सम्प्रेषण की रुकावटें (Obstructions of Communication)
सम्प्रेषण की प्रभावशीलता में सम्प्रेषण परिस्थितियों तथा वातावरण का बहुत महत्त्वपूर्ण हाथ होता है; जैसे– यदि कक्षा में पढ़ाते समय बिजली चली जाती है तो परेशानी होती है तथा सम्प्रेषण की प्रभावशीलता कम हो जाती है। इसी प्रकार यदि वातावरण शोरगुल युक्त होता है तो सम्प्रेषण की प्रभावशीलता को बनाये रखना कठिन हो जाता है।
इस प्रकार बहुत-सी ऐसी परिस्थितियों तथा तत्त्वों की गिनती की जा सकती है जो सम्प्रेषण में रुकावट डालती हैं। सम्प्रेषण में यह रुकावटें इस प्रकार हैं:-
1. रुचि का अभाव (Lack of interest)
सम्प्रेषक तथा प्राप्तकर्ता– इन दोनों में से यदि एक की भी रुचि सम्प्रेषण क्रिया में नहीं है तो सम्प्रेषण की प्रक्रिया पूरी नहीं होंगी।
2. सम्प्रेषण सामग्री की कमी (Deficiency in communication material)
यदि सम्प्रेषण सामग्री प्राप्तकर्ता की रुचि तथा आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं है अथवा योग्यताओं और क्षमताओं के अनुकूल नहीं है तो सम्प्रेषण का प्रभाव रुक सकता है।
3. सम्प्रेषण माध्यम की कमियाँ (Deficiency in communication media)
स्रोत और प्राप्तकर्ता के बीच सम्प्रेषण चालू रखने के लिये सम्प्रेषण माध्यम धारा प्रवाह का काम करता है। अगर धारा प्रवाह रुक जायेगा तो बिजली का बल्ब नहीं जलेगा। अत: माध्यम की कमी से सम्प्रेषण में रुकावट हो सकती है।
4. भाषा की कमी (Deficiency of language)
जिस भाषा में आप बोल रहे हैं, जिन संकेतों का प्रयोग कर रहे हैं, अगर प्राप्तकर्ता को उनकी समझ नहीं है तो फिर सम्प्रेषण कार्य शुरू ही कैसे हो पायेगा। इसी तरह प्राप्तकर्ता समझ तो गया परन्तु उसमें भाषा या संकेत योग्यता नहीं है तो वह अपने विचार आप तक नहीं पहुँचा सकता। सम्प्रेषण का क्रम टूट जायेगा।
5. प्राप्तकर्ता सम्बन्धी कमियाँ (Deficiency relative the receiver)
इन सभी कमियों के अलावा सम्प्रेषणकर्ता सम्प्रेषण के समय किस शारीरिक व मानसिक स्थिति से गुजर रहा है, इसका प्रभाव भी सम्प्रेषण में रुकावट खड़ी कर सकता है।
6. वातावरणजन्य कमियाँ (Deficiencies concerning prevailing environment)
जिस वातावरण में सम्प्रेषण की क्रिया चल रही है वहाँ वातावरण में मौसम की प्रतिकूलता, जैसे– अधिक गर्मी, वर्षा, ठण्डा, आँधी, तूफान आदि सम्प्रेषण में बाधा डालते हैं।
सुविधाओं का अभाव जैसे-प्रकाश, वायु, पानी, बिजली, बैठने व खड़े होने के उचित स्थान का अभाव सम्प्रेषण में रुकावट डालते हैं। शोरगुल, सम्प्रेषण में भाग लेने वाले अन्य साथियों का असहयोग और आवश्यक उत्साह की कमी से भी सम्प्रेषण में रुकावट हो सकती है।
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