Bandar/Vanar Shabd
बन्दर शब्द (Monkey): अकारांत पुंल्लिंग संज्ञा, सभी अकारान्त पुल्लिंग संज्ञापदों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। जैसे- राम, सूर्य, ब्राह्मण, वृक्ष, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, वानर, वानर, ईश्वर, दिवस, छात्र, लोक, भक्त, शिष्य, इत्यादि अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द हैं।
बन्दर/वानर के रूप – Vanar Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | वानरः | वानरौः | वानराः |
द्वितीया | वानरम् | वानरौः | वानरान् |
तृतीया | वानरेण | वानराभ्याम् | वानरैः |
चतुर्थी | वानराय | वानराभ्याम् | वानरेभ्यः |
पंचमी | वानरात् | वानराभ्याम् | वानरेभ्यः |
षष्ठी | वानरस्य | वानरयोः | वानराणाम् |
सप्तमी | वानरे | वानरयोः | वानरेषु |
सम्बोधन | हे वानर ! | हे वानरौ ! | हे वानराः ! |
वानर शब्द रूप हिन्दी अर्थ सहित
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | वानरः (वानर, वानर ने) | वानरौ (दो वानर, दो वानरों ने) | वानराः (अनेक वानर, अनेक वानरों ने) |
द्वितीया | वानरम् (वानर को) | वानरौ (दो वानरों को) | वानरान् (अनेक वानरों को) |
तृतीया | वानरेण (वानर से, वानर के द्वारा) | वानराभ्याम् (दो वानरों से, दो वानरों के द्वारा) | वानरैः (अनेक वानरों से, अनेक वानरों के द्वारा) |
चतुर्थी | वानराय (वानर को, वानर के लिए) | वानराभ्याम् (दो वानरों को, दो वानरों के लिए) | वानरेभ्यः (अनेक वानरों को, अनेक वानरों के लिए) |
पंचमी | वानरात् (वानर से) | वानराभ्याम् (दो वानरों से) | वानरेभ्यः (अनेक वानरों से) |
षष्ठी | वानरस्य (वानर का, वानर के, वानर की) | वानरयोः (दो वानरों का, दो वानरों के, दो वानरों की) | वानराणाम् (अनेक वानरों का, अनेक वानरों के, अनेक वानरों की) |
सप्तमी | वानरे (वानर में, वानर पर) | वानरयोः (दो वानरों में, दो वानरों पर) | वानरेषु (अनेक वानरों में, अनेक वानरों पर) |
सम्बोधन | हे वानर! (हे वानर!) | हे वानरौ! (हे दो वानर!) | हे वानराः! (हे अनेक वानर!) |
वानर शब्द से संस्कृत वाक्य और उनके हिंदी अनुवाद
संस्कृत वाक्य | हिंदी अनुवाद |
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वानरः वृक्षे आरोहति। | वानर पेड़ पर चढ़ता है। |
वानरौ वनं गच्छतः। | दो वानर जंगल जाते हैं। |
वानराः फलानि खादन्ति। | अनेक वानर फल खाते हैं। |
अहम् वानरम् पश्यामि। | मैं वानर को देखता हूँ। |
सः वानरौ नमति। | वह दो वानरों को प्रणाम करता है। |
गजः वानरान् अपि पश्यति। | हाथी अनेक वानरों को भी देखता है। |
वानरेण वृक्षः कम्प्यते। | वानर द्वारा पेड़ हिलाया जाता है। |
वानराभ्याम् कन्दुकः क्रीड्यते। | दो वानरों द्वारा गेंद खेली जाती है। |
वानरैः वनं शोभते। | अनेक वानरों से जंगल सुशोभित होता है। |
वानराय फलानि ददाति। | वह वानर को फल देता है। |
वानराभ्याम् फलानि दीयन्ते। | दो वानरों को फल दिए जाते हैं। |
वानरेभ्यः कन्दुकः दत्तः। | अनेक वानरों को गेंद दिया गया। |
वानरात् कपटं न भवति। | वानर से छल नहीं होता। |
वानराभ्याम् साहाय्यम् क्रियते। | दो वानरों से सहायता की जाती है। |
वानरेभ्यः साहाय्यम् ददाति। | वह अनेक वानरों को सहायता देता है। |
वानरस्य क्रीडा रोचते। | वानर को खेल पसंद है। |
वानरयोः मित्रं अस्ति। | दो वानरों का मित्र है। |
वानराणाम् वनं अस्ति। | अनेक वानरों का जंगल है। |
वानरे वृक्षः अस्ति। | वानर के पास पेड़ है। |
वानरयोः समीपे जलाशयः अस्ति। | दो वानरों के पास जलाशय है। |
वानरेषु उत्साहः भवति। | अनेक वानरों में उत्साह होता है। |
हे वानर! मम साहाय्यं कुरु। | हे वानर! मेरी सहायता करो। |
हे वानरौ! शीघ्रं आगच्छतः। | हे दो वानर! जल्दी आओ। |
हे वानराः! क्रीडामः। | हे अनेक वानर! खेलते हैं। |
वानर शब्द रूप याद करने की ट्रिक
वानर शब्द के रूप याद रखने के लिए विभक्तियों के अंत में आने वाले प्रत्ययों का पैटर्न समझना आवश्यक है। प्रथमा में “ः-औ-आः” (वानरः, वानरौ, वानराः), द्वितीया में “म्-औ-आन्” (वानरम्, वानरौ, वानरान्), तृतीया में “एण-अभ्याम्-ऐः” (वानरेण, वानराभ्याम्, वानरैः) का तालमेल दिखता है। चतुर्थी और पंचमी में क्रमशः “आय-अभ्याम्-एभ्यः” तथा “आत्-अभ्याम्-एभ्यः” (वानराय, वानराभ्याम्, वानरेभ्यः) का मेल रहता है। षष्ठी और सप्तमी में “स्य-योः-आणाम्” (वानरस्य, वानरयोः, वानराणाम्) एवं “ए-योः-एषु” (वानरे, वानरयोः, वानरेषु) की संगति देखने को मिलती है। सम्बोधन में हमेशा की तरह “हे-हे-हे” (हे वानर! हे वानरौ! हे वानराः!) का प्रयोग होता है। इस पैटर्न को समझकर वानर शब्द रूप को आसानी से याद किया जा सकता है।
अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप
Shabd roop of Vanar / Bandar
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