अहि शब्द के रूप – Ahi Ke Shabd Roop – Sanskrit

अहि शब्द रूप (Ahi Shabd)

अहि शब्द (उरग, व्याल, सर्प, साँप, काकोदर, फणीश, सारंग, नाग, विषधर, भुजंग): इकारांत पुल्लिंग शब्द, इस प्रकार के सभी इकारांत पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। संस्कृत में अग्नि, हरि, कपि, पति, मणि, बलि, सखि, अरि, तिथि, मुनि, जलधि, पाणि, अतिथि, ध्वनि, परिधि, गिरि, कवि, इत्यादि इकारांत पुंल्लिंग संज्ञा शब्द हैं।

अहि के शब्द रूप – Ahi Shabd Roop

इकारांत पुल्लिंग शब्द अहि के शब्द रूप (Shabd roop of Ahi in Sanskrit) इस प्रकार हैं:

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा अहिः अही अहयः
द्वितीया अहिम् अही अहीन्
तृतीया अहिना अहिभ्याम् अहिभिः
चतुर्थी अहये अहिभ्याम् अहिभ्यः
पंचमी अहेः अहिभ्याम् अहिभ्यः
षष्ठी अहेः अह्योः अहीनाम्
सप्तमी अहौ अह्योः अहिषु
सम्बोधन हे अहे ! हे अही ! हे अहयः !

इकारांत पुंल्लिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो “इ” (इकार) पर समाप्त होते हैं और पुंल्लिंग होते हैं। उदाहरण: ऋषि, मुनि, कवि, गिरि, यति, सखि, अग्नि, धेनु।

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप एवम् धातु रूप

संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं, और धातु रूप (Dhatu Roop) भी बहुत ही आवश्यक होते हैं। महत्वपूर्ण शब्द रूप की Shabd Roop List देखें और साथ में shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

स्वरान्त शब्द रूप:

व्यञ्जनान्त शब्द रूप:

सर्वनाम शब्द रूप:

संख्यावाची शब्द रूप:

उम्मीद करता हूँ कि आपको संस्कृत में 'अहि शब्द रूप' समझ आ ही गए होंगे। यदि इस पोस्ट से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य सूचित करें। ऐसे ही संस्कृत व्याकरण के अन्य लेख पढ़ने के लिए माई कोचिंग पर बनें रहें। धन्यवाद!

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