पोतृ (पोता, पौत्र) शब्द के रूप (Potr Ke Shabd Roop) – संस्कृत

Potr Shabd

पोतृ शब्द (पोता, पौत्र, grandson, यज्ञ में सोलह प्रधान ऋत्वजों में से एक, पवित्र वायु): पोतृ शब्द के ऋकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप, पोतृ (Potr) शब्द के अंत में ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह ऋकारान्त हैं। अतः Potr Shabd के Shabd Roop की तरह पोतृ जैसे सभी ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। पोतृ शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Potr Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

पोतृ के शब्द रूप – Shabd roop of Potr

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा पोता पोतारौ पोतारः
द्वितीया पोतारम् पोतारौ पोतॄन्
तृतीया पोत्रा पोतृभ्याम् पोतृभिः
चतुर्थी पोत्रे पोतृभ्याम् पोतृभ्यः
पंचमी पोतुः पोतृभ्याम् पोतृभ्यः
षष्ठी पोतुः पोत्रोः पोतॄणाम्
सप्तमी पोतरि पोत्रोः पोतृषु
सम्बोधन हे पोता ! हे पोतारौ ! हे पोतरः !

पोतृ शब्द का अर्थ/मतलब

पोतृ शब्द का अर्थ पोता, grandson, यज्ञ में सोलह प्रधान ऋत्वजों में से एक, पवित्र वायु होता है। पोतृ शब्द ऋकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘पोता, grandson, यज्ञ में सोलह प्रधान ऋत्वजों में से एक, पवित्र वायु’ होता है।

पोतृ जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप पोतृ शब्द के ऋकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप हैं पोतृ जैसे शब्द रूप (Potr shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।

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