हिन्दी के संस्मरण और संस्मरण-कार
हिन्दी का प्रथम संस्मरण ‘बालमुकुंद गुप्त‘ लिखित “हरिऔध जी का संस्मरण” है। किसी घटना, दृश्य, वस्तु या व्यक्ति का पूर्णरूपेण आत्मीय स्मरण संस्मरण कहलाता है। यह आधुनिक काल में नवविकसित, सर्वाधिक विवादों से घिरी साहित्य-विधा है। यह विधा कभी तो जीवनी, रेखाचित्र, रिपोर्ताज और कभी निबन्ध के अन्तर्गत परिगणित की गई है।
संस्मरण और संस्मरण-कार
क्रम | संस्मरण | संस्मरण-कार |
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1. | अनुमोदन का अंत (1905 ई.), सभा की सभ्यता (1907 ई.) | महावीर प्रसाद द्विवेदी |
2. | हरिऔध जी का संस्मरण | बालमुकुंद गुप्त |
3. | शिकार (1936 ई.), बोलती प्रतिमा (1937 ई.), भाई जगन्नाथ, प्राणों का सौदा(1939 ई.) जंगल के जीव (1949 ई.) | श्रीराम शर्मा |
4. | लाल तारा (1938 ई.), माटी की मूरतें (1946 ई.), गेहूँ और गुलाब (1950 ई.), जंजीर और दीवारें (1955 ई.), मील के पत्थर (1957 ई.) | रामवृक्ष बेनीपुरी |
5. | अतीत के चलचित्र (1941 ई.), स्मृति की रेखाएँ (1947 ई.), पथ के साथी (1956 ई.), क्षणदा (1957 ई.), स्मारिका (1971 ई.) | महादेवी वर्मा |
6. | तीस दिन : मालवीय जी के साथ (1942 ई.) | रामनरेश त्रिपाठी |
7. | हमारे आराध्य (1952 ई.) | बनारसीदास चतुर्वेदी |
8. | जिंदगी मुस्कराई (1953 ई.), दीप जले शंख बजे (1959 ई.), माटी हो गई सोना (1959 ई.) | कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ |
9. | ये और वे (1954 ई.) | जैनेंद्र |
10. | बचपन की स्मृतियाँ (1955 ई.), असहयोग के मेरे साथी (1956 ई.), जिनका मैं कृतज्ञ (1957 ई.) | राहुल सांकृत्यायन |
11. | मंटो : मेरा दुश्मन (1956 ई.), ज्यादा अपनी कम परायी (1959 ई.) | ‘अश्क’ |
12. | वट-पीपल (1961 ई.) | ‘दिनकर’ |
13. | समय के पाँव (1962 ई.) | माखन लाल चतुर्वेदी |
14. | नए-पुराने झरोखे (1962 ई.) | ‘बच्चन’ |
15. | दस तस्वीरें (1963 ई.), जिन्होंने जीना जाना (1971 ई.) | जगदीश चंद्र माथुर |
16. | वे दिन वे लोग (1965 ई.) | शिवपूजन सहाय |
17. | कुछ शब्द : कुछ रेखाएँ (1965 ई.) | विष्णु प्रभाकर |
18. | चेतना के बिंब (1967 ई.) | नगेंद्र |
19. | जिनके साथ जिया (1973 ई.) | अमृत लाल नागर |
20. | स्मृतिलेखा (1982 ई.) | ‘अज्ञेय’ |
महत्वपूर्ण विधाओं के रचनाकार और रचनाएँ (लेखक और रचनाएँ)
उपन्यास-उपन्यासकार, कहानी-कहानीकार, नाटक-नाटककार, एकांकी-एकांकीकार, आलोचना-आलोचक, निबंध-निबंधकार, आत्मकथा-आत्मकथाकार, जीवनी-जीवनीकार, संस्मरण-संस्मरणकार, रेखाचित्र-रेखाचित्रकार, यात्राव्रतांत-यात्राव्रतांतकार, रिपोर्ताज-रचनाकार