निरीक्षण प्रविधि (Observation Technique)
निरीक्षण प्रविधि शिक्षण में महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इसमें बालक किसी वस्तु, स्थान या व्यक्ति को देखकर ही उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करता है। यह प्रविधि ‘देखकर सीखना‘ (Learning by seeing) नामक सिद्धान्त पर आधारित है।
इसके आधार पर किसी स्थान या वस्तु के बारे में ज्ञान कराकर उस पर छात्रों से निबन्ध लिखवाया जा सकता है। उदाहरणार्थ-छात्रों को ताजमहल दिखाकर उनसे उसके बारे में निबन्ध लिखवाना।
निरीक्षण प्रविधि की सफलता के लिये यह आवश्यक है कि अध्यापक बालकों को जिस स्थान पर ले जाय, उसे वह पूर्व में ही देख लें तथा उसके बारे में योजना बना लें।
निरीक्षण प्रविधि की आवश्यक सावधानियाँ
निरीक्षण करते समय निम्नलिखित सावधानियाँ बरती जानी चाहिये:-
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जिन वस्तुओं और परिस्थितियों का निरीक्षण करना है, वे छात्रों के मानसिक स्तर के अनुकूल होनी चाहिये।
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यथासम्भव परिस्थितियाँ छात्रों के जीवन से सम्बन्धित होनी चाहिये।
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छात्रों को निरीक्षण के लिये पर्याप्त समय प्रदान किया जाय।
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निरीक्षण के पश्चात् निष्कर्ष सावधानी से निकाले जायें।
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जिस समय छात्र निरीक्षण कर रहे हों, अध्यापक को चाहिये कि वह उनका उचित ढंग से मार्गदर्शन करे।
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छात्रों की प्रत्येक जिज्ञासा को शान्त किया जाना चाहिये।
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निरीक्षण को केवल मनोरंजन का साधन न माना जाय।
निरीक्षण प्रविधि के लाभ (Merits of observation technique)
निरीक्षण प्रविधि से निम्नलिखित लाभ होते हैं:-
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इस प्रविधि द्वारा प्राप्त ज्ञान स्थायी होता है।
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यह प्रविधि क्रियाशीलता के सिद्धान्त का पालन करती है।
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इसमें बालक वास्तविक स्थिति से ज्ञान प्राप्त करता है।
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इस प्रविधि से छात्र में सीखने की जिज्ञासा एवं उत्सुकता बनी रहती है।
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छात्र में कल्पना शक्ति एवं तुलनात्मक शक्ति का विकास होता है।
निरीक्षण प्रविधि की विशेषताएँ (Characteristics of observation technique)
निरीक्षण प्रविधि की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:-
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यह मनोवैज्ञानिक प्रविधि है। इसके प्रयोग से छात्रों की ज्ञानेन्द्रियों का विकास होता है।
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इससे छात्रों की चिन्तन शक्ति एवं तर्क शक्ति का विकास होता है।
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निरीक्षण प्रविधि के प्रयोग से छात्र के ज्ञान के भण्डार में स्थायी वृद्धि होती है।
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यह प्रविधि छात्रों में विषय के प्रति रुचि तथा जिज्ञासा उत्पन्न करती है।
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स्थूल वस्तुओं का ज्ञान प्राप्त करने के लिये यह प्रविधि सर्वोत्तम है।
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इस प्रविधि द्वारा प्राप्त किया हुआ ज्ञान स्थायी होता है।
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यह प्रविधि बाह्य जगत् की जानकारी प्राप्त कराने में हमारी सहायता करती है।
निरीक्षण प्रविधि के दोष (Demerits of observation technique)
निरीक्षण प्रविधि के दोष इस प्रकार हैं:-
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इस प्रविधि द्वारा सीखने में बहुत समय नष्ट होता है।
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बालकों को कक्षा से बाहर दूर ले जाने के लिये धन की आवश्यकता होती है।
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इस प्रविधि में बाहर जाकर छात्रों को अनुशासित रखने में भी कठिनाई आती है।
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अभिभावकों की स्वीकृति माँगना आवश्यक है और अनेक अभिभावक इसके लिये सहमत नहीं होते।
इस प्रविधि के गुण-दोष देखने पर ज्ञात होता है कि इसमें गुण ही गुण हैं और जो धन की व्यवस्था, अनुशासन या स्वीकृति दोष हैं, उनका निवारण एक योग्य शिक्षक सरलता से कर सकता है।