिः
  92. षण्णवतिः
  93. सप्तनवतिः
  94. अष्टनवतिः, अष्टानवतिः
  95. नवनवतिः, ऊनशतम्, एकोनशतम्
  96. शतम्, शतकम्

क्रमसंख्यावाचक शब्‍द (एक से बीस तक)

Sr. No. पुँल्लिङ्ग स्‍त्रीलिङ्ग नपुंसकलिङ्ग
1st, First प्रथम: प्रथमा प्रथमम्
2nd, Second द्वितीय: द्वितीया द्वितीयम्
3rd, Third तृतीय: तृतीया तृतीयम्
4th, Fourth चतुर्थ: चतुर्थी चतुर्थम्
5th, Fifth पञ्चमः पञ्चमी पञ्चमम्
6th, Sixth षष्ठः षष्ठी षष्ठम्
7th, Seventh सप्तमः सप्तमी सप्तमम्
8th, Eighth अष्टम: अष्टमी अष्टमम्
9th, Nineth नवमः नवमी नवमम्
10th, Tenth दशम: दशमी दशमम्
11th, Eleventh एकादश: एकादशी एकादशम्
12th, Twelfth द्वादश: द्वादशी द्वादशम्
13th, Thirteenth त्रयोदश: त्रयोदशी त्रयोदशम्
14th, Fourteenth चतुर्दश: चतुर्दशी चतुर्दशम्
15th, Fifteenth पञ्चदश: पञ्चदशी पञ्चदशम्
16th, Sixteenth षोडश: षोडशी षोडशम्
17th, Seventeenth सप्तदश: सप्तदशी सप्तदशम्
18th, Eighteenth अष्टादश: अष्टादशी अष्टादशम्
19th, Nineteenth नवदश: नवदशी नवदशम्
20th, Twentieth विंश: विंशी विशम्

अधोलिखित स्वरान्त, व्यञ्जनान्त एवं सर्वनाम शब्दों के शब्द रूप महत्वपूर्ण  हैं –

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

आशा करता हूँ कि आपको संस्कृत के 'संख्‍यावाचक शब्द रूप' समझ में आए होंगे। यदि शब्द रूपों से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य बताएं। सम्पूर्ण संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए संस्कृत व्याकरण पर जाएं। धन्यवाद!

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