Adhar Shabd
अधर शब्द (नीचे का ओठ, ओठ): अधर शब्द के अकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप, अधर (Adhar) शब्द के अंत में “अ” का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं। अतः Adhar Shabd के Shabd Roop की तरह अधर जैसे सभी अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। अधर शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Adhar Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।
अधर के शब्द रूप – Shabd roop of Adhar
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | अधरः | अधरौ | अधरे, अधराः |
द्वितीया | अधरम् | अधरौ | अधरान् |
तृतीया | अधरेन | अधराभ्याम् | अधरैः |
चतुर्थी | अधरस्मै | अधराभ्याम् | अधरेभ्यः |
पंचमी | अधरस्मात् | अधराभ्याम् | अधरेभ्यः |
षष्ठी | अधरस्य | अधरयोः | अधरेषाम् |
सप्तमी | अधरस्मिन् | अधरयोः | अधरेषु |
सम्बोधन | हे अधर ! | हे अधरौ ! | हे अधरे, अधराः ! |
अधर शब्द का अर्थ/मतलब
अधर शब्द का अर्थ नीचे का ओठ, ओठ होता है। अधर शब्द अकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘नीचे का ओठ, ओठ’ होता है।
अधर १ संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. नीचे का ओठ । २. ओठ । यौ॰- बिबाझार । दयिताधर । मुहा॰- अधर चबाना=क्रोध के कारण दाँतों से ओठ बार बार दबाना । उ॰- तदपि क्रोध नहि रोक्यो जाई । भए अरुन चख अधरो चबाई । पन्नालाल (शब्द॰) । ३. भग या योनि के दोनों पा्र्श्व । ४. शरीर का निचला हिस्सा (को॰) । ५. दक्षिण दिशा (को॰) ।
अधर २ संज्ञा पुं॰ [सं॰अ=नहों+धृ=धरना] १. बिना आधार का स्थान । अंतरिक्ष । आकाश । शुन्यस्थान । जैसे- वह अधर में लटका रहा । (शब्द॰) । मुहा॰- अधर में झुलला, अधर में पड़ना, अधर में लटकना=(१) अधुरा रहना । पूरा न होना । जैसे- यह काम अधर में पड़ा हुआ है (शब्द॰) । (२) पशेपेश में पड़ना । दुविधा में पड़ना ।
अधर ३ वि॰ १. जो पकड़ में न आए । चंचल । २. नीच । बुरा । तुच्छ । उ॰ गुढ़ कपट प्रिय बवन सुनी तीय अधरबुधि रानी । सुरमाया वस बैरिनिहि सुह्वद जानि पतिआनि ।- मानस २ ।१६ ।३. विवाद या मुकदमे में जो हार गया हो । ४. नीचा । नीचे का ।
अधर जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप
उपर्युक्त शब्द रूप अधर शब्द के अकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप हैं अधर जैसे शब्द रूप (Adhar shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।