द्विगु समास की परिभाषा
‘संख्यापूर्वो द्विगुः’ – जिस समास का पहला पद संख्यावाची और दूसरा पद कोई संज्ञा हो अर्थात द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक होता है और सम्पूर्ण पद समूह का बोध कराता है।
द्विगु समास के भेद
‘तद्धितार्थोत्तर पद समाहारे च’ द्विगु समास तीन प्रकार में होते हैं- तद्धितार्थ द्विगु, उत्तरपद द्विगु और समाहार द्विगु। तद्धितार्थ द्विगु के अन्त में तद्धित रहता है; संख्यावाची विशेषण विशेष्य के बाद कोई पद आए तो उत्तरपद द्विगु होता है और समूह का अर्थ प्रकट हो तो समाहार द्विगु होता है।
द्विगु समास के उदाहरण
समास-विग्रह | समस्तपद | हिन्दी अर्थ |
---|---|---|
द्वयोः मात्रोः अपत्यम् पुमान् | द्वैमातुरः | दो माताओं का पुत्र |
घण्णाम् मातृणाम् अपत्यम् युमान् | षण्मातुरः | छह माताओं का पुत्र |
पञ्चानां जनानां भावः कर्म न | पाञ्चजन्यम् | पाँच जनों का होना |
पञ्च गावः धनं यस्य सः | पञ्यगवधनः | पाँच गायों रूप धनवाला |
सप्त हस्ताः प्रमाणं यस्य सः | सप्तहस्तप्रमाणः | सात हाथों का प्रमाणवाला |
दस सहस्राणि सेना यस्य सः | दशसहस्रसेनः | दस हजार सेनाओं वाला |
त्रयाणां लोकानां समाहारः | त्रिलोक | तीनों लोक |
चतुर्णा युगानां समाहारः | चतुर्युगी | चार युगों का समूह |
त्रयाणां भुवनानां समाहारः | त्रिभुवनम् | तीन भुवनों का समाहार |
पञ्चानां वटानां समाहारः | पञ्चवटी | पाँच वटों का समाहार |
सप्तानां शतानां समाहारः | सप्तशती | सात सैकड़ों का समाहार |
अष्टानाम् अध्यायानां समाहारः | अष्टाध्यायी | आठ अध्यायों का समाहार |
त्रयाणा फलानां समाहारः | त्रिफला | तीन फलों का समाहार |
पञ्चानां पात्राणां समाहारः | पञ्चपायम् | पाँच पात्रों का समाहार |
सप्तानाम् अनाम् समाहारः | सप्ताहः | सात दिनों का समाहार |
दशानाम् आननानां समाहारः | दशाननः | दस आननों का समाहार (‘रावण’ के अर्थ में बहुवीहि समास होगा।) |
पंचानां शतानां समाहारः | पंचशती | पाँच सौओं का समाहार |
तिसृणां गंगानाम् समाहारः | त्रिगंगम् | तीन गंगाओं का समाहार |
हिन्दी में द्विगु समास
इस समास का पहला पद संख्यावाचक होता है और सम्पूर्ण पद समूह का बोध कराता है।
परिभाषा
जिस समास का पहला पद संख्यावाची विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
उदाहरण
# | सामासिक पद | विग्रह |
---|---|---|
1. | पंचवटी | पांच वट वृक्षों का समूह |
2. | चौराहा | चार रास्तों का समाहार |
3. | दुसूती | दो सूतों का समूह |
4. | पंचतत्व | पांच तत्वों का समूह |
5. | त्रिवेणी | तीन नदियों गंगा , यमुना , सरस्वती का समाहार |
6. | दोपहर | दो पहरों का समाहार |
7. | शताब्दी | सौ सालों का समूह |
8. | पंचतंत्र | पांच तंत्रों का समाहार |
9. | सप्ताह | सात दिनों का समूह |
दिए गए उदाहरणों में- सभी शब्दों में पूर्वपद एक संख्यावाचक विशेषण है एवं समस्तपद किसी न किसी समूह या फिर समाहार का बोध करा रहा है। जैसे दोपहर में पहला पद है ‘दो’ जो एक संख्यावाचक विशेषण है एवं समस्तपद दोपहर दो पहरों के समाहार का बोध करा रहा है। अतः यह उदाहरण द्विगु समास के अंतर्गत आयेंगे।
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