Sam Shabd
सम शब्द (समान, तुल्य, बराबर): सम शब्द के अकारान्त शब्द के शब्द रूप, सम (Sam) शब्द के अंत में “अ” का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं। अतः Sam Shabd के Shabd Roop की तरह सम जैसे सभी अकारान्त शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। सम शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Sam Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।
सम पुल्लिंग के शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | समः | समौ | समाः |
द्वितीया | समम् | समौ | समान् |
तृतीया | समेण | समाभ्याम् | समैः |
चतुर्थी | समाय | समाभ्याम् | समेभ्यः |
पंचमी | समात् | समाभ्याम् | समेभ्यः |
षष्ठी | समस्य | समयोः | समाणाम् |
सप्तमी | समे | समयोः | समेषु |
सम्बोधन | हे सम ! | हे समौ ! | हे समाः ! |
सम नपुंसकलिंग के शब्द रूप
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | समम् | समे | समानि |
द्वितीया | समम् | समे | समानि |
तृतीया | समेन | समाभ्याम् | समैः |
चतुर्थी | समाय | समाभ्याम् | समेभ्यः |
पंचमी | समात् | समाभ्याम् | समेभ्यः |
षष्ठी | समस्य | समयोः | समानाम् |
सप्तमी | समे | समयोः | समेषु |
सम्बोधन | हे समम् ! | हे समे ! | हे समानि ! |
सम शब्द का अर्थ/मतलब
सम शब्द का अर्थ समान, तुल्य, बराबर होता है। सम शब्द अकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘समान, तुल्य, बराबर’ होता है।
सम 1 वि॰ [सं॰]
- समान । तुल्य । बराबर ।
- सब । कुल । समस्त । पूरा । तमाम ।
- जिसका तल ऊबड़ खाबड़ न हो । चौरस ।
- (संख्या) जिसे दो से भाग देने पर शेष कुछ न बचे । जूस ।
- एक ही । वही । अभिन्न (को॰) ।
- निष्पक्ष । तटस्थ । उदासीन ।
- ईमानदार । खरा (को॰) ।
- भला । सदगुणसंपन्न (को॰) ।
- सामान्य । मामूली (को॰) ।
- उपयुक्त । यथार्थ । ठीक (को॰) ।
- मध्यवर्ती । बीच का ।
- सीधा (को॰) ।
- जो न बहुत अच्छा और न बहुत बुरा हो । मध्यम श्रेणी का (को॰) । यौ॰—समचक्रवाल = वृत्त । समचतुरश्र, समचतुर्भुज, सम- चतुष्कोण = जिसके चारो कोण समान हों । समतीर्थक = जिसमें ऊपर तक जल भरा हो । लबालब पानी भरा हुआ । समतुला = समान मूल्य । समतुलित = जिसका भार समान हो । समतोलन = संतुलन । तराजू के दोने पलड़े बराबर रखना । समान तौलना । समभाग । समभूमि ।
सम 2 संज्ञा पुं॰
- वह राशि जो सम संख्या पर पड़े । दूसरी, चौथी, छठी आदि राशियाँ । वृष, कर्कट, कन्या, वृश्चिक, मकर और मीन ये छह् राशियाँ । यौ॰—समक्षेत्र = नक्षत्रों की एक विशेष स्थिति ।
- गणित में वह सीधी रेखा जो उस अंक के ऊपर दी जाती है जिसका वर्गमूल निकालना होता है ।
- संगीत में वह स्थान जहाँ गाने बजानेवालों का सिर या हाथ आपसे आप हिल जाता है । विशेष—यह स्थान ताल के अनुसार निश्चित होता है । जैसे, तिताले में दूसरे ताल पर और चौताल में पहले ताल पर सम होता है । वाद्यों का आरंभ और गीतों तथा वाद्यों का अं त इसी सम पर होता है । परंतु गाने बजाने के बीच बीच में भी सम बराबर आता रहता है ।
- साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार जिसमें योग्य वस्तुओं के संयोग या संबंध का, कारण के साथ कार्य की सारूप्यता का, तथा अनिष्टबाधा के बिना ही प्रयत्नसिद्धि का वर्णन होता है । यह विषमालंकार का बिलकुल उलटा है । उ॰—(क) जस दूलह तस बनी बराता । कौतुक विविध होहिं मगु जाता । (ख) चिरजीवौ जोरी जुरै क्यों न सनेह गँभीर । को कहिए वृषभानुजा वे हलधर के बीर ।
- समतल भूमि । चौरस मैदान (को॰) ।
- याम्योत्तर रेखा अर्थात् दिकचक्र, आकाश- वृत्त को विभाजित करनेवाली रेखा का मध्य बिदु (को॰) ।
- समान वृत्ति । समभाव । समचित्तता (को॰) ।
- तुल्यता । सादृश्य । समानता (को॰) ।
- तृणाग्नि (को॰) ।
- धर्म के एक पुत्र का नाम (को॰) ।
- धृतराष्ट्र का एक पुत्र (को॰) ।
- उत्तम स्थिति । अच्छी दशा (को॰) ।
सम 3 संज्ञा पुं॰ [अ॰]
- विष । जहर । सम्म । उ॰—सम खायँगे पर तेरी कसम हम न खायँगे ।
सम पु 4 संज्ञा पुं॰ [सं॰ शम]
- दे॰ ‘शम’ । उ॰—तापस सम दम दया निधाना । परम रथ पथ परम सुजाना ।—मानस
सम जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप
उपर्युक्त शब्द रूप सम शब्द के अकारान्त शब्द के शब्द रूप हैं सम जैसे शब्द रूप (Sam shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।