अश्व शब्द – Ashwa Shabd Roop Sanskrit Mein
अश्व शब्द (Horse): अकारांत पुल्लिंग संज्ञा , सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे -देव, बालक, राम, वृक्ष, सूर्य, सुर, असुर, मानव, अश्व, गज, ब्राह्मण, क्षत्रिय, शूद्र, छात्र, शिष्य, दिवस, लोक, ईश्वर, भक्त आदि।
अश्व के शब्द रूप – Ashwa Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | अश्व: | अश्वौ | अश्वा: |
द्वितीया | अश्वम् | अश्वौ | अश्वान् |
तृतीया | अश्वेन | अश्वाभ्याम् | अश्वै: |
चतुर्थी | अश्वाय | अश्वाभ्याम् | अश्वेभ्य: |
पंचमी | अश्वात् | अश्वाभ्याम् | अश्वेभ्य: |
षष्ठी | अश्वस्य | अश्वयो: | अश्वानाम् |
सप्तमी | अश्वे | अश्वयो: | अश्वेषु |
संबोधन | हे अश्व ! | हे अश्वौ ! | हे अश्वा ! |
अश्व शब्द रूप हिंदी अर्थ सहित
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथमा कर्ता – कौन? |
अश्वः घोड़ा, घोड़े ने |
अश्वौ दो घोड़े, दो घोड़ों ने |
अश्वाः अनेक घोड़े, अनेक घोड़ों ने |
द्वितीया कर्म – किसे? |
अश्वम् घोड़े को |
अश्वौ दो घोड़ों को |
अश्वान् अनेक घोड़ों को |
तृतीया करण – किसके द्वारा? |
अश्वेन घोड़े से, घोड़े के द्वारा |
अश्वाभ्याम् दो घोड़ों से, दो घोड़ों के द्वारा |
अश्वैः अनेक घोड़ों से, अनेक घोड़ों के द्वारा |
चतुर्थी सम्प्रदान – किसके लिए? |
अश्वाय घोड़े को, घोड़े के लिए |
अश्वाभ्याम् दो घोड़ों को, दो घोड़ों के लिए |
अश्वेभ्यः अनेक घोड़ों को, अनेक घोड़ों के लिए |
पंचमी अपादान – किससे? |
अश्वात् घोड़े से |
अश्वाभ्याम् दो घोड़ों से |
अश्वेभ्यः अनेक घोड़ों से |
षष्ठी सम्बंध – किसका? |
अश्वस्य घोड़े का, घोड़े के, घोड़े की |
अश्वयोः दो घोड़ों का, दो घोड़ों के, दो घोड़ों की |
अश्वानाम् अनेक घोड़ों का, अनेक घोड़ों के, अनेक घोड़ों की |
सप्तमी अधिकरण – किसमें? |
अश्वे घोड़े में, घोड़े पर |
अश्वयोः दो घोड़ों में, दो घोड़ों पर |
अश्वेषु अनेक घोड़ों में, अनेक घोड़ों पर |
संबोधन हे! |
हे अश्व! हे घोड़े! |
हे अश्वौ! हे दो घोड़ों! |
हे अश्वाः! हे अनेक घोड़ों! |
अश्व शब्द रूप से संस्कृत वाक्य और उनके हिंदी अनुवाद
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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अश्वः वनं गच्छति। | घोड़ा जंगल में जाता है। |
अश्वौ शीघ्रं धावतः। | दो घोड़े तेजी से दौड़ते हैं। |
अश्वाः घासं खादन्ति। | अनेक घोड़े घास खाते हैं। |
बालकः अश्वम् पश्यति। | बालक घोड़े को देखता है। |
किसानः अश्वौ पालनं करोति। | किसान दो घोड़ों का पालन करता है। |
सैनिकाः अश्वान् संचालयन्ति। | सैनिक अनेक घोड़ों को चलाते हैं। |
अश्वेन रथः चलति। | घोड़े के द्वारा रथ चलता है। |
अश्वाभ्याम् रथः योजितः अस्ति। | दो घोड़ों के द्वारा रथ जोड़ा गया है। |
अश्वैः युद्धं क्रियते। | घोड़ों से युद्ध किया जाता है। |
राजा अश्वाय घासं ददाति। | राजा घोड़े के लिए घास देता है। |
अश्वाभ्याम् जलं दीयते। | दो घोड़ों को पानी दिया जाता है। |
गजः अश्वेभ्यः भीतिं करोति। | हाथी घोड़ों को डराता है। |
अश्वात् धूलिः उद्गच्छति। | घोड़े से धूल उड़ती है। |
अश्वयोः बलं अधिकम् अस्ति। | दो घोड़ों की शक्ति अधिक होती है। |
अश्वानाम् गति: अतिवेगा अस्ति। | अनेक घोड़ों की गति बहुत तेज होती है। |
अश्वे जलं अस्ति। | घोड़े में पानी है। |
अश्वयोः पूजनं क्रियते। | दो घोड़ों की पूजा की जाती है। |
अश्वेषु प्रेमं भवति। | घोड़ों में प्रेम होता है। |
हे अश्व! शीघ्रं धाव। | हे घोड़े! जल्दी दौड़ो। |
हे अश्वौ! वनं गच्छतम्। | हे दो घोड़ों! जंगल में जाओ। |
हे अश्वाः! युद्धाय सज्जाः भवत। | हे घोड़ों! युद्ध के लिए तैयार हो जाओ। |
अकारांत पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप
- देव (देवता) के शब्द रूप
- राम शब्द के रूप
- बालक शब्द के रूप
- वृक्ष शब्द के रूप
- सूर्य के शब्द रूप
- सुर शब्द के रूप
- असुर शब्द के रूप
- मानव के शब्द रूप
- अश्व के शब्द रूप
- गज के शब्द रूप
- ब्राह्मण के शब्द रूप
- क्षत्रिय के शब्द रूप
- शूद्र के शब्द रूप
- भक्त के शब्द रूप
- छात्र के शब्द रूप
- शिष्य के शब्द रूप
- दिवस के शब्द रूप
- लोक के शब्द रूप
- ईश्वर के शब्द रूप