इस लेख में हम आपके लिए कुछ बेहतरीन हिन्दी नैतिक कविताएँ (Moral Poems in Hindi) लेकर आए हैं, जो जीवन की सच्चाइयों को सरल शब्दों में बयां करती हैं। ये कविताएँ विशेष रूप से बच्चों और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी हैं, ताकि वे अपने जीवन में अच्छे संस्कारों को अपना सकें और एक बेहतर इंसान बन सकें।
अच्छे बच्चे, अच्छे काम
सच बोलेंगे, झूठ नहीं,
सबसे करेंगे प्यार सही।
मदद करेंगे सबकी हम,
बनेंगे अच्छे बालक हम।
बड़ों की हम बात मानेंगे,
छोटों को प्यार देंगे हम।
कभी न लड़ें, कभी न झगड़ें,
मिल-जुलकर रहेंगे हम।
अच्छे गुण अपनाओ
ईमानदारी रखो सदा, झूठ कभी न बोलो।
मेहनत से जो पाया जाए, वही सच्चा मोलो।
बड़ों की आज्ञा मानो, छोटों से प्रेम करो।
दया और करुणा से, हर मन को रोशन करो।
मिल-जुलकर सब चलेंगे, साथ निभाएंगे।
अच्छे गुण अपनाकर, जीवन को सुंदर बनाएंगे।
नैतिक मूल्य
जिंदगी को कुदरत का,
अनमोल उपहार माना है।
इसीलिए गम को,
आज तक नहीं पहचाना है।
दुआ बेशुमार पाई है,
इसीलिए मलाल की कोई भी,
परछाई / गुंजाइश नहीं है।
ईमानदारी और इज़्ज़त को,
सर्वोपरी रखा है
इसीलिए बेइमानी ने,
कभी गला नहीं कसा है।।
नैतिकता की सीख
ईमानदारी सबसे न्यारी,
सच्चाई ही सबसे प्यारी।
जो सच्चाई अपनाता है,
वही जीवन में आगे जाता है।
मेहनत का फल मीठा होता,
जो बोएगा वही तो खाता।
धैर्य धरो और कर्म करो,
सपने पूरे होंगे, ये मत डरो।
बड़ों की सेवा, सबका मान,
यही है इंसानियत की पहचान।
नेकी का रास्ता अपनाओ,
खुशियों से जीवन महकाओ।
इंसानियत
इंसानियत देखो सिर छुपा कर रो रही है,
अपने कंधो पर इंसान का भार ढो रही है।
इंसानियत दर-दर पे खटखटा रही है,
अपनी व्यथा रो कर सबको सुना रही है।
इंसानियत के कारण ये इंसान, इंसान है,
पर भूल रहा इंसान इसका क्या ईमान है।
भूल कर ईमान वह बन गया शैतान है,
सिर उठा कर घूमता दिखाता झूठी शान है।
इंसानियत को भूल वह बन गया हैवान है,
बेटा ही माँ बाप की देखो ले रहा जान है।
रिश्तों को शर्मसार कर रहा ये इंसान है,
रिश्तो में पवित्रता का रह गया नाम है।
सच्चाई का दीप जलाओ
अंधकार कितना भी आए,
सच्चाई का दीप जलाए।
ईमानदारी जो रखे मन में,
संसार उसे शीश नवाए।
दया, प्रेम, और करुणा रखना,
हर दिल में खुशियां भरना।
नेकी की राह चले जो जीवन,
उसका हर सपना सच करना।
परिश्रम से जो आगे बढ़ता,
जीवन में सब कुछ वह करता।
संस्कारों को अपनाओ प्यारे,
सफलता मिलेगी तुम्हें सारे।
ज़िंदगी एक शिक्षक
औकात नही कि
तुझे कुछ सौगात दे सकूंं
ए ज़िंदगी !
बशर्ते ये हक़ीक़त है
कि हर पाठ
तूने ही पढ़ाया है…!
सच्चाई की राह चलो
सच्चाई की राह चलो, झूठ से बच जाना।
ईमानदारी संग रखो, सदा नेक बन जाना।
मेहनत से जो पाओगे, वो सदा टिकेगा।
धैर्य और संयम से, हर सपना फूलेगा।
बड़ों का सम्मान करो, छोटों को सिखाओ।
अच्छे गुणों की सीख लेकर, आगे बढ़ते जाओ।
बेटी है तो कल है
बेटी है तो कल है
शक्ति की पुँज हैं वो,
ज्ञान का सागर भी हैं
नारियाँ कम नहीं किसी से,
सर्व गुणों का आगर भी हैं
धरती से अम्बर तक पताका,
उत्कृष्टता की ये फहरा रहीं
प्रोत्साहन मिले इन्हें यदि नेह का,
सिद्ध कर स्वयं को दिखा रहीं
सृष्टि के आरम्भ से अब तक,
स्त्रियों से सुसज्जित संसार है
आदर्श समाज के निर्माण में,
सशक्त नारियाँ ही आधार हैं
दृढ़ प्रतिज्ञा हो सभी को,
आज मन में ये ठानना है
लिंगभेद मिटाकर स्त्रियों को,
पुरुषों के समान ही मानना है
प्यारी मां
यह दुनिया यह दुनिया
मतलबी है,मतलबी है।
प्यार मतलबी,दोस्ती मतलबी,
आंसू मतलबी, रिश्ते मतलबी॥
अपने मतलबी,सब मतलबी
हो सकते हैं मतलबी ,हो सकते हैं।
इस मतलबी दुनिया में बेमतलबी है।
वो बेमतलबी है॥
निस्वार्थ प्रेम की वो मूरत है।
अनगिनत त्यागों की वो मूरत है।
ममता की मंदिर की वो सबसे प्यारी मूरत है।
ओ मां, मेरी मां॥
तू ही वजह जीने का।
तू ही वजह जीने का।
मेरे हकीकत की तू कल है,
तू आज है, तू ही है मां
मां मेरी मां…
शब्द नहीं जो तेरे
मोल को समझा सके।
तू है अनमोल तू है पावन,
तू है तो मैं हू।
मां मेरी मां॥
नारी की शक्ति, नारी की शान
नारी तुम सम्मान हो, सच्चाई की जान।
संस्कार की रोशनी, तुमसे ही पहचान।
साहस और हिम्मत से, आगे बढ़ती जाओ।
सपनों की ऊँचाई को, सच्चाई से पाओ।
सदाचार और प्रेम से, दुनिया को सजाना।
ज्ञान की रोशनी से, जग को जगमगाना।
नारी का सम्मान
नारी है शक्ति, नारी है जान,
नारी से ही सुंदर ये जहान।
माँ, बहन, बेटी का रूप है,
स्नेह, दया, ममता अनूप है।
सच का दामन कभी न छोड़ो,
साहस की जोत सदा ही जोड़ों।
ईमानदारी को रखो सदा,
संस्कारों से होगा सब हँसता।
न्याय के पथ पर बढ़ती जाओ,
दुनिया में अपनी पहचान बनाओ।
हर बाधा से तुम निडर रहो,
अपने सपनों को साकार करो।
सच्चाई की राह पर चलना सीखो
सच्चाई की राह पर चलना सीखो,
हर मुश्किल से निडर रहना सीखो।
झूठ से अपना मन न भरना,
ईमानदारी को कभी न छोड़ना।
माँ-बाप का करना सम्मान,
गुरु की सीख बने पहचान।
दया, प्रेम और सब्र अपनाओ,
हर किसी की मदद को जाओ।
मेहनत से जो पथ बनाओगे,
सपनों को सच कर दिखाओगे।
संस्कारों का दीप जलाए रखना,
सच्चे इंसान हमेशा बनना।
अच्छाई की रोशनी
अच्छाई की रोशनी जहाँ जलती है,
हर मुश्किल राह वहीं सँवरती है।
सच की डगर पर जो चलता है,
जीवन में सदा सफल वही रहता है।
झूठ, कपट से दूर रहो,
हर दुखियों का दर्द सहो।
ईमानदारी को कभी न छोड़ो,
अपने कर्मों से नाता जोड़ों।
माँ-बाप का सदा सम्मान करो,
गुरु की बातों को ध्यान धरो।
छोटे-बड़ों की इज्जत करना,
दीन-दुखियों की सेवा करना।
दया, प्रेम, करुणा अपनाओ,
दुनिया को एक नया रंग दिखाओ।
सपनों को सच्चाई से जोड़ो,
मेहनत से हर लक्ष्य को मोड़ो।
बुराई से खुद को बचाना,
सच्चाई का दीप जलाना।
अच्छे कर्मों की राह पकड़ो,
संस्कारों से सदा जुड़ो।
यही हैं नैतिकता की बातें,
जो जीवन को देंगी सौगातें।
अच्छाई का दीप जलाए रखना,
सच्चे इंसान सदा बने रहना।
अच्छे बच्चे बनो
सूरज जैसा चमको प्यारे,
सच्चाई के राह को धारे।
झूठ न बोलो, प्रेम बढ़ाओ,
सबसे मिलकर खुशी लुटाओ।
माँ-पापा की सेवा करना,
बड़ों का आदर सदा रखना।
अच्छे काम जो करता जाए,
जीवन में खुशियाँ ही पाए।
ईमानदारी का दीप
सच की राह जो चलता है,
जीवन में वह सफल रहता है।
ईमानदारी जो अपनाए,
हर कोई उसको अपनाए।
दूसरों की मदद जो करता,
सभी का दिल वह जीतता।
सद्गुणों को जो अपनाए,
सच्ची खुशी वही तो पाए।
मेहनत का जादू
जो मेहनत से कभी ना घबराए,
हर मुश्किल को पार कर जाए।
पसीने की बूंदों में शक्ति छिपी,
जो जग को नई राह दिखाए।
सपने सच होते हैं उनके,
जो दिन-रात बस लगे रहें।
संघर्ष से जो ना डगमगाए,
सफलता उनके कदम चूम जाए।
मेहनत का फल
जो मेहनत से नहीं घबराता,
जीवन में सुख वही पाता।
परिश्रम से जो नाता जोड़े,
हर सपना साकार हो खड़े।
आलस करने से कुछ ना मिले,
सपने रह जाएं धुंधले-धुंधले।
जो सच्ची लगन से काम करे,
उसका भाग्य भी साथ चले।
समय का मोल
समय जो बीते लौटे नहीं,
इसकी कीमत छोटी नहीं।
जो समय को समझे प्यारा,
सफल वही होवे जग सारा।
आज का काम कल पर छोड़ा,
जीवन ने फिर साथ ना जोड़ा।
जो हर पल का मान करेगा,
सपनों को सच वह करेगा।
जीवन का सच
जीवन एक बहती धारा,
कभी उजियारा, कभी अंधियारा।
सही राह पर जो चलते जाएंगे,
सफलता के फूल वही पाएंगे।
मेहनत से जो नाता जोड़े,
सपनों की दुनिया खुद ही खोदे।
जो सच्चाई को अपनाएगा,
जीवन में सुख वह ही पाएगा।
प्रकृति का मान रखो
हवा साफ हो, जल भी बहे,
हरियाली से धरती सजे।
पेड़ लगाकर खुशबू फैलाओ,
धरती माँ का कर्ज चुकाओ।
नदियाँ गंदी मत होने दो,
जीवन का संतुलन खोने दो।
प्रकृति की गोद अगर बचाओ,
स्वस्थ भविष्य तुम ही पाओ।
पेड़ लगाएँ
पेड़ हमें छाया देते हैं,
जीवन में खुशहाली भरते हैं।
फल-फूल का देते उपहार,
इनसे ही तो सांसें अपार।
काटोगे अगर इनको बार-बार,
बंजर होगा यह सुंदर संसार।
आओ मिलकर संकल्प लें,
पेड़ लगाएँ, धरती को बचाएँ!
माँ-बाप का सम्मान करो
माँ-बाप हैं जीवन का आधार,
उनसे ही रोशन ये संसार।
त्याग और ममता का सागर हैं,
हम पर बरसता उनका प्यार हैं।
उनकी बातें मानो सदा,
सम्मान करो, न दो कभी सजा।
जीवन में ऊँचाई पाओगे,
माँ-बाप का दिल जब न दुखाओगे!
माँ का प्यार अनमोल
माँ की ममता सागर जैसी,
हर दुःख-दर्द को हरने जैसी।
निस्वार्थ प्रेम लुटाती रहती,
अपने बच्चों पर जान भी देती।
माँ के बिना सूना जीवन,
उसका साथ ही सबसे प्रिय धन।
सम्मान करो उस देवी समान,
जिसने दिया ये सुंदर जहान!
पापा का साया
पापा हैं तो सब आसान,
हर मुश्किल में देते ज्ञान।
खुद जलते हैं दीपक जैसे,
हमारे सपनों को करें पूरे कैसे।
मेहनत उनकी रंग है लाती,
हर खुशी घर में छा जाती।
सम्मान करो इस वीर को,
जो हर दुख से दूर करे तुमको!
परिवार का प्यार
परिवार है सबसे प्यारा,
सुख-दुख में देता सहारा।
माँ की ममता, पापा का साथ,
भाई-बहन से जुड़ा है नाता खास।
एकता इसमें सबसे बड़ी,
प्यार की गूँज रहे घड़ी-घड़ी।
सम्मान करो इस उपहार को,
यही सवारता है संसार को!
प्यारी बहना
घर की रौनक, मुस्कान है बहना,
संग रहे तो लगे जग सुहाना।
नटखट बातें, मीठी यादें,
हर पल में खुशियों के धागे।
स्नेह, सहयोग का है प्रतीक,
रिश्तों में भरती नई संगीत।
सम्मान करो इस अनमोल नाते,
प्यार से हर दिन जगमगाते!
भाई का साथ
भाई है खुशियों की पहचान,
हर दुख में देता है संज्ञान।
मस्ती में संग जो हँसता है,
मुश्किल में आगे बढ़ चलता है।
साथ निभाए हर एक राह में,
हिम्मत बढ़ाए हर एक चाह में।
प्यार और विश्वास की पहचान,
भाई है परिवार की जान!
सच्ची संगिनी
जीवन पथ की वह है रोशनी,
हर मुश्किल में देती संगिनी।
सपनों को अपने साकार करे,
प्यार से घर को खुशहाल भरे।
समर्पण, प्रेम और अपनापन,
इनसे जगमगाए हर आंगन।
सम्मान करो उसके त्याग को,
यही है रिश्तों के प्यार का योग!
पति का प्यार
संग तुम्हारा हर पल खास है,
जीवनभर का यह अहसास है।
साथ निभाते सुख-दुख में,
हर मुश्किल में खड़े एक मुक़ में।
सम्मान से जो रिश्ता सजाए,
विश्वास की डोरी संग निभाए।
त्याग, प्रेम और अपनापन,
पति है जीवन का सच्चा धन!
प्यारे चाचाजी
चाचाजी हैं सबसे न्यारे,
प्यार से भरते सुख के प्याले।
हर संकट में संग खड़े हैं,
हम सबके ये सच्चे साए हैं।
सीख सदा अच्छी ही देते,
साथ कभी ना हमें वो लेते।
संस्कारों की जोत जलाते,
हर पल हमें सही राह दिखाते!
सच्ची दोस्ती
सच्चे दोस्त जो साथ निभाते,
हर मुश्किल में संग दिखाते।
हँसी में खिलखिलाते हैं,
दुख में गले लगाते हैं।
स्वार्थ से जो दूर रहें,
दिल से दिल का नाता गढ़ें।
सच्ची दोस्ती का यही है सबक,
इसे निभाओ हरदम नेक!
सच्चा प्रेम
सच्चा प्रेम न छल जानता,
न कोई लालच पहचानता।
त्याग और विश्वास है जिसमें,
हर मुश्किल में साथ है जिसमें।
मन की बातें खुद ही समझे,
हर आंसू को मोती सा चमके।
सच्चा प्रेम जो दिल में बसता,
जीवन को मधुर बना वह हँसता।
मेरा प्यारा गाँव
हरी-भरी है खेतों की राह,
चलती हवा संग मीठी चाह।
नदियाँ गाए मीठे गान,
शुद्ध हवा से महके जहान।
मिलजुल कर सब रहते यहाँ,
स्नेह भरा हर रिश्ता यहाँ।
सच्चाई, मेहनत की पहचान,
गाँव है अपनी शान की जान।
शहर की रौनक
चमकते उजाले, सजी हैं गलियां,
भागती सड़कें, नई हैं कलियां।
ऊँची इमारत, ऊँचे सपने,
हर कोई यहां अपने अपने।
पर रिश्तों में थोड़ी दूरी है,
भागमभाग सी मजबूरी है।
अगर प्यार और समय मिले,
तो शहर भी गाँव सा खिले!
प्यारे पशु, हमारे मित्र
पशु भी जीवन का हिस्सा हैं,
प्रकृति के सुंदर किस्सा हैं।
हमसे वे कुछ नहीं मांगते,
फिर भी प्रेम का संग बांधते।
मत करो इन पर अत्याचार,
ये भी हैं धरती के उपहार।
इनकी रक्षा हम सब करें,
दया का सच्चा सबक पढ़ें!
गाय है धन, गाय है मान
गाय हमें दूध पिलाती है,
ममता का पाठ पढ़ाती है।
जिस घर में इसका वास रहे,
वहां सदा ही सुख-शांति बहे।
मत करो इसका अपमान,
गाय है भारत की पहचान।
सेवा इसका धर्म निभाओ,
पुण्य कमाओ, आशीष पाओ!
सिंह है साहस की पहचान
जंगल का राजा कहलाता,
सिंह कभी नहीं घबराता।
साहस, शक्ति इसकी शान,
हर संकट में रखे सम्मान।
निडर बनो, सच्चे रहो,
जीवन में आगे बढ़ते रहो।
शेर की तरह जीना सीखो,
डर को दिल से हमेशा फेंको!
मोबाइल का जादू
मोबाइल ने ऐसा जादू किया,
अपनों से ही हमको दूर किया।
हर पल इसकी दुनिया में खोए,
बचपन, रिश्ते सारे ही रोए।
आंखें दुखती, मन भी थकता,
फिर भी दिल ना इससे हटता।
समय संभालो, दूरी बनाओ,
जीवन में खुशियों को लौटाओ!
मोबाइल का श्राप
मोबाइल ने हमको बाँध लिया,
अपनों से रिश्ता ठंडा किया।
बचपन की हँसी कहीं गुम हुई,
सच्ची बातें अब कम हुई।
दिन-रात स्क्रीन पर नजर गड़ाए,
सपने अपने पीछे रह जाएं।
समय को पहचानो, समझो बात,
जीवन में लाओ फिर सौगात!
इंटरनेट का जादू
इंटरनेट ने खोला ज्ञान का द्वार,
पर इसका उपयोग हो सच्चा और सार।
सीखो नई बातें, बढ़ाओ पहचान,
पर अपनों से मत तोड़ो सम्मान।
अति इसका जीवन को बर्बाद करे,
समय का मूल्य यह बेमानी करे।
संयम से इसका उपयोग करो,
सच्चे रिश्तों को ना दूर करो!
नैतिक मूल्यों से भरी कविताएँ न केवल बच्चों को बल्कि बड़ों को भी सही राह दिखाने का काम करती हैं। ये कविताएँ हमें ईमानदारी, दया, परिश्रम, समय प्रबंधन और सच्चाई जैसी महत्वपूर्ण शिक्षाएँ देती हैं। जब हम इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाते हैं, तो समाज में प्रेम, सौहार्द और सद्भाव बना रहता है।
आज के आधुनिक युग में नैतिकता और अच्छे संस्कारों की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। अगर हम अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा और सद्गुणों से परिचित कराएँ, तो वे बेहतर इंसान बन सकते हैं। आशा है कि ये नैतिक कविताएँ आपको और आपके परिवार को प्रेरित करेंगी और जीवन को सकारात्मक दिशा देंगी।