रुद्धोष्म ह्रास दर (Adiabatic Lapse Rate): ऐडियाबेटिक लैप्स दर और वायुमंडलीय अस्थिरता एवं स्थिरता

रुद्धोष्म ह्रास दर (Adiabatic Lapse Rate) वह दर है जिस पर वायुमंडल में तापमान ऊँचाई के साथ बदलता है। इसमें शुष्क और नम रुद्धोष्म दरें शामिल हैं, जो वायुमंडलीय अस्थिरता और मौसम की स्थिति को प्रभावित करती हैं। जानिए इसके कारण और प्रभाव।

ऐडियाबेटिक लैप्स दर और वायुमंडलीय स्थिरता एवं अस्थिरता

रुद्धोष्म (Adiabatic) वायुमण्डल के तापमान, आयतन तथा दाब में घटित परिवर्तनों से सम्बन्धित होता है। वायुमण्डल के इस प्रक्रम में ऊष्मा ने तो बढ़ती है और न ही घटती है।

रुद्धोष्म ह्रासदर: परिभाषा एवं अर्थ

लैप्स दर (ह्रास दर) वह दर है, जिसमें तापमान में बदलाव देखा जाता है जब हम पृथ्वी के वायुमंडल में ऊपर की ओर बढ़ते हैं। लैप्स दर को सकारात्मक तब माना जाता है जब ऊंचाई के साथ तापमान घटता है, शून्य तब जब ऊंचाई के साथ तापमान स्थिर रहता है, और नकारात्मक तब जब ऊंचाई के साथ तापमान बढ़ता है (तापमान उलटना)। सामान्य लैप्स दर या पर्यावरणीय ह्रास दर प्रति किलोमीटर 6.5°C होती है।

जब कोई वायु कण ऊपर उठना शुरू करता है, तो उस पर वातावरणीय दबाव कम होने लगता है। वायुमंडलीय दबाव ऊंचाई के साथ घटता है, इसलिए वायु कण पर दबाव भी ऊंचाई के साथ घटता जाता है। जैसे-जैसे वातावरणीय दबाव कम होता है, वायु कण का तापमान गिरता है और उसका आयतन बढ़ता है। यह तापमान का ऐडियाबेटिक परिवर्तन है। इस प्रक्रिया में वायु कण और बाहरी वातावरण के बीच कोई ऊष्मा का आदान-प्रदान नहीं होता।

रुद्धोष्म ह्रासदर/एडियाबेटिक लैप्स दर (Adiabatic Lapse Rate) वायुमण्डल में ऊँचाई के अनुसार वायु के तापक्रम में शुद्ध परिवर्तन दर। इसे प्रायः अंश फाइरनहाइट प्रति हजार फीट (°F/1000f) अथवा अंश सेल्सियस प्रति हजार मी (°C/1000m) में व्यक्त किया जाता है। or वायु के दाब तथा तापमान में अतिरिक्त वृद्धि अथवा हास किए बिना ही उसमें होने वाले तापीय परिवर्तन को एडियाबेटिक परिवर्तन (रुद्धोष्म परिवर्तन) कहते हैं।

रुद्धोष्म ह्रास दर के प्रकार (Types of Adiabatic Lapse Rate)

रुद्धोष्म ह्रासदर निम्नलिखित दो प्रकार की होती है, जिसका विवरण निम्नलिखित है-

  1. शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (DALR)
  2. आर्द्र रुद्धोष्म ह्रास दर (WALR)

1. शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (DALR: Dry Adiabatic Lapse Rate)

शुष्क रुद्धोष्म ह्रासदर वह दर है, जिसमें ऊंचाई के साथ शुष्क या असंतृप्त वायु का तापमान गिरता है जब वह रुद्धोष्म स्थिति में ऊपर उठती है। असंतृप्त वायु की सापेक्ष आर्द्रता 100% से कम होती है। जब कोई ऊपर उठने वाला वायु कण कम नमी वाला होता है, तो उसमें संघनन के दौरान कम नमी होती है, और संघनन से निकली छिपी ऊष्मा भी कम होती है। इसके परिणामस्वरूप, ऊंचाई के साथ तापमान का गिरना सामान्य रुद्धोष्म ह्रास दर की तुलना में अधिक होता है। यह दर 8 से 10°C प्रति किलोमीटर के मध्य होती है।

शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (Dry Adiabatic Lapse Rate – DALR): जब हवा में नमी नहीं होती, तब तापमान लगभग 9.8°C प्रति किलोमीटर की दर से घटता है।

2. आर्द्र (नम) रुद्धोष्म ह्रास दर (WALR: Wet Adiabatic Lapse Rate)

जब कोई वायु कण जल वाष्प से संतृप्त (पूरा भरा हुआ) होता है और ऊपर उठता है, तो उसमें कुछ वाष्प संघनित हो जाता है और छिपी ऊष्मा छोड़ता है। यह प्रक्रिया वायु कण को धीमी गति से ठंडा करती है, क्योंकि यह संतृप्त होता है। आर्द्र रुद्धोष्म ह्रास दर काफ़ी हद तक बदलती रहती है क्योंकि वायु में जल वाष्प की मात्रा काफ़ी बदलती रहती है। जितनी अधिक वाष्प होगी, रुद्धोष्म ह्रास दर उतनी ही कम होगी। यह दर लगभग 5-6°C प्रति किलोमीटर होती है।

इसे संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर (Saturated Adiabatic Lapse Rate – SALR) भी कहा जाता है।

संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर (Saturated Adiabatic Lapse Rate – SALR): जब हवा संतृप्त हो जाती है और नमी घनीभूत होने लगती है, तो तापमान की ह्रास दर धीमी हो जाती है, लगभग 5-6°C प्रति किलोमीटर।

पर्यावरणीय ह्रास दर (ALR: Atmospheric Lapse Rate)

पर्यावरणीय ह्रास दर (Atmospheric Lapse Rate या ALR) वायुमंडल में ऊँचाई के साथ तापमान में होने वाले परिवर्तन की दर को कहते हैं। यह दर दर्शाती है कि जब हम धरती से ऊपर की ओर बढ़ते हैं, तो हर किलोमीटर पर तापमान किस दर से घटता या बढ़ता है। आमतौर पर, सामान्य पर्यावरणीय ह्रास दर लगभग 6.5°C प्रति किलोमीटर होती है, यानी ऊँचाई के साथ तापमान कम हो जाता है।

पर्यावरणीय ह्रास दर के प्रकार-

  1. सकारात्मक ह्रास दर: जब ऊँचाई के साथ तापमान घटता है, तो इसे सकारात्मक ह्रास दर कहते हैं।
  2. शून्य ह्रास दर: जब ऊँचाई के साथ तापमान स्थिर रहता है, तो इसे शून्य ह्रास दर कहते हैं।
  3. नकारात्मक ह्रास दर (तापमान उलटना): जब ऊँचाई के साथ तापमान बढ़ता है, तो इसे नकारात्मक ह्रास दर या तापमान उलटना कहते हैं।

वायुमंडलीय स्थिरता और अस्थिरता को समझने में ALR एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि ALR, शुष्क ऐडियाबेटिक ह्रास दर (DALR) और नम ऐडियाबेटिक ह्रास दर (WALR) की तुलना में कम या अधिक होता है, तो वायुमंडल स्थिर या अस्थिर हो सकता है, जिससे मौसम की स्थिति प्रभावित होती है जैसे बादल बनना, बारिश या गरज-तूफान।

वायुमंडलीय अस्थिरता एवं स्थिरता

वायुमंडलीय स्थिरता एवं अस्थिरता (Atmospheric stability and instability) वायुमंडल की ऊर्ध्वाधर स्थिरता पर निर्भर करती है, जो ALR (पर्यावरणीय लैप्स दर), DALR (शुष्क ऐडियाबेटिक लैप्स दर), और WALR (नम ऐडियाबेटिक लैप्स दर) के सापेक्ष मानों पर निर्भर करती है।

1. निरपेक्ष स्थिरता (Absolute Stability) (ALR < WALR < DALR)

निरपेक्ष स्थिरता का मतलब है कि वायु में बहुत कम नमी होती है। जब वायु में नमी कम होती है, तो जल वाष्प का संघनन भी कम होता है, इसलिए संघनन से निकली छिपी ऊष्मा भी कम होती है। इससे वायु कण जल्दी ठंडा हो जाता है और घना होकर नीचे गिर जाता है। इस स्थिति में बारिश या गरज-तूफान नहीं होते।

निरपेक्ष स्थिरता (Absolute Stability) (ALR < WALR < DALR)

2. निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute instability) (WALR < DALR < ALR)

निरपेक्ष अस्थिरता में ALR, DALR और WALR दोनों से अधिक होता है। जब वायु कण में अत्यधिक नमी होती है, तो जल वाष्प का संघनन भी अधिक होता है, जिससे अधिक छिपी ऊष्मा निकलती है और यह ऊष्मा वायु को उठाने के लिए काफी होती है, जिससे तीव्र गरज-तूफान उत्पन्न हो सकते हैं। इस स्थिति में मौसम अस्थिर रहता है।

निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute instability) (WALR < DALR < ALR)

3. सापेक्ष अस्थिरता (Conditional instability) (DALR < ALR < WALR)

इस स्थिति में ALR, WALR से कम और DALR से अधिक होता है। ऐसी स्थिति में मौसम सापेक्ष अस्थिरता के साथ जुड़ा होता है, जिसमें बारिश हो भी सकती है और नहीं भी।

सापेक्ष अस्थिरता (Conditional instability) (DALR < ALR < WALR)

निष्कर्ष: वायुमंडल की सामान्य लैप्स दर और शुष्क तथा नम ऐडियाबेटिक लैप्स दर के बीच का अंतर वायुमंडल की ऊर्ध्वाधर स्थिरता को निर्धारित करता है। इसी कारण से लैप्स दर मौसम विज्ञानियों के लिए बादलों के निर्माण, गरज-तूफान की संभावना, और वायुमंडलीय उथल-पुथल की तीव्रता का पूर्वानुमान लगाने में महत्वपूर्ण होती है।

FAQs

1.

रुद्धोष्म ह्रास दर (Adiabatic Lapse Rate) क्या है?

रुद्धोष्म ह्रास दर वह दर होती है जिससे ऊँचाई के साथ वायुमंडल का तापमान बदलता है, जब हवा का कोई हिस्सा बिना किसी ऊष्मा का आदान-प्रदान किए ऊपर उठता या नीचे गिरता है।

2.

वायुमंडलीय अस्थिरता (Atmospheric Instability) क्या है?

वायुमंडलीय अस्थिरता उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें हवा का कोई हिस्सा (कण) ऊपर उठने पर अपनी स्थिति बनाए रखता है और नीचे गिरने के बजाय ऊपर उठता रहता है। इसका मतलब है कि जब कण ऊपर की ओर बढ़ता है, तो उसका तापमान उसके चारों ओर की हवा से कम हो जाता है, और वह लगातार ऊपर उठता रहता है।

3.

शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर और संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर में क्या अंतर है?

शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (DALR) उस स्थिति का वर्णन करता है जब हवा का कण सूखा होता है और इसमें नमी नहीं होती। इसका ह्रास दर 9.8°C प्रति किलोमीटर होता है। जबकि संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर (SALR) उस स्थिति का वर्णन करता है जब हवा का कण संतृप्त हो जाता है और नमी घनीभूत होने लगती है। इसका ह्रास दर 5-6°C प्रति किलोमीटर होता है।

4.

वायुमंडलीय स्थिरता (Atmospheric Stability) और अस्थिरता (Instability) में क्या अंतर है?

वायुमंडलीय स्थिरता में हवा के कण ऊपर उठने के बाद नीचे गिरता है क्योंकि उसका तापमान आस-पास की हवा से अधिक होता है। जबकि वायुमंडलीय अस्थिरता में हवा के कण ऊपर उठने पर ऊपर ही उठता रहता है क्योंकि उसका तापमान आस-पास की हवा से कम हो जाता है।

5.

वायुमंडलीय अस्थिरता मौसम को कैसे प्रभावित करती है?

वायुमंडलीय अस्थिरता तूफान, बादल, और भारी वर्षा का कारण बन सकती है। अस्थिर वातावरण में ऊँचाई के साथ तापमान तेजी से घटता है, जिससे हवा के कण ऊपर उठते है और इससे बादलों का निर्माण होता है।

6.

वायुमंडलीय अस्थिरता का मापन कैसे किया जाता है?

वायुमंडलीय अस्थिरता का मापन तापमान के माध्यम से किया जाता है। तापमान का ह्रास दर ऊँचाई के साथ देखा जाता है और इसकी तुलना शुष्क या संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर से की जाती है। यदि वास्तविक ह्रास दर शुष्क या संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर से अधिक होती है, तो वातावरण अस्थिर माना जाता है।

7.

वायुमंडलीय स्थिरता और अस्थिरता के प्रभाव क्या होते हैं?

स्थिर वातावरण में मौसम साफ और शांत होता है। और अस्थिर वातावरण में बादलों का निर्माण होता है और अक्सर बारिश, आंधी-तूफान, या अन्य गंभीर मौसम की स्थितियां बनती हैं।

8.

वायुमंडलीय अस्थिरता को नियंत्रित करने वाले कारक कौन से हैं?

वायुमंडलीय अस्थिरता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक तापमान, नमी, हवा का प्रवाह और पृथ्वी की सतह से मिलने वाली गर्मी हैं। जब सतह से हवा तेजी से गर्म होती है, तो वह ऊपर उठती है और वातावरण अस्थिर हो जाता है।

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