मानव शब्द के रूप – Maanav ke roop – संस्कृत

मानव शब्द

मानव शब्द : अकारांत पुल्लिंग संज्ञा , सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे -देव, बालक, राम, वृक्ष, सूर्य, सुर, असुर, मानव, अश्व, गज, ब्राह्मण, क्षत्रिय, शूद्र, छात्र, शिष्य, दिवस, लोक, ईश्वर, भक्त आदि।

मानव के शब्द रूप – Maanav Shabd Roop

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा मानव: मानवौ मानवा:
द्वितीया मानवम् मानवौ मानवान्
तृतीया मानवेन मानवाभ्याम् मानवै:
चतुर्थी मानवाय मानवाभ्याम् मानवेभ्य:
पंचमी मानवात् मानवाभ्याम् मानवेभ्य:
षष्ठी मानवस्य मानवयो: मानवानाम्
सप्तमी मानवे मानवयो: मानवेषु
संबोधन हे मानव! हे मानवौ! हे मानवा!

मानव शब्द रूप हिन्दी अर्थ सहित

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा मानवः
मानव, मानव ने
मानवौ
दो मानवों, दो मानवों ने
मानवाः
अनेक मानवों, अनेक मानवों ने
द्वितीया मानवम्
मानव को
मानवौ
दो मानवों को
मानवान्
अनेक मानवों को
तृतीया मानवेन
मानव से, मानव के द्वारा
मानवाभ्याम्
दो मानवों से, दो मानवों के द्वारा
मानवैः
अनेक मानवों से, अनेक मानवों के द्वारा
चतुर्थी मानवाय
मानव को, मानव के लिए
मानवाभ्याम्
दो मानवों को, दो मानवों के लिए
मानवेभ्यः
अनेक मानवों को, अनेक मानवों के लिए
पंचमी मानवात्/मानवाद्
मानव से
मानवाभ्याम्
दो मानवों से
मानवेभ्यः
अनेक मानवों से
षष्‍ठी मानवस्य
मानव का, मानव के, मानव की
मानवयोः
दो मानवों का, दो मानवों के, दो मानवों की
मानवानाम्
अनेक मानवों का, अनेक मानवों के, अनेक मानवों की
सप्‍तमी मानवे
मानव में, मानव पर
मानवयोः
दो मानवों में, दो मानवों पर
मानवेषु
अनेक मानवों में, अनेक मानवों पर
सम्बोधन हे मानव!
हे मानव!
हे मानवौ!
हे दो मानवों!
हे मानवाः!
हे अनेक मानवों!

मानव शब्द रूप से संस्कृत वाक्य और उनके हिन्दी अनुवाद

संस्कृत वाक्य हिंदी अनुवाद
मानवः ज्ञानं प्राप्नोति। मनुष्य ज्ञान प्राप्त करता है।
मानवौ मित्रं नमस्यतः। दो मनुष्य मित्र को प्रणाम करते हैं।
मानवा: सत्यं वदन्ति। अनेक मनुष्य सत्य बोलते हैं।
गुरु: मानवम् पाठं शिक्षयति। गुरु मनुष्य को पाठ सिखाता है।
पिता मानवौ प्रेमेण पालनं करोति। पिता दो मनुष्यों का प्रेमपूर्वक पालन करता है।
राजा मानवान् पुरस्कारं ददाति। राजा अनेक मनुष्यों को पुरस्कार देता है।
मानवेन धर्मः रक्षितः भवति। मनुष्य के द्वारा धर्म की रक्षा होती है।
मानवाभ्याम् पुस्तकं पठ्यते। दो मनुष्यों के द्वारा पुस्तक पढ़ी जाती है।
मानवैः समाजः उन्नतिं प्राप्नोति। मनुष्यों से समाज उन्नति प्राप्त करता है।
शिक्षकः मानवाय शिक्षा ददाति। शिक्षक मनुष्य को शिक्षा देता है।
मानवाभ्याम् ज्ञानं प्रदत्तम्। दो मनुष्यों को ज्ञान दिया गया।
गुरु: मानवेभ्यः उपदेशं ददाति। गुरु मनुष्यों को उपदेश देता है।
मानवात् परोपकारः शिक्ष्यते। मनुष्य से परोपकार सीखा जाता है।
मानवयोः मित्रता दृढा अस्ति। दो मनुष्यों की मित्रता दृढ़ होती है।
मानवानाम् कार्यं महत्वपूर्णम् अस्ति। मनुष्यों का कार्य महत्वपूर्ण होता है।
विद्यालये मानवः पठति। विद्यालय में मनुष्य पढ़ता है।
मानवयोः आचारः आदर्शः अस्ति। दो मनुष्यों का आचरण आदर्श होता है।
मानवेषु प्रेमं आवश्यकम् अस्ति। मनुष्यों में प्रेम आवश्यक है।
हे मानव! सत्यं वद। हे मनुष्य! सत्य बोलो।
हे मानवौ! सत्कर्माणि कुरुतम्। हे दो मनुष्यों! अच्छे कर्म करो।
हे मानवा! धर्मे स्थिता भवत। हे मनुष्यों! धर्म में स्थित रहो।

मानव शब्द रूप याद करने की ट्रिक – राइमिंग पैटर्न

  • प्रथमा & द्वितीया – मानवः, मानवम् | मानवौ, मानवौ | मानवा:, मानवान् (अंत में “ः, म्” और “आ:, आन्” की जोड़ी)
  • तृतीया & चतुर्थी – मानवेन, मानवाय | मानवाभ्याम्, मानवाभ्याम् | मानवैः, मानवेभ्यः (“एन, आय”, “अभ्याम्, अभ्याम्”, “ऐः, एभ्यः” की ध्वनि समान)
  • पंचमी & षष्ठी – मानवात, मानवस्य | मानवाभ्याम्, मानवयोः | मानवेभ्यः, मानवानाम् (“आत, स्य”, “अभ्याम्, योः”, “एभ्यः, आनाम्” की लय)
  • सप्तमी & सम्बोधन – मानवे, हे मानव! | मानवयोः, हे मानवौ! | मानवेषु, हे मानवा! (“ए, हे”, “योः, योः”, “एषु, आ!” की तालमेल)

अकारांत पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप

Sahabd roop of Manav

manav shabd roop

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

स्वरान्त शब्द रूप:

व्यञ्जनान्त शब्द रूप:

सर्वनाम शब्द रूप:

संख्यावाची शब्द रूप:

आशा है कि आपको संस्कृत में 'मानव शब्द रूप' समझ में आए होंगे। यदि शब्द रूपों से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य बताएं। संस्कृत व्याकरण के सभी चैप्टर पढ़ने के लिए संस्कृत व्याकरण लिंक पर जाएं। माई कोचिंग पर पढ़ने के लिए आपको धन्यवाद!

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