ह्रद् शब्द के रूप – Hrad Ke Roop, Shabd Roop – Sanskrit

ह्रद् शब्द के रूप (Hrad Shabd), संस्कृत

ह्रद् शब्द (ह्रदय, heart): दकारांत शब्द , इस प्रकार के सभी दकारांत शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं। और धातु रूप (Dhatu Roop) भी बहुत ही आवश्यक होते हैं।

ह्रद् के शब्द रूप – Hrad Shabd Roop

ह्रद् के शब्द रूप (Shabd roop of Hrad in Sanskrit) इस प्रकार हैं-

Shabd roop of Hrad, Pulling – पुल्लिंग

संस्कृत में सुपाद्, असुहृद्, आत्मविद्, इतिहासविद्, उद्भिद्, गर्तसद्, तत्त्वविद्, तद्विद्, त्रिककुद्, ब्रह्मविद्, योगविद्, रुद्, विद्, वेदविद्, शास्त्रविद्, संसद्, सभासद्, सर्वविद्, सहृद्, सुहृद्, इत्यादि दकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा शब्द है।

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा ह्रत्/ह्रद् ह्रदौ ह्रदः
द्वितीया ह्रदम् ह्रदौ ह्रदः
तृतीया ह्रदा ह्रद्भ्याम् ह्रद्भिः
चतुर्थी ह्रदे ह्रद्भ्याम् ह्रद्भ्यः
पंचमी ह्रदः ह्रद्भ्याम् ह्रद्भ्यः
षष्ठी ह्रदः ह्रदोः ह्रदाम्
सप्तमी ह्रदि ह्रदोः ह्रत्
सम्बोधन हे ह्रत् ! हे ह्रदौ ! हे ह्रदः !

Shabd roop of Hrad, Napunsak ling – नपुंसकलिंग

नपुंसकलिंग शब्द रूप पुल्लिंग शब्द रूपों की तरह ही होते हैं। सिर्फ प्रथमा और द्वितीया विभक्ति के शब्द रूपों में अंतर होता है। संस्कृत में विद्, आत्मविद्, उद्भिद्, कृत्स्नविद्, गर्तसद्, तत्त्वविद्, तद्विद्, दिविषद्, ब्रह्मविद्, योगविद्, रुद्, वाग्विद्, वेदविद्, शास्त्रविद्, संसद्, सर्वविद्, सहृद्, सुहृद्, हृद्, इत्यादि दकारान्त नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द है।

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा ह्रत् / हृद् ह्रदी ह्रन्दि
द्वितीया ह्रत् / हृद् ह्रदी ह्रन्दि
तृतीया ह्रदा ह्रद्भ्याम् ह्रद्भिः
चतुर्थी ह्रदे ह्रद्भ्याम् ह्रद्भ्यः
पंचमी ह्रदः ह्रद्भ्याम् ह्रद्भ्यः
षष्ठी ह्रदः ह्रदोः ह्रदाम्
सप्तमी ह्रदि ह्रदोः ह्रत्
सम्बोधन हे ह्रत्/हृद्! हे ह्रदी! हे ह्रन्दि!

अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप एवम् धातु रूप

महत्वपूर्ण शब्द रूप की Shabd Roop List देखें और साथ में shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।

संस्कृत में अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप:

स्वरान्त शब्द रूप:

व्यञ्जनान्त शब्द रूप:

सर्वनाम शब्द रूप:

संख्यावाची शब्द रूप:

उम्मीद है आपको ये 'ह्रद् शब्द रूप' समझ आए होंगे। इस पोस्ट से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य पूंछें। सम्पूर्ण संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए संस्कृत व्याकरण पर जाएं। धन्यवाद!

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