भारत महिमा | Bharat Mahima पर Appreciation Poem हिन्दी में

भारत महिमा एक कविता है जिसे जयशंकर प्रसाद ने रचा है, जो भारतीय सम्राटों के वीरता और महिमा को बयां करती है। स्कूली बच्चे इस कविता को किसी भी स्कूली कार्यक्रम या राष्ट्रीय त्यौहार के उत्सव में सुना सकते हैं।

Bharat Mahima Poem appreciation in hindi

जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखी गई कविता

भारत महिमा” कविता जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखी गई है। जो Poem in Hindi इस प्रकार है-

हिमालय के आँगन में उसे, प्रथम किरणों का दे उपहार
उषा ने हँस अभिनंदन किया और पहनाया हीरक-हार

जगे हम, लगे जगाने विश्व, लोक में फैला फिर आलोक
व्योम-तम पुँज हुआ तब नष्ट, अखिल संसृति हो उठी अशोक

विमल वाणी ने वीणा ली, कमल कोमल कर में सप्रीत
सप्तस्वर सप्तसिंधु में उठे, छिड़ा तब मधुर साम-संगीत

बचाकर बीज रूप से सृष्टि, नाव पर झेल प्रलय का शीत
अरुण-केतन लेकर निज हाथ, वरुण-पथ पर हम बढ़े अभीत

सुना है वह दधीचि का त्याग, हमारी जातीयता विकास
पुरंदर ने पवि से है लिखा, अस्थि-युग का मेरा इतिहास

सिंधु-सा विस्तृत और अथाह, एक निर्वासित का उत्साह
दे रही अभी दिखाई भग्न, मग्न रत्नाकर में वह राह

धर्म का ले लेकर जो नाम, हुआ करती बलि कर दी बंद
हमीं ने दिया शांति-संदेश, सुखी होते देकर आनंद

विजय केवल लोहे की नहीं, धर्म की रही धरा पर धूम
भिक्षु होकर रहते सम्राट, दया दिखलाते घर-घर घूम

यवन को दिया दया का दान, चीन को मिली धर्म की दृष्टि
मिला था स्वर्ण-भूमि को रत्न, शील की सिंहल को भी सृष्टि

किसी का हमने छीना नहीं, प्रकृति का रहा पालना यहीं
हमारी जन्मभूमि थी यहीं, कहीं से हम आए थे नहीं

जातियों का उत्थान-पतन, आँधियाँ, झड़ी, प्रचंड समीर
खड़े देखा, झेला हँसते, प्रलय में पले हुए हम वीर

चरित थे पूत, भुजा में शक्ति, नम्रता रही सदा संपन्न
हृदय के गौरव में था गर्व, किसी को देख न सके विपन्न

हमारे संचय में था दान, अतिथि थे सदा हमारे देव
वचन में सत्य, हृदय में तेज, प्रतिज्ञा मे रहती थी टेव

वही है रक्त, वही है देश, वही साहस है, वैसा ज्ञान
वही है शांति, वही है शक्ति, वही हम दिव्य आर्य-संतान

जियें तो सदा इसी के लिए, यही अभिमान रहे यह हर्ष
निछावर कर दें हम सर्वस्व, हमारा प्यारा भारतवर्ष.

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भारतीय संस्कृति वास्तव में विश्व की एक अद्वितीय ज्वालामुखी है। उसकी गौरवगाथा इसे विश्व के सबसे प्राचीन और प्रभावशाली सभ्यताओं में से एक बनाती है। कवियों का काम भारतीयों को उनके विरासती गौरवशाली इतिहास से परिचित कराना ही नहीं है, बल्कि वे भी भारतीय समाज को उनके धरोहर को समझने और सम्मान करने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी कविताओं में छिपी महत्ता, गौरव और गहराई से हमें हमारी धरोहर की महत्वपूर्णता को अनुभव करने का अवसर मिलता है। उनकी कलाओं से हमें पुनः प्रतिष्ठा की ओर अग्रसर करते हुए, हमें समझाते हैं कि हमारी सभ्यता का सफलता का रहस्य उसके अनुशासन में, नैतिकता में, और समृद्धि की आदर्शों में निहित है।

Bharat Mahima Poem appreciation in hindi

भारत एक सूरज जो जलकर दे दुनिया को प्रकाश ।
भारत एक दार्शनिक जो पर्यटकों को मन वैहलाये।
भारत एक गुरु जो दे दूसरों को शिक्षा।
भारत एक वृक्ष जो दे दूसरों की छाया।
भारत एक ममता मई माता जो चलना सिखाता।
भारत एक मुस्कुराता हुआ फूल जो कठिन कालों में मुस्कुराता।
भारत एक नदियों का संगम जो मिलकर भूतल की शोभा बढाता।
भारत एक हिमालय पर्वत जो दूसरों की पीड़ा सहता।
भारत एक कीचड में खिलता हुआ कमल जो अन्य देशों में नहीं खिलता।
भारत एक भाईचारा का मंदिर जो मिलकर रहना सिखाता।
भारत एक मैदान जो दुनिया को हरियाली से आभास कराता।
भारत एक दिवाली का त्योहार जो खुशियों का आभास कराता।
भारत एक मुहर्रम का त्योहार जो गम का आभास कराता।
भारत एक ताजमहल जो दुनिया को खूबसूरती का एहसास कराता।


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