नाम धातु : नाम (संज्ञा), सर्वनाम एवं विशेषण में प्रत्यय लगाकर क्रिया का जो रूप बनता है उसे नाम धातु कहते है।
सभी नाम धातुओ के रूप भ्वादिगणीय धातुओ के समान होते है। आत्मसंक्रान्त इच्छा का ज्ञान होने से शब्द के आगे काम्य और परस्मैपद होता है। जैसे –
- आत्मन: पुत्रमिच्छति – पुत्रकाम्यति
- आत्मनो धनमिच्छति – धनकाम्यति
- आत्मन: यश इच्छति – यश: काम्यति
नाम धातु क्रियाओं के रूप
पुत्रकाम्यति | पुत्रकाम्येत् | पुत्रकाम्याभ्यास | पुत्रकाम्याञ्चकर |
पुत्रकाम्यतु | अपुत्रकाम्यत् | पुत्रकाम्यिता | पुत्रकाम्यात |
पुत्रकाम्यात् | पुत्रकाम्याम्बभूव | पुत्रकामिष्यति | – |
आत्मसङ्क्रान्त् इच्छा बोध होने से शब्द के आगे क्यच् प्रत्यय और परस्मैपद धातु रूप होता है। क्यच् का अन्त में य शेष रहता है। इससे शब्द के बीच मे अकार का ई होता है और ह्रस्व का दीर्घ हो जाता है। जैसे –
- आत्मन: पुत्रमिच्छति – पुत्रीयति
- आत्मन: पतिमिच्छति – पतीयति
बुबुक्षा अर्थ में ‘अशन’ शब्द के आगे क्यच् होता है और अशन् शब्द के अन्तिम अकार के स्थान पर आकार होता है। इसी तरह पिपासा अर्थ में उद्क् शब्द के आगे क्यच् होता है और उद्क् शब्द के स्थान पर उदन् हो जाता है। जैसे –
- अशनायति – उदन्यति ।
नमस् , तपस् और वरिवस् शब्दो के आगे करण अर्थ में क्यच् प्रत्यय होता है। जैसे –
- नम: करोति – नमस्यति
- तप: करोति – तपस्यति
- वरिव: करोति – वरिवस्यति
करना के अर्थ में णिच् प्रत्यय लगता है। जैसे –
- प्रश्नम् करोति – प्रश्नयति।
दूसरों के समान आचरण करने पर ‘क्यड्‘ प्रत्यय लगता है। इसका रूप आत्मनेपदी होता है। जैसे –
- कुमारी इव आचरति – कुमारायते ।
आचरण करने के अर्थ में क्यप् प्रत्यय लगता है। जैसे –
- कविरिव आचरति – कवयति।
नाम धातु – क्रियाओं की सूची – उदाहरण
नाम धातु | विस्तारित रूप |
---|---|
पुत्रकाम्यति | आत्मनम् पुत्रम् इच्छति |
यशस्काम्यति | आत्मन: यश: इच्छति |
पुत्रीयति | छात्रम् पुत्रं इव आचरति |
कृष्णायते | कृष्ण: इव आचरति |
विद्वायते | विद्वान् इव आचरति |
कुमारायते | कुमारी इव आचरति |
पुत्रायते | शिष्य: पुत्र: इव आचरति |
उन्मनायते | अनुन्मना उन्मना: भवति |
पण्डितायते | अपण्डित: पण्डित: भवति |
सुमनायते | असुमना: सुमना भवति |
उत्सुकायते | अनुत्सुक: उत्सुक: भवति |
मन्दायते | अमन्द: मन्द: भवति |
शीघ्रायते | अशीघ्रं शीघ्रं भवति |
भ्रशायते | अभ्रशं भ्रशं भवति |
क्रच्छायते | क्रच्छम् अनुभवति |
दुखायते | दुखम् अनुभवति |
उष्मायते | उष्णम् |
धूमायते | धूमं उद्भवति |
फ़ेनायते | फ़ेनम् उद्भवति |
वष्पायते | वाष्पं उद्भवति |
म्रदयति | म्रदुं करोति |
चिन्हयति | चिन्हम् करोति |
धवलयति | धवलं करोति |
पवित्रयति | पवित्रं करोति |
तपस्यति | तप: करोति |
प्रथयति | प्रथुं करोति |
रोमन्थायते | उद्गीर्य चर्वयति |
दवयति | दूरं करोति |
नेदयति | अन्तिकं करोति |
स्थवयति | स्थूलं करोति |
ह्रसयति | ह्रस्वं करोति |
बंहयति | बहुलं करोति |
राजायते | दरिद्र राजा इव आचरति |
मात्रीयते | विमाता माता इव आचरति |
पित्रीयते | पित्रव्य: पिता इव आचरति |
शिष्टायते | शिष्य: इव आचरति |
मलिनायते | अमलिनो मलिन भवति |
पण्डितायते | अपण्डित: पण्डित: भवति |
चपलायते | अचपल: चपल: भवति |
रिपूयति | मित्रं रिपुम् इव आचरति |
राजन्यति | मन्त्रिणि राजनि इव आचरति |
धनायति | धनाय आकाङ्क्षति |
अशनीयति | अशनम् लुब्धम् |
अन्नीयति | सङ्ग्रहार्थे अन्न्नं इच्छति |
मात्रीयति | आचार्या मातरं इव आचरति |
उदकीयति | पानात् अन्यार्थे उदकम् इच्छति |
उदन्यति | पानाय उदकम् इच्छति |
राजीयति | राजानम् इव आचरति |
क्षोदयति | क्षुद्रं करोति |
लघयति | लघुं करोति |
शब्दायते | शब्दं करोति |
मालाति | मालेव आचरति |
राजानति | राजेव आचरति |
पित्रयति | पितेव आचरति |
कवयति | कविरिव आचरति |
श्रयति | श्रीरिव आचरति |
स्थवयति | स्थूलं करोति |
नेदयति | अन्तिकम् करोति |
द्वयति | दूरं करोति |
म्रदयति | म्रदुं करोति |
द्रढ़यति | द्रढ़म् करोति |
प्रथयति | प्रथुं करोति |
शब्दयति | शब्दं करोति |
प्रश्नयति | प्रश्नम् करोति |
महत्वपूर्ण धातु रूप सूची (Important Dhatu Roop List):
- पठ् धातु रूप
- गम् धातु रूप
- लिख् धातु रूप
- हस् धातु रूप
- खेल धातु रूप
- क्री धातु रूप
- अस् धातु रूप
- भू धातु रूप
- पा धातु रूप
- दृश् धातु रूप
- खाद् धातु रूप
- स्था धातु रूप
- वद् धातु रूप
- क्रीड् धातु रूप
- लभ् धातु रूप
- पत् धातु रूप
- धाव् धातु रूप
- पिव् धातु रूप
- पच् धातु रूप
- अस्ति धातु रूप
- चल् धातु रूप
- चर धातु रूप
- नृत धातु रूप
- पश्य धातु रूप
- भी धातु रूप
- श्रु धातु रूप
- चिंत धातु रूप
- सेव धातु रूप
- दा धातु रूप
- नी धातु रूप