धात्री शब्द के रूप – Dhatri Ke Shabd Roop – Sanskrit

धात्री शब्द रूप (Dhatri Shabd)

धात्री शब्द (दाई, उपमाता, धाय माँ, or पृथ्वी, धरती or गाय, गौ or गंगा): धात्री शब्द के ईकारान्त स्त्रील्लिङ्ग शब्द के शब्द रूप, धात्री (Dhatri) शब्द के अंत में “ई” की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह ईकारान्त हैं। अतः Dhatri Shabd के Shabd Roop की तरह धात्री जैसे सभी ईकारान्त स्त्रील्लिङ्ग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। धात्री शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Dhatri Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

धात्री के शब्द रूप – Dhatri Shabd Roop

ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द धात्री के शब्द रूप (Shabd Roop of Dhatri in Sanskrit) निम्नलिखित हैं:

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा धात्री धात्र्यौ धात्र्यः
द्वितीया धात्रिम् धात्र्यौ धात्रीन्
तृतीया धात्र्या धात्रीभ्याम् धात्रिभिः
चतुर्थी धात्र्यै धात्रीभ्याम् धात्रीभ्यः
पंचमी धात्र्याः धात्रीभ्याम् धात्रीभ्यः
षष्ठी धात्र्याः धात्र्योः धात्रीणाम्
सप्तमी धात्र्याम् धात्र्योः धात्रीषु
सम्बोधन हे धात्रि ! हे धात्र्यौ ! हे धात्र्यः !

धात्री शब्द का अर्थ/मतलब

धात्री शब्द अर्थ दाई, उपमाता, धाय माँ, or पृथ्वी, धरती or गाय, गौ or गंगा होता है। धात्री शब्द ईकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘दाई, उपमाता, धाय माँ, or पृथ्वी, धरती or गाय, गौ or गंगा’ होता है।

ईकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो “ई” (ईकार) पर समाप्त होते हैं और स्त्रीलिंग होते हैं। उदाहरण: नदी, गौरी, पार्वती, लक्ष्मी (धन की देवी), देवी, पृथ्वी, वाणी।

धात्री जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप धात्री शब्द के ईकारान्त स्त्रील्लिङ्ग शब्द के शब्द रूप हैं धात्री जैसे शब्द रूप (Dhatri shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के शब्द रूप:

आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

इकारांत पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

इकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

उकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

संस्कृत में सर्वनाम शब्दों के शब्द रूप:

उम्मीद करता हूँ कि आपको संस्कृत के 'धात्री शब्द रूप' समझ आ ही गए होंगे। यदि इस पोस्ट से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य सूचित करें। ऐसे ही संस्कृत व्याकरण के अन्य लेख पढ़ने के लिए माई कोचिंग पर बनें रहें। धन्यवाद!

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