कृ धातु (करना, to do): कृ धातु उभयपदी तनादिगण धातु शब्द है। अतः Kra Dhatu के Dhatu Roop की तरह कृ जैसे सभी उभयपदी तनादिगण धातु के धातु रूप (Dhatu Roop) इसी प्रकार बनाते है, संस्कृत व्याकरण में कृ धातु रूप का अति महत्व है।
कृ धातु का गण (Conjugation): तनादिगण, सप्तम् गण – Seventh Conjugation
कृ का अर्थ: कृ का अर्थ करना, to do होता है।
कृ धातु उभयलिंगी तानादिगण वर्ग का धातु शब्द है। कृ जैसे सभी उभयपदी तानादिगण जड़ (धातु रूप) का धातु रूप इसी प्रकार बनाते हैं, इसके अनुवाद , अर्थ और प्रत्यय को सभी लकारों में आगे Detail से दिया गया हैं।
कृ के धातु रूप (Dhatu Roop of Kra) – परस्मैपदी
परस्मैपदी कृ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में कृ धातु रूप (Kra Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं।
1. लट् लकार कृ धातु – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
करोति
कुरुतः
कुर्वन्ति
मध्यम पुरुष
करोषि
कुरुथः
कुरुथ
उत्तम पुरुष
करोमि
कुर्वः
कुर्मः
2. लिट् लकार कृ धातु – Past Perfect Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
चकार
चक्रतुः
चक्रुः
मध्यम पुरुष
चकर्थ
चक्रथुः
चक्र
उत्तम पुरुष
चकार/चकर
चकृव
चकृम
3. लुट् लकार कृ धातु – First Future Tense or Periphrastic
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कर्ता
कर्तारौ
कर्तारः
मध्यम पुरुष
कर्तासि
कर्तास्थः
कर्तास्थ
उत्तम पुरुष
कर्तास्मि
कर्तास्वः
कर्तास्मः
4. लृट् लकार कृ धातु – भविष्यत्, Second Future Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
करिष्यति
करिष्यतः
करिष्यन्ति
मध्यम पुरुष
करिष्यसि
करिष्यथः
करिष्यथ
उत्तम पुरुष
करिष्यामि
करिष्यावः
करिष्यामः
5. लोट् लकार कृ धातु – अनुज्ञा, Imperative Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कुरुतात्/करोतु
कुरुताम्
कुर्वन्तु
मध्यम पुरुष
कुरु/कुरुतात्
कुरुतम्
कुरुत
उत्तम पुरुष
करवाणि
करवाव
करवाम
6. लङ् लकार कृ धातु – भूतकाल, Past Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकरोत्
अकुरुताम्
अकुर्वन्
मध्यम पुरुष
अकरोः
अकुरुतम्
अकुरुत
उत्तम पुरुष
अकरवम्
अकुर्व
अकुर्म
7. विधिलिङ् लकार कृ धातु – चाहिए के अर्थ में, Potential Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कुर्यात्
कुर्याताम्
कुर्युः
मध्यम पुरुष
कुर्याः
कुर्यातम्
कुर्यात
उत्तम पुरुष
कुर्याम्
कुर्याव
कुर्याम
8. आशीर्लिङ् लकार कृ धातु – आशीर्वाद देना, Benedictive Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
क्रियात्
क्रियास्ताम्
क्रियासुः
मध्यम पुरुष
क्रियाः
क्रियास्तम्
क्रियास्त
उत्तम पुरुष
क्रियासम्
क्रियास्व
क्रियास्म
9. लुङ् लकार कृ धातु – Perfect Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकार्षीत्
अकार्ष्टाम्
अकार्षुः
मध्यम पुरुष
अकार्षीः
अकार्ष्टम्
अकार्ष्ट
उत्तम पुरुष
अकार्षम्
अकार्ष्व
अकार्ष्म
10. लृङ् लकार कृ धातु – हेतुहेतुमद्भूत, Conditional Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकरिष्यत्
अकरिष्यताम्
अकरिष्यन्
मध्यम पुरुष
अकरिष्यः
अकरिष्यतम्
अकरिष्यत
उत्तम पुरुष
अकरिष्यम्
अकरिष्याव
अकरिष्याम
कृ के धातु रूप (Dhatu Roop of Kra) – आत्मनेपदी
आत्मनेपदी कृ धातु के धातु रूप संस्कृत में सभी लकारों, पुरुष एवं तीनों वचन में कृ धातु रूप (Kra Dhatu Roop) नीचे दिये गये हैं।
1. लट् लकार कृ धातु – वर्तमान काल
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कुरुते
कुर्वाते
कुर्वते
मध्यम पुरुष
कुरुषे
कुर्वाथे
कुरुध्वे
उत्तम पुरुष
कुर्वे
कुर्वहे
कुर्महे
2. लिट् लकार कृ धातु – Past Perfect Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
चक्रे
चक्राते
चक्रिरे
मध्यम पुरुष
चकृषे
चक्राथे
चकृढ्वे
उत्तम पुरुष
चक्रे
चकृवहे
चकृमहे
3. लुट् लकार कृ धातु – First Future Tense or Periphrastic
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कर्ता
कर्तारौ
कर्तारः
मध्यम पुरुष
कर्तासे
कर्तासाथे
कर्ताध्वे
उत्तम पुरुष
कर्ताहे
कर्तास्वहे
कर्तास्महे
4. लृट् लकार कृ धातु – भविष्यत्, Second Future Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
करिष्यते
करिष्येते
करिष्यन्ते
मध्यम पुरुष
करिष्यसे
करिष्येथे
करिष्यध्वे
उत्तम पुरुष
करिष्ये
करिष्यावहे
करिष्यामहे
5. लोट् लकार कृ धातु – अनुज्ञा, Imperative Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कुरुताम्
कुर्वाताम्
कुर्वताम्
मध्यम पुरुष
कुरुष्व
कुर्वाथाम्
कुरुध्वम्
उत्तम पुरुष
करवै
करवावहै
करवामहै
6. लङ् लकार कृ धातु – भूतकाल, Past Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकुरुत
अकुर्वाताम्
अकुर्वत
मध्यम पुरुष
अकुरुथाः
अकुर्वाथाम्
अकुरुध्वम्
उत्तम पुरुष
अकुर्वे
अकुर्वहि
अकुर्महि
7. विधिलिङ् लकार कृ धातु – चाहिए के अर्थ में, Potential Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कुर्वीत
कुर्वीयाताम्
कुर्वीरन्
मध्यम पुरुष
कुर्वीथाः
कुर्वीयाथाम्
कुर्वीध्वम्
उत्तम पुरुष
कुर्वीय
कुर्वीवहि
कुर्वीमहि
8. आशीर्लिङ् लकार कृ धातु – आशीर्वाद देना, Benedictive Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
कृषीष्ट
कृषीयास्ताम्
कृषीरन्
मध्यम पुरुष
कृषीष्ठाः
कृषीयास्थाम्
कृषीध्वम्
उत्तम पुरुष
कृषीय
कृषीवहि
कृषीमहि
9. लुङ् लकार कृ धातु – Perfect Tense
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकृत
अकृषाताम्
अकृषत
मध्यम पुरुष
अकृथाः
अकृषाथाम्
अकृढ्वम्
उत्तम पुरुष
अकृषि
अकृष्वहि
अकृष्महि
10. लृङ् लकार कृ धातु – हेतुहेतुमद्भूत, Conditional Mood
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
अकरिष्यत
अकरिष्येताम्
अकरिष्यन्त
मध्यम पुरुष
अकरिष्यथाः
अकरिष्येथाम्
अकरिष्यध्वम्
उत्तम पुरुष
अकरिष्ये
अकरिष्यावहि
अकरिष्यामहि
वाक्य प्रयोग के उदाहरण
कृ धातु रूप के लट् लकार का संस्कृत अनुवाद:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
सः करोति = वह करता है।
सा करोति = वह करती है।
तौ कुरुतः = वेदोनों करते हैं ।
ते कुरुतः = वे दोनों करती हैं।
ते कुर्वन्ति = वे लोग करते हैं।
ता कुर्वन्ति = वे लोग करती हैं।
मध्यम पुरुष
त्वम् करोषि = तुम करते हो।
युवाम कुरुथः = तुम दोनों करते हो।
यूयम कुरुथ = तुमलोग करते हो।
उत्तम/अन्य पुरुष
अहम् करोमि = मैं करता हूँ।
आवाम कुर्वः = हम दोनों करते हैं।
वयम कुर्मः = हम लोग करते हैं।
कृ धातु रूप के लङ् लकार का संस्कृत अनुवाद:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
सः अकरोत् = वह करता था।
सा अकरोत् = वह करती थी।
तौ अकुरुताम् = वेदोनों करते थे।
ते अकुरुताम् = वेदोनों करती थीं।
ते अकुर्वन् = वेलोग करते थे।
ता अकुर्वन् = वेलोग करती थीं।
मध्यम पुरुष
त्वं अकरो: = तुम करते थे।
युवाम अकुरुतम् = तुम दोनों करते थे।
यूयम अकुरुत् = तुमलोग करते थे।
उत्तम/अन्य पुरुष
अहम् अकरवम् = मैं करता था।
आवाम अकुर्व = हमदोनों करते थे।
वयम अकुर्म = हमलोग करते थे।
कृ धातु रूप के लृट् लकार संस्कृत अनुवाद:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
सः करिष्यति = वह करेगा।
सा करिष्यति = वह करेगी।
तौ करिष्यत: = वे दोनों करेंगे।
ते करिष्यत: = वे दोनों करेंगी।
ते करिष्यन्ति = वेलोग करेंगे।
ता करिष्यन्ति = वेलोग करेंगी।
मध्यम पुरुष
त्वं करिष्यसि = तुम करोगे।
युवाम करिष्यथ: = तुमदोनों करोगे।
यूयम करिष्यथ = तुमलोग करोगे।
उत्तम/अन्य पुरुष
अहम् करिष्यामि = मैं करूँगा।
आवाम करिष्यावः = हमदोनों करेंगे।
वयम करिष्यामः = हमलोग करेंगे।
कृ धातु रूप के लोट् लकार संस्कृत अनुवाद:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
सः करोतु = वह करे।
सा करोतु = वह करे।
तौ कुरुताम् = वे दोनों करें।
ते कुरुताम् = वे दोनों करें।
ते कुर्वन्तु = वेलोग करें ।
ता कुर्वन्तु = वेलोग करें।
मध्यम पुरुष
त्वं कुरु = तुम करो।
युवाम कुरुतम् = तुमदोनों करो।
यूयम कुरुत् = तुमलोग करो।
उत्तम/अन्य पुरुष
अहम् करवाणि = मैं करूं।
आवाम करवाव = हमदोनों करें।
वयम करवाम = हमलोग करें।
कृ धातु रूप के विधिलिङ् लकार का संस्कृत अनुवाद:
पुरुष
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथम पुरुष
सः कुर्यात् = उसे करना चाहिए।
सा कुर्यात् = उसे करनी चाहिए।
तौ कुर्याताम् = वे दोनों को करना चाहिए।
ते कुर्याताम् = वेदोनों को करनी चाहिए।
ते कुर्यु: = वे लोगों को करना चाहिए।
ता कुर्यु: = वेलोगों को करनी चाहिए।
मध्यम पुरुष
त्वं कुर्या: = तुम्हे करना चाहिए।
युवाम कुर्यातम् = तुमदोनों को करना चाहिए।
यूयम कुर्यात् = तुमलोगों को करना चाहिए।
उत्तम/अन्य पुरुष
अहम् कुर्याम = मुझे करना चाहिए।
आवाम कुर्याव = हम दोनों को करना चाहिए।
वयम कुर्याम = हम लोगों को करना चाहिए।
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