किशोरावस्था की समस्याएं (Problems of Adolescence Stage)

Kishoravastha Ki Samasya

किशोरावस्था की समस्याएं

किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है। इस काल में किशोरों के जीवन में अनेक शारीरिक एवं मानसिक संवेगात्मक परिवर्तन आते हैं।

स्टेनले हाल ने लिखा है- “किशोरावस्था बड़े संघर्ष, तनाव तथा विरोध की अवस्था है।” (Adolescence is a period of great stress, strain and strike.)

किशोरावस्था में किशोरों के समक्ष निम्नलिखित समस्याएं आती हैं-

1. संवेगात्मक अस्थिरता (Emotional instability)

किशोरावस्था में किशोरों के संवेग अस्थिर होते हैं। उनमें तीव्रता से उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। काम, क्रोध,प्रेम आदि संवेग काफी तीव्र होते हैं। किशोरों द्वारा लिये गये निर्णय अधिकतर बचकाने तथा अस्थिर प्रवृत्ति के द्योतक होते हैं।

वे अपने कार्यों, रुचियों एवं आदतों में लापरवाह होते हैं। वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी विशिष्टता प्रदर्शित करने का प्रयास करते हैं तथा संवेगात्मक अस्थिरता का परिचय देते हैं।

2. काम सम्बन्धी समस्याएं (Sex related problems)

किशोरावस्था में किशोरों के समक्ष काम सम्बन्धी अनेक समस्याएँ होती हैं। वे विपरीत लिंग के प्रति आकर्षित हो जाते हैं। तथा शारीरिक परिवर्तन के कारण उनकी काम भावना पराकाष्ठा की सीमा पार कर जाती है।

किशोरावस्था में किशोरों द्वारा काम सम्बन्धी अपराध भी किये जाते हैं। इस समय किशोरों में आत्म प्रेम, समलिंगीय काम भावना तथा विषम लिंगीय काम भावना पायी जाती है। ।

3. किशोरापराध की प्रवृत्ति का विकास (Development of juvenile delinquent tendency)

किशोरावस्था में किशोर अनेक बुरी आदतों का शिकार हो जाते हैं तथा कानून का उल्लंघन करने लगते हैं। उनमें अपराधी प्रवृत्ति पनपने लगती है। वे अपराध करने में आनन्द का अनुभव करने लगते हैं। अपराधी व्यक्ति अधिकतर किशोरावस्था में ही इस क्षेत्र में पदार्पण करते हैं।

4. अनुशासनहीनता की प्रवृत्ति (Tendency of indiscipline)

किशोरावस्था में किशोरों में एक अन्य प्रवृत्ति अनुशासनहीनता की पायी जाती है। किशोर अनुशासनहीन होकर नियमों को तोड़कर व्यवहार करने लगते हैं तथा दर्शन के निर्माण, नवीन मूल्यों की ओर प्रेरित होने तथा असफलता के कारण अपराधी मनोवृत्ति अपना लेते हैं।

5. अहंकी समस्या (Ego problem)

किशोरावस्था में किशोरों के अन्दर सर्वाधिक अहं की समस्या होती है। वे अपने को उच्च से उच्चतर दिखाने का प्रयास करते हैं। इसीलिये कॉलेजों में समूहों में झगड़े-फसाद होते रहते हैं। किशोर अपने अहं की सन्तुष्टि का हर सम्भव प्रयास करते हैं।