परिभाषा एवं अर्थ
वायुमंडल की वह स्थिति, जिसमें पर्यावरणीय लैप्स दर (Environmental Lapse Rate) संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर (Saturated Adiabatic Lapse Rate) और शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (Dry Adiabatic Lapse Rate) दोनों से कम होती है। यदि हवा के कण (भले ही वे बहुत नम हों और ठंडा होने पर संघनन के अधीन हों) को ऊपर उठने के लिए मजबूर किया जाता है, तो वे रुद्धोष्म रूप से इस दर पर ताप खो देंगे, और वे वातावरण की हवा से ठंडे हो जाएंगे। इस प्रकार, हवा के कणों में नीचे गिरने की प्रवृत्ति होगी और ऊपर उठना तभी होगा जब उन्हें किसी बाहरी कारक जैसे कि पर्वत श्रृंखला के द्वारा ऊपर उठने के लिए मजबूर न किया जाए।
निरपेक्ष स्थायित्व या पूर्ण स्थायित्व (Absolute Stability) किसी वायुराशि की वह दशा, जिसमें पर्यावरणीय तापह्रास दर उसके चारों ओर स्थित आर्द्र रुद्धोष्म तापह्रास दर की अपेक्षा कम होती है, जिसके परिणामस्वरूप उक्त वायुराशि स्थिर हो जाती है और वायु का लम्बवत् संचार अवरुद्ध हो जाता है।
निरपेक्ष स्थिरता या पूर्ण स्थायित्व (Absolute Stability) वायुमंडलीय स्थिति को दर्शाता है, जिसमें हवा का कोई कण ऊपर उठने पर आसपास की हवा से ठंडा हो जाता है और नीचे की ओर लौटने की प्रवृत्ति रखता है। इस स्थिति में, वातावरण इतना स्थिर होता है कि अगर हवा का कोई हिस्सा ऊपर उठता भी है, तो वह तुरंत ठंडा हो जाता है और वापस नीचे आने लगता है।
निरपेक्ष स्थिरता की विशेषताएँ
- तापमान में धीमी गिरावट: इस स्थिति में पर्यावरणीय लैप्स दर (Environmental Lapse Rate) संतृप्त ऐडियाबेटिक लैप्स दर (Saturated Adiabatic Lapse Rate) और शुष्क ऐडियाबेटिक लैप्स दर (Dry Adiabatic Lapse Rate) दोनों से कम होती है। इसका मतलब यह है कि ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान की कमी धीरे-धीरे होती है।
- ऊपर उठने वाली हवा ठंडी होती है: अगर वायुमंडल का कोई कण ऊपर उठता है, तो वह ऐडियाबेटिक विस्तार के कारण तेजी से ठंडा हो जाता है। यह ठंडी हवा आसपास की गर्म हवा से भारी होती है, इसलिए वह वापस नीचे आ जाती है।
- ऊपर उठने की प्रवृत्ति नहीं होती: निरपेक्ष स्थिरता में हवा का कण प्राकृतिक रूप से ऊपर उठने की प्रवृत्ति नहीं रखता, और अगर उसे किसी बाहरी कारक से उठाया भी जाए (जैसे पहाड़ या मोर्चे के कारण), तो वह फिर से नीचे लौट आता है।
निरपेक्ष स्थिरता के उदाहरण
- सर्द मौसम में: ठंडे मौसम में या रात के समय, जब धरती की सतह ठंडी होती है, तब सतह के पास की हवा भी ठंडी हो जाती है। अगर इस समय हवा का कोई कण ऊपर उठने की कोशिश करता है, तो वह तुरंत ठंडा हो जाएगा और वापस सतह के पास आ जाएगा। यह निरपेक्ष स्थिरता की स्थिति को दर्शाता है।
- धुंध (Fog) बनने की स्थिति: ठंडी और स्थिर हवा में धुंध बनती है, क्योंकि हवा का कण ऊपर उठने की बजाय सतह के पास ही ठहर जाता है। इस स्थिति में वातावरण स्थिर होता है और ऊर्ध्वाधर गति नहीं होती।
निरपेक्ष स्थिरता वह स्थिति है जब वातावरण इतना स्थिर होता है कि अगर हवा ऊपर उठती है, तो वह ठंडी हो जाती है और नीचे लौट आती है। इस प्रकार की स्थिति में बादलों का ऊर्ध्वाधर विकास या भारी वर्षा नहीं होती, बल्कि स्थिर मौसम रहता है।