हिंदी के प्रमुख एवं महत्वपूर्ण कवियों के उपनाम (Hindi ke kaviyon aur lekhakon ke upnaam) इस लेख में दिए गए हैं । हिन्दी के प्रमुख कवि या लेखक या रचनाकार और उनके उपनाम या लोकप्रिय उपनामों का महत्व वहुत अधिक है। इसकी सूची नीचे दी गई है।
Kaviyon ke Upnam
हिन्दी के प्रमुख कवि या लेखक या रचनाकार और उनके उपनाम या लोकप्रिय नाम या उनके सम्बोधन के लिए प्रयोग होने वाले नामों की सूची नीचे दी गई है।
कवि और उनके उपनाम की सूची
क्रम | मूल नाम | उपनाम या अन्य नाम |
---|---|---|
1. | बाल्मीकि | आदि कवि |
2. | स्वयंभू | अपभ्रंश का बाल्मीकि |
3. | सरहपा | हिन्दी का प्रथम कवि |
4. | अमीर खुसरो | हिन्दुस्तान की तूती/हिन्द-इस्लामी समन्वित संस्कृति का प्रतिनिधि |
5. | विद्यापति | मैथिल कोकिल/अभिनव जयदेव |
6. | असाइत | प्रथम सूफी कवि |
7. | मलिक मुहम्मद | जायसी |
8. | सूरदास | अष्टछाप का जहाज/पुष्टिमार्ग का जहाज/खंजन नयन/भावाधिपति/वात्सल्य रस सम्राट |
9. | नंददास | जड़िया कवि |
10. | सैयद इब्राहिम | रसखान |
11. | तुलसीदास | कवि शिरोमणि/मानस का हंस/लोक नायक/हिन्दी का जातीय कवि |
12. | तुलसी और गंग | सुकविन के सरदार |
13. | अब्दुर्रहीम ‘खानेखाना’ | रहीम |
14. | नरहरि बंदीजन | महापात्र |
15. | महेश दास | ब्रह्म बीरबल |
16. | केशवदास | कठिन काव्य का प्रेत |
17. | मतिराम | पुराने पंथ के पथिक |
18. | घनानंद | प्रेम की पीर का कवि/ साक्षात रसमूर्ति/ जबाँदानी का दावा रखनेवाला कवि |
19. | भिखारीदास | दास |
20. | सैयद गुलाम नबी | रसलीन |
21. | महाराज सावंत सिंह | नागरीदास |
22. | सदासुख लाल | नियाज |
23. | जगन्नाथ दास | रत्नाकर |
24. | राजा शिव प्रसाद | सितारे-हिन्द/भारतेन्दु के विद्यागुरु |
25. | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | हिन्दी नवजागरण का अग्रदूत/नवयुग के अग्रदूत/हिन्दी साहित्य में आधुनिकता के जन्मदाता/रसा |
26. | बदरी नारायण चौधरी | प्रेमघन |
27. | महावीर प्रसाद द्विवेदी | भुजंगभूषण भट्टाचार्य/सुकवि किंकर/कल्लू अल्हइत/नियम नारायण शर्मा |
28. | नाथूराम शर्मा | कविता-कामिनी कांत/भारतेन्तु-प्रज्ञेन्दु साहित्य सुधाकर/शंकर |
29. | अयोध्या सिंह उपाध्याय | कवि सम्राट/हरिऔध |
30. | राय देवी प्रसाद | पूर्ण |
31. | गया प्रसाद शुक्ल | सनेही/त्रिशूल |
32. | मैथिलीशरण गुप्त | प्रथम राष्ट्रकवि/दद्दा |
33. | बाल मुकुंद गुप्त | शिवशंभु |
34. | लाला भगवानदीन | दीन |
35. | सत्य नारायण | कविरत्न |
36. | जयशंकर प्रसाद | झारखण्डी/कलाधर/आधुनिक कविता के सुमेरु |
37. | सूर्यकांत त्रिपाठी | निराला/महाप्राण |
38. | सुमित्रा नंदन पंत | प्रकृति का सुकुमार कवि/गोसाईं दत्त / साईदा/नन्दिनी/एक निहत्था/सुधाकर प्रिय/रावणार्यनुज/मोती/नंदनजी/नयन/लक्ष्मण/मुकुल |
39. | महादेवी वर्मा | आधुनिक युग की मीरा |
40. | माखन लाल चतुर्वेदी | एक भारतीय आत्मा |
41. | मोहन लाल महतो | वियोगी |
42. | जनार्दन प्रसाद झा | द्विज |
43. | वैद्यनाथ मिश्र | नागार्जुन/यात्री/जनकवि |
44. | त्र्यंबक वीर राघवाचार्य | रांगेय राघव |
45. | रामधारी सिंह | दिनकर |
46. | बालकृष्ण शर्मा | नवीन |
47. | शिव मंगल सिंह | सुमन |
48. | गोपाल शरण सिंह | नेपाली |
49. | हरिवंश राय बच्चन | हालावादी कवि |
50. | साच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन | अज्ञेय/कठिन गद्य का प्रेत/कुट्टि चातन |
51. | नलिन विलोचन शर्मा, केसरी कुमार व नरेश (नाम के आदि अक्षर ‘न’, ‘के’, ‘न’ से बनाया गया नामकरण) | नकेन |
52. | शमशेर बहादुर सिंह | कवियों का कवि/फैंटसी का कवि/मुक्तिबोध |
53. | सुदामा पांडे | धूमिल |
54. | कुमार विकल | धमधर्मी कविताओं का कवि |
55. | धनपत राय | प्रेमचंद/उपन्यास सम्राट/कहानी सम्राट/कलम का सिपाही/कलम का मजदूर/भारत का मैक्सिम गोर्की |
56. | वृंदावन लाल वर्मा | बुंदेलखंड का चंदबरदाई |
57. | शिव पूजन सहाय | शिव |
58. | पाण्डेय बेचन शर्मा | उग्र |
59. | उपेन्द्र नाथ | अश्क |
60. | रामेश्वर शुक्ल | अंचल/मांसलवादी |
61. | विश्वंभर नाथ शर्मा | कौशिक |
62. | चण्डी प्रसाद | हृदयेश |
63. | फणीश्वर नाथ | रेणु |
64. | चन्द्रधर शर्मा | गुलेरी |
65. | राजेन्द्र बाला घोष | बंग महिला |
66. | शरतचंद्र | आवारा मसीहा |
67. | हरिकृष्ण | प्रेमी |
68. | विद्यानिवास मिश्र | भ्रमरानंद/परंपरा जीवी |
69. | वियोगी हरि | गद्य-काव्य का लेखक |
70. | गणेश बिहारी मिश्र, श्याम बिहारी मिश्र व शुकदेव बिहारी मिश्र | मिश्रबंधु |
71. | रामचंद्र शुक्ल | मुनि मार्ग के हिमायती |
72. | नंद दुलारे बाजपेयी | सौष्ठववादी/स्वच्छंदतावादी आलोचक |
73. | डॉ० नगेन्द्र | रसवादी आलोचक |
74. | नेमिचंद्र जैन | आलोचकों का आलोचक |
75. | किशोरीदास बाजपेयी | हिन्दी के पाणिनी |
76. | राम विलास शर्मा | अगिया बैताल/निरंजन |
77. | दुष्यंत कुमार | हिन्दी गजलों के राजकुमार |
उपनामों का महत्व
हिन्दी के प्रमुख कवि या लेखक या रचनाकार और उनके उपनाम या लोकप्रिय उपनामों का महत्व वहुत अधिक है। आपने अधिकतर देखा होगा कि कवियों के उपनाम का ही प्रयोग हर जगह होता हैं। उदाहरण के लिए सूर्यकांत त्रिपाठी के लिए ज़्यादातर लेखक “निराला” ही लिखना पसंद करते हैं। और हिन्दी के कवि और उनके उपनाम विभिन हिन्दी की परीक्षाओं के लिए भी उपयोगी हैं। ये उपनाम अक्सर विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।