पत्र शब्द के रूप – Patra Ke Roop, Shabd Roop – Sanskrit

पत्र शब्द रूप (Patra Shabd)

पत्र शब्द (Letter, sheet, चिट्ठी, ख़त, पत्ता): अकारांत नपुंसकलिंग शब्द , इस प्रकार के सभी अकारांत नपुंसकलिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। संस्कृत में पत्रनगर, कमल, मित्र, चित्र, वन, पुष्प, ज्ञान, दिन, अन्न, फल, ऋण, चरित्र, ग्र‍ह, पुस्तक, इत्यादि अकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द हैं।

पत्र के शब्द रूप इस प्रकार हैं-

पत्र के शब्द रूप – Patra Shabd Roop

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा पत्रम् पत्रे पत्राणि
द्वितीया पत्रम् पत्रे पत्राणि
तृतीया पत्रेण पत्राभ्याम् पत्रैः
चतुर्थी पत्राय पत्राभ्याम् पत्रेभ्यः
पंचमी पत्रात् पत्राभ्याम् पत्रेभ्यः
षष्ठी पत्रस्य पत्रयोः पत्राणाम्
सप्तमी पत्रे पत्रयोः पत्रेषु
सम्बोधन हे पत्रम् ! हे पत्रे ! हे पत्राणि !

पत्र जैसे शब्द रूप लिखने की ट्रिक

पत्र जैसे शब्द रूप को बनाने के लिए एक शब्द रूप को देखकर अंतिम अक्षरों के अनुसार ही शब्द रूप बनाते हैं। पत्र शब्द अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द है।

अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो “अ” (अकार) पर समाप्त होते हैं और नपुंसकलिंग होते हैं। उदाहरण: फलम् (फल), वनम् (वन), नगरम् (नगर), जलम् (जल), सुखम् (सुख), गृहम् (गृह), नेत्रम् (नेत्र), पुस्तकम् (पुस्तक), मित्रम् (मित्र), सत्यम् (सत्य)।

पत्र शब्द के रूप (Patra Ke Roop), इस प्रकार एक प्रकार के शब्दों के shabd roop आप आसानी से बना सकते हैं। यदि आप खुद से एक शब्द रूप को देखकर दूसरा shabd roop बनाने का प्रयत्न करेंगे तो आपको शब्द रूप याद भी जल्दी हो जाएंगे। बस यही शब्द रूप याद करने की ट्रिक है। केवल एकवचन ke शब्द रूप उलझन में डालते हैं और उनको ही भूलने का डर रहता हैं। और अक्सर एकवचन shabd roop ही exam में पूछे जाते हैं।

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप

महत्वपूर्ण शब्द रूप की Shabd Roop List देखें और साथ में shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।

Shabd roop of Patra -Image

Patra Shabd Roop

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

स्वरान्त शब्द रूप:

व्यञ्जनान्त शब्द रूप:

सर्वनाम शब्द रूप:

संख्यावाची शब्द रूप:

उम्मीद करता हूँ कि आपको संस्कृत में 'पत्र शब्द रूप' समझ आ गए होंगे। इस पोस्ट से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य पूंछें। ऐसे ही संस्कृत व्याकरण के अन्य लेख पढ़ने के लिए माई कोचिंग पर बनें रहें। धन्यवाद!

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