हिन्दी की आलोचना और आलोचक
हिंदी का प्रथम आलोचना ग्रंथ भारतेंदु हरिश्चन्द्र ने नाटक लिखा है। आलोचना के लिए अंग्रेजी में जिस ‘क्रिटिसिज्म‘ शब्द का प्रयोग होता है, उसका अर्थ है जिसकी सहायता से किसी रचना का आकलन किया जाता है। आलोचना शब्द लुच् धातु से बना है और इस दृष्टि से इसका अर्थ है देखना। किसी कृति को भली प्रकार देखकर उसके गुण-दोषों का विवेचन करना आलोचना का कार्य है। हिन्दी में रामचन्द्र शुक्ल को सर्वश्रेष्ठ आलोचक माना जाता है।
हिन्दी की आलोचना और आलोचक की प्रमुख लेखकों और रचनाओं की लिस्ट-
आलोचना और आलोचक
क्रम | आलोचना | आलोचक |
---|---|---|
1. | नाटक | भारतेन्दु |
2. | शिवसिंह सरोज | शिवसिंह सेंगर |
3. | बिहारी सतसई की भूमिका | पद्मसिंह शर्मा |
4. | देव और बिहारी | कृष्ण बिहारी मिश्र |
5. | सिद्धांत और अध्ययन, काव्य के रूप, नवरस | बाबू गुलाबराय |
6. | साहित्यालोचन, रूपक रहस्य, भाषा रहस्य | श्यामसुंदर दास |
7. | काव्य में रहस्यवाद, रस मीमांसा, गोस्वामी तुलसीदास, भ्रमरगीत-सार, जायसी ग्रंथावली की भूमिका | रामचंद्र शुक्ल |
8. | रवींद्र कविता कानन, पंत और पल्लव | निराला |
9. | गद्यपथ, शिल्प और दर्शन, छायावादः पुनर्मूल्यांकन | पंत |
10. | साहित्य समालोचना | रामकुमार वर्मा |
11. | नया साहित्य नए प्रश्न, प्रकीर्णिका, कवि निराला | नंददुलारे वाजपेयी |
12. | कबीर, सूर साहित्य, हिंदी साहित्य की भूमिका, हिंदी साहित्य का आदिकाल | हजारी प्रसाद द्विवेदी |
13. | नई कविता : सीमाएँ और संभावनाएँ | गिरिजा कुमार माथुर |
14. | निराला की साहित्य साधना (तीन भाग), भारतेंदु हरिश्चंद्र, भारतेंदु युग और हिंदी भाषा की विकास परंपरा, भाषा और समाज, महावीर प्रसाद द्विवेदी और हिंदी नवजागरण, आचार्य शुक्ल, लोकजागरण और हिंदी साहित्य, नई कविता और अस्तित्ववाद | रामविलास शर्मा |
15. | सुमित्रानंदन पंत, साकेत : एक अध्ययन, रस-सिद्धांत, विचार और अनुभूति, रीतिकाव्य की भूमिका, देव और उनकी कविता, मिथक और साहित्य, भारतीय समीक्षा और आचार्य शुक्ल की काव्य-दृष्टि | डॉ० नगेंद्र |
16. | छायावाद का पतन, साहित्य चिता, आधुनिक समीक्षा | डॉ० देवराज उपाध्याय |
17. | त्रिशंकु, आत्मनेपद, अद्यतन, संवत्सर, स्मृति-लेखा, चौथा सप्तक, केंद्र और परिधि, पुष्करिणी, जोग लिखि, सर्जना और संदर्भ | अज्ञेय |
18. | कविता के नए प्रतिमान, छायावाद, वाद-विवाद-संवाद, इतिहास और आलोचना, कहानी और नई कहानी | नामवर सिंह |
19. | शमशेर की काव्यानुभूति की बनावट, लघुमानव के बहाने हिंदी कविता पर एक बहस, जायसी | विजदेव नारायण साही |
20. | मध्ययुगीन हिंदी काव्य-भाषा, अज्ञेयः आधुनिक रचना की समस्या, भाषा और संवेदना | रामस्वरूप चतुर्वेदी |
21. | नई कविता के प्रतिमान, नये प्रतिमान पुराने निकष | लक्ष्मीकांत वर्मा |
22. | नई कविताः स्वरूप और समस्याएँ | जगदीश गुप्त |
23. | मानव मूल्य और साहित्य | धर्मवीर भारती |
24. | आधुनिकता के पहलू | विपिन कुमार अग्रवाल |
25. | कविता से साक्षात्कार | मलयज |
26. | फिलहाल, कुछ पूर्वग्रह | अशोक वाजपेयी |
27. | शब्द और स्मृति | निर्मल वर्मा |
28. | नई कविता का आत्मसंघर्ष | ‘मुक्तिबोध’ |
29. | अधूरे साक्षात्कार | नेमिचंद्र जैन |
30. | प्रगतिवाद, हिंदी साहित्य के असी वर्ष, साहित्यानुशीलन, साहित्य की परख | शिवदान सिंह चौहान |
31. | हिंदी आलोचना के बीज शब्द, साहित्य का समाजशास्त्र और रूपवाद, आधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास | डॉ० बच्चन सिंह |
महत्वपूर्ण विधाओं के रचनाकार और रचनाएँ (लेखक और रचनाएँ)
उपन्यास-उपन्यासकार, कहानी-कहानीकार, नाटक-नाटककार, एकांकी-एकांकीकार, आलोचना-आलोचक, निबंध-निबंधकार, आत्मकथा-आत्मकथाकार, जीवनी-जीवनीकार, संस्मरण-संस्मरणकार, रेखाचित्र-रेखाचित्रकार, यात्राव्रतांत-यात्राव्रतांतकार, रिपोर्ताज-रचनाकार