सम्प्रेषण का उद्देश्य
सम्प्रेषण मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि मनुष्य अपने विचारों, भावनाओं, उद्वेगों और अर्न्तद्वन्द्वों को प्रकाशित न कर सके तो वह मानसिक सन्तुलन खो बैठता है। अतः सम्प्रेषण मानसिक सन्तुलन और शान्ति के लिये भी आवश्यक है। सम्प्रेषण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
-
सम्प्रेषण का उद्देश्य है भावों के आदान-प्रदान द्वारा उत्तेजित भावनाओं को शान्त कर समाज में शान्ति और सन्तुलन बनाये रखना। ऐसे ही समाज में संगठन और ताकत होती है जिसके सदस्य अपने भावों का आपस में आदान प्रदान करते रहते हैं।
-
जो व्यक्ति निर्भीक होकर अपनी सम्मति अथवा विचार प्रकट कर सकता है, जो अपनी भावनाओं को दूसरों के समक्ष प्रकट कर उन्हें अपने वश में कर लेता है। लाखों की भीड़ ऐसे कुशल वक्ता की बात एकाग्रचित्त होकर सुनती है और उससे प्रभावित होती है।
सम्प्रेषण व्यक्ति की प्रधान आवश्यकता है और शिक्षा ऐसी सोद्देश्य क्रिया है जिसके द्वारा शिक्षक और विद्यार्थियों की आवश्यकताओं की सन्तुष्टि की जाती है। इसलिये शिक्षक को विद्यालय में छात्रों के समक्ष भाव प्रकाशन के सभी सम्भव साधन प्रस्तुत कर उनके व्यक्तित्व का विकास करना चाहिये।
शिक्षक के सामने सम्प्रेषण से सम्बन्धित निम्नलिखित विशिष्ट उद्देश्य होने चाहिये:-
-
बालकों में स्वाभाविक रूप से शुद्ध प्रवाहपूर्ण एवं प्रभावोत्पादक ढंग से वार्तालाप करने की योग्यता विकसित करना ताकि वे अपने मनोभावों को सरलता से दूसरों के सामने प्रकट कर सकें।
-
छात्रों में क्रमिक रूप से निरन्तर बोलते जाने की क्षमता पैदा करना।
-
छात्रों में मधुर एवं रोचकं भाषण देने की शक्ति विकसित करना।
-
छात्रों में संकोच, झिझक और आत्महीनता की भावना को दूर करना।
सम्प्रेषण से संबंधित अन्य टॉपिक:- सम्प्रेषण की अवधारणा एवं सम्प्रेषण का अर्थ और परिभाषाएँ, सम्प्रेषण का उद्देश्य, सम्प्रेषण के सिद्धांत, सम्प्रेषण की प्रक्रिया, सम्प्रेषण प्रक्रिया के तत्त्व एवं सम्प्रेषण के माध्यम, सम्प्रेषण का महत्त्व, सम्प्रेषण की प्रकृति एवं विशेषताएँ, सम्प्रेषण कौशल, सम्प्रेषण की विधियाँ, शैक्षिक प्रशासन एवं संगठन में सम्प्रेषण, शैक्षिक सम्प्रेषण, सम्प्रेषण एवं विद्यालय, विद्यालय प्रबन्ध में सम्प्रेषण की उपयोगिता, शिक्षण अधिगम में सम्प्रेषण की उपयोगिता, सम्प्रेषण के प्रकार, कक्षाकक्ष में सम्प्रेषण, सम्प्रेषण प्रक्रिया के तरीके, सम्प्रेषण प्रक्रिया को उपयोगी बनाने के उपाय, सम्प्रेषण प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले घटक या कारक, सम्प्रेषण की रुकावटें, सम्प्रेषण की बाधाएँ या समस्याएँ, शिक्षण अधिगम में प्रभावशाली सम्प्रेषण।