Putr Shabd
पुत्र शब्द (Son, बेटा, पुत्र, वंशज, पुत्रक, वंशधर, कुमार): पुत्र शब्द के अकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप, पुत्र (Putr) शब्द के अंत में “अ” का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं। अतः Putr Shabd के Shabd Roop की तरह पुत्र जैसे सभी अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। पुत्र शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Putr Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।
पुत्र के शब्द रूप – Shabd roop of Putr
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | पुत्रः | पुत्रौ | पुत्राः |
द्वितीया | पुत्रम् | पुत्रौ | पुत्रान् |
तृतीया | पुत्रेण | पुत्राभ्याम् | पुत्रैः |
चतुर्थी | पुत्राय | पुत्राभ्याम् | पुत्रेभ्यः |
पंचमी | पुत्रात् | पुत्राभ्याम् | पुत्रेभ्यः |
षष्ठी | पुत्रस्य | पुत्रयोः | पुत्राणाम् |
सप्तमी | पुत्रे | पुत्रयोः | पुत्रेषु |
सम्बोधन | हे पुत्र ! | हे पुत्रौ ! | हे पुत्राः ! |
पुत्र शब्द का अर्थ/मतलब
पुत्र शब्द का अर्थ Son, बेटा, पुत्र, वंशज, पुत्रक, वंशधर, कुमार होता है। पुत्र शब्द अकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘Son, बेटा, पुत्र, वंशज, पुत्रक, वंशधर, कुमार’ होता है।
1. लड़का । बेटा । विशेष—’पुत्र’ शब्द की व्युत्पत्ति के लिये यह कल्पना की गई है कि जो पुन्नाम [‘पुत्’ नाम] नरक से उद्धार करे उसकी संज्ञा पुत्र है । पर यह व्यत्पत्ति कल्पित है । मनु ने बारह प्रकार के पुत्र कहै हैं—औरस, क्षेत्रज, दत्तक, कृत्रिम्, गूढ़ोत्पन्न, अपविद्ध, कानीन, सहोढ, क्रीत, पौनर्भव, स्वयंदत्त और शौद्घ ।
- विवाहिता सवर्णा स्त्री के गर्भ से जिसकी उत्पत्ति हुई हो वह ‘औरस’ कहलाता है । औरस ही सबसे श्रेष्ठ और मुख्य पुत्र है ।
- मृत, नपुंसक आदि की स्त्री देवर आदि से नियोग द्वारा जो पुत्र उत्पन्न करे वह ‘क्षेत्रज’ है ।
- गोद लिया हुआ पुत्र ‘दत्तक’ कहलाता है ।
- किसी पुत्र गुणों से युक्त व्यक्ति को यदि कोई अपने पुत्र के स्थान पर नियत करे तो वह ‘कृत्रिम’ पुत्र होगा ।
- जिसकी स्त्री को किसी स्वजातीय या घर के पुरुष से ही पुत्र उत्पन्न हो, पर यह निश्चित न हो कि किससे, तो वह उसका ‘गूढ़ोत्पन्न’ पुत्र कहा जायगा ।
- जिसे माता पिता दोनों ने या एक ने त्याग दिया हो और तीसरे ने ग्रहण किया हो वह उस ग्रहण करनेवाले का ‘अपविद्ध’ पुत्र होगा ।
- जिस कन्या ने अपने बाप के घर कुवारी अवस्था में ही गुप्त संयोग से पुत्र उत्पन्न किया हो उस कन्या का वह पुत्र उसके विवाहिता पति का ‘कानीन’ पुत्र कहा जायगा ।
- पहले से गर्भवती कन्या का जिस पुरुष के साथ विवाह होगा गर्भजात पुत्र उस पुरुष का ‘सहोढ़’ पुत्र होगा ।
- माता पिता को मूल्य देकर जिसे मोल लें वह मोल लेनेवाले का ‘क्रीत ‘ पुत्र कहा जायगा ।
- पति द्वारा त्यागी जाकर अथवा विधवा या स्वेच्छाचारिणी होकर जो परपुरुष संयोग द्वारा पुत्र उत्पन्न करे वह पुत्र उस पुरुष का ‘पौनभर्व’ पुत्र होगा ।
- मातृपितृविहीन अथवा माता पिता का त्यागा हुआ यदि किसी से आप आकर कहे कि ‘मैं आपका पुत्र हुआ’ तो वह ‘स्वयंदत्त’ पुत्र कहलाता है ।
- विवाहिता शूद्रा और ब्राह्मण से संयोग से उत्पन्न पुत्र ब्राह्मण का ‘पार्शव’ या ‘शौद्र’ पुत्र कहलाएगा ।
2. प्रिय बालक । प्यारा बच्चा (को॰) ।
3. पशुओं का छोटा बच्चा (को॰) ।
4. अपने वर्ग की साधारण या छोटी वस्तु । जैसे, शिलापुत्र, असिपुत्र (समासांत में प्रयुक्त) ।
5. कुंडली में जन्मलग्न से पाँचवाँ स्थान (को॰) ।
पुत्र जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप
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अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के शब्द रूप:
आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
इकारांत पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
इकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
उकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:
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