निर्जर शब्द के रूप (Nirjar Ke Shabd Roop) – संस्कृत

Nirjar Shabd

निर्जर शब्द (देवता, सुधा, अमृत): निर्जर शब्द के अकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप, निर्जर (Nirjar) शब्द के अंत में “अ” का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं। अतः Nirjar Shabd के Shabd Roop की तरह निर्जर जैसे सभी अकारान्त पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। निर्जर शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Nirjar Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

निर्जर के शब्द रूप – Shabd roop of Nirjar

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा निर्जरः निर्जरौ/निर्जरसौ निर्जराः/निर्जरसः
द्वितीया निर्जरम्/निर्जरसम् निर्जरौ/निर्जरसौ निर्जरान्
तृतीया निर्जरेण/निर्जरसा निर्जराभ्याम् निर्जरैः
चतुर्थी निर्जराय/निर्जरसे निर्जराभ्याम् निर्जरेभ्यः
पंचमी निर्जरात्/निर्जरसः निर्जराभ्याम् निर्जरेभ्यः
षष्ठी निर्जरस्य/निर्जरसः निर्जरयोः/निर्जरसोः निर्जराणाम्/निर्जरसाम्
सप्तमी निर्जरे/निर्जरसि निर्जरयोः/निर्जरसोः निर्जरेषु
सम्बोधन हे निर्जर ! हे निर्जरौ ! हे निर्जराः/निर्जरसः 1

निर्जर शब्द का अर्थ/मतलब

निर्जर शब्द का अर्थ देवता, सुधा, अमृत होता है। निर्जर शब्द अकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘देवता, सुधा, अमृत’ होता है।
जिसे कभी बुढा़पा न आवे, कभी बुड्ढा न होनेवाला, विशेष—देवता लोग जरा अर्थात् बुढापे से सदा रक्षित माने जाते हैं, इसीलिये वे ‘निर्जर’ कहलाते हैं । उनको चिरकिशोर या चिर तरुण भी इसी कारण कह दिया जाता है ।

निर्जर जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप निर्जर शब्द के अकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप हैं निर्जर जैसे शब्द रूप (Nirjar shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।